चिरगांव का किला किसने बनवाया – चिरगांव किले का इतिहास का इतिहास Naeem Ahmad, July 11, 2021March 11, 2023 चिरगाँव झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह झाँसी से 48 मील दूर तथा मोड से 44 मील दूर झाँसी कानपुर मार्ग पर स्थित है। इसी चिरगांव में यह किला स्थित है, जिसे चिरगांव का किला कहा जाता है। चिरगांव का किला का इतिहास बुन्देलो के शासन काल में यह प्रशासन का मुख्यालय था, और बुन्देलों को इस समय हसतभडइया के नाम से जानते थे। यहाँ के प्रशासनिक मुखियाँ की सन्धि अंग्रेजों से सन् 1823 में हुई थी, तथा यहाँ के नरेश ओरछा के राजा बीर सिंह देव के वंशज थे। सन् 1844 में यहाँ के शासक राव बखत सिंह ने ब्रिट्रिश शासन के आदेशो की अवहेलना की इसलिए ब्रिट्रिश शासको ने उसके विरूद्ध सेना भेजी जिससे भयभीत होकर बखत सिंह यहाँ से भाग गये, तथा अंग्रेजो ने उनके दुर्ग को अपने अधिकार में कर लिया। उनके वंश के लोग बाद मे टीकमगढ़ में रहने लगे। चिरगांव का किला चिरगांव बस्ती के अन्दर एक पहाडी पर यह चिरगांव का किला स्थित है। यह किला 12वीं शताब्दी के बाद का निर्मित है। यह किला परकोटे से घिरा हुआ है तथा यहाँ पहुँचने के लिये सीढ़िया बनी हुई है। दुर्ग की दीवार से लगा हुआ नीचे की ओर एक मन्दिर है। यह मन्दिर आज भी सुरक्षित स्थित में है। उसकी कुछ दूरी पर दुर्ग का प्रवेश द्वार उपलब्ध होता है, तथा दुर्ग के ऊपर आवासीय महल, जलाशय, धर्मस्थल, और सैनिकों के रहने के लिए स्थल बने हुए है। 1857 की क्रान्ति और उससे पहले इस दुर्ग का महत्व सर्वाधिक था। किन्तु 1857 की क्रान्ति के पश्चात इस दुर्ग का कोई सामरिक महत्व नहीं रह गया इस दुर्ग में निम्नलिखित स्थल दर्शनीय है। दुर्ग-अवशेष प्रवेश: हार आवासीय स्थल धर्मस्थल जलाशयवर्तमान में चिरगांव का किला एक खंड़हर के रूप में तब्दील हो चुका है। किन्तु आज भी यह अपने अंदर समाये इतिहास को उजागर करता है। इतिहास में रूचि रखने वाले अनेक पर्यटक यहां आते है। इससे लगे मंदिर के कारण भक्त गण मंदिर दर्शन के साथ साथ किले के भी दर्शन करते देखे जा सकते है। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—– [post_grid id=”8179″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल उत्तर प्रदेश पर्यटनऐतिहासिक धरोहरेंबुंदेलखंड के किले