सेमराध नाथ का मेला – सेमराध धाम मंदिर भदोही Naeem Ahmad, August 11, 2022March 18, 2023 उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में जगीगंज-शेरशाह सूरी मार्ग से गंगा-घाट पर सेमराध नाथ का मंदिर स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। इसी सेमराध नाथ मंदिर पर शिवरात्रि पर भव्य मेला लगता है। जिसे सेमराध नाथ का मेला कहां जाता है, जिसमें भक्तों की काफी भीड़ होती है। Contents1 सेमराध नाथ मंदिर का महत्व2 सेमराध नाथ का मेला3 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- सेमराध नाथ मंदिर का महत्व सेमराध नाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग का पौराणिक महत्व है। कहा जाता है कि पुण्डरिक नामक एक राक्षस यहां के जंगलों में रहता था। वह मनुष्य और भक्तों का प्रताड़ित करता था। राक्षस के अत्याचारों से दुखी भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण के प्रार्थना की। भक्तों की प्रार्थना पर भगवान श्री कृष्ण ने पुण्डरिक नामक राक्षस का वध करने के लिए सुदर्शन चक्र छोड़ा जिससे पुण्डरिक का वध तो हो गया लेकिन काशी जलने लगी। सुदर्शन चक्र को प्रकोप को रोकने के भगवान शिव ने त्रिशूल छोड़ा, सुदर्शन और त्रिशूल के टकराव से तेज प्रकाश उत्पन्न हुआ और धरती के अंदर समा गया। कहते हैं कि इसी प्रकाश से इस शिवलिंग की उत्पत्ति हुई। सेमराध नाथ का मेला एक अन्य मान्यता के अनुसार कहते है किसी समय यहां से एक व्यापारी नदी पार कर रहा था कि नाव रेत मे फंस गयी। बडी मनौती और शिव-आराधना के बाद शिवजी ने स्वप्न दिया कि सेमराध में मेरा मंदिर बनवा कर मूर्ति स्थापित करो तभी तुम्हारी नाव निकलेगी। सेमराध आया तो उसने शिव का साक्षात दर्शन किया और मंदिर का निर्माण कराकर मूर्ति स्थापित की। तभी से यह आस्था और विश्वास का केन्द्र बना हुआ है। सेमराध नाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग कुंए में स्थापित है। सेमराध नाथ का मेला सावन मास के अवसर पर यहां भव्य मेला लगता है। सेमराध नाथ के मेले में 40-50 हजार तक भीड उमड़ पडती है। प्रवचन, कीर्तन मे भाग लेने के लिए यहां संत-महात्मा, भक्तगण तथा विदेशी विद्वान भी आते है। मेले में खरीदारी की अनेक दुकानें लगती है। जिसमें जरूरत के समान, काष्ठ कला के समान, चीनी के बर्तन, बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार के खेल खिलौनों की दुकानें, व नवयुवतियों के लिए सिंगार आदि की वस्तुएं बिकती है। इसके अतिरिक्त मनोरंजन के साधन भी यहां होते हैं। जिनमें छोटे बड़े झूले, मौत का कुआं, सर्कस, आदि प्रमुख हैं। प्रशासन द्वारा यहां सुरक्षा व्यवस्था,सडक यातायात की सुविधा रहती है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- मीरान शाह बाबा दरगाह - मीरान शाह बाबा का उर्स काशी का मेला - काशी विश्वनाथ के मेले चुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानी कंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश शिवपुर का मेला और तारकेश्वर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश विंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश पक्का घाट का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश लोहंदी महावीर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश कजरी तीज कब मनाते हैं - कजरी के गीत - कजरी का मेला ओझला मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश - ओझला पुल सुरियावां का मेला - भोरी महजूदा का कजरहवा मेला देवलास का मेला - देवलास धाम में उत्तर प्रदेश मगहर का मेला कब लगता है - कबीर समाधि मगहर भदेश्वर नाथ मंदिर का महत्व और भदेश्वर नाथ का मेला सिकंदरपुर का मेला - कल्पा जल्पा देवी मंदिर सिकंदरपुर रसड़ा का मेला और नाथ बाबा मंदिर रसड़ा बलिया असेगा का मेला - शोकहरण महादेव मंदिर असेगा बलिया ददरी का मेला कहां लगता है और ददरी मेले का इतिहास बरहज का मेला कब लगता है और मेले का महत्व बांसी का मेला कब लगता है - बांसी मेले का इतिहास कुलकुला देवी मंदिर कहां है - कुलकुला धाम मेला दुग्धेश्वर नाथ मंदिर रूद्रपुर - दुग्धेश्वर नाथ का मेला सोहनाग परशुराम धाम मंदिर और सोहनाग का मेला लेहड़ा देवी मंदिर कहां है - लेहड़ा देवी का मेला कब लगता है बांसगांव का मेला कब लगता है - बांसगांव का इतिहास तरकुलहा का मेला - तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर गोरखनाथ का मेला गोरखपुर उत्तर प्रदेश शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश जमदग्नि आश्रम मेला जमानियां गाजीपुर उत्तर प्रदेश कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश बाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भैरव जी मेला महराजगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश दुर्वासा धाम मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भारत के प्रमुख त्यौहार उत्तर प्रदेश के त्योहारउत्तर प्रदेश के मेलेत्यौहारमेले