सवाई पृथ्वी सिंह द्वितीय जयपुर के राजा थे, महाराजा पृथ्वी सिंह जी का जीवन काल 1762 से 1778 बहुत ही अल्प अवधि तक रहा। सवाई पृथ्वी सिंह द्वितीय का जन्म 1762 में हुआ था, सन् 1768 में आप जयपुर राज्य की राजगद्दी पर बिराजे। महाराज पृथ्वी सिंह जी पांच वर्ष की बहुत ही कम उम्र में आप महाराज हो गये थे। आपने सन् 1768 से 1778 तक जयपुर के महाराज रहे। आपके पिता सवाई माधोसिंह थे।
सवाई पृथ्वी सिंह द्वितीय का इतिहास और जीवन परिचय
सवाई माधोसिंह जी का स्वर्गवास हो जाने पर उनके पुत्र पृथ्वीसिंह जी ( द्वितीय ) राज्यासन पर बिराजे। पर इस समय आप नाबालिग थे अतएव राज्य का भार आपके भाई प्रताप सिंह जी की माता चलाती थी। इस रानी का चरित्र अच्छा नहीं था। फिरोज़ नामक महावत को इसने अपना उपपति बना रखा था।
सवाई पृथ्वी सिंह द्वितीय
रानी की कृपा से फ़िरोज राजसभा का सदस्य बन गया था। और राज्य के कार्य भार अत्यधिक हस्तक्षेप करने लगा था, इससे समस्त सामन्त दुखी परेशान और विरक्त हो राजधानी छोड़कर अपने आधीनस्थ गाँवों में चले गये। राज्य का भार फिरोज की आज्ञा नुसार चलाया जाने लगा। उसके सामने किसी ओर सामंत या दरबारियों की नहीं चलती थी। उनके रईसों में से एक, प्रताप सिंह नरुका ने खुद को जयपुर राज्य से अलग कर लिया और अलवर के पास मच्छेरी में एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की। इस तरह अलवर जयपुर से स्वतंत्र एक अलग राज्य बना सन् 1778 में पृथ्वीसिंह जी का घोड़े पर से गिर जाने के कारण देहान्त हो गया। इस समय उनकी आयु 15 वर्ष की थी। उस समय उनकी पत्नी की उम्र ग्यारह वर्ष की थी, ग्यारह वर्ष की विधवा रानी को छोड़कर महाराज सवाई पृथ्वी सिंह जी द्वितीय इस लोक से प्रस्थान कर गए। और जयपुर की राजगद्दी पर उक्त रानी के पुत्र सवाई प्रताप सिंह जी बिराजे।
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