उदयपुर दर्शनीय स्थल – उदयपुर के टॉप 15 पर्यटन स्थल Naeem Ahmad, April 21, 2018March 26, 2024 उदयपुर भारत के राज्य राजस्थान का एक प्रमुख शहर है। उदयपुर की गिनती भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलो में भी होती है। प्रिय पाठको हमने अपनी राजस्थान यात्रा के अंतर्गत अपने पिछले कुछ लेखो में राजस्थान के अनेक पर्यटन स्थलो की सैर की और उनके बारे में विस्तार से जाना है। अपने इस लेख में हम राजस्थान के इस खूबसुरत शहर उदयपुर की सैर करेगे और उदयपुर दर्शनीय स्थल, उदयपुर के पर्यटन स्थल, उदयपुर टूरिस्टस पैलेस, उदयपुर में घूमने लायक स्थान, आदि के साथ साथ उदयपुर के टॉप 15 पर्यटन स्थलो की सैर करेगें।गलियाकोट दरगाह राजस्थान – गलियाकोट दरगाह का इतिहासउदयपुर इतना खूबसुरत शहर है कि इसे कई उपनामो से भी संबोधित किया जाता है। यहा अनेक खूबसुरत झीले है। जिसके कारण इसे “झीलो की नगरी” और पूर्व का वेनिस तथा राजस्थान का कशमीर आदि नामो से भी जाना जाता है। यह सभी उपलब्धियां इस शहर को यहा की अथा सुंदरता के कारण की प्राप्त हुई है। इसी अकाल्पनिक सुंदरता को निहारने के लिए देश विदेश से प्रति वर्ष लाखो सैलानियो का यहा आना जाना लगा रहता है। इस खुबसूरत शहर उदयपुर की स्थापना सन् 1559 में महाराणा उदयसिंह ने की थी। उन्ही के नाम पर इस शहर का नाम उदयपुर रखा गया था। आज के समय मे यह शहर अपने कलात्मक व भव्य महलो, सुंदर झीलो और मनमोहक बागीचो के कारण विश्व भर के पर्यटको की सबसे पसंदिदा जगहो में से एक है। उदयपुर दर्शनीय स्थल – उदयपुर के टॉप 15 पर्यटन स्थलउदयपुर दर्शनीय स्थलो के सुंदर दृश्यलेक पैलेसलेक पैलेस उदयपुर दर्शनीय स्थल में सबसे अधिक महत्वपूर्ण और सबसे अधिक पसंदिदा स्थलो में से एक है। लेक पैलेस को जल महल के नाम से भी जाना जाता है। यह खुबसूरत भव्य महल पिछोला झील के मध्य में स्थित एक टापू बना हुआ है। जिसके चारो ओर झील का जल रहता है। शायद इसी के कारण इसे लेक पैलेस या जल महल के नाम से संबोधित किया जाता है। इस खुबसूरत जल महल का निर्माण महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने सन् 1754 में करवाया था। सन् 1950 में इस महल को एक पांच सितारा होटल में परिवर्तित कर दिया गया था। तब से आज तक यह सुंदर महल एक होटल के रूप में स्थित है। इस महल को विश्व के सबसे सुंदरतम महलो में गिना जाता है। इस महल की दिवारो पर सुंदर चित्रकारी की गई है। इस महल तक पहुंचने के लिए मोटर बोट व नाव आदि की सुविधा हर समय उपलब्ध रहती है। चांद की रोशनी में यह महल झील के मध्य बहुत सुंदर दिखाई पडता है। चांदनी रित में पिछोला झील में नौका विहार करने का भी अपना अलग ही मजा है। गुलाब बागउदयपुर दर्शनीय स्थल में यह गार्डन बहुत प्रसिद्ध है। इस विशाल पार्क की स्थापना महाराणा सज्जन सिंह ने सन् 1881 में की थी। यह पार्क बच्चो के लिए तो स्वर्ग जैसा है। क्योकि यहा बच्चो के मनोरंजन के लिए टॉय ट्रैन, झूले, और एक छोटा सा चिडियाघर भी है। टॉय ट्रैन की सवारी का बच्चे खूब आनंद उठाते है। टॉय ट्रैन बच्चो को पूरे पार्क की सैर कराती है। फतेह सिगर झीलफतेह सागर झील उदयपुर दर्शनीय स्थल में सबसे खुबसूरत स्थान है। यहा चेतक सर्कल से होते हुए सीधा यहा पहुचा जा सकता है। इस झील की लंबी सर्पीली चिकनी सडक पर सैर करने का अपना अलग ही मजा है। यहा सैलिनी बोटिंग का भी आनंद उठा सकते है। नेहरू द्वीप उद्यानफतेह सागर झील के बीचो बीच स्थित एक टापू पर नेहरू पार्क को विकसित किया गया है। जो पर्यटको को दूर से ही आकर्षित करता है। यहा मोटर बोट में बैठकर पहुंचा जाता है। इस उद्यान में आई.टी.डी.सी का एक रेस्टोरेट भी है। जहा खाने पिने की उत्तम व्यवस्था रहती है। महाराणा प्रताप स्मारकमहाराणा प्रताप के इस स्मारक को मोती मागरी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऊचे हरे भरे टिले पर स्थित है। जिसपे पहुचने के लिए सडक और सीढियो का इस्तेमाल किया जाता है। महाराणा प्रताप का यह स्मारक काफी सुदर है और देखने योग्य है। सहेलियो की बाडीफतेह सागर झील के पास बने इस बाग में सुंदर सुंदरपेड पौधे और संगीतमय फव्वारे अत्यंत मनोहाररी दृश्य प्रस्तुत करते है। इस बाग का निर्माण उदयपुर के महाराजा ने अपने परिवार की महिलाओ के मनोरंजन के लिए करवाया था। यह स्थल सुबह 9 बजे से सांय 6 बजे तक खुला रहता है। तथा यहा प्रवेश के लिए टिकट लेना पडता है। यह स्थान उदयपुर दर्शनीय स्थल में काफी प्रसिद्ध है। भारतीय लोक कला मंडलभारतीय लोक कला मंडल चेतक सर्कल से सीधे पहुचा जा सकता है। लोक कलाओ को संरक्षण देने व उन्नत करने वाले इस केंद्र में लोक परिधानो, आभूषणो, मुखोटो, गुडिया, लोक वाद्यो तथा लोक चित्रकारी का विपुल संग्रह है। यह संस्थान देश विदेश में अपने नृत्य नाटय व कठपुतली के प्रदर्शन भी करता है। राजमहल ( सिटी पैलेस)पिछोला झील के किनारे पर सफेद संगमर से बना यह महलप्राचीन स्थापत्य कला में रूचि रखने वालो के लिए आकर्षण का केंद्र है। यह महल राजस्थान के विशाल महलो में से एक है। सुबह नौ बजे से सांय साढे चार बजे तक खुलने वाले इस महल में टिकट लेकर जाना पडता है।जगदीश मंदिरसन् 1651 में बना यह मंदिर उदयपुर के प्राचीन मंदिरो में से एक है। इस मंदिर तक राजमह से सीधे पहुचा जा सकता है। इस मंदिर का आकार शिल्पकला और पत्थरो को तराशकर बनाई गई मूर्तिया देखने योग्य है। दूध तलाई पार्कगुलाब बाग के पास बना यह पार्क अभी कुछ सालो पहले ही विकसित किया गया है। उदयपुर दर्शनीय स्थल को बढावा देने के उदेश्य से इसका विकास किया गया है। माछाला मगरा (मछली जैसी पहाडी) की तलहटी में बसाए गए इस पार्क का एक सिरा दूध तलाई नामक ताल के किनारे है। शायद इसी वजह से इस पार्क का नाम दूध तलाई पार्क पडा।शिल्प ग्रामयह एक कृत्रिम गांव है। जो 70 एकड भूमि में विकसित किया गया है। यहा आकर ऐसा प्रतित होता है कि जैसे हम किसी वास्तविक गांव के हाट बाजार में खडे है। यहा की झोपडिया घास फूस के छप्पर तथा यहा वहा चबूतरो को देखने का अपना अलग ही मजा है। दोस्तो मुझे तो यह कृतत्रिम गांव उयपुर दर्शनीय स्थल में सबसे अधिक पसंद आया। यहा प्राचीन गावो की कृत्रिम रूपरेखा को देखने मिलती है। राजस्थान पर्यटन पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढे:–आमेर का किलाजलमहल जयपुरजंतर मतर जयपुरहवा महल का इतिहासजोधपुर का इतिहासचित्तौडगढ का किलाअलवर के पर्यटन स्थलअजमेर का इतिहासअजमेर शरीफ का इतिहासख्वाजा गरीब नवाज का इतिहासमाउंट आबू के दर्शनीय स्थलसज्जनगढ पैलेससज्जनगढ पैलेस को पैलेस अॉफ मानसून के नाम से भी जाना जाता है। यह पैलेस शहर के पश्चिम में एक ऊंची पहाडी पर स्थित है। यह स्थान समुद्र तल से 3100 फुट ऊंचाई पर है। इस पैलेस का निर्माण 18वी सदी में हुआ था। यहा से उदयपुर शहर का नजारा बेहद खुबसूरत दिखाई पडता है। कर्णी माता मंदिरश्री मानशपूर्णा कर्णी माता मंदिर राजस्थान के उदयपुर में दुध तालाई झील के पास मच्छला मगरा पहाड़ियों पर स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह कर्ण माता की पत्थर की मूर्ति स्थापित है। यहा पहुचने के लिए पैदल या केबल कार द्वारा जाया जा सकता है। पैदल मार्ग या केबल कार से यहा की चढाई करते समय उदयपुर शहर, महल, झील आदि के बहुत ही सुंदर नजारे दिखाई पडते है। सज्जनगढ जूलॉजिकल गार्डनसज्जनगढ़ जैविक पार्क भारत के राजस्थान उदयपुर में स्थित एक प्राणी उद्यान है। यह जैविक पार्क शहर के केंद्र से करीब 4 किमी दूर मानसून पैलेस (जिसे सज्जनगढ़ पैलेस भी कहा जाता है) के नीचे स्थित है। जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी की वित्तीय सहायता के साथ, 2004-05 में राजस्थान वानिकी और जैव विविधता परियोजना के तहत इस पार्क का निर्माण शुरू हुआ था। यह पार्क 56 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमे एक चिड़ियाघर में जानवरों और पक्षियों की विभिन्न किस्में हैं जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लाई गई हैं। वर्तमान में, इसमें 21 प्रजातियों के 60 जानवर हैं जिनमें बाघ, पैंथर्स, शेर, ओस्ट्रिक, मगरमच्छ, रीसस बंदर इत्यादि शामिल हैं। यह पार्क उदयपुर दर्शनीय स्थल में काफी महत्तवपूरण स्थान रखता है। बागोर की हवेलीबागोर-की-हवेली भारत के राजस्थान राज्य के उदयपुर में एक हवेली है। यह गंगोरी घाट में पिचोला झील के तट पर स्थित है। मेवार के प्रधान मंत्री अमर चंद बदवा ने इसे अठारहवीं सदी में बनवाया था। आज के समय यह हवेली म्यूजियम के रूप में प्रद्शित की जाती है जिसमे घरों के बक्से, पासा-खेल, हुक्का, पैन बक्से, अखरोट पटाखे, हाथ प्रशंसकों, गुलाब के पानी के छिड़कने वाले, तांबे के पात्र और अन्य सामान भी यहां प्रदर्शित होते हैं।शाम को, हवेली राजस्थान के पारंपरिक नृत्य और संगीत के सुखद प्रदर्शन होता है। हवेली रात में चमकती रोशनी के साथ अद्भुत लगती है। बागोर की हवेली शाही परिवार की प्राचीन वास्तुकला और जीवन शैली का पता लगाने के लिए एक आदर्श स्थान है। तथा उदयपुर दर्शनीय स्थल में खासी प्रसिद्ध है।चंद्रमहल सिटी पैलेस जयपुर राजस्थानउदयपुर दर्शनीय स्थल, उदयपुर पर्यटन स्थल, उदयपुर टूरिस्ट पैलेस, उदयपुर में घुमने लायक जगह, उदयपुर की यात्रा, उदयपुर की सैर आदि शीर्षको पर आधारित हमारा यह लेख आपको कैसा लगा आप हमे कमेट करके बता सकते है। यह जानकारी आप अपने दोस्तो के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है।हमारे यह लेख भी जरुर पढ़े —[post_grid id=”6053″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new 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