कान्हा नेशनल पार्क -जंगली जीव जंतुओ को करीब से देखने का रोमांच Naeem Ahmad, February 11, 2018March 29, 2024 प्रकृति की सुंदर व विचित्र रचना है “जंगल” । इसमे रहने वाले जीव-जन्तु, रक्षक-भक्षक, पोषक-शोषक, सबल-निर्बल, शाकाहारी और मांसाहारी, सभी एक ही धरा पर रहकर एक ही दरिया का पानी पीते है। यहा पर पेडो से फल और पत्ते गिराकर गिराकर हिरणो और नीलगायों का पेट भरने वाले बंदर और लंगूर भी है। तो इन प्राणियो का मांस खाकर दहाडने वाले खूंखार जानवर शेर व चीते भी है। यह सब कुदरत की प्रकृति संरचना का नियम है। इसमे चाहकर भी हम कोई बदलाव नही ला सकते है। वास्तव में जंगली जीव-जन्तुओ को बडे करीब से देखना बहुत रोमांचक होता है। अपने इस लेख में हम इसी रोमांच से रूबरू होने कान्हा नेशनल पार्क चलेंगें। जहां प्रकृति की सुंदरता के बीच जंगली जीव-जन्तुओ को विचरते हुए बडे करीब से देखा जा सकता है।कान्हा नेशनल पार्ककान्हा नेशनल पार्क भारत के मध्य प्रदेश राज्य के प्रसिद्ध शहर जबलपुर से 70 किलोमीटर की दूरी पर मंडला और बालाघाट जिलो की सीमा में स्थित है। यहा आप वन्य प्राणियो की 25 से भी अधिक दुर्लभ प्रजातियों को स्वच्छंद विचरण करते देख सकते है।कतर्नियाघाट सेंचुरी – कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्यसाल वृक्षों के घने समूह में बसे इस खूबसूरत नेशनल पार्क के विकास की शूरूआत सन् 1963 में में हुई थी। उस समय यहा की सूखी नदी के इर्द गिर्द 250 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को अभयारण्य का स्वरूप प्रदान किया गया था।बी आर हिल्स – बी आर टी वन्यजीव अभ्यारण्यसन् 1964 व सन् 1974 में यहा के आस पास के इलाको को भी इसमे शामिल कर लिया गया था। आज कान्हा नेशनल पार्क का 940 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इस नेशनल पार्क की अपनी अलग ही शान है। दूर दूर पर्यटक इस पार्क की सैर के लिए आते है।नवाबगंज पक्षी विहार कहा स्थित है – नवाबगंज बर्ड सेंचुरी इन हिन्दीकान्हा का पूरा इलाका सतपुडा के पूर्वी खंड में पडता है। जिसे स्थानीय लोग “मेकल रेंज” कहते है। यहा के पठारो (छोटी छोटी पहाडियो) की ऊंचाई समुंद्रतल से 950 मीटर है।लखनऊ चिड़ियाघर शहर के बीच प्राणी उद्यानगर्मियो में जब महुल की बेलों में फूल खिलते है, तो यहा के वृक्ष ऊपर से ऐसे दिखाई देते है कि मानो उन्होने सफेद बर्फीली चादर ओढ रखी हो। जाडो के मौसम में यहा पर बीज और घऊरा के वृक्ष बहुत ही मनोहारी दृश्य प्रस्तुत करते है।राजनगर का किला किसने बनवाया – राजनगर मध्यप्रदेश का इतिहास इन हिन्दीआम पर्यटको के लिए कान्हा नेशनल पार्क 1 नवंबर से 30 जून तक खुला रहता है। बारिश के दिनो में इसे चार माह के लिए बंद कर दिया जाता है। इसके अलावा पर्यटको के लिए यह सप्ताह में एक दिन (बुधवार) को बंद रहता है।नोट:- कान्हा नेशनल पार्क जाने से पहले उसके खुले होने या बंद होने की जानकारी अवश्य ले लें। हमारे द्वारा बताए गए समय में वर्तमान स्थिति में बदलाव भी हो सकता है। यहां सैर करने के लिए एक प्रशिक्षित पथ दर्शक का साथ होना अनिवार्य है। क्योकि पथ पर्शक को जंगली जानवरो की सभी प्रकार की आदतो की जानकारी होती है। जंगल में पथ दर्शक आपको उन्ही स्थानो पर घुमाने के लिए ले जाता है। जहां जानवर अधिक से अधिक दिखाई देते है। वैसे जंगल में शेर, तेंदुआ, जंगली शुअर, भालू इत्यादि कभी भी अपनी ओर से मनुष्य पर हमला नही करते। जब मनुष्य उनके समीप पहुंचता है तो वे स्वयं उसके रास्ते से हट जाते है।कान्हा नेशनल पार्क के सुंदर दृश्यहमारे यह लेख भी पढे:–जिम कार्बेट नेशनल पार्कदुधवा नेशनल पार्कबी आर वन्य जीव उद्यानकुद्रेमुख नेशनल पार्कनंदा देवी नेशनल पार्क कान्हा नेशनल पार्क में जंगल सफारी की व्यवस्था बहुत अच्छी है। आप चाहे तो नेशनल पार्क में हाथी पर बैठकर जंगल सफारी का आनंद उठा सकते है। यदि आप समय की बचत करना चाहते है तो यहा जीप सफारी की भी व्यवस्था अच्छी है। मैं तो आपको हाथी सफारी की सलाह दूंगा। इससे जंगल सफारी का रोमांच बढ जाता है।गिर नेशनल पार्क – गिर राष्ट्रीय उद्यान की रोचक जानकारीकान्हा नेशनल पार्क के जंगली जीव जन्तुओ बारहसिंघा बहुत महत्तपूर्ण है। इसे मध्य प्रदेश के “राज्य प्राणी” होने का गौरव भी प्राप्त है। मध्य पहाडी प्रदेशो में पाई जाने वाली प्रजाति “ब्रेंडरी” किसी समय अपनी जीवन यात्रा के अंतिम पडाव पर पहुंच गई थी। सन् 1970 में इनकी संख्या मात्र 66 रह गई थी। आज इनकी संख्या बढकर 500 से भी अधिक हो गई है।कान्हा नेशनल पार्क बाघ संरक्षित परियोजना के अंतर्गत बाघ संरक्षित क्षेत्रों (टाइगर रिजर्व क्षेत्र) में से एक है। बाघ और उसके प्राकृतिक आवासो को सुरक्षित रखने के लिए कान्हा ने 15 वर्षो में अब तक जो प्रयास किए है। वे वास्तव में सराहनीय है। सन् 1973 में जब इस परियोजना की शुरूआत हुई थी, तब यहा मात्र 48 बाघ थे। जबकि आज के समय में यहा बाघो संख्या 125 हो गई है।बिजावर का किला किसने बनवाया – बिजावर का इतिहास इन हिन्दीकान्हा नेशनल पार्क में पर्यटको के लिए स्थायी मनोरंजन एवं अन्य वन्य जीवो की गतिविधियो से अवगत कराने के लिए एक वन्य प्राणी संग्रहालय की व्यवस्था भी की गई है। यहा आप वन्यप्राणीयो की खाल, उनके कंकाल, हिरणो की विभिन्न प्रजातियो के सींगो तथा छाया चित्र आदि को देख सकते है। और उनके जीवन के बारे में समझ सकते है।मनियागढ़ का किला – मनियागढ़ का किला किसने बनवाया था तथा कहाँ हैयदि आपने कान्हा नेशनल पार्क की सैर अभी तक नही की है। तो एक इस सुंदर पार्क की सैर जरूर करिए। वास्तव में यह पार्क रोमांच और मनोरंजन से भरपूर है।आपको हमारी यह पोस्ट कैसी लगी आप हमें कमेंट करके बता सकते है। अगर आप यह जानकारी अपने दोस्तो के साथ शेयर करना चाहते है तो आप हमारी इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर अपने दोस्तो के साथ शेयर कर सकते है। यदि आप हमारहमारे हर नए लेख की सुचना चाहते है तो आप हमारे बलॉग को सब्सक्राइब भी कर सकते है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—-[post_grid id=’15879′]Share this:ShareClick to share 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