प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी श्री उधमसिंह के नाम पर इस जिले का नामकरण किया गया है। श्री उधमसिंह ने जनरल डायर की हत्या कर जलियांवाला बाग कांड का प्रतिशोध लिया था। उधमसिंह नगर ( रूद्रपुर ) जिले की स्थापना अक्टूबर 1995 में हुई थी जब इसे नैनीताल जिले से पृथक किया गया था। उधमसिंह नगर जिले का क्षेत्रफल 2908 वर्ग किलोमीटर है। तथा उधमसिंह नगर जिले का जिला मुख्यालय रूद्रपुर roodarpur शहर है। उधमसिंह नगर जिले को कुमांऊ की पहाडियो का मुख्यद्धार भी कहा जाता है। उधमसिंह नगर जिले मे तीन सब डिविजन ( रूद्रपूर, काशीपुर, खटिमा ) तथा चार तहसीले ( काशीपुर, किच्छा, खटिमा, और सितारगंज ) है। यह खुशहाल जिला अपनी ऊपजाऊ भूमि और कौमी एकता के लिए प्रसिद है। उधमसिंह नगर जिले को उत्तरांचल का औधोगिक जिला भी कहा जाता है। इस जिले के अंदर कई बडी बडी औधोगिक ईकाईयां है। जो इस जिले को सृमिद्ध बनाती है।
Tourist place near roodarpur
(रूद्रपुर)
यह प्रसिद नगर उधमसिंह नगर जिले का मुख्यालय है। यहा पर कई बडेे बडे होटल रेस्तरां है। यहां यात्रीयो के ठहरने की उचित व्यवस्था है। इसके अलावा आप यहां के मुख्य बाजारो और प्रमुख मॉलो मे शॉपिगं का भी आनंद ऊठा सकते है।
Atariya tample in
roodarpur ( रूद्रपुर )
अटारिया मंदिर:-
यह प्रसिद अटारिया देवी का मंदिर रूद्रपुर हल्द्धानी मार्ग पर बस स्टैण्ड से 2 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। यहां नवरात्रो के दिनो में श्रद्धालुओ की भारी भीड रहती है। जिससे यहां मेला सा लग जाता है।
Nanak makkta in roodarpur( रूद्रपुर )
नानक मकत्ता:-
रूद्रपुर से नानक मकत्ता की दूरी 56 किलोमीटर है। यह प्रमुख सिक्ख तीर्थ स्थल रूद्रपुर टनकपुर मार्ग पर स्थित है। माना जाता है कि प्रथम सिक्ख गुरू श्री गुरूनानक यही आए थे। इस पवित्र स्थल पर हजारो श्रद्धालु हर वर्ष आते है।
निकट ही स्थित नानक मकत्ता बांध सरयू नदी पर बना हुआ है। यह एक सुंदर पिकनिक स्थल है। यहां झील में नौकायन और मछली पकडने का आनंद लिया जा सकता है।
उधमपुर जिले में इसके अलावा और भी कई बांध है जैसे:-
हरिपुर बांध- गदरपुर में स्थित यह बांध वार्षिक नौकायन प्रतियोगिता के लिए जाना जाता है। इके अलावा तुमरिया बांध काशीपुर, धौरा बांध किच्छा, बौर बांध बाजपुर आदि है।
रूद्रपुर के पर्यटन स्थलKashipur city in udhamsingh nagar ( roodarpur) district
काशीपुर:-
इस ऐतिहासिक और औधोगिक नगर की स्थापना काशीनाथ अधिकारी, जो कि चन्द्रवंश के राजाओ का प्रमुख अधिकारी था। राजा हर्ष (606-647) के समय में यहा गोविशान नाम का नगर था जिसका उल्लेख युवांन च्वांन (631-641) नामक चीनी यात्री ने भी किया। इस प्राचीन नगरी के अवशेष आज भी काशीपुर के निकट देखे जा सकते है। यहां से हिमालय में स्थित त्रिशुल पर्वत शिखर और आसपास के क्षेत्रो का शरद ऋतु मे नजारा देखा जा सकता है।
रूद्रप्रयाग जिले के पर्यटन स्थल
चम्पावत जिले के पर्यटन स्थल
चमोली जिले के पर्यटन स्थल
Chaitti mela in kashipur
चैती मेला काशीपुर
चैती देवी मंदिर:-
यह काशीपुर बाजपुर मार्ग पर काशीपुर बस स्टैण्ड से ढाई किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहं नवरात्राो के समय भव्य चैती मेला लगता है जिसमे हजारो श्रद्धालु आते है। इस मौके पर श्रद्धालु यहा बच्चो का मुंडन कराते है और जात लगाने की रस्म भी करते है।
गिरी सरोवर:-
यह सुंदर झील काशीपुर रामनगर मार्ग पर काशीपुर बस स्टैण्ड से 2 किमी की दूरी पर है। गिरीसरोवर एक प्रसिद पिकनिक स्थल है। और यहां कई होटल और पर्यटक रेस्ट हाऊस भी है।
द्रौणा सागर:-
इस मनोरम झील को पर्यटको को आकर्षित करने के लिए विकसित किया जा रहा है।
पंतनगर:-
पंतनगर गोविंद वल्लभ पंत कृषि अनुसंधान विश्वविधालय के लिए विश्व प्रसिद है। यह देश की हरित क्रांति का एक अग्रणी केंद्र रहा है। इसकी स्थापना 1960 में हुई तथा यह देश का प्रथम कृषि विश्वविधालय है। इसका नाम गोविंद वल्लभ पंत, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की याद में रखा गया है। इस विश्वविधालय की स्थापना अमेरिका के सहयोग सें की गयी तथा यह भारत अमेरिका मैत्री संबंधो का एक अच्छा उदाहरण है।
विश्वविधालय का मुख्य परिसर सभी आधुनिक सुविधाओ से सुसज्जित है।और यह उत्तरांचल के किसानो को कृषि संबंधी वैज्ञानिक और तकनिकी जानकारी उपलब्ध कराता है। इस विशवविधालय के रानीचौडी टिहरी जिला, मजहेडा नैनीताल जिला, तथा लोहाघाट सूई चम्पावत जिला, स्थानो पर अपने केंद्र स्थापित किये गये है। जहा पर किसानो को सहायता दी जाती है।
Agreecalchare inssitute in pantnagar
इस विश्वविधालय में देश विदेश से छात्र शिक्षा प्राप्त करने के लिए आते है। यहां पर देश कि कृषि को उन्नत बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयोग किए जाते है। तथा भारत को इस विश्वविधालय पर गर्व है। पंतनगर रेल व सडक मार्ग से जुडा है यहा पर एक हवाई अड्डा भी है।
रूद्रपुर कैसे पहुँचे:-
हवाई मार्ग- रूद्रपुर से निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर 11 किलोमीटर की दूरी पर है।
रेल मार्ग- रेल मार्ग से दिल्ली, लखनऊ और कोलकाता के लिए नियमित सेवाए उपलब्ध है
रूद्रपुर से प्रमुख शहरो की सडक मार्ग से दूरी:-
दिल्ली 254 किलोमीटर
आगरा 310 किलोमीटर
लखनऊ 343 किलोमीटर
फिरोजाबाद 473 किलोमीटर
अयोध्या 481 किलोमीटर
गोरखपुर 620 किलोमीटर
काशीपुर 56 किलोमीटर
टनकपुर 101 किलोमीटर
हरिद्धार 228 किलोमीटर
देहरादून 285 किलोमीटर
उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें
दार्जिलिंग हिमालय पर्वत की पूर्वोत्तर श्रृंखलाओं में बसा शांतमना दार्जिलिंग शहर पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता
गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है । अगर पर्यटन की
पश्चिमी राजस्थान जहाँ रेगिस्तान की खान है तो शेष राजस्थान विशेष कर पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान की छटा अलग और
बर्फ से ढके पहाड़ सुहावनी झीलें, मनभावन हरियाली, सुखद जलवायु ये सब आपको एक साथ एक ही जगह मिल सकता
हिमालय के नजदीक बसा छोटा सा देश नेंपाल। पूरी दुनिया में प्राकति के रूप में अग्रणी स्थान रखता है ।
देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 300किलोमीटर की दूरी पर उतराखंड राज्य के कुमांऊ की पहाडीयोँ के मध्य बसा यह
उतरांचल के पहाड़ी पर्यटन स्थलों में सबसे पहला नाम मसूरी का आता है। मसूरी का सौंदर्य सैलानियों को इस कदर
कुल्लू मनाली पर्यटन :- अगर आप इस बार मई जून की छुट्टियों में किसी सुंदर हिल्स स्टेशन के भ्रमण की
उतराखंड राज्य में स्थित हरिद्धार जिला भारत की एक पवित्र तथा धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में प्रसिद्ध है।
भारत का गोवा राज्य अपने खुबसुरत समुद्र के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है ।गोवा क्षेत्रफल के
जोधपुर का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में वहाँ की एतिहासिक इमारतों वैभवशाली महलों पुराने घरों और प्राचीन
हरिद्वार जिले के बहादराबाद में स्थित भारत का सबसे बड़ा योग शिक्षा संस्थान है । इसकी स्थापना स्वामी रामदेव द्वारा
अनेक भसाव-भंगिमाओं का चित्रण करने वाली मूर्तियों से सम्पन्न खजुराहो के जड़ पाषाणों पर चेतनता भी वारी जा सकती है।
यमुना नदी के तट पर भारत की प्राचीन वैभवशाली नगरी दिल्ली में मुगल बादशाद शाहजहां ने अपने राजमहल के रूप
जामा मस्जिद दिल्ली मुस्लिम समुदाय का एक पवित्र स्थल है । सन् 1656 में निर्मित यह मुग़ल कालीन प्रसिद्ध मस्जिद
उत्तर प्रदेश के
लखीमपुर खीरी जनपद के पलिया नगर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुधवा नेशनल पार्क है।
पीरान
कलियर शरीफ उतराखंड के रूडकी से 4किमी तथा हरिद्वार से 20 किमी की दूरी पर स्थित पीरान कलियर
सिद्धबली मंदिर उतराखंड के कोटद्वार कस्बे से लगभग 3किलोमीटर की दूरी पर कोटद्वार पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भव्य सिद्धबली मंदिर
राधा कुंड :- उत्तर प्रदेश के
मथुरा शहर को कौन नहीं जानता में समझता हुं की इसका परिचय कराने की
भारत के गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ मदिर भारत का एक महत्वपूर्ण मंदिर है । यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ
जिम कार्बेट नेशनल पार्क उतराखंड राज्य के रामनगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क भारत का
भारत के राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध शहर अजमेर को कौन नहीं जानता । यह प्रसिद्ध शहर अरावली पर्वत श्रेणी की
जम्मू कश्मीर भारत के उत्तरी भाग का एक राज्य है । यह भारत की ओर से उत्तर पूर्व में चीन
जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा गाँव से 12 किलोमीटर की दूरी पर माता
वैष्णो देवी का प्रसिद्ध व भव्य मंदिर
मानेसर झील या सरोवर मई जून में पडती भीषण गर्मी चिलचिलाती धूप से अगर किसी चीज से सकून व राहत
भारत की राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तथा हजरत निजामुद्दीन दरगाह के करीब मथुरा रोड़ के निकट
हुमायूं का मकबरास्थित है।
पिछली पोस्ट में हमने हुमायूँ के मकबरे की सैर की थी। आज हम एशिया की सबसे ऊंची मीनार की सैर करेंगे। जो
भारत की राजधानी के नेहरू प्लेस के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह उपासना स्थल हिन्दू मुस्लिम सिख
पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
कमल मंदिरके बारे में जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट
प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध स्थल स्वामीनारायण
अक्षरधाम मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर