कल्याणगढ़ का किला मानिकपुर चित्रकूट उत्तर प्रदेश, कल्याणगढ़ दुर्ग का इतिहास Naeem Ahmad, July 6, 2021March 11, 2023 कल्याणगढ़ का किला, बुंदेलखंड में अनगिनत ऐसे ऐतिहासिक स्थल है। जिन्हें सहेजकर उन्हें पर्यटन की मुख्य धारा से जोडा जा सकता है। चाहे गुप्तकाल हो, चंदेलकाल हो या फिर मुगलकाल सभी से जुडे हुए ऐतिहासिक स्थल इस इलाके में मौजूद है। ऐसे ही कई स्थल है श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट में। फिलहाल इन स्थानों के बारेमें ना तो किसी इतिहासकार ने ठीक ढंग लिखा है और न ही किसी लेखक ने। ऐसा ही एक स्थल है कल्याणगढ़ का किला। चित्रकूट जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर पाठा के जंगलो में प्रवेश से पहले स्थित है। कल्याणगढ़ का किला हिस्ट्री इन हिन्दी उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट जिले की मानिकपुर तहसील से लगभग 15 किलोमीटर दूर कल्याणगढ़ किले के भग्नावशेष है। यह दुर्ग मानिकपुर रीवाँ मार्ग पर स्थित है। और यही से धार कंडी चित्राघाटी जाने का मार्ग भी है। यहाँ पर प्राचीन किले के भग्नावशेष मिलते है। पहले यह क्षेत्र रीवा के बघेल नरेशों के राज्य में था। बाद में यह छत्रसाल के अधिकार में आ गया। इस स्थल में दुर्ग के अवशेष स्थल मिलते होते है तथा दुर्ग के पास कल्याणगढ़ गाँव भी बसा हुआ है। इसलिए इस किले को कल्याणगढ़ का किला भी कहते है। कल्याणगढ़ का किला मंदिर व बावलीवर्तमान समय में कल्याणगढ़ किले के अंदर एक प्राचीन मंदिर स्थित है। जिसके गर्भगृह में काष्ठ से निर्मित भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा विद्यमान है। जो वहां रह रहे स्थानीय पुजारियों द्वारा संरक्षित है। ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की बात करे तो बुंदेलखंड के इतिहास पर प्रकाश डालने वाले प्रारंभिक इतिहासकारों मे से एक दीवान प्रतिपाल सिंह ने अपने ग्रंथ बुंदेलखंड का इतिहास में कल्याणगढ़ किले का जिक्र किया है। जिसमें उन्होंने इसे बुंदेलों का किला बतलाया है। बुंदेलखंड के इतिहास पर काम करने वाले स्वतंत्र इतिहासकार डा. शिवप्रेम यागिक के अनुसार इस स्थान पर मुहम्मद बंगस की सेनाओं का युद्ध छत्रसाल की सेना से हुआ था। इस युद्ध की समय अवधि 18वी शाताब्दी बतलाई जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि इसी युद्ध के दौरान यह किला ध्वस्त हुआ होगा।अब इस किले की प्राचीर भी ध्वस्त हो गयी है। ऐतिहासिक महत्व रखने वाला यह स्थल अपने भीतर बहुत सारी कहानियां समेटे हुए हैं। जिनको उजागर करने हेतु गहनशोध की आवश्यकता है। फिलहाल कल्याणगढ़ का किला किसने बनाया और कब बनाया ये शोध का विषय है। लेकिन खंड़हर में तब्दील इस किले के भग्नावशेष आज भी इसकी प्राचीन भव्यता को दर्शाते है। यहाँ निम्नलिखित दर्शनीय स्थल उपलब्ध होते है। दुर्ग स्थलइस दुर्ग में सैनिकों के रहने के लिये और सामन्तों के रहने के लिये अनेक महल बने हुये थे अब ये महल ध्वस्त हो चुके है। जगदीश स्वामी मंदिरयह मन्दिर भी मध्ययुगीन मन्दिर है जिसका निर्माण बुन्देल अथवा बघेला शासकों ने कराया था इस स्थल पर धातु प्रतिमाएँ रखी हुई है और अनेक पुजारी पूजा के लिये उपस्थित रहते है इस मंदिर का जिक्र हम ऊपर भी कर चुके है। जलाशयकल्याणगढ़ दुर्ग के समीप अनेक कूप और बीहड़ बने हुए है। जिनमे जल भरा रहता है। तथा इन जलाशयों से यहां के गांव वासी भी लाभान्वित होते है। मौजूदा बावली का निर्माण मराठा या बुंदेल राजाओं के द्वारा आधुनिक भारत मे ही कराया प्रतीत होता है। इसमे पर्याप्त मात्रा में पानी है जो इस सूखे क्षेत्र में जीवनदायिनी के रूप में दिखाई पड़ती है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—— [post_grid id=”8089″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के पर्यटन स्थल उत्तर प्रदेश पर्यटनऐतिहासिक धरोहरेंबुंदेलखंड के किले