You are currently viewing रानी प्रभावती एक सती स्त्री की वीरता, सूझबूझ की अनोखी कहानी
सती स्त्री रानी प्रभावती

रानी प्रभावती एक सती स्त्री की वीरता, सूझबूझ की अनोखी कहानी

रानी प्रभावती वीर सती स्त्री गन्नौर के राजा की रानी थी, और अपने रूप, लावण्य व गुणों के कारण अत्यंत प्रसिद्ध थीं। इनकी सुंदरता पर मुग्ध होकर एक यवन बादशाह ने गन्नौर पर चढाई कर दी। यह समाचार पाकर रानी प्रभावती बड़ी वीरता के साथ लडी। जब बहुत से वीर सैनिक मारे गए, और सेना थोडी रह गई, तब किला यवनों के हाथ में चला गया।

रानी प्रभावती इस पर भी नहीं घबराई और बराबर लड़ती रही। जब किसी रीति से बचने का उपाय न रहा तो वह अपने नर्मदा किले में चली गई, परंतु यवन सेना उनका बराबर पीछा करती रही। बडी कठिनाई से किले में घुसकर रानी ने किले का फाटक बंद करा दिया। यहां भी बहुत से राजपूत सैनिक लडते लड़ते मारे गए।

सती स्त्री रानी प्रभावती
सती स्त्री रानी प्रभावती

सती रानी प्रभावती की कहानी

यवन बादशाह ने रानी प्रभावती के पास एक पत्र भेजा, जिसमें लिखा था— सुंदरी! मुझे तुम्हारे राज्य की इच्छा नहीं है। मै तुम्हारा राज्य तुम्हें लौटाता हूँ। और भी संपत्ति तुम्हें देता हूँ, तुम मेरे साथ विवाह कर लो। विवाह होने पर मैं तुम्हारा दास बनकर रहूंगा।

रानी को यह पत्र पढ़कर क्रोध आया, परंतु क्रोध करने से क्या हो सकता था! इसलिए उसने काफी सोच विचार कर यह उत्तर लिखा— मुझे विवाह करना स्वीकार है, किंतु अभी आपके लिए विवाह योग्य पौशाक तैयार नहीं है। कल तैयार हो जाने पर विवाह होगा। बादशाह यह उत्तर सुनकर अत्यंत प्रसन्न हुआ।

हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—

झांसी की रानी का जीवन परिचय

रानी दुर्गावती का जीवन परिचय

कालीबाई की जीवनी

बेगम हजरत महल की जीवनी
दूसरे दिन रानी ने बादशाह के पास एक उत्तम पौशाक भेजकर यह कहलाया, कि इसे पहनकर विवाह के लिए शीघ्र आओ। रानी की भेजी हुई पौशाक को पहनकर बादशाह बड़ी खुशी के साथ शादी की उमंग में रानी के महल में आया।

रानी प्रभावती का दिव्य रूप देखकर बादशाह सोचने लगा— अहा! यह तो कोई अप्सरा है। इसके सहवास में तो जीवन बड़े आनंद से व्यतीत होगा। ऐसी बातें सोच सोचकर जो आनंद तरंगें उस समय उसके ह्रदय में उठ रही थीं। उनका कुछ ठिकाना न था, परंतु यह आनंद तरंगें शीघ्र ही शोकसागर में परिवर्तित हो गई।

अचानक उसके शरीर में बहुत भयंकर दर्द उठ खडा हुआ। बादशाह दर्द से व्याकुल हो गया, उसे मूचर्छा सी आने लगी और उसकी आखों के आगे अंधेरा छा गया। पीड़ा से छटपटा कर वह चीख उठा।

रानी प्रभावती ने यह सब देखकर कहा— आपकी उम्र अभी पूरी हुई जाती है, आज आपके शुभ विवाह से पहले ही आपकी मृत्यु होने को है। तुम्हारी अपवित्र इच्छा से अपने सतीत्व रूपी रत्न की रक्षा के लिए इसके सिवाय और कोई उपाय न था, कि मै तुम्हारी मृत्यु के लिए विष से रंगी हुई पौशाक भेजती। इतना कहकर सती ने ईश्वर से कुछ प्रार्थना की और किले पर से नर्मदा नदी में कूदकर अपने प्राण त्याग दिए।

बादशाह भी तड़प तड़प कर तत्काल मर गया। इस रीति से सती प्रभावती ने सोच विचार कर अपने सतीत्व धर्म और कुल गौरव की रक्षा की। धन्य है ऐसी सतियां, जिन्होंने तरह तरह के कष्ट सहकर और प्राण देकर भी अपने सतीत्व धर्म की रक्षा की। जिससे आज तक उनके नाम भारत के इतिहास में श्रृद्धा के साथ लिए जाते है।

भारत के इतिहास की वीर महिलाओं पर आधारित हमारें यह लेख भी जरूर पढ़ें:—

रानी दुर्गावती के युद्ध का काल्पनिक चित्र
अनन्य देशभक्ता, वीररानी दुर्गावतीने अपने देश की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक युद्ध किया। रण के मैदान
झांसी की रानी का काल्पनिक चित्र
लक्ष्मीबाई का जन्म वाराणसीजिले के भदैनी नामक नगर में 19 नवम्बर 1828 को हुआ था। उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका
नबेगम हजरत महल का अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध का काल्पिनिक चित्र
बेगम हजरत महल लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह की शरीक-ए-हयात (पत्नी) थी। उनके शौहर वाजिद अली शाह विलासिता और
रानी भवानी की जीवनी
रानी भवानी अहिंसा मानवता और शांति की प्रतिमूर्ति थी। वे स्वर्ग के वैभवका परित्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहती
कित्तूर की रानी चेन्नमा की वीर गाथा
रानी चेन्नमा का जन्म सन् 1778 में काकतीय राजवंश में हुआ था। चेन्नमा के पिता का नाम घुलप्पा देसाई और
भीमाबाई होल्कर का काल्पनिक चित्र
भीमाबाई महान देशभक्ता और वीरह्रदया थी। सन् 1857 के लगभग उन्होने अंग्रेजो से युद्ध करके अद्भुत वीरता और साहस का
मैडम कामा का काल्पनिक चित्र
मैडम कामा कौन कौन थी? अपने देश से प्रेम होने के कारण ही मैडम कामा अपने देश से दूर थी।
रानी पद्मावती जौहर का काल्पनिक चित्र
महाराणा लक्ष्मण सिंह अपने पिता की गद्दी पर सन् 1275 मैं बैठे। महाराणा के नाबालिग होने के कारण, राज्य का
श्रीमती इंदिरा गांधी का फाइल चित्र
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर सन् 1917 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद मे हुआ था। जहां इंदिरा गांधी के
सरोजिनी नायडू का फाईल चित्र
सरोजिनी नायडू महान देशभक्त थी। गांधी जी के बताए मार्ग पर चलकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वालो में उनका
कस्तूरबा गांधी के चित्र
भारत को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराने वाले, भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को प्ररेणा देने वाली और
कमला नेहरू
कमला नेहरू गांव गांव घूमकर स्वदेशी का प्रचार करती थी। वे गांवों में घर घर जाती थी। स्त्रियों से मिलती
वीरबाला कालीबाई की प्रतिमाएं
आज के अफने इस लेख मे हम एक ऐसी गुरू भक्ता के बारे मे जाने। जिसने अपने प्राणो की आहुति
रानी कर्णावती हिस्ट्री इन हिन्दी
रानी कर्णावती कौन थी? अक्सर यह प्रश्न रानी कर्णावती की जीवनी, और रानी कर्णावती का इतिहास के बारे मे रूची
हाड़ी रानी के बलिदान को दर्शाती मूर्ति कला
सलुम्बर उदयपुर की राज्य की एक छोटी सी रियासत थी। जिसके राजा राव रतन सिंह चूड़ावत थे। हाड़ी रानीसलुम्बर के
राजबाला के प्रेम, साहस, त्याग की रोमांचक कहानी
राजबाला वैशालपुर के ठाकुर प्रतापसिंह की पुत्री थी, वह केवल सुंदरता ही में अद्वितीय न थी, बल्कि धैर्य और चातुर्यादि
कर्पूरी देवी की कहानी
राजस्थान में एक शहर अजमेर है। अजमेर के इतिहास को देखा जाएं तो, अजमेर शुरू से ही पारिवारिक रंजिशों का
रानी जवाहर बाई की वीरता की कहानी
सन् 1533 की बात है। गुजरात के बादशाह बहादुरशाह जफर ने एक बहुत बड़ी सेना के साथ चित्तौड़ पर आक्रमण
मदर टेरेसा के चित्र
मदर टेरेसा कौन थी? यह नाम सुनते ही सबसे पहले आपके जहन में यही सवाल आता होगा। मदर टेरेसा यह
अच्छन कुमारी और पृथ्वीराज चौहान के मिलन का काल्पनिक चित्र
अच्छन कुमारी चंद्रावती के राजा जयतसी परमार की पुत्री थी। ऐसा कोई गुण नहीं था, जो अच्छन में न हो।
रामप्यारी दासी
भारत के आजाद होने से पहले की बात है। राजस्थान कई छोटे बडे राज्यों में विभाजित था। उन्हीं में एक
सती उर्मिला
सती उर्मिला अजमेर के राजा धर्मगज देव की धर्मपत्नी थी। वह बड़ी चतुर और सुशील स्त्री थी। वह राज्य कार्य
श्रीमती विजयलक्ष्मी पंडित
"आज तक हमारा काम परदेशी नीवं के भवन को गिराना रहा है, परंतु अब हमें अपना भवन बनाना है, जिसकी
अमृता शेरगिल
चित्रकला चित्रकार के गूढ़ भावों की अभिव्यंजना है। अंतर्जगत की सजीव झांकी है। वह असत्य वस्तु नहीं कल्पना की वायु
राजकुमारी अमृत कौर
श्री राजकुमारी अमृत कौर वर्तमान युग की उन श्रेष्ठ नारी विभूतियों में से एक है। जिन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में भाग
कमला देवी चट्टोपाध्याय
श्रीमती कमला देवी चट्टोपाध्याय आज के युग में एक क्रियाशील आशावादी और विद्रोहिणी नारी थी। इनके आदर्शों की व्यापकता जीवनपथ
रजिया सुल्तान
रजिया सुल्तान भारतीय इतिहास की वह वीरांगना है, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग मेंदिल्ली सल्तनत पर शासन किया था।
चाँद बीबी
सुल्ताना चाँद बीबी कौन थी? उसका नाम था चाँद था। वह हरम का चाँद थी। दक्षिण भारत का चाँद थी।
नूरजहाँ बेगम
नूरजहां भारतीय इतिहास और मुगल सम्राज्य की सबसे ताकतवर महिला थी। यह मुगल सम्राट जहांगीर की पत्नी थी। अपने इस
राजमाता अहल्याबाई होल्कर
होल्कर साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास की कुशल महिला शासकों में से एक रही हैं। अपने इस लेख
नवाब बेगम
अवध के दर्जन भर नवाबों में से दूसरे नवाब अबुल मंसूर खाँ उर्फ़नवाब सफदरजंग ही ऐसे थे जिन्होंने सिर्फ़ एक
बहू बेगम
नवाब बेगमकी बहू अर्थातनवाब शुजाउद्दौला की पटरानी का नाम उमत-उल-जहरा था। दिल्‍ली के वज़ीर खानदान की यह लड़की सन्‌ 1745
नवाब शाहजहां बेगम भोपाल रियासत
सन्‌ 1844 में केवल 27 वर्ष की उम्र मेंनवाब जहांगीर मोहम्मद खान ने परलोक-यात्रा की। नवाब जहांगीर मोहम्मद खान ने
नवाब सिकन्दर जहां बेगम
सन्‌ 1857 में भारत में भयंकर विद्रोह अग्नि की ज्वाला भड़की। इस की चिनगारियाँ देखते देखते सारे भारतवर्ष में फैल
नवाब सुल्तान जहां बेगम
नवाब शाहजहां बेगम के बाद भोपाल की बेगम साहबा, नवाब सुल्तान जहां बेगम जी० सी० एस० आई०, जी० सी० आई०

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

Leave a Reply