गुलाब युद्ध कब हुआ था – गुलाब युद्ध के कारण और परिणाम Naeem Ahmad, April 26, 2022July 29, 2023 पंद्रहवीं शताब्दी में ब्रिटेन मे भयानक गृहयुद्ध हुए। इनकी शुरुआत तब हुई जब ब्रिटेन का, तत्कालीन शासक हेनरी छठम (Henri Vl 1421-1471) पागल हो गया और गद्दी पर बैठने के लिए दो राजवंशो, लैनकास्टर (Lancaster) और यॉर्क (York) के बीच झगड़े होने लगे। इन युद्धों को ‘गुलाब युद्ध इसलिए कहते हैं क्योकि दोनो वंशों के प्रतीक-चिन्ह गुलाब थे। लैनकास्टर का लाल गुलाब और यॉर्क का सफेद गुलाब। तीस वर्ष लम्बे इन युद्धों में अंतिम विजय लैनकास्टर के हेनरी ट्यूडर की हुई जिसने एक नये राजवंश की स्थापना की। अपने इस लेख में हम इसी गुलाब युद्ध का उल्लेख करेंगे और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर विस्तार से जानेंगे:— गुलाबों का युद्ध कितने वर्ष तक चला? इंग्लैंड में गुलाबों के युद्ध का अंत कैसे हुआ? गुलाबों का युद्ध कब हुआ था? गुलाबों का युद्ध कहां हुआ था? गुलाब के फूलों का युद्ध? गुलाब युद्ध कब हुआ था? गुलाब युद्ध का क्या कारण था? गुलाब युद्ध कितने चरणों में हुआ? गुलाब युद्ध में किसकी पराजय हुई? गुलाब युद्ध किस किस के मध्य हुआ? गुलाब युद्ध के कारण और युद्ध यह ब्रिटेन के सिंहासन के लिए लैनकास्टर और यॉर्क वंशियों के बीच एक संघर्ष था। लैनकास्टर वंशी एडवर्ड तृतीय के तीसरे पुत्र जॉन ऑफ गौट, ड्यूफ ऑफ लैनकास्टर के वंशज थे। यॉर्क वंशी एडवर्ड तृतीय के चौथे पुत्र के वंशज थे परन्तु विवाह सबंध के नाते से, दूसरे पुत्र से प्राप्त अधिकार भी रखते थे। इस प्रकार इनका दावा लैनकास्टर वंश की अपेक्षा अधिक मजबूत था परन्तु 1399 में लैनकास्टर का वंश सिंहासनारूढ़ हो चुका था और कानून के अनुसार एडवर्ड तृतीय के अन्य सभी वंशजो के दावों को पृथक कर दिया गया था। रिचर्ड-ड्यूक ऑफ यॉर्क (Duke Of York) दूसरे और चौथे पुत्र के वंशो का प्रतिनिधित्व करता था। लैनकास्टर वंश का प्रनिनिधि था-हेनरी छठम, जो उस समय राजा था और एक व्यक्ति था। एडमड-ड्यूक ऑफ समरसैट (Duke of Somerset) जो ब्योफोर्ट (Beaufort) वंश का प्रतिनिधि था। यह परिवार एडवर्ड तृतीय के तीसरे पुत्र के वंशज थे, जो पुत्र एक अवैध विवाह से उत्पन्न हुआ था। ड्यूक ऑफ यॉर्क ने हेनरी छठम और ड्यूक ऑफ समरसैट के विरुद्ध सिंहासन पर दावा किया। इसी कारण युद्ध छिड़ गया। अधिक पैसा कमाना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें गुलाब युद्ध शतवर्षीय युद्ध ने बैरनो और सैनिकों में अव्यवस्था, क्रूरता, अनुशासनहीनता और विधिहीनता पैदा कर दी थी। हेनरी छठम एक निर्बल राजा था। व्यवस्था और निधि के सही पालन न होने से बैरनो को नियंत्रित कर पाना असंभव हो गया था। वे अपने निजी सैनिक रखने लगे थे, जिनको सहचर (Retainers) कहते थे। ये सैनिक बैरनों द्वारा किये गये उपद्रवों और सख्तियों के साधन होते थे। ये बैरन ज्यूरियो और जजों को डर दिखाते और इस प्रकार अपने मित्रों और सहचरों को कानूनी सजा से बचाते थे। इस बुराई को ‘वर्दी और रक्षा (Livery and Maintenance) कहते थे। इसने देश मे व्यवस्था और विधि को पंगु बना दिया और राजा का शासन-प्रबंध चलाना विफल हो गया। हेनरी का कोई अपना पुत्र न था। उसकी मृत्यु के पश्चात् सिंहासन मिलना था या तो ड्यूक ऑफ समरसैट को या ड्यूक ऑफ यॉर्क को। अगस्त, 1454 में हेनरी छठम पागल हो गया किन्तु दो माह पश्चात् ही रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया। अतः दोनों के अवसर नष्ट हो गये किन्तु यॉर्क बृहत परिषद के नियंत्रण को प्राप्त करने में सफल हो गया और समरसैट को गिरफ्तार कर लिया गया। यॉर्क ने स्वयं को संरक्षक (Protector) बना लिया। अगले ही वर्ष राजा स्वस्थ हो गया। यॉर्क को संरक्षक पद से हटा दिया गया और समरसैट को रिहा कर दिया गया। मई, 1455 में रानी ने लैनकास्टर वंशीय आमात्यो (Noble) को इकट्ठा कर राजा की रक्षा करने के लिए कहा। इधर, ड्यूक ऑफ यॉर्क ने युद्ध आरम्भ कर दिया। गुलाब युद्ध की प्रमुख लड़ाइयां गुलाब युद्ध की पहली लड़ाई सेट ऐलबंस पर मई, 1455 में हुई। यॉर्क जीता, समरसैट मारा गया, राजा को बंदी बना लिया। 1459 में ब्लोर हीथ की लड़ाई में लैनकास्टर वंशी फिर हारे। उसी वर्ष लुडलो (Ludlow) की लड़ाई में यॉर्किस्ट हारे। जुलाई, 1460 यॉर्किस्ट लौटे और नार्थम्पटन (Northampton) की लड़ाई में लैनकास्टर वंशी हारे। दिसम्बर, 1460 यॉर्क और सैलिस्बरी को बंदी राजा की रानी ने वेकफ़ील्ड (Wakefield) की लडाई में हराया और दोनों का कत्ल कर दिया। फिर फरवरी, 1461 की सेंट ऐलबंस की दूसरी लडाई मे वारविक को हरा अपने पति को छुड़ाया। फरवरी, 1461 मार्टिमस क्रास (Mortimer’s cross) की लड़ाई में यॉर्क-पुत्र ने लैनकास्टर वंशियों को हराया। 1461 एडवर्ड और वारविक ने लंदन पर कब्ज़ा कर लिया तथा एडवर्ड स्वयं एडवर्ड चतुर्थ के नाम से राजा बना। इसी वर्ष टौटन (Towton) की सबसे बडी लड़ाई हुई, जिसमें लैनकास्टर बुरी तरह से हारे। राजा, रानी और प्रिस ऑफ वेल्ज इंग्लैंड से भाग गये। हैक्सम (Hexam) की लड़ाई (1464) में लैनकास्टर फिर वारविक से हारे। 1465 में हेनरी छठम फिर पकडा गया और लंदन लाया गया। 1469 ऐजकोट फील्ड (Edggecot feild) की लड़ाई में वारविक ने एडवर्ड चतुर्थ को हरा कर बंदी बना लिया। मार्च, 1470 लोसकोट फील्ड (Losecotfeild) की लड़ाई वारविक हार कर फ्रांस भाग गया और लैनकास्टर वंशियों से जा मिला। सितम्बर में इंग्लैड पर आक्रमण कर दिया। सेना के असहयोग के कारण एडवर्ड बचकर फ्रांस भाग पडा। वारविक हेनरी छठम के नाम पर इंग्लैड का स्वामी बन बैठा। अप्रैल, 1471 मे बारनेट(Barnet) की लडाई मे वारविक मारा गया। मई माह मे एडवर्ड ने ट्यूकसबरी (Tewkesbury) की लडाई मै रानी मार्गरेट को हराया। प्रिंस ऑफ वेल्ज मारा गया। बाद मे हेनरी की भी जेल मे मृत्यु हो गयी। एडवर्ड ने 1483 में अपनी मृत्यु तक शांति से राज्य किया। उसके बाद उसका 2 वर्षीय पुत्र एडवर्ड पंचम सिंहासन पर बैठा किन्तु कुछ महीनो बाद उसके चाचा ने सिंहासन छीन लिया। उस बालक राजा और उसके भाई का कत्ल कर दिया गया और रिचर्ड तृतीय के नाम से लगभग दो वर्ष शासन किया। ट्यूकसबरी की लडाई के 14 वर्ष पश्चात अंतिम संग्राम हुआ। लैनकास्टर वंश की परम्परा के अंतिम वंशज हेनरी ट्यूडर ने फ्रांस के राजा की सहायता से रिचर्ड के शासन को चुनौती दी व 1485 मे बॉस्वर्थ(Bosworth) की लड़ाई में रिचर्ड को हराया और मार दिया। लैनकास्टर वंश सफल हुआ और हेनरी ट्यूडर ने एक नये राजवंश ‘ट्यूडर’ वंश की नीव डाली। गुलाब युद्ध का परिणाम इन युद्धों से इग्लैंड में जागीरी युग (Feudal age) और जागीरी बैरन प्रथा (Feudal Baronage) दोनो का अन्त हुआ अधिकांश युद्धों के दौरान ही समाप्त हो गये। जो बचे, उनके लिए सजा की कठोर शर्ते रखी गयी और उनसे जमीन जायदाद छीन ली गयी। इग्लैंड की साधारण जनता ने इन युद्धों मे कोई भाग न लिया। इसीलिए सामान्य जीवन और वाणिज्य व्यापार की इतनी हानि नही हुई। आम आदमी को शांति, अमन और निश्चित व्यवस्था चाहिए थी। उसकी इसी प्रबल इच्छा ने ट्रयूडर वंशियों के निरंकुश शासन प्रबंध को लाकर खड़ा कर दिया। पार्लियामैंट द्वारा शासन करने का जो लैनकास्टर वंशियों का परीक्षण था, वह बुरी तरह विफल रहा। साधारण जनता तो यह चाहती थी कि राजा अच्छी तरह और कड़े हाथो से शासन करें। 1399 से 1461 तक पार्लियामैंट ने जितने भी अधिकार प्राप्त किये थे, उनकी उपेक्षा की गयी या उन्हें स्थगित कर दिया गया। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- [post_grid id=”8837″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व प्रसिद्ध युद्ध वर्ड फेमस वार