कुतुबमीनार का इतिहास Qutab minar history in hindi Naeem Ahmad, April 4, 2017February 12, 2023 पिछली पोस्ट में हमने हुमायूँ के मकबरे की सैर की थी। आज हम एशिया की सबसे ऊंची मीनार की सैर करेंगे। जो भारत के अनेक शासकों के शासन की गवाही देती है। जिस कों यूनेस्को द्वारा 1983 में विश्व धरोहर घोषित किया गया है जिसे देखने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने कोने से पर्यटक भारत की राजधानी दिल्ली आते है। अब तो आप समझ गये होगें कि हम किस मीनार की बात कर रहे है। जी हाँ। ठीक समझें हम बात कर रहे है। दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र के मेहरौली में स्थित कुतुबमीनार की। जिसकों दिल्ली के अंतिम हिन्दू शासक की पराजय के तत्काल बाद दिल्ली के प्रथम मुस्लिम शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1193 में इसकी नीव रखी गई थी।कुतुबमीनार के सुंदर दृश्यकुतुबमीनार की स्थापत्य विवाद पूर्ण है। कुछ लोगों का मानना है कि भारत में मुस्लिम शासन की शुरुआत में विजय दिवस के रूप में देखते है। तथा कुछ लोगों का मानना है की मस्जिद के मुअज्ज़िन के अजान देने के लिए कराया गया था। जिससे अजान की आवाज़ दूर तक जा सके। कुतुबुद्दीन ऐबक अपने शासन काल में कुतुबमीनार के आधार का ही निर्माण करा पाया था। कुतुबुद्दीन ऐबक के बाद उसके दामाद एवं उत्तराधिकारी शमशुद्दीन इल्तुतमिश ने इसका निर्माण कार्य पूर्ण कराया था। कुतुबमीनार 1326 ई° में क्षतिग्रस्त हो गई थी और मुग़ल बादशाह मुहम्मद बिन तुगलक़ ने इसकी मरम्मत करवायी थी। इसके बाद में 1368 ई° में मुग़ल बादशाह फिरोजशाह तुगलक़ दो मंजिल और जुडवा दी थी। मीनार के नाम को लेकर भी दो मत है कुछ लोग इसे कुतुबुद्दीन ऐबक के नाम पर बताते है और कुछ लोगों का मत है कि ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था। जो बगदाद के प्रसिद्ध सूफ़ी संत थे तथा भारत में भी वास करने आये थे और इल्तुतमिश उनका बहुत आदर करता था। आइए अब मीनार के ढांचे और वास्तुकला के बारे में बात करतें है। कुतुबमीनार की पाचं मंजिलें है जिसमें चार बालकनी है। इसकी ऊचांई 72.5 मीटर यानि 237.86 फुट है। मीनार का धरातल व्यास 14.3 मीटर और शिखर पर 2.75 मीटर है। इसके अंदर लगभग 379 सीढ़िया बनीं हुई है। पांच मंजिला मीनार की तीन मंजिले लाल बलुआ पत्थर से तथा अंतिम दो मंजिलों में मार्बल और लाल बलुआ पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। ऐबक से लेकर तुगलक़ तक की वास्तुशैली की झलक मीनार में साफ देखी जा सकती है। मीनार के प्रागंण में स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, लौह स्तंभ तथा इल्तुतमिश का मकबरा इसकी वैभवता और सुंदरता में चार चांद लगा देतें आइए इन पर भी एक नजर डालते है।कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिदकुतुबमीनार के परिसर में स्थित इस भव्य मस्जिद का निर्माण 1193 में मीनार के साथ ही कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू कराया था। और 1197 में पूर्ण हुआ सन 1230 में इल्तुतमिश ने और 1315 ई° में अलाउद्दीन खिलजी ने इस भवन का विस्तार कराया। इस मस्जिद के आंतरिक और बहारी प्रागंण स्तंभ श्रेणियों में है। आंतरिक सुसज्जित लाटों के आसपास भव्य स्तंभ स्थापित है। इसमें से अधितकतर लाट 27 हिन्दू मंदिरों के अवशेषों से बनाएं गए है। कहा जाता है की मस्जिद के निर्माण हेतु इनकी लूटपाट की गई थी। अतएव यह अचरज की बात नहीं है कि यह मस्जिद पारंपरिक रूप से हिन्दू स्थापत्य कला शैली रूप है। जामा मस्जिद दिल्ली का इतिहास दिल्ली लाल किले का इतिहास हुमायुँ का मकबरालौह स्तंभमस्जिद के समीप आश्चर्य चकित करने वाला पूरातन लौह स्तंभ है। इसकी विशेषता यह है की यह सैकड़ों वर्ष पुराना होने के बाद भी इस स्तंभ में अभी तक जंग नही लगीं है। इसके बारे में एक मान्यता भी है कहते है की स्तंभ से पीठ लगाकर पीछे कि ओर हाथों से इसे पकड कर जो मन्नत मागी जाती है वह पूर्ण हो जाती है।इल्तुतमिश का मकबरामीनार परिसर में उत्तर पश्चिम में इल्तुतमिश का मकबरा स्थित है। यह मकबरा भारत में किसी मुस्लिम शासक द्वारा स्वयं के जीवित रहते हुए अपने लिए बनवाया गया पहला मकबरा हैं।कुतुबमीनार प्रवेश शुल्कइस भव्य स्थल के देखने हेतु प्रवेश शुल्क लिया जाता है। जो भारतीयों के लिए प्रति व्यक्ति 30 रूपये तथा विदेशियों के लिए प्रति व्यक्ति 500 रूपये शुल्क लगता है।Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल ऐतिहासिक धरोहरेंदिल्ली पर्यटनहिस्ट्री
great idea thanks for sharing can i use this in my blog also related to shiksha niti and gk quiz SHIKSHA NITI 2020 DAILY GK QUIZLoading...