गोमती रिवर फ्रंट – एक सुहानी शाम गोमती के नाम Naeem Ahmad, June 22, 2022March 3, 2023 लखनऊ शहर कभी गोमती नदी के तट पर बसा हुआ था। लेकिन आज यह गोमती नदी लखनऊ शहर के बढ़ते विस्तार के कारण लगभग शहर के बीचों बीच आ गई है। कभी गोमती नदी स्वस्छ और निर्मल जल से परिपूर्ण होती थी। लेकिन समय के प्रभाव के साथ साथ गोमती नदी की दुर्गति होती गई। इसका स्वच्छ जल गंदे जल में परिवर्तित होने लगा, क्यों शहर के विस्तार के साथ साथ अनेक गंदे पानी के नाले आकर नदी में मिलने लगे। शहर का कचरा नदी में आकर मिलने लगा। इस प्रकार धीरे धीरे गोमती नदी शुद्धता खोती गई। और यह सब सरकार अनदेखी का ही नतीजा था। लेकिन एक दिन ऐसा आया जब सरकार की नजर गोमती नदी की दुर्दशा पर पड़ी और गोमती रिवर फ्रंट नाम से गोमती नदी की कायापलट के लिए एक योजना की शुरुआत हुई। और योजना के पूर्ण होते ही गोमती रिवर फ्रंट का जो रूप सामने आया वह अद्भुत और चौंकाने वाला था। आज गोमती रिवर फ्रंट शहर का एक प्रसिद्ध स्थल है। यहां नदी के दोनों ओर तटों पर सुंदर पार्क और बीच में नदी का स्वच्छ जल लखनऊ वासियों के लिए लाइफ लाइन बन चुका है। बड़ी संख्या में शहरवासी सुबह और शाम खुबसूरत गोमती फ्रंट रिवर पर जॉगिंग और हरित वातावरण में अपना समय व्यतीत करने जाते हैं। गोमती रिवर फ्रंट का निर्माण ऐसे समय में जब अधिकांश जलाशय शहरी और औद्योगिक कचरे से भरे हुए हैं और विलुप्त होने के कगार पर हैं, लखनऊ में गोमती नदी के लंबे समय से खोए हुए वैभव और सुंदरता को पुनर्जीवित करने के प्रयास किए गए। तत्कालीन मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार श्री अखिलेश यादव ने गोमती नदी के चहुंमुखी विकास, सौन्दर्यीकरण और सफाई के लिए व्यापक परियोजना की शुरुआत की। पक्का पुल से शहीद पथ तक 12 किमी तक फैली गोमती रिवर फ्रंट विकास परियोजना, टोक्यो, मलेशिया में अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं, वियना में डेन्यूब नदी और लंदन में टेम्स नदी पर ओलंपिक पार्क से प्रेरणा लेती है। 3000 करोड़ की लागत से गोमती रिवर फ्रंट परियोजना ने तीन तरह से गोमती नदी की सुंदरता को बहाल किया। मुख्य रूप से, विश्व स्तर की तकनीक और उपकरणों का उपयोग करके नदी के तल की सफाई की गई। यूपी में पहली बार यांत्रिक सफाई के लिए रास्ता बनाने के लिए नदी के तल से सारा गंदा पानी निकाला गया है। नदी चैनली करण की तकनीक का उपयोग करके नदी में जल प्रवाह के नियमन पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, आसपास के क्षेत्र को लैंडस्केपिंग, पार्कों, घाटों, साइकिलिंग और जॉगिंग ट्रैक्स, बच्चों के खेल क्षेत्र, खेल के मैदान, लॉन, तांगा ट्रैक और नदी पर नौका विहार सुविधा की शुरूआत के माध्यम से सुशोभित किया। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं कि सीवरेज सीधे नदी में न जाए। गोमती रिवर फ्रंट लखनउ वासियों के लिए गोमती रिवर फ्रंट पर फैंसी और आकर्षक रोशनी तथा लास वेगास में बेलाजियो के विश्व स्तरीय फव्वारे गोमती के साफ पानी को सजाते हुए दिखाई देंगे। संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रसिद्ध संगीत फव्वारे से प्रेरणा लेते हुए, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोमती के पास एक विशाल बेलाजियो फव्वारा लगाने का सुझाव दिया था। गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट बेलाजियो फाउंटेन के अलावा सिंचाई विभाग 15-20 और फाउंटेन भी लगाएगा। अधिकारियों के अनुसार रात के समय सभी फव्वारे गोमती की शोभा बढ़ाएंगे। फव्वारे के वाटर प्रोजेक्टर पर लखनऊ की विरासत पर आधारित फिल्म दिखाने की योजना है। लखनऊ वासी भी लखनऊ आई पर एक मजेदार सवारी की उम्मीद कर सकते है। टेम्स नदी पर लंदन आई पर पैटर्न वाला 100 मीटर ऊंचा विशाल नौका पहिया। विशाल पहिया की सवारी करते हुए, लोग शहर की विहंगम तस्वीर का आनंद ले सकते हैं। 102 करोड़ रुपये का फेरिस व्हील लंदन आई के आर्किटेक्ट डच व्हील्स से हॉलैंड से लाया जाएगा। सिंचाई विभाग बोटिंग सुविधा भी शुरू करने की योजना बना रहा है जो पर्यटकों के लिए एक बड़ा आकर्षण होगा। सीवेज की समस्या को ध्यान में रखते हुए जल निगम और एलएमसी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सीवेज सीधे नदी में न जाए। सभी नालों और नालों को टैप करके सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में ले जाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सिंचाई विभाग आपातकाल के दौरान पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शारदा की एक सहायक नदी को गोमती से जोड़ेगा। लेकिन दुर्भाग्य ने गोमती नदी की साथ नहीं छोड़ा गोमती रिवर फ्रंट परियोजना पूर्ण होने से पहले ही उसे ग्रहण लग गया। 2000 करोड़ रुपये इस प्रोजेक्ट पर खर्च भी हुए। फिर भी करीब 8.5 किमी. में रिवरफ्रंट का अधूरा ही विकास हुआ। पर, पिछले छह साल में रिवरफ्रंट का रखरखाव सीबीआई जांच और प्रोजेक्टों के सिंचाई विभाग को हैंडओवर नहीं होने के पेंच में ऐसा फंसा कि जो विकास हुआ भी था वह बदहाल हो गया। गोमती बैराज के पास टूटी पड़ी बेंच, जलकुंभी व कूड़े से अटी जेट्टी (नाव पर चढ़ने के लिए तैरता हुआ प्लेटफॉर्म) और टूटी रेलिंग, ये सब अब बदहाली की रुदाली ही गा रहे हैं। सपा सरकार में गोमती रिवर फ्रंट विकास की परियोजना पर काम शुरू हुआ। बिना पर्यावरणीय अनापत्ति के साथ शुरू हुई इस परियोजना पर शुरू से ही वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे। 2017 में सरकार बदली तो सीबीआई जांच शुरू हुई। इसके साथ ही रिवर फ्रंट को संवारे जाने का काम भी बंद हो गया। आज जितना काम हो चुका है वह गोमती रिवर फ्रंट आधुनिकता और शहर के सौंदर्यीकरण के प्रतीक हैं। वे सक्रिय सामाजिक सांस्कृतिक, आर्थिक और बौद्धिक केंद्रों के रूप में उभरने लगे हैं। एक अच्छी तरह से विकसित वाटर फ्रंट कई लाभ प्रदान करता है पर्यटन में वृद्धि, रोजगार और विकास, निवासियों के लिए नई मनोरंजन संभावनाएं और नदी जीवन के पारिस्थितिकी तंत्र के बारे में जागरूकता। शहर की सड़कों और सार्वजनिक स्थानों की तरह एक वाटर फ्रंट शहर के साझा अनुभव का आनंद लेने के लिए निवासियों और पर्यटकों को एक साथ लाने का काम करता है। लखनऊ के नवाब के वंशावली:— [post_grid id=”9505″] लखनऊ के पर्यटन स्थल:—- [post_grid id=’9530′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल उत्तर प्रदेश पर्यटनलखनऊ पर्यटन