कंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश Naeem Ahmad, August 15, 2022April 17, 2024 साम्प्रदायिक सद्भाव, हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में विंध्याचल के समीप ओझला से पश्चिम कंतित मे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की मजार है। जिसे कंतित शरीफ कहा जाता है। यहां पर आठ नवम्बर को प्रतिवर्ष कंतित शरीफ उर्स मेले का आयोजन किया जाता है। यह बहुत पुराना मेला है। तीन दिन के इस मेले में दो लाख से अधिक हिन्दू, मुसलमान नर-नारी, बालक-वृद्ध सभी हाजिरी दर्ज कराते है। यहां पांच बजे भोर में ही मजार पर गुसुल कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। गुसुल में गुलाब जल, केवडा, चंदन आदि मजार पर चढाया जाता है। इसके बाद पहली चादर किसी विशिष्ट व्यक्ति द्वारा चढाई जाती है जो किसी भी जाति का हो सकता है।मसानिया शरीफ दरगाह – शाह बदर दीवान दरगाह बटालाकंतित शरीफ का उर्सकंतित शरीफ में उर्स के मौके पर मजार का दरवाजा पांच वक्त के नमाज की अवधि मे बन्द रखा जाता है, क्योकि वहां बेशुमार भीड एकत्र हो जाती है। कंतित शरीफ मजार की देखभाल मुजावर और गद्दीनशीं द्वारा की जाती है। मजार तौसी इन्तमामिया कमेटी बाहर की व्यवस्था देखती है।चुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानीकंतित शरीफबिहार शरीफ दरगाह – बिहार शरीफ बड़ी दरगाह का मेला – बड़ी दरगाहकंतित शरीफ का यह पवित्र स्थान गंगा के तट पर एक ऊंचे स्थान पर सुरम्य वातावरण मे स्थित है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भक्ति से मजार पर जाकर शीश नवाता है, उसकी इच्छाएं पूरी होती है। इस मेले मे बाबा की मजार पर पहली चादर किसी हिन्दू भक्त द्वारा ही चढायी जाती है। कहते है, यह मजार अज़मेर शरीफ के ख्वाजा मोइनुद्वीन चिश्ती के भांजे ख्वाजा इस्माइल चिश्ती की है जिसकी देखभाल मुजावर द्वारा किया जाता है। इस मेले मे इतनी भीड हो जाती है कि पुलिस प्रशासन के अलावा स्वयसेवी सगठनो के लोगो को भी जुटना पडता है।क्रिप्टो करंसी में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं घोड़े शहीद बाबा का उर्सहजरत ख्वाजा अलाउलहक चिश्ती रहमत उल्लाह अलैह उर्फ घोड़े शहीद बाबा का उर्स प्रत्येक वर्ष 25 नवम्बर को मिर्जापुर मे सिविल लाइन्स के पास धूमधाम से मनाया जाता है। इस मुबारक अवसर पर गागर चादर कुल और महफिले मिलाद शरीफ और कव्वाली का भी आयोजन किया जाता है, जिसमे दूर-दराज के कव्वाल सहभाग करते है। जनाब खादिम दरगाह मुबारक ने बताया कि इस उर्स में हजारों हिन्दू, मुसलमान, सिख, ईसाई भाग लेते है। लोग यहां मनोतियां मानकर आते है और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— [post_grid id=’11706′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल उत्तर प्रदेश के मेलेभारत की प्रमुख दरगाहमेले