You are currently viewing संत दूलनदास का जीवन परिचय हिंदी में
संत दूलनदास जी महाराज

संत दूलनदास का जीवन परिचय हिंदी में

महात्मा संत दूलनदास जी के जीवन का प्रमाणिक वृत्तान्त भी कितने ही प्रसिद्ध संतो और भक्तों की भांति नहीं मिलता। यह संत जगजीवन दास के गुरुमुख शिष्य थे जो थोड़े बरस 18वी शताब्दी विक्रमी के आखरी भाग में और विशेष काल तक 19वीं शताब्दी के प्रारंभ भाग में वर्तमान थे।

संत दूलनदास का जीवन परिचय

संत दूलनदास जाति के सोम-वंशी ठाकुर थे जिनका जन्म समेसी गांव जिलालखनऊ में एक जमींदार के घर हुआ था। संत जगजीवन दास जी से मौजा सरदहा में उपदेश लेने पर यह बहुत काल तक उनके संग कोटवा में रहे फिर जिला रायबरेली में धर्म्मे नाम का एक गांव बसाया जहां आकर विश्राम किया और बहुत काल तक परमार्थ का सदाव्रत बांट कर चोला छोड़ा।

संत दूलनदास के चमत्कार की कथाओं में एक कथा यह प्रसिद्ध है कि बाराबंकी के उमापुर गांव में एक साधू नवलदास जी विराजते थे जिन के पास एक मुसलमान फकीर रहा करता था। एक दिन नवलदास जी ने उस फकीर से कहा कि तेरे जीवन का कागज फटा ही चाहता है दस दिन और रह गये हैं। यह सुन कर फकीर ने सोचा कि इसी मीआद में जगजीवन दास की चौदहो गद्दियों और चारों पायों का दर्शन कर लूँ, सो सिवाय महात्मा दूलनदास जी के पाये के, सब गद्दी और तीन पायों के दर्शन किये तो सब ने नवलदास जी साधू के वचन को सकारा, पर जब वह महात्मा संत दूलनदास जी के पास नवें दिन पहुंचा और हाल कह कर भभूत मांगी तो महात्मा जी बोले कि नवलदास ने मिथ्या नहीं कहा था परन्तु कागज तेरे “जीवन” का नहीं फटा है वरन तेरे दरिद्रता का।

संत दूलनदास जी महाराज
संत दूलनदास जी महाराज

फिर उसकी प्रार्थना पर उसे दूसरे दिन तक अपने चरणों में रहने की आज्ञा दी। जब मरने का दिन बीत गया तो वह फकीर प्रसन्न होकर नवलदास साधू के पाप गया ओर अपना वृत्तांत कहा जिस पर वह साधू हंस कर बोला कि संत दूलनदास दफ्तर का मालिक है अपने सामर्थ से तेरे जीवन के कागज की जगह तेरे दरिंद्रता का कागज फाड़ दिया अब जा कर निःशंक भजन में लग। संत दूलनदास जी गृहस्थ आश्रम ही में रहे, जाहिर में जमींदारी के काम को नहीं छोड़ा ओर यही मर्यादा संत जगजीवन दास के समस्त गद्दियों और पायों की है।

हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—

संत तुकाराम जी
एक दिन एक किसान अपने खेत से गन्ने कमर पर लाद कर चला। मार्ग में बालकों की भीड़ उसके साथ Read more
संत तुलसीदास जी
भारतीय संस्कृति के प्राण और विश्व साहित्य के कल्पतरू संत तुलसीदास इस लोक के सुख और परलोक के दीपक हैं। Read more
पुण्यभूमि आर्यवर्त के सौराष्ट-प्रान्त (गुजरात) में जीर्ण दुर्ग नामक एक अत्यन्त प्राचीन ऐतिहासिक नगर है, जिसे आजकज जूनागढ़ कहते है। भक्त Read more
संत हरिदास जी निरंजनी
संत हरिदास एक भारतीय संत और कवि थे, और इन्हें निरंजनी संप्रदाय के संस्थापक के रूप में जाना जाता है,इनका काल Read more
संत सूरदास जी
संत सूरदास जी एक परम कृष्ण भक्त, कवि और साध शिरोमणि 16 वें शतक में हुए जो 31 बरस तक गुसाईं Read more
संत सदना जी प्रतीकात्मक चित्र
संत सदना जी का समय पंद्रहवीं शताब्दी के आखरी भाग रहा है। संत सदना जी जाति के कसाई थे। यह Read more
दयाबाई का जीवन परिचय और रचनाएं
महिला संत दयाबाई जी महात्मा संत चरणदास जी की शिष्य और संत सहजोबाई जी की गुर-बहिन थी। संत चरण दास Read more
महिला संत सहजोबाई जी राजपूताना के एक प्रतिष्ठित ढूसर कुल की स्त्री थी जो परम भक्त हुई और संत मत के Read more
भक्त मीराबाई
मीराबाई भक्तिकाल की एक ऐसी संत और कावित्रि हैं, जिनका सबकुछ कृष्ण के लिए समर्पित था। मीरा का कृष्ण प्रेम Read more
बाबा धरनीदास जी
बाबा धरनीदास जी जाति के श्रीवास्तव कायस्थ एक बड़े महात्मा थे। इनका जन्म जिला छपरा बिहार राज्य के मांझी नामक गांव Read more
संत बुल्ला साहब का जीवन परिचय
संत बुल्ला साहब, संत यारी साहब के गुरुमुख चेले और संत जगजीवन साहब व संत गुलाल साहब के गुरू थे। Read more
संत यारी साहब का जीवन परिचय
संत यारी साहब के जीवन का परिचय बहुत खोज करने पर भी कुछ अधिक नहीं मिलता है, सिवाय इसके कि Read more
बाबा मलूकदास जी की प्रतिमा
बाबा मलूकदास जी जिला इलाहाबाद के कड़ा नामक गांव में बैसाख वदी 5 सम्वत्‌ 1631 विक्रमी में लाला सुंदरदास खत्री Read more
संत गुलाल साहब जी
संत गुलाल साहब जाति के छत्री थे, और संत बुल्ला साहब के गुरूमुख शिष्य, तथा संत जगजीवन साहब के गुरु Read more
संत भीखा दास जी की प्रतिमा
संत भीखा दास जिनका घरेलू नाम भीखानंद था जाति के ब्राह्मण चौबे थे। जिला आजमगढ़ के खानपुर बोहना नाम के Read more
संत दरिया साहब मारवाड़ वाले की वाणी
संत दरिया साहब मारवाड़ वाले का जन्म मारवाड़ के जैतारण नामक गांव में भादों वदी अष्टमी संवत्‌ 1733 विक्रमी के Read more
संत दरिया साहब बिहार वाले
परम भक्त सतगुरु संत दरिया साहब जिनकी महिमा जगत प्रसिद्ध है पीरनशाह के बेटे थे। पीरनशाह बड़े प्रतिष्ठित उज्जैन के क्षत्री Read more
संत रैदास जी जाति के चमार एक भारी भक्त थे जिनका नाम हिन्दुस्तान ही नहीं वरन् ओर देशों में भी Read more
संत गरीबदास जी
महात्मा संत गरीबदास जी का जन्म मौजा छुड़ानी, तहसील झज्जर, ज़िला रोहतक हरियाणा में वैसाख सुदी पूनो संवत् 1774 वि० Read more
संत चरणदास जी
महात्मा संत चरणदास जी का जन्म राजपूताना के मेवात प्रदेश के डेहरा नामी गांव में एक प्रसिद्ध ढूसर कुल में Read more
संत सुंदरदास जी
संत सुंदरदास जी के जन्म से संबंधित एक कथा प्रचलित है जिसके अनुसार पिछले समय में प्रचलन था कि साधू Read more
संत दादू दयाल जी
संत दादू दयाल जी का जन्म फागुन सुदी अष्टमी बृहस्पतिवार विक्रमी सम्वत 1601 को मुताबिक ईसवी सन्‌ 1544 के हुआ Read more
संत धर्मदास जी
संत धर्मदास जी महान संत कबीरदास जी के शिष्य थे। वह महान कवि भी थे। वह एक धनी साहुकार थे। Read more
संत कबीर दास जी
संसार का कुछ ऐसा नियम सदा से चला आया है कि किसी महापुरुष के जीवन समय में बहुत कम लोग Read more
कुम्भज ऋषि
उत्तर प्रदेश के जनपदजालौन की कालपी तहसील के अन्तर्गत उरई से उत्तर - पूर्व की ओर 32 किलोमीटर की दूरी Read more
श्री हंस जी महाराज
श्री हंस जी महाराज का जन्म 8 नवंबर, 1900 को पौढ़ी गढ़वाल जिले के तलाई परगने के गाढ़-की-सीढ़ियां गांव में Read more
संत बूटा सिंह जी
हिन्दू धर्म में परमात्मा के विषय में दो धारणाएं प्रचलित रही हैं- पहली तो यह कि परमात्मा निर्गुण निराकार ब्रह्म Read more
हम सब लोगों ने यह अनुभव प्राप्त किया है कि श्री चैतन्य महाप्रभु की शिष्य परंपरा में आध्यात्मिक गुरु किस Read more
महर्षि महेश योगी जी
मैं एक ऐसी पद्धति लेकर हिमालय से उतरा, जो मनुष्य के मन और हृदय को उन, ऊंचाइयों तक ले जा Read more
ओशो
मैं देख रहा हूं कि मनुष्य पूर्णतया दिशा-भ्रष्ट हो गया है, वह एक ऐसी नौका की तरह है, जो मझदार Read more
स्वामी मुक्तानंद
ईश्वर की प्राप्ति गुरु के बिना असंभव है। ज्ञान के प्रकाश से आलोकित गुरु परब्रह्म का अवतार होता है। ऐसे Read more
श्री दीपनारायण महाप्रभु जी
भारत में राजस्थान की मिट्टी ने केवल वीर योद्धा और महान सम्राट ही उत्पन्न नहीं किये, उसने साधुओं, संतों, सिद्धों और गुरुओं Read more
मेहेर बाबा
में सनातन पुरुष हूं। मैं जब यह कहता हूं कि मैं भगवान हूं, तब इसका यह अर्थ नहीं है कि Read more
साईं बाबा
श्री साईं बाबा की गणना बीसवीं शताब्दी में भारत के अग्रणी गरुओं रहस्यवादी संतों और देव-परुषों में की जाती है। Read more
संत ज्ञानेश्वर जी महाराज
दुष्टों की कुटिलता जाकर उनकी सत्कर्मों में प्रीति उत्पन्न हो और समस्त जीवों में परस्पर मित्र भाव वृद्धिंगत हो। अखिल Read more
गुरु गोबिंद सिंह जी
साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज सिखों के दसवें गुरु है। गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष शुक्ल Read more
गुरु तेग बहादुर
हिन्दू धर्म के रक्षक, भारतवर्ष का स्वाभिमान, अमन शांति के अवतार, कुर्बानी के प्रतीक, सिक्खों के नौवें गुरु साहिब श्री Read more
गुरु हरकिशन जी
गुरु हरकिशन जी सिक्खों के दस गुरूओं में से आठवें गुरु है। श्री गुरु हरकिशन जी का जन्म सावन वदी Read more
गुरु हर राय जी
श्री गुरु हर राय जी सिखों के सातवें गुरु थे। श्री गुरू हर राय जी का जन्म कीरतपुर साहिब ज़िला Read more
गुरु हरगोबिंद साहिब जी
श्री गुरु अर्जुन देव जी की शहीदी के बाद आपने जब देखा कि मात्र शांति के साथ कठिन समय ठीक Read more
गुरु अर्जुन देव जी महाराज
गुरु अर्जुन देव जी महाराज सिक्खों के पांचवें गुरु है। गुरु अर्जुन देव जी का जन्म 19 बैसाख, वि.सं. 1620 Read more
गुरु रामदास जी
श्री गुरु रामदास जी सिक्खों के चौथे गुरु थे। श्री गुरू रामदास जी महाराज का जन्म कार्तिक कृष्णा दूज, वि.सं.1591वीरवार Read more
गुरु अमरदास जी
श्री गुरु अमरदास जी महाराज सिखों के तीसरे गुरु साहिब थे। गुरु अमरदास जी का जन्म अमृतसर जिले के ग्राम Read more
गुरु अंगद देव जी
श्री गुरु अंगद देव जी महाराज सिखों के दूसरे गुरु थे। गुरु नानक देव जी ने इन्हीं को अपना उत्तराधिकारी Read more
गुरु नानकदेव जी
साहिब श्री गुरु नानकदेव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा वि.सं. 1526 (15 अप्रैल सन् 1469) में राय भोइ तलवंडी ग्राम Read more
संत नामदेव प्रतिमा
मानव में जब चेतना नहीं रहती तो परिक्रमा करती हुई कोई आवाज जागती है। धरा जब जगमगाने लगती है, तो Read more

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

Leave a Reply