टैंक का आविष्कार किसने किया और कब हुआ Naeem Ahmad, July 12, 2022March 18, 2024 टैंक का आविष्कार 1882 के आसपास एक ब्रिटिश इंजीनियर जॉन फेण्डर ने किया था। इस टैंक में पहियो के स्थान पर एक चक्रपट्टी लगी थी, जो कई पहियो की मदद से जमीन पर घूमती थी और टैंक आगे बढता था। चक्रपट्टी धातु की पट्टियो को क्रम से चेन की तरह जोडकर बनायी गयी थी। विश्व का सबसे पहला सफल टेंक सन् 1900 में इंग्लैंड की जॉन फाउलर एण्ड कम्पनी ने बनाया था। यह टेंक भाप से चलता था।टैंक का आविष्कार किसने किया और कैसे हुआप्रथम विश्व युद्ध में जब जर्मनी और ब्रिटेन की सनाओ ने मोर्चाबंदी कर ली तो ऐसी स्थिति आ गयी कि कोई भी सेना आग नही बढ पा रही थी। जगह-जगह पर खाइयां खुदी होने से घुडसवार सेना और तोपखानें आगे नहीं बढ सकते थे। शत्रु पर आगे बढकर आक्रमण करना और घेराबंदी करना असंभव होता जा रहा था। इस कठिनाई से छुटकारा पाने के लिए टैंक जैसे युद्ध वाहन का आविष्कार हुआ। यह एक चलती-फिरती ऐसी विशाल मशीन है, जो खंदक-खाइयो, उंचे-नींचे रास्तों को पार करती हुई दुश्मन के क्षेत्र में बैखोफ घुसकर अपनी ऊपर लगी तोप से चारों ओर गोलियों की बौछार कर सकती है।टैंकसन् 1914 में विश्व के कई देश जैस बैल्जियम फ्रांस ओर ब्रिटन टैंकों के विकास में लग हुए थे। सन् 1915 में फोस्टर कम्पनी ने लिटल विली’ नामक छोटा सा टैंक बनाया। 1916 में इसका विकसित रूप बना जिसे बिग विली का नाम दिया गया। सन् 1918 में जब प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त हुआ तब तक फ्रांस लगभग 3870 और ब्रिटेन 2636 टेंक बना चुके थे। इसके बाद टैंकों में बहुत से सुधार हुए। दूसरे महायुद्ध में तो टैंक निर्माण में क्रांति सी आ गई। सन् 1939 और 1944 के बीच जमनी, ब्रिटेन, अमेरिका, रूस और जापान ने लाखों की संख्या में टेंक बना लिए थे। द्वितीय महायुद्ध में इनका खुलकर प्रयोग किया गया। पिछले 70 वर्षो में तो विज्ञान की प्रगति के साथ-साथ टेंक निर्माण में भीआश्चर्यजनक प्रगति हुई है।ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया और यह कैसे काम करता हैइसका नाम ‘टैंक’ क्या पडा? इसकी भी एक दिलचस्प घटना है। शुरू-शुरू में टैंक को गुप्त रखा जाता था, ताकि दुश्मन को पता न चल सके ओर इसका इस्तेमाल अचानक ही युद्ध-क्षेत्र में हो। अतः इसे एक विशाल बक्से में रखा जाता था और रेल पर चढा दिया जाता था। इसके बक्से के ऊपर लिख दिया जाता था-‘टैंक फॉर द जर्नी फ्रॉम द फेक्टरी’। यहा टेंक का अर्थ पानी की टंकी या होज से था। इस प्रकार अनेक टैंक गुप्त रूप से युद्ध-क्षेत्र में भेजे जाते थे और सबकी पेकिंग पर यही लिखा होता था। इस लिखावट के आधार पर ही इस युद्ध- वाहन का नाम ‘टैंक’ पड गया। इस प्रारम्भिक टैंक का वजन 28 टन था ओर लम्बाई 8 मीटर के लगभग थी। जॉन फण्डर को टेंक बनाने की प्ररेणा एक केंटर पिलर टेक्टर से मिली थी। आज के टेंको से यह प्रथम टेंक बिल्कल भिन्न था। टेंको को भार और उपयोग की दृष्टि से तीन भागों मे बांटा जाता है हल्के टेंक, मध्यम टेंक ओर भारी टेंक।हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े:—[post_grid id=”11378″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व के प्रमुख आविष्कार खोजेंप्रमुख खोजें