लखनवी पान की गिलौरी का सुगंधित स्वाद Naeem Ahmad, June 30, 2022March 3, 2023 लखनवी पान:– पान हमारे मुल्क का पुराना शौक रहा है। जब यहाँ हिन्दू राजाओं का शासन था तब भी इसका बड़ा महत्व रहा है, हर एक शुभ काम में पान की मौजूदगी ज़रूरी है। राजा जब युद्ध के लिए निकलता तब एक आदमी थाल में पान के बीड़े लगा कर सामने लाता, राजा थाली में रखे मखमली कपड़े मे ढक्के उन पानों की ओर नजर डालकर कहता– कौन बीड़ा उठायेगा ?’ इसका तात्पर्य यह होता कि इस युद्ध या अभियान की सारी जिम्मेदारी कौन लेगा। लखनवी पान का सुगंधित स्वाद सेनापति मंत्री या अन्य कोई वीर पुरुष जब उस बीड़े को उठा लेता तो यह समझा जाता कि उसने उस कार्य का सारा उत्तरदायित्व अपने ऊपर ले लिया। है, धीरे-धीरे एक शब्द ही मशहूर हो गया- बीड़ा उठाना। जब दरबार में किसी विशिष्ठ व्यक्ति का पदारपर्ण होता तो सबसे पहले उसको खातिरदारी में पानों का बीड़ा हाजिर किया जाता। यही पान जब अवध के दिल यानि कि लखनऊ आया तो पान और उसमें डाले जाने वाले तमाम तरह के मसाले बड़े मशहूर हुए। एक बार जिसके मुँह में लखनवी पान का जायका लग जाता वह उसे जिन्दगी भर न भुला पाता। वह और बात है कि फिल्म वालों ने बनारस के पान को मशहूर कर दिया। हाँ आज वह खूबी तो लखनवी पान में न बची जो पहले कभी हुआ करती थी। लखनऊ में पान और पान में लगने वाले तरह-तरह के मसालों को रखने के लिए एवं पान की पीक थूकने के लिए निहायत खूबसूरत बर्तन जिन्हें पानदान और ‘पीकदान’ कहा जाता था, ईजाद हुए। पान और और उसके मसाले रखने वाले को पानदान तथा पान का पीक थूकने वाले बर्तन को पीकदान कहते है। यह इतने खूबसूरत होते थे कि बाहर से जो भी शख्स लखनऊ आता वह इन बर्तनों को खरीद कर जरूर ले जाता। लखनवी पान पान और तम्बाकू का तो चोली दामन का साथ है। पान मशहूर हुआ तो तम्बाकू भी अपने खुशबूदार लेकिन तेज-तर्रार तेवर के कारण बड़ी मशहूर हुई। कहते हैं कि सुबह तम्बाकू का पान लोग खा लेते तो शाम तक खुशबू बनी रहती। कत्था बनाते वक्त यह ध्यान रखा जाता कि उसमें कड़वाहट न रहने पाये। इसी तरह चूना भी खाने लायक बनाया जाता। हर जगह और हर शहर में मामूली चूना इस्तेमाल होता है, जो अक्सर छना व साफ नहीं होता सिवाय इसके कि चूना बहुत ही तेज़ और अक्काल चीज है। चूने को खूब छानकर और साफ करके इसमें थोड़ी सी मलाई, ताजे दही का तोड़ छानकर मिला देते इस तरीके से लखनऊ के नफीस मिजाज लोगों के पानदानों में ऐसा अच्छा बढ़िया और नुकसान न पहुँचाने वाला चूना होता कि और जगह नहीं मिल सकता। दूसरी चीज है कत्था छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे पानी में पकाते और जब उबलकर वह लाल शर्बत सा हो जाता तो कपड़े से छानकर पानी रखकर जमा देते। आमतौर पर इतना सभी जगह ही होता। मगर यहाँ (लखनऊ में ) एक थाल या तवे में राखा भरकर उस पर एक कपड़ा डालते और उस कपड़े पर जमे हुए कत्थे को रोटी की तरह फैला देते और बराबर पानी छिड़कते जाते। पानी उसकी सुर्खी को लेकर जिसमें बखटापन होता है, राख में समा जाता इस तरह साफ करते-करते कत्थे का सिर्फ वह मजेदार हिस्सा बाकी रह जाता जो धोये कपड़े का सा सफेद और बहुत ही उम्दा होता। फिर उसमें केवड़े की खुशबू देकर या केवड़े के फूल में रखकर सुखा लेते। यह ईजाद लखनऊ की है। आज भी लखनऊ के चौक, हजरतगंज, चारबाग क्षेत्र में ऐसी दुकानें हैं कि उनका लखनवी पान खा लीजिए तो ताजगी महसूस होने लगती है।फिर भी अब लखनवी पान में वह बात तो रही नहीं। नवाबीन वक्त में हर घर में एक पानदान जरूर होता। अधिकांशतः पानदान चाँदी और ताँबे के होते। ताँबे के पानदानों पर ऐसी पालिश कर दी जाती थी कि दूर से अन्दाजा लगाना मुश्किल होता कि पानदान चाँदी का है या ताँबे का। अधिकांशतः पानदान संदूकची के आकार के होते थे। इन पर बड़ी बारीकी से डिजाइनें बनाई जाती। पान के अन्दर तमाम खाने होते जिसमें सबसे बड़ा खाना पान रखने और छोटे खाने तम्बाकू, चूना, कत्था, डली आदि रखने के लिए होते थे। बेस तो पानदानों के ऊपर भी बन्द करने के लिए ढक्कन होता था फिर भी अन्दर इन सभी खानों को ढकने के लिए छोटे-छोटे खूबसूरत ढक्कन होते थे।पानदान दो तरह के होते थे एक तो घर में इस्तेमाल करने और दूसरा जेब में रखने लायक। अब बाहर जाते वक्त बड़ा सा पानदान साथ लेकर चलना तो मुनासिब नहीं। ‘पीकदान’ भी खूबसूरती में कम नहीं थे। ज्यादातर यह खड़े बनाये जाते थे। इनका निचला हिस्सा गोलाकार होता था। जिसके ऊपर एक रॉड लगी होती और इसी रॉड के ऊपरी सिरे पर कटोरे की तरह का पीकदान बना होता जिस पर ढककन भी होता था। वक्त के साथ ही साथ पान भी अपनी विशेषताएँ खोता गया और लुप्त होते गये खूबसूरत बर्तन भी। एक जमाना था जब कोई मेहमान तशरीफ लाता तो उनकी खातिरदारी में सबसे पहले पान पेश किया जाता था। जिसकी जगह अब चाय” और ‘कॉफी’ ने हासिल कर ली है। शहर में लखनवी पान आज भी कई जगह के प्रसिद्ध है, और उनमें तरह तरह की वैरायटी भी मौजूद हैं, शहर के लगभग अधिकतर नुक्कड़ चौराहों पर आज भी पान की कोई न कोई दुकान आपको मिल ही जायेगी, जिनमें कुछ प्रसिद्ध दुकानों पर आपको पचास तरह की वैरायटी के भी पान मिल जायेंगे। लखनवी पान के शौक़ीन लोग आज इनका स्वाद लेने दूर दूर से आते हैं। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—- मलिका किश्वर का इतिहास - मलिका किश्वर की कहानी मलिका किश्वर साहिबा अवध के चौथे बादशाह सुरैयाजाहु नवाब अमजद अली शाह की खास महल नवाब ताजआरा बेगम कालपी के नवाब Read more कुदसिया महल गरीबों की मसीहा लखनऊ के इलाक़ाए छतर मंजिल में रहने वाली बेगमों में कुदसिया महल जेसी गरीब परवर और दिलदार बेगम दूसरी नहीं हुई। Read more शम्सुन्निसा बेगम लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम बेगम शम्सुन्निसा लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम थी। सास की नवाबी में मिल्कियत और मालिकाने की खशबू थी तो बहू Read more बहू बेगम की जीवनी - बहू बेगम का मकबरा कहां स्थित है नवाब बेगम की बहू अर्थात नवाब शुजाउद्दौला की पटरानी का नाम उमत-उल-जहरा था। दिल्ली के वज़ीर खानदान की यह लड़की सन् 1745 Read more नवाब बेगम की जीवनी - सदरून्निसा नवाब सफदरजंग की बेगम अवध के दर्जन भर नवाबों में से दूसरे नवाब अबुल मंसूर खाँ उर्फ़ नवाब सफदरजंग ही ऐसे थे जिन्होंने सिर्फ़ एक Read more सआदत खां बुर्हानुलमुल्क उर्फ मीर मुहम्मद अमीन लखनऊ के प्रथम नवाब सैय्यद मुहम्मद अमी उर्फ सआदत खां बुर्हानुलमुल्क अवध के प्रथम नवाब थे। सन् 1720 ई० में दिल्ली के मुगल बादशाह मुहम्मद Read more नवाब सफदरजंग लखनऊ के दूसरे नवाब नवाब सफदरजंग अवध के द्वितीय नवाब थे। लखनऊ के नवाब के रूप में उन्होंने सन् 1739 से सन् 1756 तक शासन Read more नवाब शुजाउद्दौला लखनऊ के तीसरे नवाब नवाब शुजाउद्दौला लखनऊ के तृतीय नवाब थे। उन्होंने सन् 1756 से सन् 1776 तक अवध पर नवाब के रूप में शासन Read more नवाब आसफुद्दौला लखनऊ के चौथे नवाब नवाब आसफुद्दौला-- यह जानना दिलचस्प है कि अवध (वर्तमान लखनऊ) के नवाब इस तरह से बेजोड़ थे कि इन नवाबों Read more नवाब वजीर अली खां लखनऊ के 5वें नवाब नवाब वजीर अली खां अवध के 5वें नवाब थे। उन्होंने सन् 1797 से सन् 1798 तक लखनऊ के नवाब के रूप Read more नवाब सआदत अली खां द्वितीय लखनऊ के 6वें नवाब नवाब सआदत अली खां अवध 6वें नवाब थे। नवाब सआदत अली खां द्वितीय का जन्म सन् 1752 में हुआ था। Read more नवाब गाजीउद्दीन हैदर लखनऊ के 7वें नवाब नवाब गाजीउद्दीन हैदर अवध के 7वें नवाब थे, इन्होंने लखनऊ के नवाब की गद्दी पर 1814 से 1827 तक शासन किया Read more नवाब नसीरुद्दीन हैदर लखनऊ के 8वें नवाब नवाब नसीरुद्दीन हैदर अवध के 8वें नवाब थे, इन्होंने सन् 1827 से 1837 तक लखनऊ के नवाब के रूप में शासन Read more नवाब मुहम्मद अली शाह लखनऊ के 9वें नवाब मुन्नाजान या नवाब मुहम्मद अली शाह अवध के 9वें नवाब थे। इन्होंने 1837 से 1842 तक लखनऊ के नवाब के Read more नवाब अमजद अली शाह लखनऊ के 10वें नवाब अवध की नवाब वंशावली में कुल 11 नवाब हुए। नवाब अमजद अली शाह लखनऊ के 10वें नवाब थे, नवाब मुहम्मद अली Read more नवाब वाजिद अली शाह कौन थे - वाजिद अली शाह का जीवन परिचय नवाब वाजिद अली शाह लखनऊ के आखिरी नवाब थे। और नवाब अमजद अली शाह के उत्तराधिकारी थे। नवाब अमजद अली शाह Read more लखनऊ के क्रांतिकारी और 1857 की क्रांति में अवध 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में लखनऊ के क्रांतिकारी ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई। इन लखनऊ के क्रांतिकारी पर क्या-क्या न ढाये Read more लखनऊ में 1857 की क्रांति का इतिहास लखनऊ में 1857 की क्रांति में जो आग भड़की उसकी पृष्ठभूमि अंग्रेजों ने स्वयं ही तैयार की थी। मेजर बर्ड Read more शम्सुन्निसा बेगम लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम बेगम शम्सुन्निसा लखनऊ के नवाब आसफुद्दौला की बेगम थी। सास की नवाबी में मिल्कियत और मालिकाने की खशबू थी तो बहू Read more बहू बेगम की जीवनी - बहू बेगम का मकबरा कहां स्थित है नवाब बेगम की बहू अर्थात नवाब शुजाउद्दौला की पटरानी का नाम उमत-उल-जहरा था। दिल्ली के वज़ीर खानदान की यह लड़की सन् 1745 Read more नवाब बेगम की जीवनी - सदरून्निसा नवाब सफदरजंग की बेगम अवध के दर्जन भर नवाबों में से दूसरे नवाब अबुल मंसूर खाँ उर्फ़ नवाब सफदरजंग ही ऐसे थे जिन्होंने सिर्फ़ एक Read more भातखंडे संगीत विद्यालय का इतिहास भारतीय संगीत हमारे देश की आध्यात्मिक विचारधारा की कलात्मक साधना का नाम है, जो परमान्द तथा मोक्ष की प्राप्ति के Read more बेगम अख्तर का जीवन परिचय - बेगम अख्तर कौन थी बेगम अख्तर याद आती हैं तो याद आता है एक जमाना। ये नवम्बर, सन् 1974 की बात है जब भारतीय Read more लखनऊ की बोली अदब और तहजीब की मिसाल उमराव जान को किसी कस्बे में एक औरत मिलती है जिसकी दो बातें सुनकर ही उमराव कह देती है, “आप Read more गोमती नदी का उद्गम स्थल और गोमती नदी लखनऊ के बारे में गोमती लखनऊ नगर के बीच से गुजरने वाली नदी ही नहीं लखनवी तहजीब की एक सांस्कृतिक धारा भी है। इस Read more लखनऊ की चाट कचौरी ऐसा स्वाद रहें हमेशा याद लखनऊ अपने आतिथ्य, समृद्ध संस्कृति और प्रसिद्ध मुगलई भोजन के लिए जाना जाता है। कम ही लोग जानते हैं कि Read more क्राइस्ट चर्च लखनऊ का इतिहास हिन्दी में नवाबों के शहर लखनऊ को उत्तर प्रदेश में सबसे धर्मनिरपेक्ष भावनाओं, संस्कृति और विरासत वाला शहर कहा जा सकता है। धर्मनिरपेक्ष Read more लखनऊ के प्रसिद्ध मंदिर यहां जाना ना भूलें एक लखनऊ वासी के शब्दों में लखनऊ शहर आश्चर्यजनक रूप से वर्षों से यहां बिताए जाने के बावजूद विस्मित करता रहता Read more मूसा बाग लखनऊ जहां स्थित है एक चूहे का मकबरा लखनऊ एक शानदार ऐतिहासिक शहर है जो अद्भुत स्मारकों, उद्यानों और पार्कों का प्रतिनिधित्व करता है। ऐतिहासिक स्मारक ज्यादातर अवध Read more लखनऊ यूनिवर्सिटी का इतिहास इन हिन्दी बड़ा लम्बा सफर तय किया है कैनिंग कालेज ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के रूप में तब्दील होने तक। हाथ में एक Read more राज्य संग्रहालय लखनऊ का इतिहास हिन्दी में लखनऊ के राज्य संग्रहालय का इतिहास लगभग सवा सौ साल पुराना है। कर्नल एबट जो कि सन् 1862 में लखनऊ के Read more चारबाग रेलवे स्टेशन का इतिहास - मुस्कुराइए आप लखनऊ में है चारबाग स्टेशन की इमारत मुस्कुराती हुई लखनऊ तशरीफ लाने वालों का स्वागत करती है। स्टेशन पर कदम रखते ही कहीं न Read more लखनऊ की मस्जिदें - लखनऊ की ऐतिहासिक मस्जिद लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है, और भारत का एक ऐतिहासिक महानगर है। लखनऊ को नवाबों का शहर कहा Read more पतंगबाजी का शौक आपको ही नहीं लखनऊ के नवाबों को भी था पतंगबाजी या कनकौवे बाजी, पतंग उर्फ 'कनकइया' बड़ी पतंग उर्फ 'कमकउवा, बड़े ही अजीबो-गरीब नाम हैं यह भी। वैसे तो Read more लखनऊ की तवायफें जिनसे रहते थे कोठे हमेशा गुलजार नवाबी वक्त में लखनऊ ने नृत्य और संगीत में काफी उन्नति की। नृत्य और संगीत की बात हो और तवायफ का Read more कबूतर बाजी जिसके शौकीन थे लखनऊ के नवाब लखनऊ की नजाकत-नफासत ने अगर संसार में शोहरत पायी है तो यहाँ के लोगों के शौक भी कम मशहूर नहीं Read more मुर्गा की लड़ाई कभी लखनऊ का मुख्य मनोरंजन था कभी लखनऊ की मुर्गा की लड़ाई दूर-दूर तक मशहूर थी। लखनऊ के किसी भी भाग में जब मुर्गा लड़ाई होने वाली Read more अदब और तहजीब तथा भाईचारे मिसाल है लखनऊ लखनऊ सारे संसार के सामने अदब और तहजीब तथा आपसी भाई-चारे की एक मिसाल पेश की है। लखनऊ में बीतचीत Read more लखनवी चिकन कुर्ता - लखनऊ की प्रसिद्ध चिकनकारी लखनऊ का चिकन उद्योग बड़ा मशहूर रहा है। लखनवी कुर्तीयों पर चिकन का काम नवाबीन वक्त में खूब फला-फूला। नवाब आसफुद्दौला Read more लखनऊ का पहनावा - लखनऊ का लिबास लखनऊ नवाबों, रईसों तथा शौकीनों का शहर रहा है, सो पहनावे के मामले में आखिर क्यों पीछे रहता। पुराने समय Read more दिलकुशा कोठी कहां है - दिलकुशा कोठी किस लिए प्रसिद्ध है दिलकुशा कोठी, जिसे "इंग्लिश हाउस" या "विलायती कोठी" के नाम से भी जाना जाता है, लखनऊ में गोमती नदी के तट Read more लखनऊ की बिरयानी - लखनऊ की प्रसिद्ध इदरीस की बिरयानी लखनऊ का व्यंजन अपने अनोखे स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर अपने कोरमा, बिरयानी, नहरी-कुलचा, जर्दा, शीरमल, और वारकी Read more रहीम के नहारी कुलचे लखनऊ - कुलचा नहारी का कोम्बो स्वाद रहीम के नहारी कुलचे:--- लखनऊ शहर का एक समृद्ध इतिहास है, यहां तक कि जब भोजन की बात आती है, तो लखनऊ Read more टुंडे कबाब लखनऊ - टुंडे कबाब की कहानी - टुंडे कबाब का इतिहास उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का नाम सुनते ही सबसे पहले दो चीजों की तरफ ध्यान जाता है। लखनऊ की बोलचाल Read more गोमती रिवर फ्रंट - एक सुहानी शाम गोमती के नाम लखनऊ शहर कभी गोमती नदी के तट पर बसा हुआ था। लेकिन आज यह गोमती नदी लखनऊ शहर के बढ़ते विस्तार Read more अंबेडकर पार्क लखनऊ में गुजारे एक हसीन शाम नवाबों का शहर लखनऊ समृद्ध ऐतिहासिक अतीत और शानदार स्मारकों का पर्याय है, उन कई पार्कों और उद्यानों को नहीं भूलना Read more वाटर पार्क इन लखनऊ - लखनऊ में वाटर पार्क लखनऊ शहर जिसे "बागों और नवाबों का शहर" (बगीचों और नवाबों का शहर) के रूप में जाना जाता है, देश Read more काकोरी कांड कहां हुआ था - काकोरी शहीद स्मारक कहा है उत्तर प्रदेश राज्य में लखनऊ से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा नगर काकोरी अपने दशहरी आम, जरदोजी Read more नैमिषारण्य का इतिहास - नैमिषारण्य तीर्थ का महत्व लखनऊ शहर में मुगल और नवाबी प्रभुत्व का इतिहास रहा है जो मुख्यतः मुस्लिम था। यह ध्यान रखना दिलचस्प है Read more कतर्नियाघाट सेंचुरी - कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य प्रकृति के रहस्यों ने हमेशा मानव जाति को चकित किया है जो लगातार दुनिया के छिपे रहस्यों को उजागर करने Read more नवाबगंज पक्षी विहार कहा स्थित है - नवाबगंज बर्ड सेंचुरी इन हिन्दी लखनऊ में सर्दियों की शुरुआत के साथ, शहर से बाहर जाने और मौसमी बदलाव का जश्न मनाने की आवश्यकता महसूस होने Read more बिठूर आकर्षक स्थल जहां हुआ था लव और कुश का जन्म धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले शहर बिठूर की यात्रा के बिना आपकी लखनऊ की यात्रा पूरी नहीं होगी। बिठूर एक सुरम्य Read more लखनऊ चिड़ियाघर शहर के बीच प्राणी उद्यान एक भ्रमण सांसारिक जीवन और भाग दौड़ वाली जिंदगी से कुछ समय के लिए आवश्यक विश्राम के रूप में कार्य Read more जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ - कुछ पल शुद्ध वातावरण में लखनऊ में हमेशा कुछ खूबसूरत सार्वजनिक पार्क रहे हैं। जिन्होंने नागरिकों को उनके बचपन और कॉलेज के दिनों से लेकर उस Read more लाल बारादरी लखनऊ - लाल बारादरी का इतिहास इस निहायत खूबसूरत लाल बारादरी का निर्माण सआदत अली खांने करवाया था। इसका असली नाम करत्न-उल सुल्तान अर्थात- नवाबों का Read more सफेद बारादरी लखनऊ शोक से खुशियों तक का सफर लखनऊ वासियों के लिए यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है यदि वे कहते हैं कि कैसरबाग में किसी स्थान पर Read more 1 2 Next » Uncategorized लखनऊ पर्यटनस्वादिष्ट व्यंजन