दुग्धेश्वर नाथ मंदिर रूद्रपुर – दुग्धेश्वर नाथ का मेला Naeem Ahmad, August 2, 2022February 27, 2024 उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में रूद्रपुर नामक एक नगर पंचायत है। रूद्रपुर बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर के लिए जाना जाता है।दुग्धेश्वर नाथ भगवान शिवजी का एक नाम है, क्योकि उन्हे दुग्ध स्नान कराया जाता है। शिवरात्रि के अवसर पर यहां कई हजार श्रद्धालु एकत्र होकर बेलपत्र, दूध, फूल, माला चढ़ाकर भजन-पूजन, दर्शन करते है। इस अवसर पर यहां तीन दिवसीय मेला लगता है। इसके अलावा सावन मास में पूरे महिने यहां मेला सा लगा रहता है। बड़ी संख्या में कांवड़िए भक्ति गंगा जल लाकर भगवान दुग्धेश्वर नाथ पर चढ़ाते हैं। बाबा दुग्धेश्वर नाथ के मंदिर और दुग्धेश्वर नाथ के मेले आदि के बारे में जानने से पहले हम इस नगर रूद्रपुर देवरिया का इतिहास जान लेते हैं।रूद्रपुर देवरिया का इतिहासयह सतासी राज्य की राजधानी के रूप मे एक प्रमुख प्रशासनिक केन्द्र था जो आज नगर के रूप मे विद्यमान है। देवरिया जनपद के दक्षिण-पश्चिमाचल मे स्थित रुद्रपुर का इतिहास बहुत पुराना और गौरवपूर्ण है। ऐतिहासिक शोधों के अनुसार रुद्रपुर का उद्भव ईसा के 47वीं शताब्दी के पूर्व माना जाता है। लगभग 500 वर्ष पूर्व महाराज मज्जौली ने अपनी पुत्री दिग्यज कुँवरी का विवाह कश्मीर के राजघराने के किसी राजकुमार से कर दिया। कश्मीर के राजघराने द्वारा इस सम्बन्ध को मान्यता न मिलने के कारण राजकुमार और कुंवरी वापस लौट आये। महाराजा मझौली ने अपने ही राज्य में 87 ग्राम देकर उन्हे राजा बना दिया। यही रियासत सतासी राज्य के नाम से प्रसिद्ध हुयी जो वर्तमान मे रुद्रपुर की संज्ञा धारण किए हुए है। आरम्भ मे अयोध्या से आए हुए राजपूत वशिष्ट सेन ने इस स्थान पर एक किले का निर्माण कराया और नामीकाशी नाम दिया। सन् 1605 ई मे श्रीनेत वंशीय राजा रुद्रसेन ने पुराने किले के स्थान पर नया किला बनवाया। इन्ही के नाम पर इस स्थान का नाम रुद्रपुर पडा।दुग्धेश्वर नाथ मंदिरबाबा दुग्धेश्वर नाथ का महत्वश्री दुग्धेश्वर नाथ मंदिर हंस तीर्थ की संज्ञा दी जाती है। पूर्वांचल के प्रमुख तीर्थों में से एक है। यह मंदिर वर्तमान में रूद्रपुर कस्बे से 2 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में स्थापित नीसक पत्थर से बना शिवलिंग महाकालेश्वर उज्जैन का उपज्योर्तिलिंग माना जाता है। श्री दुग्धेश्वर नाथ उपज्योर्तिलिंग के विषय में अनेक किंवदंतियां लोक लोक में प्रचलित है। बौद्ध धर्म के अवसान के समय जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा द्वादश ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई थी। उसके बाद द्वादश उपज्योर्तिलिंगों की स्थापना हुई। जिसमें बाबा दुग्धेश्वर नाथ का अति महत्वपूर्ण स्थान है।नाथ पंथ, सम्प्रदाय की विशेषता, परिचय और इतिहासएक अन्य किंवदंती के अनुसार यह स्थान घने जंगलों से घिरा हुआ है। जिसमें ग्वाले गायों को चराने आते थे। लोगों में प्रचलित दंतकथा के अनुसार एक गाय प्रतिदिन एक निश्चित स्थान पर आकर खड़ी हो जाती थी, और उसके थनों से स्वत: दूध की धारा बहने लगती थी। धीरे धीरे यह बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई। जिसकी जानकारी तत्कालीन राजा को हुई। राजा ने राज्य के धर्म विद्वानों से से चर्चा की। विद्वानों ने राजा को उस स्थान पर खुदाई कराने का उपाय सुझाया। राजा के आदेश पर उस स्थान पर खुदाई कार्य शुरू हुआ, अभी थोड़ी ही खुदाई हुई थी कि एक शिवलिंग दिखाई दिया। खुदाई कर शिवलिंग को बाहर निकालने का प्रत्यन किया गया। परंतु जैसे जैसे गहराई में खुदाई की जाती वैसे वैसे शिवलिंग ओर अंदर की ओर धंस जाता। इस प्रकार शिवलिंग चारों ओर एक कुआं सा बन गया। अंत में विद्वानों से विचार विमर्श के पश्चात उस स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया गया। जो आज बाबा दुग्धेश्वर नाथ मंदिर के नाम विख्यात है।लोहंदी महावीर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेशदुग्धेश्वर नाथ का मेलाशिवरात्रि के अवसर पर यहां तीन दिन बड़ा मेला लगता है। इस समय यहां भक्तों की बहुत भीड़ होती है। श्री दुग्धेश्वर नाथ के मेले में मनोरंजन के लिए छोटे बड़े झूले, सर्कस, भूत बंगला, मौत का कुआं आदि भी होते हैं। इसके अलावा इस मेले में बेर, धार्मिक पुस्तकें, टेराकोटा, काष्ठशिल्प की वस्तुएं खिलौने, विविध प्रकार की गुड, घी, डालडा की बनी मिठाइयां बिकने के लिए आती हैं। यहां रूद्र महायज्ञ कई बार हो चुके है। हर वर्ष रूद्राभिषेक होता है। जिसके लिए एक समिति बनी हुई है। इसके अलावा सावन मास में यहां पूरे मास मेला सा लगा रहता है।विंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेशहमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—–[post_grid id=”6671″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख त्यौहार उत्तर प्रदेश के मेलेमेले