गंगोत्री धाम यात्रा, गंगोत्री तीर्थ दर्शन, महत्व, व रोचक जानकारी Naeem Ahmad, December 4, 2018March 9, 2024 गंगाजी को तीर्थों का प्राण माना गया है। गंगाजी हिमालय से उत्पन्न हुई है। जिस स्थान से गंगा जी का प्रादुर्भाव हुआ है, उसे गंगोत्री कहते है। उत्तरकाशी से गंगोत्री की दूरी पांच किलोमीटर है। गंगोत्री धाम हिमालय के प्रसिद्ध चार धामों- गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ में से एक धाम है। यहां पर डोडीताल से निकली असिगंगा भागीरथी में मिलती है। यही से एक मार्ग डोडीताल जाता है। यहां से 18 मील दूर यह ताल है, जो दो मील घेरे का है। यह मार्ग सुगम है। डोडीताल एक मनोहर स्थान है। ऐसा माना जाता है कि गंगाजी भगवान नारायण के चरणों से निकलकर भगवान शंकर के मस्तक पर गिरी और वहां से पृथ्वी पर आई।Contents1 गंगोत्री धाम के दर्शन – गंगोत्री धाम के दर्शनीय स्थल1.1 गंगा मंदिर1.2 भागीरथ शिला1.3 मार्कण्डेय क्षेत्र2 गंगोत्री2.1 गौरीकुंड2.2 गोमुख गंगोत्री2.3 हिमधारा गंगोत्री (ग्लेशियर)3 भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आधारित महारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-3.1 Share this:3.2 Like this:गंगोत्री धाम के दर्शन – गंगोत्री धाम के दर्शनीय स्थलगंगा मंदिरगंगोत्री धाम का मुख्य मंदिर यही है। इस मंदिर में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा प्रतिष्ठित गंगाजी की मूर्ति है। राजा भगीरथ, यमुना, सरस्वती एवं शंकराचार्य जी की मूर्तियां भी है। मंदिर में गंगाजी की मूर्ति व छत्र इत्यादि सड सोने के है। गंगाजी के मंदिर के पास एक भैरव मंदिर है। गंगौत्री में सूर्यकुण्ड, विष्णुकुंड, ब्रह्मा कुंड आदि तीर्थ भी है।गंगोत्री धाम के सुंदर दृश्यभागीरथ शिलागंगाजी के मंदिर के पास विशाल भागीरथ शिला है, जिस पर राजा भगीरथ ने तप किया था। इस शिला पर पिंडदान किया जाता है। यहां गंगाजी को विष्णु तुलसी चढ़ाई जाती है।मार्कण्डेय क्षेत्रशीतकाल में गंगोत्री धाम का स्थान बर्फ से ढक जाता है, इसलिए पंडे चल मूर्तियों को मुखबा गांव से एक मील दूर मार्कण्डेय क्षेत्र में ले जाते है। वही शीतकाल मे उनकी पूजा होती है। कहा जाता है कि मार्कण्डेय क्षेत्र मार्कण्डेय ऋषि की तपस्थली है।गंगोत्रीगंगाजी तट स्थान समुद्र तल से लगभग दस फुट की ऊंचाई पर स्थित है। यह गंगाजी के दक्षिण तट पर है। यहां कई धर्मशालाएं है। यात्रियों को यहां सदावर्त भी मिलता है। गंगाजी यहां केवल 44फुट चौडी है, और गहराई लगभग तीन फुट है।गौरीकुंडगंगोत्री से लगभग दो किलोमीटर नीचे गौरीकुंड है। वहां जाने के लिए गंगाजी को पुल से पार करना पड़ता है। इस कुंड में होती हुई केदार गंगा भागीरथी में मिलती है। गंगाजी में मिलने वाली यह पहली नदी है। केदार गंगा के पानी का रंग भूरा है।गोमुख गंगोत्रीगंगोत्री से गोमुख का मार्ग अत्यंत कठिन है। मार्ग में रीछ और चीते भी मिल सकते है। यदि जाने का साहस हो तो पूरी तैयारी से जाएं। गंगौत्री से लगभग दस मील की दूरी पर देवगढ़ नामक एक नदी गंगाजी में मिलती है। वहां से साढ़े चार मील पर चीडोवास (चीड़ के वृक्षों का वन) है। यात्री को यही वन के अंत में रात्रि विश्राम करके प्रातः बडे सवेरे गोमुख जाना चाहिए। चीड़ोवास से लगभग चार मील दूर गोमुख का स्थान है।हिमधारा गंगोत्री (ग्लेशियर)गोमुख से हिमधारा के नीचे से गंगाजी की धारा प्रकट होती है। इस स्थान की शोभा अतुलनीय है। यहां भगवती भागीरथी के दर्शन करके ऐसा लगता है कि जीवन धन्य हो गया। यात्रा की सारी थकान मिट जाती है। भुवन पावनी गंगा के इस उद्गम में स्नान कर पाना मनुष्य का अहोभाग्य है।यमुनोत्री धाम यात्रा – यमुनोत्री की कहानी – यमुनोत्री यात्रा के 10 महत्वपूर्ण टिप्सगोमुख में इतनी शीत है कि जल में हाथ डालते ही वह हाथ सुन्न हो जाता है। अग्नि जलाकर तब यात्री स्नान करता है। गौमुख से लौटने में शीघ्रता करनी चाहिए। धूप निकलते ही हिमशिखरों से भारी चट्टानें टूट टूटकर गिरने लगती है। अतः धूप चढ़े, इससे पूर्व चीडोवास के पडाव पर पहुंच जाना चाहिए। इस प्रकार गंगोत्री से गोमुख की यात्रा में तीन दिन लगते है। भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर आधारित महारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—- हरिद्वार ( मोक्षं की प्राप्ति) haridwar sapt puri teerth in hindi उतराखंड राज्य में स्थित हरिद्धार जिला भारत की एक पवित्र तथा धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में प्रसिद्ध है। राधा कुंड यहाँ मिलती है संतान सुख प्राप्ति – radha kund mthura राधा कुंड :- उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर को कौन नहीं जानता में समझता हुं की इसका परिचय कराने की सोमनाथ मंदिर का इतिहास somnath tample history in hindi भारत के गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ मदिर भारत का एक महत्वपूर्ण मंदिर है । यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ अजमेर शरीफ दरगाह ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ajmer dargaah history in hindi भारत के राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध शहर अजमेर को कौन नहीं जानता । यह प्रसिद्ध शहर अरावली पर्वत श्रेणी की वैष्णो देवी यात्रा माँ वैष्णो देवी की कहानी veshno devi history in hindi जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा गाँव से 12 किलोमीटर की दूरी पर माता वैष्णो देवी का प्रसिद्ध व भव्य मंदिर बद्रीनाथ धाम – बद्रीनाथ मंदिर चार धाम यात्रा का एक प्रमुख धाम – बद्रीनाथ धाम की कहानी उत्तराखण्ड के चमोली जिले मे स्थित व आकाश की बुलंदियो को छूते नर और नारायण पर्वत की गोद मे बसे भीमशंकर ज्योतिर्लिंग का महत्व -भीमशंकर मंदिर भारत देश मे अनेक मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। लेकिन उनमे 12 ज्योतिर्लिंग का महत्व ज्यादा है। माना जाता कैलाशनाथ मंदिर कांचीपुरम – शिव पार्वती का नृत्य भारत के राज्य तमिलनाडु के कांचीपुरम शहर की पश्चिम दिशा में स्थित कैलाशनाथ मंदिर दक्षिण भारत के सबसे प्राचीन और भव्य मल्लिकार्जुन मंदिर की कहानी – मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का इतिहास हिन्दी में प्रिय पाठको पिछली ज्योतिर्लिंग दर्शन श्रृंख्ला में हमने महाराष्ट् के भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की यात्रा की और उसके इतिहास व स्थापत्य इलाहाबाद का इतिहास – गंगा यमुना सरस्वती संगम – इलाहाबाद का महा कुम्भ मेला इलाहाबाद उत्तर प्रदेश का प्राचीन शहर है। यह प्राचीन शहर गंगा यमुना सरस्वती नदियो के संगम के लिए जाना जाता है। वाराणसी (काशी विश्वनाथ) की यात्रा – काशी का धार्मिक महत्व प्रिय पाठको अपनी उत्तर प्रदेश यात्रा के दौरान हमने अपनी पिछली पोस्ट में उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख व धार्मिक शक्तिपीठ मंदिर कौन कौन से है – 51शक्तिपीठो का महत्व और कथा भरत एक हिन्दू धर्म प्रधान देश है। भारत में लाखो की संख्या में हिन्दू धर्म के तीर्थ व धार्मिक स्थल यमुनोत्री धाम यात्रा – यमुनोत्री की कहानी – यमुनोत्री यात्रा के 10 महत्वपूर्ण टिप्स भारत के राज्य उत्तराखंड को देव भूमी के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इस पावन धरती पर देवताओ उज्जैन महाकाल – उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर – अवंतिका तीर्थ में सप्तपुरी, भारत के मध्य प्रदेश राज्य का प्रमुख शहर उज्जैन यहा स्थित महाकालेश्वर के मंदिर के प्रसिद्ध मंदिर के लिए जाना नागेश्वर महादेव – नागेश्वर मंदिर की 10 रोचक जानकारीयां नागेश्वर महादेव भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगो में से एक है। यह एक पवित्र तीर्थ है। नागेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग कहा केदारनाथ धाम -केदारनाथ धाम का इतिहास रोचक जानकारी प्रिय पाठको संसार में भगवान शिव यूंं तो अनगिनत शिव लिंगो के रूप में धरती पर विराजमान है। लेकिन भंगवान त्रयम्बकेश्वर महादेव – त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग – त्रियम्बकेश्वर टेम्पल नासिक त्रयम्बकेश्वर महादेव मंदिर महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में स्थित है। नासिक से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर त्रयम्बकेश्वर रामेश्वरम यात्रा – रामेश्वरम दर्शन – रामेश्वरम टेम्पल की 10 रोचक जानकारी हिन्दू धर्म में चार दिशाओ के चार धाम का बहुत बडा महत्व माना जाता है। जिनमे एक बद्रीनाथ धाम दूसरा द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास – द्वारका धाम – द्वारकापुरी हिन्दू धर्म में चार दिशाओ के चारो धाम का बहुत बडा महत्व माना जाता है। और चारो दिशाओ के ये ब्रह्म सरोवर कुरूक्षेत्र एशिया का सबसे बडा सरोवर भारत के राज्य हरियाणा में स्थित कुरूक्षेत्र भारत के प्राचीनतम नगरो में से एक है। इसकी प्राचीनता का अंदाजा इसी कोणार्क सूर्य मंदिर का इतिहास – कोणार्क सूर्य मंदिर का रहस्य कोणार्क' दो शब्द 'कोना' और 'अर्का' का संयोजन है। 'कोना' का अर्थ है 'कॉर्नर' और 'अर्का' का मतलब 'सूर्य' है, अयोध्या का इतिहास – अयोध्या के दर्शनीय स्थल और महत्व अयोध्या भारत के राज्य उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर है। कुछ सालो से यह शहर भारत के सबसे चर्चित मथुरा दर्शनीय स्थल – मथुरा दर्शन की रोचक जानकारी मथुरा को मंदिरो की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। मथुरा भारत के उत्तर प्रदेश राज्य का एक गंगासागर तीर्थ – गंगासागर का इतिहास – गंगासागर का मंदिर गंगा नदी का जिस स्थान पर समुद्र के साथ संगम हुआ है। उस स्थान को गंगासागर कहा गया है। गंगासागर तिरूपति बालाजी दर्शन – तिरुपति बालाजी यात्रा तिरूपति बालाजी भारत वर्ष के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों मे से एक है। यह आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले मे स्थित है। बिंदु सरोवर गुजरात के सिद्धपुर मे मातृश्राद के लिए प्रसिद्ध तीर्थ जिस प्रकार पितृश्राद्ध के लिए गया प्रसिद्ध है। वैसे ही मातृश्राद के लिए सिद्धपुर मे बिंदु सरोवर प्रसिद्ध है। इसे जगन्नाथ पुरी धाम की यात्रा – जगन्नाथ पुरी का महत्व और प्रसिद्ध मंदिर श्री जगन्नाथ पुरी धाम चारों दिशाओं के चार पावन धामों मे से एक है। ऐसी मान्यता है कि बदरीनाथ धाम कैलाश मानसरोवर की यात्रा – मानसरोवर यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी हिमालय की पर्वतीय यात्राओं में कैलाश मानसरोवर की यात्रा ही सबसे कठिन यात्रा है। इस यात्रा में यात्री को लगभग अमरनाथ यात्रा, मंदिर, गुफा, शिवलिंग, कथा और इससे जुडी रोचक जानकारी अमरनाथ का पवन पावन क्षेत्र कश्मीर मे पडता है। अमरनाथ की यात्रा बड़ी ही पुण्यदायी, भक्ति और मुक्तिदायिनी है। सारे चिदंबरम मंदिर दर्शन – चिदंबरम टेम्पल हिस्ट्री इन हिन्दी कर्नाटक राज्य के चिदंबरम मे स्थित चिदंबरम मंदिर एख प्रमुख तीर्थ स्थल है। तीर्थ स्थलों में चिदंबरम का स्थान अति 1 2 Next » Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like 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