You are currently viewing शीशगंज साहिब का इतिहास – शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी
शीशगंज साहिब गुरूद्वारे के सुंदर दृश्य

शीशगंज साहिब का इतिहास – शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी

गुरुद्वारा शीशगंज साहिब एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण गुरुद्वारा है जो सिक्खों के नौवें गुरु तेग बहादुर को समर्पित है। जिन्होंने ने पहले गुरु नानक जी की भावना को जारी रखा। यह वह स्थान जहाँ गुरु तेगबहादुर जी को मुगल बादशाह औरंगजेब द्वारा फांसी देकर शहीद किया गया था। गुरुद्वारा शीश गंज साहिब पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक की घनी आबादी में स्थित है। और बाद में सिक्खों द्वारा यहां एक गुरुद्वारे का निर्माण किया गया। और यहां सभी सिख गुरुद्वारो की तरह, यह सभी धर्मों और जातियों के लोगों के लिए खुला है। यहाँ एक क्लोक रूम भी है जहाँ आप सुरक्षित रूप से अपना सामान रख सकते हैं। आपको गुरुद्वारा में नंगे पैर प्रवेश करना है। प्रवेश करने से पहले अपने हाथ, पैर धोएं, अपने सिर को कपड़े से ढकें (वे भी गुरुद्वारा द्वार द्वारा प्रदान किए जाते हैं) और फिर आप मुख्य हॉल में प्रवेश कर सकते हैं। सुबह से देर रात तक कीर्तन (संगीत प्रार्थना) जारी रहता है। कुल मिलाकर यह एक शांत, अध्यात्मिक और ऐतिहासिक स्थान है। आगे के अपने इस लेख में हम गुरूद्वारा शीशगंज साहिब का इतिहास, हिस्ट्री ऑफ शीशगंज साहिब, शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिन्दी, मे जानेगें।

शीशगंज गुरूद्वारा हिस्ट्री इन हिंदी – शीशगंज गुरूद्वारे का इतिहास

यह गुरुद्वारा पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से आधा किमी दूर चांदनी चौक में स्थापित है। गुरूद्वारा साहिब मुख्य मार्ग पर स्थापित है। गुरूद्वारा शीशगंज साहिब की स्थापना सन् 1783 में सरदार बघेल सिंह द्वारा की गई थी।

कहा जाता हैं कि जब सिक्खों के नौवें गुरु, गुरु तेगबहादुर जी अपने साथी भाई मतीदास, भाई दयाल दास, भाई सतीदास, भाई गुरूदित्ता के साथ आनन्दपुर साहिब से दिल्ली की ओर आ रहे थे, तो औरंगजेब ने आदेश दिया कि गुरु जी को गिरफ्तार कर उनके सामने लाया जाये। इसके पहले ही सतगुरु तेगबहादुर जी आगरा में गिरफ्तार हो चुके थे। औरंगजेब ने 1200 घुड़सवारों की एक टुकड़ी आगरा भेजी गुरू जी को लाने के लिए। औरंगजेब का आदेश था कि सतगुरु को पूर्ण आदर सम्मान दिया जाये। सदगुरू तेगबहादुर जी अपने पांच सिक्खों के साथ अपने घोडों पर चढ़कर दिल्ली आये।

प्रातःकाल औरंगजेब के सामने सदगुरू तेगबहादुर जी को पेश किया गया। औरंगजेब ने उनसे कहा कि — मैं चाहता हूँ कि संसार में केवल एक धर्म इस्लाम रहे, हिन्दू धर्म को मैं जड़ से मिटा देना चाहता हूँ। अतः आप इस्लाम धर्म स्वीकार करें, इसके बदले में मैं आपको अनेकों उपहार और सुविधाएं दूंगा।

शीशगंज साहिब गुरूद्वारे के सुंदर दृश्य
शीशगंज साहिब गुरूद्वारे के सुंदर दृश्य

सदगुरू तेगबहादुर जी ने जवाब दिया— कि संसार में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख अनेकों धर्म है, प्रत्येक मनुष्य ईश्वर की इच्छा से अपना जीवन व्यतीत करता है। अतः मुझे आपका प्रस्ताव मंजूर नहीं है।

औरंगजेब ने उनको जेल में डाल दिया। औरंगजेब ने गुरू तेगबहादुर जी को बहुत लोभ और लालच दिया, परंतु गुरू तेगबहादुर जी किसी भी लोभ और लालच के आगे नहीं झुके। तब औरंगजेब ने गुरु तेग बहादुर जी को टार्चर करना शुरू कर दिया। उन्हें लोहे के पिंजरे में बंद कर दिया गया परंतु गुरू तेगबहादुर जी रंचमात्र भी नहीं झुके। गुरूदेव की इस बात से क्रोधित औरंगजेब ने गुरू तेगबहादुर जी को चांदनी चौक पर फांसी देने का हुक्म जारी कर दिया। इससे पहले दिल्ली के अनेक मौलवियों ने गुरु तेगबहादुर से मिलकर उनसे दरख्वास्त की कि वे इस्लाम धर्म स्वीकार कर ले। अपने प्राणों की आहुति न दे। परंतु गुरू तेगबहादुर जी ने जवाब दिया कि अपने धर्म की रक्षा के लिए मुझे मौत स्वर्ग से भी ज्यादा प्रिय हैं।

आज जिस स्थान पर गुरूद्वारा शीशगंज साहिब स्थापित है। फांसी के लिए उस स्थान को चुना गया था। सदगुरू तेगबहादुर जी को एक पेड़ से बांध दिया गया, सदगुरू गुरूवाणी का जाप करते रहे, सदगुरू का मंत्रजाप समाप्त होने पर काजी के आदेश पर जल्लाद जलालुद्दीन ने तलवार से गुरु तेगबहादुर जी का शीश काटकर उन्हें शहीद कर दिया। सदगुरू का शीश उनके धड़ से अलग होकर गिरा पड़ा, उसी समय एक तूफान का झोंका आया। भाई जैता सिंह ने गुरु के शीश को उठा लिया और आनन्दपुर साहिब चले गये। सदगुरू तेगबहादुर जी के शीश का अंतिम संस्कार आनन्दपुर साहिब में किया गया और धड़ का संस्कार गुरूद्वारा रकाबगंज साहिब दिल्ली वाले स्थान पर किया गया।

गुरूद्वारा शीशगंज साहिब का स्थापत्य

गुरूद्वारा शीशगंज साहिब का मुख्य दरबार हाल जिसमें श्री गुरू ग्रंथ साहिब स्थापित है, यह हाल लगभग 150 फुट लम्बा और 40 फुट चौड़ा है। 10 सीढियांचढ़ने के बाद लगभग 7 फुट ऊंची जगती पर दरबार हाल विराजित है। हाल के अंदर लगभग 20×10 वर्ग फुट में पालकी साहिब है। प्रातःकाल से ही यहां गुरूवाणी का प्रवाह निरन्तर होता रहता है। यहा 4×3 फुट लम्बी चौडी और लगभग 4 फुट ऊंची स्वर्ण सम्भे युक्त स्वर्ण पालकी पर श्री गुरू ग्रंथ साहिब शुशोभित है। ग्रंथी साहिब द्वारा निरंतर चवर डुलाया जाता हैं। सम्मपूर्ण दरबार हाल को सुंदर स्वेत संगमरमर के पत्थरों से सजाया गया है। दरबार हाल के द्वारों और पालकी साहिब की सज्जा नित्य सुंदर पुष्पों से की जाती है। गुरूद्वारे का स्वर्ण मंडित गुम्बद जो दूर से ही दिखाई देता है।

गुरूद्वारा शीशगंज साहिब परिसर में जोड़ा घर, किताब घर, तथा लंगर हॉल भी स्थापित है। जहां छोटे बडे़ सभी लोग कार सेवा करते है। लंगर में प्रतिदिन हजारों भक्तगण निशुल्क लंगर छकते है। तथा यहां निशुल्क सुजी के हलवे का प्रसाद भक्तों में वितरण किया जाता है। गुरूद्वारा शीशगंज साहिब का क्षेत्रफल लगभग 4 एकड़ का है। गुरूद्वारे का मुख्य भवन लगभग 80 फुट ऊंचा है। जिसका शिखर चार छतरियों के साथ स्वर्ण मंडित है।।

भारत के प्रमुख गुरूद्वारों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-

पटना साहिब के फोटो
बिहार की राजधानी पटना शहर एक धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है। यह शहर सिख और जैन धर्म के अनुयायियों के Read more
समुद्र तल से लगभग 4329 मीटर की हाईट पर स्थित गुरूद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) उतराखंड राज्य (Utrakhand state) Read more
नानकमत्ता साहिब के सुंदर दृश्य
नानकमत्ता साहिब सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थान है। यह स्थान उतराखंड राज्य के उधमसिंहनगर जिले (रूद्रपुर) नानकमत्ता नामक नगर में Read more
आनंदपुर साहिब के सुंदर दृश्य
आनंदपुर साहिब, जिसे कभी-कभी बस आनंदपुर आनंद का शहर" कहा जाता है के रूप में संदर्भित किया जाता है, यह Read more
हजूर साहिब नांदेड़ के सुंदर दृश्य
हजूर साहिब गुरूद्वारा महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जिले में स्थापित हैं। यह स्थान गुरु गोविंद सिंह जी का कार्य स्थल Read more
स्वर्ण मंदिर अमृतसर के सुंदर दृश्य
स्वर्ण मंदिर क्या है? :- स्वर्ण मंदिर सिक्ख धर्म के अनुयायियों का धार्मिक केन्द्र है। यह सिक्खों का प्रमुख गुरूद्वारा Read more
दुख भंजनी बेरी ट्री एक पुराना बेर का पेड़ है जिसे पवित्र माना जाता है और इसमें चमत्कारी शक्ति होती Read more
श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर के सुंदर दृश्य
यह ऐतिहासिक तथा पवित्र पांच मंजिलों वाली भव्य इमारत श्री हरमंदिर साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी के बिल्कुल सामने स्थित है। Read more
गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी के सुंदर दृश्य
गुरूद्वारा बाबा अटल राय जी अमृतसर का एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। हर साल हरमंदिर साहिब जाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में Read more
पांवटा साहिब के सुंदर दृश्य
गुरुद्वारा पांवटा साहिब, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। पांवटा साहिब पर्यटन स्थल Read more
तख्त श्री दमदमा साहिब के सुंदर दृश्य
यह तख्त साहिब भटिंडा ज़िला मुख्यलय से 35 किमी दूर तलवांडी साबो में बस स्टेशन के बगल में स्थापित है Read more
गुरू ग्रंथ साहिब
जिस तरह हिन्दुओं के लिए रामायण, गीता, मुसलमानों के लिए कुरान शरीफ, ईसाइयों के लिए बाइबल पूजनीय है। इसी तरह Read more
पांच तख्त साहिब के सुंदर दृश्य
जैसा की आप और हम जानते है कि सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब है। सिक्ख तख्त साहिब की Read more
खालसा पंथ
"खालसा पंथ" दोस्तों यह नाम आपने अक्सर सुना व पढ़ा होगा। खालसा पंथ क्या है। आज के अपने इस लेख Read more
गुरूद्वारा गुरू का महल के सुंदर दृश्य
गुरूद्वारा गुरू का महल कटड़ा बाग चौक पासियां अमृतसर मे स्थित है। श्री गुरू रामदास जी ने गुरू गद्दी काल Read more
गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब के सुंदर दृश्य
गुरुद्वारा शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जी सिक्खों की तीर्थ नगरी अमृतसर में स्थित है। गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब वह जगह Read more
अमृतसर शहर के कुल 13 द्वार है। लोहगढ़ द्वार के अंदर लोहगढ़ किला स्थित है। तत्कालीन मुगल सरकार पर्याप्त रूप Read more
सिख धर्म के पांच ककार
प्रिय पाठकों अपने इस लेख में हम सिख धर्म के उन पांच प्रतीक चिन्हों के बारें में जानेंगे, जिन्हें धारण Read more
तरनतारन गुरूद्वारा साहिब के सुंदर दृश्य
तरनतारन गुरूद्वारा साहिब, भारत के पंजाब राज्य में एक शहर), जिला मुख्यालय और तरन तारन जिले की नगरपालिका परिषद है। Read more
गुरूद्वारा मंजी साहिब आलमगीर लुधियाना के सुंदर दृश्य
गुरूद्वारा मंजी साहिब लुधियाना के आलमगीर में स्थापित है। यह स्थान लुधियाना रेलवे स्टेशन से 16 किलोमीटर की दूरी पर Read more
मंजी साहिब गुरुद्वारा, नीम साहिब गुरूद्वारा कैथल के सुंदर दृश्य
मंजी साहिब गुरूद्वारा हरियाणा के कैथल शहर में स्थित है। कैथल भारत के हरियाणा राज्य का एक जिला, शहर और Read more
दुख निवारण साहिब पटियाला के सुंदर दृश्य
दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब पटियाला रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड से 300 मी की दूरी पर स्थित है। दुख निवारण Read more
गोइंदवाल साहिब के सुंदर दृश्य
गुरू श्री अंगद देव जी के हुक्म से श्री गुरू अमरदास जी ने पवित्र ऐतिहासिक नगर श्री गोइंदवाल साहिब को Read more
नानकसर साहिब कलेरा जगराओं के सुंदर दृश्य
गुरूद्वारा नानकसर कलेरा जगराओं लुधियाना जिले की जगराओं तहसील में स्थापित है।यह लुधियाना शहर से 40 किलोमीटर और जगराओं से Read more
गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब माछीवाड़ा के सुंदर दृश्य
गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब लुधियाना जिले की माछीवाड़ा तहसील में समराला नामक स्थान पर स्थित है। जो लुधियाना शहर से Read more
मुक्तसर साहिब के सुंदर दृश्य
मुक्तसर फरीदकोट जिले के सब डिवीजन का मुख्यालय है। तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है। Read more
गुरूद्वारा श्री तेगबहादुर साहिब या धुबरी साहिब भारत के असम राज्य के धुबरी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित Read more
गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब के सुंदर दृश्य
गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब कर्नाटक राज्य के बीदर जिले में स्थित है। यह सिक्खों का पवित्र और ऐतिहासिक तीर्थ स्थान Read more
नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला
नाड़ा साहिब गुरूद्वारा चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 5किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नाड़ा साहिब गुरूद्वारा हरियाणा प्रदेश के पंचकूला Read more
गुरुद्वारा पिपली साहिब पुतलीघर अमृतसर
गुरुद्वारा पिपली साहिब अमृतसर रेलवे स्टेशन से छेहरटा जाने वाली सड़क पर चौक पुतलीघर से आबादी इस्लामाबाद वाले बाजार एवं Read more
गुरुद्वारा पातालपुरी साहिब, यह गुरुद्वारा रूपनगर जिले के किरतपुर में स्थित है। यह सतलुज नदी के तट पर बनाया गया Read more
गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब चमकौर
गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब श्री चमकौर साहिब में स्थापित है। यह गुरुद्वारा ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। इस स्थान पर श्री गुरु गोबिंद Read more
गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी
गुरुद्वारा बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी नामक कस्बे में स्थित है। सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला जिले का एक प्रमुख नगर है। तथा Read more
गुरुद्वारा हट्ट साहिब
गुरुद्वारा हट्ट साहिब, पंजाब के जिला कपूरथला में सुल्तानपुर लोधी एक प्रसिद्ध कस्बा है। यहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु Read more
गुरुद्वारा मुक्तसर साहिब
मुक्तसर जिला फरीदकोट के सब डिवीजन का मुख्यालय है तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है। Read more
गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूर लोकसभा के सामने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब की स्थापना Read more
दरबार साहिब तरनतारन
श्री दरबार साहिब तरनतारन रेलवे स्टेशन से 1 किलोमीटर तथा बस स्टैंड तरनतारन से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित Read more
गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब
गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर शहर मे स्थित है बिलासपुर, कीरतपुर साहिब से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर Read more
मोती बाग गुरुद्वारा साहिब
मोती बाग गुरुद्वारादिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। गुरुद्वारा मोती बाग दिल्ली के प्रमुख गुरुद्वारों में से Read more
गुरुद्वारा मजनूं का टीला साहिब
गुरुद्वारा मजनूं का टीला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर एवं पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी Read more
बंगला साहिब गुरुद्वारा
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 3 किलोमीटर की दूरी पर गोल डाकखाने के पास बंगला साहिब गुरुद्वारा स्थापित है। बंगला Read more
लखनऊ गुरुद्वारा गुरु तेगबहादुर साहिब
उत्तर प्रदेश की की राजधानी लखनऊ के जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर यहियागंज के बाजार में स्थापित लखनऊ Read more
नाका गुरुद्वारा
नाका गुरुद्वारा, यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ में स्थित है। नाका गुरुद्वारा साहिब के बारे में कहा जाता है Read more
गुरुद्वारा गुरु का ताल आगरा
आगरा भारत के शेरशाह सूरी मार्ग पर उत्तर दक्षिण की तरफ यमुना किनारे वृज भूमि में बसा हुआ एक पुरातन Read more
गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग बनारस
गुरुद्वारा बड़ी संगत गुरु तेगबहादुर जी को समर्पित है। जो बनारस रेलवे स्टेशन से लगभग 9 किलोमीटर दूर नीचीबाग में Read more

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

Leave a Reply