वल्लभी का इतिहास – वल्लभीपुर का इतिहास Naeem Ahmad, February 24, 2023 वल्लभी या वल्लभीपुर यह स्थान गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में हुआ करता था। आजकल यह गुजरात राज्य के भावनगर जिले का एक ऐतिहासिक नगर है, और घेला नदी के किनारे बसा हुआ है। इसका नामकरण वल्लभ वंश पर पड़ा। वल्लभी कभी प्राचीन मैत्रक वंश की राजधानी हुआ करता था। वल्लभीपुर शिक्षा का महत्वपूर्ण केंद्र था, यहां कई बौद्ध मठ भी थे। वल्लभी का इतिहास – वल्लभीपुर का इतिहास वल्लभ वंश के शासकों ने वल्लभी पर 319 ई० में कब्जा करके इसे अपनी राजधानी बनाया। गुप्त वंश के पतन के बाद भट्टारक ने यहाँ मैत्रक वंश के शासन की नींव डाली। उसके बाद यहाँ धारसेन प्रथम और द्रोण सिंह शासक बने। इन्हें हूणों का आधिपत्य स्वीकार करना पड़ा था, परंतु कुछ समय बाद ये स्वतंत्र हो गए। आई सांग और ह्यूंन सांग भी यहाँ आए थे। ह्वांग सांग की यात्रा के दौरान ध्रुवसेन द्वितीय यहाँ का शासक था। हर्षवर्धन ने उसे सातवीं शताब्दी के प्रारंभिक भाग में हराया था। उसे भड़ौंच के राजा ददद द्वितीय के यहाँ शरण लेनी पड़ी। परंतु बाद में हर्ष ने वल्लभी ध्रुवसेन को ही लौटा दी। ध्रुवसेन ने हर्ष की पुत्री से विवाह किया। वल्लभी का इतिहास वह हर्ष द्वारा प्रयाग में आयोजित उत्सव में भी शामिल हुआ। उसके बाद ध्रुवसेन चतुर्थ राजा हुआ। उसने परमभटटारक, महराजाधिराज, परमेश्वर, चक्रवर्ती आदि विरुद धारण किए। 648 ई० के भड़ौंच के अभिलेख से ज्ञात होता है कि उसने गुर्जरों के प्रदेश को जीतकर अपने राज्य का विस्तार किया। अरबी हमलावरों ने 650 में ही वल्लभी को नष्ट कर दिया था, परंतु इसके ध्वंसावशेष अकबर के समय तक भी थे। वल्लभी उन दिनों पश्चिमी भारत का शिक्षा का एक बड़ा केंद्र हुआ करता था। वल्लभी विश्वविद्यालय में हीनयान धर्म की शिक्षा दी जाती थी। गुणमति और स्थिरमति इसके प्रसिद्ध अध्यापकों में से थे। वल्लभी राजाओं ने इस विश्वविद्यालय के माध्यम से शिक्षा प्रसार के लिए दिल खोल कर दान दिया। वल्लभी का धार्मिक महत्त्व भी पर्याप्त था। पाँचवीं शताब्दी में यहां एक बड़ी जैन सभा हुई, जिसमें जैन धर्म की धार्मिक पुस्तकों अंग और उपांग को वर्तमान रूप दिया गया। वल्लभी के सौ मठों में लगभग 6000 भिक्षु रहा करते थे। अशोक ने उनके लिए यहां एक स्तूप का निर्माण कराया था। वल्लभी में कुमारगुप्त प्रथम के सिक्के भी मिले हैं। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- बड़ौदा के दर्शनीय स्थल - बड़ौदा का इतिहास जूनागढ़ का इतिहास - गिरनार पर्वत जूनागढ़ पालिताना का इतिहास और दर्शनीय स्थल भड़ौच का इतिहास और भड़ौच के दर्शनीय स्थल लोथल की खोज किसने की और कब हुई कच्छ का इतिहास और कच्छ के दर्शनीय स्थल पाटण का इतिहास और पर्यटन - अन्हिलवाड़ा कहां है राजकोट के दर्शनीय स्थल - राजकोट के टॉप 25 पर्यटन, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थल सूरत पर्यटन - सूरत के टॉप 10 पर्यटन, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थल Dakor temple history in hindi - डाकोर धाम गुजरात गांधीनगर पर्यटन स्थल - गांधीनगर के टॉप 10 दर्शनीय स्थल गिर नेशनल पार्क - गिर राष्ट्रीय उद्यान की रोचक जानकारी वडोदरा दर्शनीय स्थल - वडोदरा के टॉप 10 पर्यटन स्थल द्वारकाधीश मंदिर का इतिहास - द्वारका धाम - द्वारकापुरी अहमदाबाद दर्शनीय स्थल - अहमदाबाद के पर्यटन स्थल - अहमदाबाद का इतिहास नागेश्वर महादेव - नागेश्वर मंदिर की 10 रोचक जानकारीयां सापूतारा लेक गुजरात का एक मात्र हिल्स स्टेशन की जानकारी हिन्दी में सोमनाथ मंदिर का इतिहास somnath tample history in hindi Uncategorized गुजरात दर्शनगुजरात पर्यटनहिस्ट्री