कपर्दि विनायक व्रत – कपर्दि विनायक व्रत कैसे करते है और व्रत कथा Naeem Ahmad, September 5, 2021March 10, 2023 श्रावण मास की शुक्ला चतुर्थी से लगाकर भादों की शुक्ला चतुर्थी तक जो मनुष्य एक बार भोजन कर के एक मास पर्यन्त कपर्दि गणेश या कपर्दि विनायक का व्रत करता है, उसके सब काम सिद्ध होते है। कपर्दि विनायक व्रत की पूजा की विधि गणेश के अन्य व्रतों के अनुसार है। इसमें विशेषता केवल इतनी है कि पूजन के पश्चात् 27 मुठ्ठी चावल और कुछ मिठाई बह्मचारी को दान करना चाहिये। Contents1 कपर्दि विनायक व्रत की कथा – कपर्दि गणेश व्रत की कहानी1.1 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—–1.2 Share this:1.3 Like this:कपर्दि विनायक व्रत की कथा – कपर्दि गणेश व्रत की कहानी एक समय श्री महादेवजी पार्वतीजी के साथ चौपड़ खेल रहे थे, जिसमे पार्वतीजी ने शिवजी के आयुधादि सम्पूर्ण पदार्थों को जीत लिया। प्रसन्नचित्त महादेव ने जीते हुए पदार्थों मे से केवल गजचर्म वापस माँगा, परन्तु पार्वती ने नहीं दिया। महादेवजी के बहुत हास्यपूर्ण अनुनय विनय पर भी जब पार्वती ने ध्यान नहीं दिया, तब वह क्रोध के आवेश मे बाले–“पार्वती ! अब में इक्कीस दिन तक तुमसे नहीं बोलूंगा। ऐसा कहकर शिवजी किसी अन्य स्थान को चले गये। पार्वतीजी, महादेवजी को खोजती हुईं किसी घने वन में चली गई। वहाँ उन्होंने कुछ स्त्रियों को व्रत और पूजन करते देखा। पार्वतीजी के पूछने पर उन्होंने बताया कि यह कपर्दि विनायक का व्रत है। जिस प्रकार वे स्त्रियां व्रत कर रही थी, उसी प्रकार से पार्वतीजी ने भी व्रत करना आरम्भ किया। उन्होंने केवल एक ही दिन व्रत किया था कि महादेवजी उसी स्थान पर आ गये। शिवजी ने पार्वती से पूछा — प्रिये, तुमने ऐसा कैान-सा व्रत किया ? जिसके कारण मुझे ऐसे उदासीन का संकल्प भंग हो गया। कपर्दि विनायक व्रत इस पर पार्वती ने शिवजी को कपर्दि व्रत की विधि बताई। पुन: महादेव ने विष्णु को और विष्णु ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने इन्द्र को और इंद्र ने राजा विक्रमार्क को यह व्रत बताया। राजा विक्रमार्क इस व्रत के प्रभाव को सुनकर जब घर पर गया, तब उसने अपनी रानी से कपर्दि व्रत के अप्रतिम प्रभाव का वर्णन किया। भावी दुःख के कारण रानी ने राजा के इस कथन पर विश्वास नहीं किया, वरन् व्रत की बहुत कुछ निन्दा की। जिससे रानी के समस्त शरीर में कोढ़ हो गया। राजा ने उसी समय रानी से कहा–“तुम शीघ्र ही यहाँ से चली जाओ, नही तो मेरा सम्पूर्ण राज भ्रष्ट हो जायगा। तब रानी राजमहलों से निकल कर जंगल में ऋषि-मुनियो के आश्रम मे चली गई ओर वहाँ ऋषि-मुनियों की सेवा करने लगी। जब सेवा करते-करते रानी को बहुत दिन हो गये तब सब, कहने लगे–“रानी’! तुमने कपर्दि विनायक व्रत का अपमान किया। अतः ‘जब तक गणेशजी की पूजा न करोगी, तब तक तुम्हारा आरोग्य होना कठिन है। महर्षियो के ऐसे वचन सुनकर रानी ने गणेश व्रत करना आरम्भ किया और व्रत को एक मास पूरा होते होते रानी का शरीर दिव्य कंचन के समान नीरोग हो गया। रानी बहुत दिनों तक उसी आश्रम मे रही। एक समय पार्वती-सहित महादेवजी नांदिया पर चढ़कर वन- मार्ग से चले जा रहे थे। मार्ग में एक अति दु:खी ब्राह्मण को देख कर पार्वतीजी ने उससे पूछा–“हे विग्न, आप किस कारण से ऐसा विलाप कर रहे हैं। ब्राह्मण बोला– देवी ! यह सब दारिद्र्य की कृपा का फल है। तब कृपालु देवी पार्वती ने ब्राह्मण से कहा– तुम राजा विक्रमार्क के राज मे चले जाओ। वहाँ एक वेश्य पूजन की सामग्री देता है। उससे कपर्दि विनायक गणेश का व्रत और पूजन करना। उसी से तुम्हारी दरिद्रता नष्ट हो जायगी ओर साथ ही तुम राजा विक्रमार्क के राजमंत्री हो जाओगे। पार्वती की आज्ञा मानकर उक्त ब्राह्मण राजा विक्रमार्क के राज में चला गया ओर विधिवत् विनायक का पूजन करने से थोड़े ही दिनों में उस राजा का मंत्री हो गया। किसी समय राजा विक्रमार्क वन-यात्रा करता हुआ उसी ऋषि-आश्रम में जा पहुँचा, जहाँ उसकी रानी रहती थी। रानी के नीरोग ओर दिव्य-देह देखकर उसे बड़ा आनन्द हुआ। वह रानी को साथ लेकर महलों को चला आया। कपर्दि विनायक का व्रत करने वाले व्यक्ति को चाहिये कि वह व्रत काल के एक मास में इस कथा को पाँच बार श्रवण करे। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—– ओणम पर्व की रोचक तथ्य और फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में विशु पर्व, केरल के प्रसिद्ध त्योहार की रोचक जानकारी हिन्दी में थेय्यम नृत्य फेस्टिवल की रोचक जानकारी हिन्दी में theyyam festival केरल नौका दौड़ महोत्सव - केरल बोट रेस फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में अट्टूकल पोंगल केरल में महिलाओं का प्रसिद्ध त्योहार तिरूवातिरा कली नृत्य फेस्टिवल केरल की जानकारी हिन्दी में मंडला पूजा उत्सव केरल फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में अष्टमी रोहिणी केरल का प्रमुख त्यौहार की जानकारी हिन्दी में लोहड़ी का इतिहास, लोहड़ी फेस्टिवल इनफार्मेशन इन हिन्दी दुर्गा पूजा पर निबंध - दुर्गा पूजा त्योहार के बारें में जानकारी हिन्दी में तेजाजी की कथा - प्रसिद्ध वीर तेजाजी परबतसर पशु मेला मुहर्रम क्या है और क्यो मनाते है - कर्बला की लड़ाई - मुहर्रम के ताजिया गणगौर व्रत कथा - गणगौर क्यों मनाई जाती है तथा गणगौर व्रत विधि बिहू किस राज्य का त्यौहार है - बिहू किस फसल के आने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है हजरत निजामुद्दीन दरगाह - हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह का उर्स नौरोज़ त्यौहार का मेला - नवरोज त्योहार किस धर्म का है तथा मेला फूलवालों की सैर त्यौहार कब मनाया जाता है - फूलवालों की सैर का इतिहास हिन्दी में ईद मिलादुन्नबी कब मनाया जाता है - बारह वफात क्यों मनाते है और कैसे मनाते है ईद उल फितर क्यों मनाया जाता है - ईद किस महिने के अंत में मनाई जाती है बकरीद क्यों मनाया जाता है - ईदुलजुहा का इतिहास की जानकारी इन हिन्दी बैसाखी का पर्व किस दिन मनाया जाता है - बैसाखी का त्योहार क्यों मनाया जाता है अरुंधती व्रत रखने से पराये मर्द या परायी स्त्री पाप से मुक्ति रामनवमी का महत्व - श्रीराम का जन्मदिन चैत्र रामनवमी कैसे मनाते हैं हनुमान जयंती का महत्व - हनुमान जयंती का व्रत कैसे करते है और इतिहास आसमाई व्रत कथा - आसमाई की पूजा विधि वट सावित्री व्रत की कथा - वट सावित्री की पूजा कैसे करते है गंगा दशहरा का महत्व - क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा की कथा रक्षाबंधन क्यों मनाते है - रक्षाबंधन पूजा विधि और रक्षा-बंधन की कथा नाग पंचमी कब मनायी जाती है - नाग पंचमी की पूजा विधि व्रत और कथा कजरी की नवमी कब और कैसे मनाते है - कजरी पूर्णिमा का व्रत और कथा हरछठ का व्रत कैसे करते है - हरछठ में क्या खाया जाता है - हलषष्ठी व्रत कथा हिंदी गाज बीज माता की कथा - गाज बीज माता का व्रत कैसे करते है और पूजा विधि सिद्धिविनायक व्रत कथा - सिद्धिविनायक का व्रत कैसे करते है तथा व्रत का महत्व हरतालिका तीज व्रत कथा - हरतालिका तीज का व्रत कैसे करते है तथा व्रत क्यो करते है संतान सप्तमी व्रत कथा पूजा विधि इन हिन्दी - संतान सप्तमी व्रत मे क्या खाया जाता है जीवित्पुत्रिका व्रत कथा और महत्व - जीवित्पुत्रिका व्रत क्यों रखा जाता है अहोई आठे व्रत कथा - अहोई अष्टमी का व्रत कैसे करते है बछ बारस पूजन कैसे करते है - बछ बारस व्रत कथा इन हिन्दी करमा पूजा कैसे की जाती है - करमा पर्व का इतिहास जइया पूजा आदिवासी जनजाति का प्रसिद्ध पर्व डोमकच नृत्य समारोह क्यों मनाया जाता है छेरता पर्व कौन मनाते हैं तथा छेरता नृत्य कैसे करते है दुर्वासा धाम मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भैरव जी मेला महराजगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश बाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश गोरखनाथ का मेला गोरखपुर उत्तर प्रदेश तरकुलहा का मेला - तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर सोहनाग परशुराम धाम मंदिर और सोहनाग का मेला 1 2 Next » Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख त्यौहार त्यौहारहमारे प्रमुख व्रतहिन्दू धर्म के प्रमुख व्रत