साइकिल का आविष्कार किसने किया और कब किया Naeem Ahmad, July 8, 2022March 4, 2024 सन 1813 में मानहाइम (जर्मनी) की सड़कों पर एक व्यक्ति दो पहियों वाले लकडी से बने एक विचित्र वाहन पर आगे-पीछे जमीन पर पैर मारता हुआ चला जा रहा था। राह चलते बच्चे, जवान और बूढ़े सभी उसे देखकर हंस रहे थे। विश्व की प्रथम साइकिल का आविष्कारक यही व्यक्ति था, जिसका नाम बेरन कार्ल फ्रीडरिश क्रिश्चियन लुडविम ड्राइस फान सोरब्रोन था। बेचारे इस व्यक्ति ने साइकिल का आविष्कार क्या किया उसे अपनी पेशनेबल सरकारी नौकरी से भी हाथ धोना पडा। साथ ही उसके कई-शत्रु बन गए। टेढ़े-मेढे, बेढ़ंगे दो पहियों वाले इस वाहन पर जिसे दौडने वाली मशीन कहा जाता था, जब वह पैरों के धक्के से चलाने के लिए अजीब-अजीब हरकतें करता तो लोग उसे तरह तरह के ताने मारते ओर बुरा-भला कहते। अपने इस आविष्कार के लिए सरकार से उसने पेटेंट प्राप्त किया, परंतु वह केवल बादन रियासत की सीमा तक ही वेध था। आज के सबसे लोकप्रिय वाहन के आविष्कार पर उस समय किसी ने भी ध्यान नही दिया। साइकिल का यह आविष्कारक, बेचारा बैरन आर्थिक अभाव में सन् 1851 में चल बसा।साइकिल का आविष्कार किसने किया और कब कियाफ्रांस के कई विद्वानों की राय में एक लीक पर चलने वाले दो पहियों वाले वाहन का आविष्कार सन् 1808 में पेरिस में एक व्यक्ति ने किया था, परंतु इसके विषय में कोई-ठोस प्रमाण मौजूद नही हैं। वर्से बर्किघमशायर में स्थित एक चर्च की खिडकी पर एक व्यक्ति साइकिल जैसे एक वाहन पर सवार हो बिगुल बजाते हुए दिखाया गया है। इस चित्र में नीचे 643 की तिथि लिखी हुई है। इस पर किसी विशप व्यक्ति अथवा स्थान का कोई उल्लेख नही है।ट्रांसफार्मर का आविष्कार किसने किया और यह कैसे काम करता हैआगे चलकर इग्लेंड, फ्रांस और अमेरीका में इस वाहन के विकास पर काफी काम हुआ। बेरन के विचार के अनुसार मनुष्य को पैदल चलते वक्त अपने शरीर का भार एक पैर से दूसरे पैर पर डालने के लिए काफी शक्ति व्यय करनी पडती है। साथ ही शरीर का संतुलन भी बनाए रखना पडता है। अतः क्या कोई ऐसा वाहन नहीं बनाया जा सकता जो मनुष्य को चलते समय बराबर एक धुरी पर बनाए रखे। इसी विचार को लेकर उसने दो पहियो वाले इस वाहन का निर्माण किया और यह सिद्ध कर दिखाया कि एक लीक पर चलने वाला यह वाहन मनुष्य की चाल की गति तेज बना सकता हैं। एक लीक पर दौड़ने वाले इस वाहन पर अपना संतुलन बनाए, जब बेरन सड़कों पर दौडता था लोग आश्चर्य चकित रह जाते।साइकिलइस विचित्र वाहन को सबसे पहले फ्रांस और इंग्लेंड में लोक प्रियता मिली। आरम्भ में साइकिल को हाबी हॉर्सऔर उसके बाद ‘डेंडी हॉर्स’ के नाम से जाना गया। इंग्लेंड और अमेरिका में तो इसे एक नये मनोरंजन की तरह भी अपनाया गया। बडे-बडे हालों में गोल घेरे के बीच नवयुवक-नवयुवतियां इन पर तरह-तरह के करतब दिखाकर लोगों का मनोरजन करते।डायनेमो का आविष्कार किसने किया और डायनेमो का सिद्धांतअब तक इस आविष्कार को आम जानता के लिए सवारी के एक साधन के रूप मे विकसित नही किया जा सका था। सन् 1840 में एक लुहार किर्क पेट्रिक मेकमिलन (स्कॉटलेंड) ने एक सुधरी हुई साइकिल का निर्माण किया। इस प्रकार लकड़ी के बजाय लोहे की बनी साईकिल का प्रचलन शुरू हुआ। एक अन्य जर्मन मैकेनिक फिलिप हाइनरिख फिशर ने अगले पहिए में पेडलों की व्यवस्था कर इसे और अधिक सुगम बनाया। एक अंग्रेज व्यक्ति लॉसन ने पिछले और अगले पहिए के मध्य दांतेदार चक्का और पेड़ल लगाए और एक अन्य स्विस व्यक्ति हास रेनोल्ड ने इसे रोलर चेन द्वारा संबद्ध कर पहिए चलाने की नयी युक्ति ढूंढी। इसके बाद अन्य कई आविष्कारकों ने तीलियों वाले पहिए, बाल बेयरिंग, गीयर शिफ्ट, स्प्रिंगदार गद्दी, फ्री ब्हील आदि का निर्माण कर इसे और अधिक आराम देह बनाया, परंतु गति तेज करने में अब भी पहिए बाधक बन रहे थे।बैटरी का आविष्कार किसने किया और कब हुआइस कमी को स्कॉटलेंड के एक पशु चिकित्सक डॉ जॉन बॉयड डनलप ने टायर ट्यूब का आविष्कार करके दूर किया। यह आविष्कार अचानक उनके दस वर्षीय लडके के कारण हुआ। लडके को एक साइकिल दौड़ में हिस्सा लेना था। उसने अपने पिता से सहायता मांगी। पिता ने साइकिल के ठोस, भारी टायरों की जगह पानी भरने के पाइप को काटकर पहियों पर चढा दिया आर उनमें हवा भरने की व्यवस्था कर दी। लडका दौड़ आसानी से जीत गया। बाद में डनलप ने इसमे सुधार कर अच्छे किस्म के टायर बनाए ओर एक आर्यरिश उद्योगपति के साथ मिलकर हवादार टायरों का उत्पादन आरम्भ कर दिया। इस आविष्कार के बाद ही साइकिल सही रूप में लोकप्रिय हो सकी। इस प्रकार के अनेक प्रयासो के फलम्वरूप सन् 1885 में साइकिल का आधुनिक रूप विकसित हुआ।रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआहवा भरे टायरों ने सडक पर चलने वाले सभी वाहनो के विकास के रास्ते खोल दिए। भारत मे साइकिल का लगभग सन् 1890-91 में प्रचलन हुआ। 1899 में स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू व पिता मोतीलाला नेहरू ने दो साइकिल इग्लैंड से मंगायी थी और चलाना सिखने के लिए एक अंग्रेज युवक को नौकर रखा था। सन् 1905 से भारत ने साइकिल का इंग्लेंड से आयात करना शुरू किया। सन् 1938 में भारत में साइकिल निर्माण का पहला कारखाना कलकत्ता मे सखूला। उसके बाद दो कारखाने बम्बई और पटना में खोले गए। आजकल साईकिलों के कारखाने दिल्ली ओर पंजाब में सबसे ज्यादा हैं। आज हमारे देश में साइकिल उद्योग से संबंधित 125 छोटे तथा 24 बडे कारखाने हैं।रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआआज बाजार में अनेक प्रकार की साइकिलें उपलब्ध है। बच्चो के लिए तीन पहिए वाली छोटी साइकिल भी खूब मिलती है। छोटे आकार से बडे आकार की साइकिलों का निर्माण आज हमारे देश में हो रहा है। निश्चय ही इस सस्ते वाहन ने दूरी तय करने में एक महान योगदान दिया है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-[post_grid id=”8586″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to 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