भोपाल रियासत के संस्थापक व भोपाल रियासत के प्रथम नवाब दोस्त मोहम्मद खान थे, सन् 1726 में दोस्त मोहम्मद खान की मृत्यु हुई। नवाब दोस्त मोहम्मद खान के बाद भोपाल रियासत की गद्दी पर किसे बेठाया जावे, इसके लिये झगड़ा चला। पाठक जानते हैं कि, दोस्त मोहम्मद खान ने अपना एक पुत्र निजाम को सौंपा था। जिसका नाम यार मोहम्मद खां था। वह सब से बड़ा पुत्र था। ( जिसका जिक्र हम अपने लेख “)“नवाब दोस्त मोहम्मद खान का जीवन परिचय में कर चुके हैं) पर भोपाल रियासत के अमीर उमराओं ने उनके हक को लाकबूल( नामंजूर) कर सुलतान मोहम्मद खाँ नाम के दूसरे लड़के को जिसकी उम्र उस समय केवल आठ वर्ष की थी, मसनद पर बैठाया।
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नवाब यार मोहम्मद खान का परिचय
नवाब दोस्त मोहम्मद खाँ के सब से बड़े पुत्र यार मोहम्मद खां ने निजाम की कृपा प्राप्त कर ली थी। निजाम ने जब सुना कि भोपाल रियासत के अमीर उमरावों ने यार मोहम्मद खां का हक मार दिया है, तब उन्हें बहुत बुरा लगा ओर उन्होंने उसे नवाब मानकर एक बड़ी फौज के साथ भोपाल रियासत भेजा। इस फौज का किसी ने मुकाबला नहीं किया। बस फिर क्या था? नवाब यार मोहम्मद खान ने अपने भाई को गद्दी से अलग कर दिया और अपने आपको भोपाल रियासत का नवाब घोषित कर दिया।

नवाब यार मोहम्मद खां बड़े महत्वाकांक्षी थे। वे अपने राज्य की सीमाओं को बढ़ाना चाहते थे। ये इसके लिये यत्न करने लगे और अपने राज्य को बहुत कुछ बढ़ा लिया। जिसके लिए उन्हें छिटपुट युद्ध भी करने पड़े। सन् 1754 में इस महत्वाकांक्षी नवाब का देहान्त हो गया।
नवाब यार मोहम्मद खां की पत्नी बेगम ममोला बीबी थी, यार मोहम्मद खान के पांच पुत्र थे, इनके बड़े पुत्र का नाम फ़ैज़ मोहम्मद खान था जो नवाब यार मोहम्मद खां की मृत्यु के बादभोपाल रियासत के नवाब की गद्दी पर विराजमान हुए।