तारकेश्वर मंदिर – तारकेश्वर महादेव कोलकाता, बाबा तारकनाथ मंदिर Naeem Ahmad, February 14, 2019March 23, 2024 भारत के बंगाल राज्य की राजधानी कोलकाता से 85 किलोमीटर की दूरी पर हुुगली जिले में तारकेश्वर नामक एक प्रमुख शहर है। यह शहर यहां स्थित ताड़केश्वर मंदिर के रूप में काफी प्रसिद्ध है। इस शहर का नाम भी इस मंदिर के ऊपर ही पड़ा है। तारकेश्वर मंदिर भगवान तारकनाथ को समर्पित है, जो भगवान शिव के ही एक रूप है। अपने इस लेख में हम तारकेश्वर महादेव की यात्रा करेगें और तारकेश्वर टेम्पल हिस्ट्री, ताड़केश्वर महादेव स्टोरी, तारकेश्वर महादेव की कहानी, तारकेश्वर मंदिर कहाँ है। ताडकेश्वर शिव मंदिर, तथा बाबा तारकनाथ मंदिर के बारें में विस्तार से जानेंगे। तारकेश्वर महादेव कहानी , तारकेश्वर मंदिर महादेव स्टोरीTarkeshwar Mahadev Temple story in hindi, About Tarkeshwar Mahadev temple kolkata तारकेश्वर महादेव अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें तारकेश्वर महादेव मंदिर बंगाल का प्रमुख शिव मंदिर है। जिसके बारें में.कहा जाता है कि भारमल राव जो राजा विष्णु दास का भाई था, उसके महल में एक बहुत सुंदर गाय थी। जिसका नाम कपिला था। भारमल का महल तारकेश्वर महादेव से 3 मील दक्षिण में रामनगर गाँव में था। कपिला गाय को मुकन्द गोप जंगल में चराने के लिए तारकेश्वर में लाता था।। अचानक कपिला गाय का दूध बहुत कम हो गया। राजा भारमल ने मुकन्द गोप से उसका कारण पूछा, लेकिन मुकन्द गोप कुछ भी उत्तर नही दे सका। इस पर राजा भारमल ने मुकन्द गोप का तिरस्कार किया।भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन उत्तर प्रदेशएक दिन मुकन्द ने देखा कि जंगल में एक बहुत सुंदर पत्थर है। और उस पत्थर में एक सुराख है। कपिला गाय ने वहां जाकर उस पत्थर के ऊपर अपने चारों थन कर दिये और उसके चारों थनों से दूध निकलकर पत्थर के सुराख में जाने लगा। मुकन्द को यह देखकर बहुत आश्चर्य हुआ।असेगा का मेला – शोकहरण महादेव मंदिर असेगा बलियाउसने वापिस महल आकर राजा भारमल को यह सारी बात बताई। राजा भारमल को भी मुकन्द गोप की बात त सुंदर बहुत आश्चर्य हुआ। राजा भारमल ने स्वयं वहां जाकर वह पत्थर देखा। राजा भारमल को वह सुंदर पत्थर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने पत्थर को महल ले जाने का निश्चय किया और वह पत्थर निकालने के लिए आदमी लगाए।गौतमेश्वर महादेव मंदिर अरनोद राजस्थान – गौतमेश्वर मंदिर का इतिहासमजदूरों द्वारा बहुत गहराई तक खुदाई करने के बाद भी उस पत्थर का अंत दिखाई नही दिया। रात्रि में तारकनाथ महादेव ने राजा भारमल को स्वप्न में दर्शन देकर कहा कि तुमको मुझमें भक्ति है, तो उस पत्थर की जगह पर मेरा मंदिर बनवाओ। तत्पश्चात राजा भारमल ने उसी स्थान पर तारकेश्वर महादेव का यह मंदिर बनवाया।तारकेश्वर मंदिर के सुंदर दृश्यतारकेश्वर मंदिर दर्शन, Tarkeshwar Temple darshanतारकेश्वर महादेव टेम्पल ताडकेश्वर स्टेशन पर उतरने के बाद थोडी दूरी पर ही है। और पैदल का ही रास्ता है। यह अठारहवीं शताब्दी में बना था। मंदिर के पास ही में एक सरोवर है। जिसका नाम दूधपोखर अर्थात दूध का तालाब है। ताडकेश्वर महादेव दर्शन को आने वाले यात्री पहले इस पवित्र सरोवर में स्नान करते है। फिर तारकेश्वर महादेव पर जल, फल, फूल तथा प्रसाद चढाते है।त्रयम्बकेश्वर महादेव – त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग – त्रियम्बकेश्वर टेम्पल नासिकतारकनाथ के दर्शन के लिए यहां महिला और पुरुषों की अलग अलग बहुत लंबी लाईने होती है। यहां मंदिर के पूर्व में काली माँँ का मंदिर है। पश्चिम में शिव गंगा और उत्तर में दामोदर ठाकुर का मंदिर है। तारकेश्वर मंदिर के दक्षिण नौबतखाना तथा गद्दी घर है। यहां प्रति दिन कई हजार यात्री तारकेश्वर महादेव के दर्शन करने आते है।नागेश्वर महादेव – नागेश्वर मंदिर की 10 रोचक जानकारीयांबंगाल राज्य में जितने भी शिव तीर्थ है। उनमें से तारकेश्वर प्रधान तीर्थ है। यहां पर राजा भारमल का महल भी है जो देखने योग्य है। तारकेश्वर मदिर के आसपास प्रसाद, जल, फल, फूल तथा मालाओं की अनेक दुकाने है। और खाने पीने के लिए कई भोजनालय है। ठहरने के लिए होटल और अच्छी धर्मशालाएं है। यहां पर फाल्गुन में शिवरात्रि मेला, चैत्र में गाजन मेला तथा श्रावण में मारवाड़ी मेला लगता है।उदयेश्वर नीलकंठेश्वर मंदिर विदिशा मध्य प्रदेशनोट:- तारकेश्वर महादेव टेम्पल पर आधारित हमारा यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है। भार के प्रमुख शिव मंदिरों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—[post_grid id=”6655″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल तीर्थ स्थलपश्चिम बंगाल पर्यटनभारत के प्रमुख मंदिरभारत के प्रसिद्ध शिव मंदिर