हवाई जहाज का आविष्कार किसने किया और कैसे हुआ Naeem Ahmad, July 9, 2022February 28, 2024 हवाई जहाज के आविष्कार और उसके विकास में अनेक वैज्ञानिकों का हाथ रहा है, परंतु सफल वायुयान बनाने का श्रेय अमेरिका के दो वैज्ञानिकों विल्बर राइट और आर्विल राइट (राइट ब्रदर्स) को प्राप्त हुआ। अतः उन्हें ही हवाई जहाज का आविष्कारक माना जाता है। इससे पहले मनुष्य भांति-भांति के तरीकों से आकाश में उडने के सपन देखता रहा था, परंतु उसका सपना पूरा ने हो सका।ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया और यह कैसे काम करता हैहाईड्रोजन गैस की खोज के बाद वायुयान के रूप में सबसे पहले गैस-गुब्बारें का आविष्कार हुआ। इससे पहले भी गुब्बारों को गरम हवा द्वारा उडाया जाता था। हाईड्रोजन गैस को उड़ानें के लिए प्रयोग सबसे पहले लीओन्स के पास आनान नगर के दो युवकों जासेफ और एतीयने मागालफियर ने किया। उन्होंने एक गुब्बारे को 6000 फुट की ऊंचाई तक उडाया। उसके बाद पेरिस के राबर्ट बंधुओं ने दस फुट व्यास का रेशम का गुब्बारा तैयार किया और उसमें हाईड्रोजन गैस भरी। 27 अगस्त 1783 को गुब्बारा छोडा गया जो अधिक गैस भरी होने के कारण 15 मील दूर जाकर अचानक फट गया। 19 सितम्बर सन् 1783 में इसी प्रकार के गुब्वारे में एक छोटी-सी टोकरी लगाकर और उसमें एक मुर्गा, बत्तख और भेंड बिठाकर उडाया गया। 21 नवम्बर सन् 1783 को सबसे पहला मानव युक्त गुब्बारा आकाश में उडाया गया।हवाई जहाज का आविष्कार किसने किया और कैसे हुआ1785 में एक अंग्रेज वैज्ञानिक डॉ जेफ्राइस और जो पियर ब्लाशर नामक एक मेकेनिक ने गुब्बार से इंग्लिश चैनल पार करने का साहसिक प्रदर्शन किया, लेकिन आधी दूरी तय करने के बाद गुब्बारा नीच आने लगा। दोना ने भार हल्का करने के लिए खटोला काटकर फेंक दिया ओर र गुब्बारे की जाली से चिपककर उड़ते रहे। इसके बाद उन्होंने अपने कपडे भी उतार-उतार कर फेंकने शुरू कर दिए। अंत में किसी तरह वे चैनल पार करने में सफल हो गए। हवाई गुब्बारा का आविष्कार तो हो गया था, लेकिन इनसे दुर्घटनाओं का सिलसिला शुरू हो गया। अतः यह कोई सुरक्षात्मक साधन साबित नही हुआ। साथ ही गुब्बारा वायु की दिशा में ही बहता था। पूरी उन्नीसवीं सदी के दौरान गुब्बार केवल उत्सव प्रदर्शन और कलाबाजी दिखाने के साधन ही बने रहे।डायनेमो का आविष्कार किसने किया और डायनेमो का सिद्धांतवायु की दिशा के विरुद्ध गुब्बारे को चलाने के बहुत से तरीके इस्तेमाल किए गए। फलस्वरूप ‘डिरिजिबवल’ गुब्बारा यान का निर्माण हुआ ओर उन्हे स्क्रू पंखों से चलाया गया। पंखा चलाने के लिए पेट्रोल इंजन को भी डिरिजिबल में इस्तेमाल किया गया, परंतु केवल लोगों के जीवन के बलिदान के एक लम्बे सिलसिले के अलावा ओर कुछ हासिल न हुआ। उसके बाद एक अन्य अफसर लेफ्टिनट जनरल काउड फर्डिनाड जेपेलिन ने विशेष डिजाइन के वायुपोत बनाए जो जेपेलिन यान कहलाए, लेकिन ये भी बेकार सिद्ध हुए।हवाई जहाजसन् 1799 में कैली नामक व्यक्ति ने सबसे पहले एक ऐसे सिद्धांत का प्रतिपादन किया जिससे भारी वस्तु भी हवा में उड़ाई जा सकती थी। उसने 1804 में अपने सिद्धांत पर आधारित एक ग्लाइडर तैयार किया। कैली के आरंभिक कार्य के कारण ही इंग्लैंड ओर फ्रांस में स्थिर पंख वाले वायुयान पर विचार किया जाने लगा। उन दिनो वायुयान को ऊपर उठने की शक्ति प्रदान करने के विकल्प के रूप मे केवल भाप-इंजन ही उपलब्ध था। पंखधारी भाप इंजन बने भी जिन्हे विंग्ड लोकोमोटिव’ कहा गया, परंतु वे भी उपयोगी सिद्ध न हो सके।थर्मामीटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआ1890 के आस-पास जर्मन इंजीनियर ओटो लिलियथाल ने ग्लाइंडिग संबधी अनेक प्रयोग किए। वे अपने ग्लाइडर के सहारे हवा मे उड़ने में काफी हद तक सफल हुए। पांच वर्ष की अवधि के बीच उन्होने लगभग दो हजार उड़ानें भरी। एक उड़ान के दौरान उनका ग्लाइडर हवा के झोकें से लडखडा कर गिर पडा और उनकी मृत्यु हो गयी। उन्ही दिनों अमेरीका के राइट बधु आर्विल राइट ओर विल्बर राइट अपना मशीनी यान बनाने में लगे हुए थे।थर्मामीटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआ1903 मे उनकी पहली उड़न मशीन तैयार हुई। 17 दिसम्बर 1903 को उसे उड़ानें के लिए पटरियो पर फिट किया गया। आर्विल ने मशीन के नियंत्रण को पेट के बल लेटकर संभाला। कुछ सेंकड़ों की उडान के बाद विमान जमीन पर उतर आया। उन्होने कुछ अन्य सुधारों के साथ एक नया विमान बनाया। वे हर नए विमान मे कुछ न कुछ संशोधन, परिवर्द्धन करते। ओर अंत में मशीनी हवाई जहाज के आविष्कारक के रूप में राइट-बधु प्रतिष्ठित हो गए।इंजन का आविष्कार किसने किया – इंजन की खोज कब हुईइसके बाद संसार के अनेक देशों में हवाई जहाज बनाने ओर उडान के कई प्रयोग किए गए। फ्रांस के सातोस-डुमोट ने भी वायुपोत बनाना छोडकर विमान बनाने मे ध्यान देना शुरू किया। एक अन्य व्यक्ति ब्लेरियो ने विमान उडाने के लिए एक नया तरीका निकाला जो राइट बंधुओं के तार तानने की सुविधा से ज्यादा बेहतर सिद्ध हुआ। ब्लेरियो के एक साथी इंजीनियर ह्यूबट लादाम ने पहली असफलता के बावजूद दूसरी बार अपना हवाई जहाज 3,300 फूट ऊंचाई तक ले जाकर एक कीर्तिमान स्थापित किया। एक रूसी युवक इगोर सिकोर्स्की ने पहली बार अपने विमान मे चार इजंनो का इस्तेमाल किया, जिनकी क्षमता 100 अश्व-शक्ति थी। इस हवाई जहाज में सोलह यात्रियो के बैठने की जगह थी।स्टेथोस्कोप का आविष्कार किसने किया और कब हुआअन्य पश्चिमी देशो में भी विमान का यातायात के में काफी काम किया गया। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अनेक देशो ने विमान विकास पर खुलकर रिसर्च किया ओर कई किस्म के हवाई जहाज बनाए गए। विमानों से बम गिराने का काम भी बड़ पैमाने पर लिया गया। सन् 1914 से 1918 के मध्य हवाई जहाजों की रफ्तार 80-50 मील प्रति घंटे तक प्राप्त कर ली गया थी। विमानों से यात्री ओर डाक-सेवा भी युद्ध के तुरंत बाद से शुरू हो गयी।टैंक का आविष्कार किसने किया और कब हुआहवा से भारी मशीनों के माध्यम से उड़ने का तरीका इस शताब्दी के पूर्वार्ध तक वैसा ही रहा। उडान से सबंधित अनेक महत्त्वपूर्ण आविष्कार हुए और हवाई जहाज के आकार मे कई गुना वृद्धि भी हुई। इस प्रकार इंजन की शक्ति, रफ्तार ओर यात्रियों की सुविधाओं में काफी विश्वसनीय साधन के रूप मे स्थापित करने की दिशा वृद्धि हुई।पेनिसिलिन का आविष्कार किसने किया और कब हुआआज हवाई जहाज आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण है और ध्वनि की गति से भी तेज गति से उड़ने में सक्षम हैं। भारत में सन् 1911 से हवाई जहाजों का आगमन हुआ। संसार में वायुयान डाक सेवा सबसे पहले भारत में ही आरंभ हुई। सन् 1929 में भारत से पहला यात्री विमान लंदन के लिए उडा। आजादी के बाद भारत सरकार की दो विमान सस्थाए ‘एयर इंडिया और ‘इंडियन एयर लाइंस’ खुली। आज इन दोनो कम्पनियों के पास छह सौ से अधिक आधुनिक हवाई जहाज का बेड़ा है, जिसमे बोइंग आर जम्बो जेट जैसे विशालकाय विमान सम्मिलित हैं।माइन क्या होता है और लैंड माइन का आविष्कार किसने कियाआजादी के बाद बंगलौर में हवाई जहाज बनाने का कारखाना खोला गया। ‘हिन्दुस्तान एयर क्राफ्ट लिमिटेड’ नाम के इस कारखाने में आज यात्री ओर युद्ध के विमान बनाए जाते हैं। कानपुर के कारखाने में वायुसेना के विमानो की मरम्मत और निर्माण का काम भी होता है। नासिक, हैदराबाद ओर कोरापुट मे मिग लड़ाकू विमान बनाने के कारखाने हैं। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—- [post_grid id=”8586″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व के प्रमुख आविष्कार प्रमुख खोजें