यूरेनस ग्रह इन हिंदी, यूरेनस ग्रह की जानकारी खोज व रहस्य Naeem Ahmad, March 6, 2022March 12, 2022 बुध, शुक्र, बृहस्पति मंगल और शनि ग्रहों की खोज करने वाले कौन थे, यह अभी तक ज्ञात नहीं हो पाया है। संभवत: सभ्यता के ऊषाकाल से ही मानव इन ग्रहों को देखता आया है। वैदिककालीन आर्यो को इन पांच ग्रहों का ज्ञान निश्चित रूप से था। प्राचीन लोगों ने बुध, बृहस्पति, मंगल, शनि और शुक्र के साथ सूर्य और चंन्द्रमा को भी ग्रहों मे जोड़ लिया था क्योंकि इनके अलावा बिना दूरबीन की मदद से आंखों को किसी अन्य ग्रह का अस्तित्व नहीं दिखाई पड़ता था। विलियम हर्शेल इंग्लैंड में जन्मे यूरेनस के खोजकर्त्ता थे। नक्षत्र शास्त्र में उनकी विशेष रुचि थी। उन्हें नक्षत्र-ज्योतिष का जन्मदाता कहा जाता है। सन् 1822 में इनकी मृत्यु हुई। यूरेनस ग्रह की खोज किसने की थी विलियम हर्शेल इंगलैंड के निवासी थे। प्रारंभ में संगीत प्रेमी थे परंतु सन् 1772 में खगोलशास्त्र में उनकी रुचि बढने लगी। अपने जीवन के अंतिम दिनो (सन् 1822 में मृत्यु तक) उन्होंने खगोल विज्ञान में अनेकानेक नयी खोजे की। हर्शेल अपने समय के सबसे कुशल दूरबीन-निर्मात भी थे। वे ‘नक्षत्र-ज्योतिष’ की नीव डालने वाले व्यक्तियों मे से एक थे। उन्होंने ग्रहों का गहरा अध्ययन किया और कई उपग्रह खोज निकाले। जीवन के अंतिम दिनो मे ‘रॉयल एस्ट्रोनामिकल सोसायटी’ का सभापति बनाकर उन्हें सम्मानित किया गया। हर्शेल का अधिकांश कार्य नक्षत्रों से सबंधित है। ग्रहों संबंधी उनकी खोजें अधिकाशत: संयोग ही थी। फिर भी, सौरमंडल जानकारी का शनि से आगे विस्तार करने के लिए ज्योतिष शास्त्र के इतिहास में हर्शेल का नाम अमर रहेगा। 13 मार्च, 1781 को हर्शेल पुनर्वसु नक्षत्र समूह (जेमिनी) मे करा (कैस्टर) और प्लव (पोलक्स) तारों के आसपास कुछ लघु तारकों का दूरबीन से परीक्षण कर रहे थे कि उन्हें धूमकेतु जैसा कुछ दिखाई दिया। कुछ अधिक गहराई से देखने पर पता चला कि यह धूमकेतु नहीं, वरन् एक ग्रह है। इग्लैंड के राजकीय ज्योतिषी जॉन प्लेमस्टीड (सन् 1676-1719) इस ज्योति को सन् 1690 से सन् 1715 के बीच छ बार देख चुके थे। इस ग्रह के नामकरण के लिए अनेक सुझाव दिए गए, परंतु अन्त में एक वैज्ञानिक बोडे का दिया हुआ नाम ‘यूरेनस’ ही प्रचलित हो गया। यूरेनस ग्रह यूरेनस ग्रह का आकार-प्रकार यूरेनस की सूर्य से औसत दूरी 2,869,600,000 किमी. है। यह अपनी कक्षा में साढ़े चार मील प्रति सेकंड की मंद गति से 84 वर्षो में सूर्य की एक परिक्रमा करता है। इस प्रकार हर्शेल द्वारा यूरेनस की खोज को आज तक मात्र 40 वर्ष से कुछ ही अधिक समय गुजरा है क्योंकि यूरेनस का एक ‘वर्ष’ उसके 68,400 दिनों के बराबर हो जाता हैं। यूरेनस का व्यास लगभग 5,800 किमी. है। इस प्रकार यह पृथ्वी से 64 गुना बड़ा है। परंतु इसका घनत्व पृथ्वी के घनत्व से कम है। अतः वजन में यह केवल 5 पृथ्वियों के ही बराबर बैठता है। विल्डर के अनुसार यूरेनस की धात॒गूठली का व्यास 22,400 किमी. है। इसके ऊपर 8400 किमी. मोटी बर्फ की परत है और फिर इसके ऊपर 4,700 किमी. का वायुमंडल है। रैमजे का मत है कि यूरेनस मुख्यतः पानी, मिथेन और अमोनिया से बना हुआ है। इसकी मिथेन गैस अत्यधिक शीत के कारण सघन हो गई है। ओटावा के हर्टूजबर्ग ने इस ग्रह पर खुली हाइड्रोजन गैस का भी पता लगाया है। सम्भवतः इस पर हीलियम गैस भी हो। अतिशय ठंडा ग्रह होने के कारण यूरेनस का तापमान लगभग शून्य के नीचे है। यूरेनस ग्रह का रूप कुछ तेज-मंद होता रहता है। यूरेनस हमसे इतना दूर है कि बिना दूरबीन की सहायता से इसके बारे में कुछ जान सकना असंभव है। छोटी दूरबीन से यूरेनस का केवल छोटा हरित गोला मात्र दिखाई देता है। यूरेनस का उपग्रहअब तक यूरेनस के पांच उपग्रहों का पता चला है। मिरांडा, एरियल, एम्ब्रियल टाइटानिया और आबेरोन। हर्शेल को गलतफहमी थी कि उन्होंने यूरेनस के छः उपग्रहों का पता लगा लिया है क्योंकि इन छः मे से चार वास्तव में तारे थे। शेष दो ही टाइटानिया और आबेरोन यूरेनस के उपग्रह थे। आंग्ल खगोलविद् लासेल ने सन् 1851 में और दो उपग्रहों का पता लगाया-एरियल और एम्ब्रियल। पांचवें उपग्रह, मिरांडा की खोज कइपेर ने सन् 1948 मे की। जब इस ग्रह का ध्रुव हमारी तरफ रहता है, तो सभी उपग्रह वृत्ताकार मार्ग में भ्रमण करते दिखाई देते हैं। जब इसकी विषुवत रेखा हमारी तरफ रहती है तो इसके उपग्रह खडी तश्तरी के रूप में परिक्रमा करते दिखाई देते हैं। यूरेनस से मिरांडा की दूरी 12,16,00 किमी. है और आबेरोन की 58,24,00 किमी .। यूरेनस एक अद्भुत ग्रह है। यूरेनस ग्रह की भूमि पर सूर्य पश्चिम में उदित होकर पूर्व में अस्त होता है। इतना ही नहीं, इसके पांचों चंद्रमा भी पश्चिम मे निकल कर पूर्व में डूबते हैं। यूरेनस के उपग्रहों के आकार के बारे मे निश्चित आकंड़े नही मिल पाए हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार मिराण्डा का व्यास लगभग 550 किमी. एम्ब्रियल का 1,000 किमी., एरियल का 1,500 किमी, आबेरोन का 950 किमी. व टाइटानिया का 1,800 किमी. है। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े [post_grid id=’8586′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व की महत्वपूर्ण खोजें प्रमुख खोजें