कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश Naeem Ahmad, July 31, 2022February 26, 2024 गाजीपुर जिला वाराणसी के प्रभाव-क्षेत्र में आता है। बलिया, आजमगढ़ उसके समीपवर्ती जनपद है।अतः गाजीपुर की सांस्कृतिक परंपरा भी बड़ी समृद्ध है। गंगा तट पर स्थित होने के कारण यहां अनेक पौराणिक अनुष्ठान भी होते रहे हैं। विभिन्न अवसरों पर मेलो का आयोजन होता रहा है। ऐसा ही एक स्थान गाजीपुर जिले में गहमर बहुत बडा गांव है वहा कामाख्या धाम है। जहां मां कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। वहा नवरात्र के अवसर पर बहुत कामाख्या देवी मेला लगता है। जिसमे एक लाख से अधिक की भीड हो जाती है। पास-पंडोस के जनपदो के दर्शनार्थी, भक्तगण, मेला-दर्शक यहां आकर देवी का दर्शन तो करते ही है, मेले का भी आनद लेते हैं।कामाख्या देवी मेला का महत्वश्री अजय शेखर के अनुसार “मां कामाख्या की यह मूर्ति पहले फतेहपुर सीकरी मे स्थापित थी तथा वहां उनका पूजन-आराधना होता था। रवना के ऐतिहासिक युद्ध मे राणा सांगा की जब पराजय हुई तो उनकी सेना में भगदड मच गयी। बाबर की फौज ने युद्ध मे राणा सांगा की फौज तथा उनका साथ देने वाले राजाओ, सामतो तथा सरदारो का पीछा किया। फतेहपुर सीकरी के राजा धाम सिंह जू देव जो राणा सांगा का युद्ध मे साथ दे रहे थे, उनका भी पीछा किया। राजा धाम सिंह अपने राजपुरोहित गंगेश्वर उपाध्याय तथा दीवान वीर सिंह ठाकुर के साथ देवी की मूर्ति भी साथ मे लेकर भाग निकले।कामाख्या देवी मेलाउन दिनो गहमर का घना जौगल था। धामसिहं जू देव और उनके साथी इस गहमर के वन मे छुप गये। बाद मे उस पर कब्जा भी कर लिया। जनश्रुति के अनुसार भगवती ने धामसिंह जू देव को गहमर मे ही अपनी मूर्ति स्थापित करने के लिए स्थान भी निर्देशित किया। स्वप्न में निर्देशित स्थान पर धाम सिंह जू देव ने भगवती की मूर्ति की स्थापना की। तभी से उनकी पूजा तथा आराधना आरंभ हो गयी। तभी से यहां मां कामाख्या देवी मेला भी लगने लगा जो प्राय नवरात्र भर चलता है। यहां मदिर में सीधे नहीं जाया जाता, अपितु देहरी पर रुक कर मां कामाख्या का गीत गाते हुए मंदिर मे प्रवेश किया जाता है।विंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेशमां कामाख्या देवी मेला में गायक, नर्तक समूह में गावो से आते है। स्त्रियां पारंपरिक गीत गाती हुई देवी के मंदिर में प्रवेश करती है। इस विन्ध्य क्षेत्र मे विन्ध्यांचल के बाद यह दूसरा बड़ा देवीधाम है। यहा गमनागमन, सदेश वाहन, आवास की सुविधाए उपलब्ध हैं। मार्ग पक्का है। गांव में बाजार भी है। इस गांव के लोग देश के कोने-कोने में नौकरी करते है। प्रबुद्ध गांव है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— [post_grid id=”6671″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख त्यौहार उत्तर प्रदेश के मेलेमेले