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भुल्ला ताल का सुंदर दृश्य

लैंसडाउन पर्यटन स्थल – बर्फबारी के सुंदर दृश्य

उत्तराखंड राज्य केपौडी गढवाल जिले में स्थित लैंसडाउन एक खुबसूरत व स्वच्छ हिल्स स्टेशन है। लैंसडाउन समुद्रतल से 1706 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। अपने अब तक के जीवन काल में मैने भारत वर्ष के अनेको पर्यटन स्थलो की सैर की है। और बहुत से पर्यटन स्थलो पर तो कई कई बार जाना हुआ है। ऐसा इसलिए भी मुमकिन हुआ है कि क्योकि यह मेरे काम और व्यपार का एक हिस्सा भी है।

अपनी अब तक की लाइफ में भारत के जितने भी भी पर्यटन स्थलो पर गया हूँ। मैने लैंसडाउन से ज्यादा स्वच्छ पर्यटन स्थल नही देखा। इस पर्यटन स्थल की साफ सफाई की व्यवस्था हकीकत में तारीफ के योग्य है।

यहा साफ सफाई की ऐसी व्यवस्था शायद इसलिए भी हो, क्योकि यह पूरा क्षेत्र गढवाल राइफल्स की सैन्य छावनी है। यह छावनी गढवाल राइफल्स का गढ भी है। जितनी स्वच्छता यहा के रख रखाव में है, उतनी ही शुद्धता यहा के वातावरण में भी मौजूद है। जिसका श्रेय यहा की पहाडीयो घाटियो में दूर तक फैलै चीड के वृक्ष व अन्य वन्य संपदा को जाता है।

जो यहां के वातावरण को शुद्धता के साथ साथ हरियाली और मनोहारी दृश्य भी प्रदान करते है। दूर दिखाई देती हिमालय की बर्फ से ढकी चोटिया व यहा का शांत वातावरण पर्यटको का मन मोह लेता है।

इस खूबसूरत हिल्स स्टेशन को अंग्रेजो ने 1887 में बसाया था। पहले इस स्थान को कालूडांडा के नाम से जाना जाता था। उस समय के वायसराय अॉफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर ही इसका नाम बदलकर(लैंसडाउन)रखा गया था।

आप भुल्ला ताल को विडियो के माध्यम से भी देख सकते है:–

लैंसडाउन के पर्यटन स्थल

लैंसडाउन में पर्यटको के देखने के लिए ज्यादा स्थल तो नही है। यहा के दर्शनीय स्थलो में भुल्ला ताल, टिप-एन-टॉप, गढवाल राइफल्स वॉर ममोरियल और म्यूजियम, पुराना चर्च, संतोषी माता मंदिर आदि प्रमुख है। आइए इनमे से कुछ के बारे में विस्तार से जानते है।

लैंसडाउन भुल्ला ताल
भुल्ला ताल का सुंदर दृश्य
लैंसडाउन भुल्ला ताल
भुल्ला ताल में बोटिंग करते पर्यटक
रेस्टोरेंट भुल्ला ताल लैंसडाउन
रेस्टोरेंट भुल्ला ताल
हट्स और पार्क भुल्ला ताल लैंसडाउन
हट्स और पार्क भुल्ला ताल

भुल्ला ताल

भुल्ला ताल गढवाल रेजिमेंट के वीर शहीदो को समर्पित एक छोटी सी व खूबसूरत झील है। जिसकी लम्बाई 140 मीटर तथा चौडाई 40.5 मीटर है। परंतु इस छोटी सी झील में आप बोटिंग का आनंद उठा सकते है। झील के चारो ओर कई खुबसूरत हट्स बने है। जहां बैठकर आप प्रकृति के दृश्यो का आनंद उठा सकते है। जब आप यहा बैठकर प्रकृति के दृश्यों का आनंद ले रहे हो, तो आपके बच्चे आपको परेशान न करे इसके लिए हट्स के पास ही बच्चो के खेल कूद और मनोरंजन के लिए झूले, व अन्य उपकरण भी है। झील और उसके चारो ओर के भाग की एक तार बांउड्री है। बांउड्री के बाहर कई खुबसूरत रिजॉर्ट व एक रेस्टोरेंट है। झील में प्रवेश के लिए व बोटिंग के लिए अलग अलग शुल्क लगता है।

आम नागरिक प्रवेश शुल्क– 20 रूपये प्रतिव्यक्ति

सैन्य अधिकारी व परिजन प्रवेश शुल्क– 10 रूपये प्रतिव्यक्ति

आम नागरिक बोटिंग शुल्क — 80 रूपये प्रतिव्यक्ति

सैन्य अधिकारी व परिजन बोटिंग शुल्क– 30 रूपये प्रतिव्यक्ति।

आप टिप-एन-टॉप से दिखाई देने वाले दृश्यों को विडियो के माध्यम से भी देख सकते है:–

टिप-एन-टॉप

भुल्ला तिल से टिप एन टॉप की दूरी लगभग 1.5 किलोमीटर है। भुल्ला ताल जाने वाले मार्ग से ही एक मार्ग ऊपर की ओर टिप एन टॉप पर जाता है। टिप एन टॉप इस सैन्य क्षेत्र के पहाड की चोटी है। जहा से हिमालय पर्वत की बर्फ से ढकी चोटिया दिखाई पडती है। तथा नीचे की ओर हजारो फीट गहराई। यहा पार छोटे छोटे कॉटेज और एक रेस्टोरेंट भी है। इन कॉटेज में आप रात्री में ठहर सकते है। यहा पर कार पार्किंग के 20 रूपये शुल्क के अलावा व्यू प्वाइंट का कोई शुल्क नही लगता है।

टिप एन टॉप लैंसडाउन
टिप-एन-टॉप से दिखाई बर्फ की चोटियां
पर्यटक कॉटेज टिप-एन-टॉप लैंसडाउन
पर्यटक कॉटेज टिप-एन-टॉप

गढवाल रेजिमेंट संग्रहालय

यह संग्रहालय छावनी मुख्यालय और परेड ग्रांउड के पास स्थित है। इस संअगरहालय में गढवाल रेजिमेट के अब तक के इतिहास, व हथियारो को संग्रहीत करके रखा गया है।

पुराना चर्च

100 साल पुराना यह छोटा सा चर्च खूबसूरत व दर्शनीय है।

सिद्धबली मंदिर कोटद्धार

लैंसडाउन कैसे पहुंचे

लैसडाउन पहुंचने के लिए उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नजीबाबाद तहसील से कोटद्धवार के लिए मार्ग जाता है नजीबाबाद से कोटद्वार की दूरी 25 किलोमीटर है। कोटद्वार से लैंसडाउन की दूरी 44 किलोमीटर है। यदि आप ट्रैन से जाने का प्लान बना रहे है तो बडी लाइन का मुख्य स्टेशन नजीबाबाद पहुंचे। नजीबाबाद से कोटद्वार के लिए रेलवे की शटल सेवा चलती है। कुछ ट्रेने सीधी भी कोटद्वार जाती है। दिल्ली से सीधी बस सेवाएं भी कोटद्वार के लिए चलती है। कोटद्वार से आप लोकल बस व टैक्सी द्वारा आसानी से कोटद्ववार पहुंच सकते है।

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