शेख शाह सम्मन मजारशेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेशPost author:Naeem AhmadPost published:July 31, 2022Post category:भारत के प्रमुख त्यौहार / भारत के प्रमुख धार्मिक स्थलPost comments:0 Commentsगाजीपुर जिले मे सैदपुर एक प्रमुख स्थान है। यहा शेख शाह सम्मन की मजार है। मार्च और अप्रैल में यहां बहुत बडा उर्स मेला लगता है जो तीन दिन तक चलता है। इस मेले में हिन्दू-मुस॒लमान दोनों समुदाय के लोगदूर-दूर से आकर चादरे चढाते है। कव्वाली का भव्य आयोजन होता है। नृत्य, सगींत के कार्यक्रम भी होते है। शेख शाह सम्मन मजार गंगा जमुनी तहजीब संस्कृति और एकता का प्रतीक है। शेख शाह सम्मन मजार व उर्स का महत्व सबसे पहले यह जान लेना जरूरी है कि शेख शाह सम्मन कौन थे, शेख शाह सम्मन अपने समय के दुरवेश पीर और वली फकीर रहे हैं। शेख शाह सम्मन, हज़रत जकीरिया मुल्तानी रहमतुल्लाह अलैहि के सिलसिले से संबंध रखते हैं। हजरत जकीरिया मुल्तानी रहमतुल्लाह अलैहि ने हजरत शेख शाह सम्मन को हजरत मखदूम शेख सदरूद्दीन चिरागे हिंद के पास जौनपुर भेजा था। हजरत मखदूम शेख सदरूद्दीन चिरागे हिंद ही हजरत शेख शाह सम्मन के पीर है। यहां पर शेख शाह ने उनकी शागीर्दी में काफी समय गुजारा और विलायत हासिल की।शेख शाह सम्मन मजारविलायत हासिल होते ही हजरत मखदूम शेख सदरूद्दीन चिरागे हिंद ने अपने मुर्शीद शेख शाह सम्मन को आदेश दिया कि विलायत के इस चीराग की रोशनी को चारों ओर फैलाओ और दीन दुखियों की मदद करो। शेख शाह सम्मन अपने पीर से इजाजत लेकर बलिया की सीमा से होते हुए सैदपुर गाजीपुर पहुंचे।यहां आपके चिरागे विलायत की रौशनी दूर दूर तक फैल गई, दीन दुखी लोग मनौती मांगने और अपने कष्टों के निवारण के लिए आपके पास आने लगे। शेख शाह सम्मन ने कई करामातें की है। जिससे आपकी प्रसिद्धि चारों ओर फैली गई। जब शेख शाह इस दुनिया से रूखसत हुए तो उनकी कब्र पर मजार बनाया गया। आज भी बड़ी संख्या में उनके मानने वाले हर समुदाय के लोग उनके मजार पर आते हैं। चादर चढ़ाते हैं और मनौतियां मनाते हैं।कहा जाता है कि बेऔलाद दम्पत्ति के यहां मनौती मांगने पर औलाद की प्राप्ति होती है ओर कोढ़ के रोग से ग्रस्त व्यक्ति भी यहां चादर चढ़ाने और मनौती मांगने पर रोग मुक्त हो जाते है। शेख शाह सम्मन के उर्स के मौके पर यहां हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और मनौतियां मांगते हैं। उर्स के मौके पर यहां बड़ा मेला लगता है जिसमें विभिन्न प्रकार के मनोरंजन और खरीदारी की दुकानें लगती है। यहा भी गमनागमन, सन्देशवाहन तथा आवास की सुविधाए उपलब्ध है। इस उर्स मेले को भावात्मक एकता का प्रतीक माना जा सकता है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— ओणम पर्व की रोचक तथ्य और फेस्टिवल की जानकारी हिन्दी में विशु पर्व, केरल के प्रसिद्ध त्योहार की रोचक जानकारी हिन्दी में थेय्यम नृत्य फेस्टिवल की रोचक जानकारी हिन्दी में theyyam festival केरल नौका दौड़ महोत्सव - 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