मिसाइल का आविष्कार किसने किया और कैसे हुआ Naeem Ahmad, July 12, 2022 मिसाइल एक ऐसा प्रक्षेपास्त्र है जिसे बिना किसी चालक के धरती के नियंत्रण-कक्ष से मनचाहे स्थान पर हमला करने के लिए भेजा जा सकता है। पत्थरों के टुकड़ों को फेंक कर मारना मिसाइलों का आदिरूप था। तीर भी एक प्रकार के मिसाइलें ही थे। आज मानव ने अनेक प्रकार के मिसाइलें बना लिए है जो धरती समुंद्र और आकाश सभी जगह प्रयोग हो सकते है। मिसाइल का आविष्कार द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी मे हुआ। ब्रिटेन पर बम गिराने के लिए जिस बी-1 प्रक्षेपास्त्र का जर्मनी ने इस्तेमाल किया था, वह एक मिसाइल ही थी। इन मिसाइलों दी गति लगभग 360 मील प्रति घंटे थी और ये 125 मील दूर तक मार कर सकती थी। मिसाइल का आविष्कार किसने किया और कब हुआ दूसरे प्रकार की मिसाइल बी-2 का निर्माता जर्मनी का वार्नर फॉन ब्रान था। अतः विश्व की पहली मिसाइल बी-2 को ही माना गया। इसके बाद अमेरिका के रॉनट गॉडाड न मिसाइलों-निर्माण में आश्चर्य जनक उन्नति की। इस समय अमेरीका और रूस ने इतनी बड़ी और विश्वसनीय निर्देशित मिसाइलें तैयार कर ली है जो भारी से भारी हाइड्रोजन और एटम बम को ढोकर लक्ष्य तक कुछ ही पला में पहुचा सकती हैं। मिसाइलें दो प्रकार की होती हें–निर्देशित और अनिर्देशित। निर्देशित मिसाइलें:– निर्देशित मिसाइलों के छोडे जाने के बाद आकाश-मार्ग में कही भी उनकी दिशा में परिवर्तन लाया जा सकता है। नियंत्रण-कक्षों से उन्हे जैसा निर्देश मिलता है, वे उसी के अनुसार अपनी दिशा मे परिवर्तन करते हुए अपने लक्ष्य का पीछा करती है। वर्तमान युद्ध-प्रणाली में अधिकतर निर्देशित मिसाइलों का ही प्रयोग होता है। इसका मुख्य कारण यही है कि इन्हे नियंत्रण में रखकर सही निशाने पर पहुंचने तक निर्देश दिया जा सकता है। अतः इनका वार अचूक होता है। धरती पर स्थित लक्ष्य का निशाना बनाने के लिए धरती में जो मिसाइल छोडी जाती हैं, उन्हे धरती से धरती (Ground to Ground) मिसाइल कहा जाता है। धरती से आकाश में किसी लक्ष्य को निशाना बनाने के लिए जो मिसाइलें धरती से आकाश की ओर छोडी जाती है, उन्हें धरती से वायु (Ground to Air) मिसाइल कहा जाता है। इसी प्रकार हवा से हवा में मार करने वाली ओर आकाश से धरती पर मार करने वाली मिसाइलें भी होती हैं। मिसाइल नियंत्रित या निर्देशित मिसाइलों का नियंत्रण रेडियो, रडार ओर इलेक्ट्रानिक कम्प्यूटरों द्वारा किया जाता हैं। जब रडार की एक तरंग लक्ष्य तक पहुच जाती है तो वह कम्प्यूटर को उसकी ऊंचाई, लम्बाई-चौडाई दिशा और वेग आदि की सूचना देती है। कम्प्यूटर कुछ क्षणों में पूरा हिसाब-किताब लगाकर मिसाइल को सेट करके दाग देता है। मिसाइल की उड़ान के साथ एक दूसरी रडार-तरंग उस पर नजर रखती है। यह तरंग कम्प्यूटर को मिसाइलों की उडान और दिशा के विषय मे सूचना देती रहती है। कम्प्यूटर रेडियो तरंगो द्वारा मिसाइल के मार्ग और दिशा में आवश्यकतानुसार परिवर्तन करता रहता है। ये रेडियो तरंगें मिसाइल के भीतर लगे मार्ग निश्चित करने वाले उपकरणों पर नियंत्रण रखकर उसे लक्ष्य तक पहुंचाती है। अनिर्देशित मिसाइलें:– ये मिसाइलें अपने लक्ष्य पर सीधे छोड दी जाती है। इनकी दिशा या मार्ग नही बदला जा सकता। इनमें भी धरती से धरती, धरती से हवा, हवा से हवा आर हवा से धरती पर मार करने वाली मिसाइलें होती है। मिसाइलों के कल-पूर्जो की का्र्य-प्रणाली काफी जटिल होती हैं। कुछ देशों की विभिन्न प्रकार की मिसाइलों के विवरण निम्न प्रकार से हें — क्रूज मिसाइलें:-– यह एक अत्यंत आधुनिक अमेरीकी मिसाइल हैं। इसका पूरा नाम ‘ग्राउण्ड लाच्ड क्रूज मिसाइल’ है। यह एक छोटे से सन-सानेट जेट-इंजन सेशक्ति प्राप्त करती है। इसकी रेंज 2400 किलोमीटर है ओर यह शत्रु के खोजी रडारों की नजरो से बचने के लिए काफी नीची उडान भरती है। ट्रायडेंट मिसाइलें:– यह भी अमेरीका की है और इसकी रेंज 7400 किलोमीटर है। यह समुद्री जहाजो पर इस्तेमाल की जाती है। अब ये पनडुब्बियों से भी चलायी जा सकेगी। लांच:– यह अमेरीका की धरती से धरती पर मार करने वाली मिसाइल है। इसकी सबसे बडी विशेषता यह है कि यह आकाश से भी कहर ढा सकती है और पानी में भी तैर सकती है। इस मिसाइलों में ध्वंसक सिरा, निर्देशक उपकरण, ऊर्जा-टंकी तथा एक इंजन होता है। ब्लड हाउड:– यह ब्रिटेन की विमान-भेदी मिसाइल है। इसकी एक यूनिट में चार निर्देशित मिसाइल, उनके प्रक्षेपक, लक्ष्य खोजने वाला रडार तथा कंट्रोल-कक्ष होता है। रडार द्वारा लक्ष्य बताने पर यह मिसाइल ऊष्मा के सिद्धांत पर उसका पीछा करती है गेनफूल:– यह सोवियत संघ की आधुनिक मिसाइल है। एक लांचर पर इस प्रकार की तीन मिसाइलें रखी जा सकती है। इस मिसाइल में एक शक्तिशाली रॉकेट-मोटर लगी होती है। यह भी ऊष्मा के सिद्धांत पर कार्य करती है। यह धरती से हवा मे मार करने वाली मिसाइल है। एकरा:– यह फ्रांस की टेंक-भेदी मिसाइल है। यह निर्देशित और अनिर्देशित दोनो प्रकार की होती है। मिसाइलों दागने के बाद इसका खोल अपने आप अलग हो जाता है। यह मिसाइलें ताप जैसे उपकरण से छोडी जाती है। इस किस्म की निर्देशित मिसाइल में निर्देशन के लिए अवरक्त (इन्फ्रा रेड) किरणों का इस्तेमाल किया जाता है। कोबरा:– यह पश्चिम जर्मनी की टेंक-भेदी मिसाइल है। इसको दागने के लिए किसी प्रक्षेपक की आवश्यकता नही पडती। चलाने वाला इसका सबध नियंत्रण बॉक्स और सम्पर्क तार से कर देता है। नियंत्रण बॉक्स का बटन दबाते ही मिसाइल लक्ष्य की ओर चल पडती है। इसमें लगा नियंत्ररण उपकरण निर्देश पाकर लक्ष्य तक इसे पहुंचाता है। एक नियंत्रण-बॉक्स के साथ दस मिसाइलों को जोडा जा सकता है। सरमत:– सरमत एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलें है. इसका वजन 208 टन है। 114 फीट इसकी लंबाई है। सबसे बड़ी बात इस मिसाइल में 15 परमाणु बम लगाए जा सकते हैं एल जी एम 30:– एक अमेरिकी इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है। 2018 तक, LGM-30G Minuteman III संस्करण संयुक्त राज्य अमेरिका की सेवा में प्रस्तुत किए जा चुके हैं आपको बता दें इसकी रेंज 13000 किलोमीटर है . यह तीन अलग-अलग परमाणु हत्यारों को ले जा सकती है जो कि तीन अलग-अलग स्थानों को लक्षित कर सकते हैं. यह अमेरिका में एक मात्र भूमि पर आधारित इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलें है। डी एफ 41:– यह मिसाइल चीन की सबसे घातक अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें है। वास्तव में, यह दुनिया के सबसे घातक में से एक है। हालांकि सटीक विनिर्देश अज्ञात हैं, माना जाता है कि इसे 2016 या 2017 में लागू किया गया था। इसकी सीमा लगभग 12,000 किलोमीटर है, इसलिए इस क्षमता के साथ, यह यूरोप, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के सभी क्षेत्रों को 20 से 20 के भीतर लक्षित कर सकता है। अग्नि वी:– भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित एक intercontinental (अंतरमहाद्वीपीय) बैलिस्टिक मिसाइलें है। Agni-V एक Agni मिसाइलों की श्रृंखला का हिस्सा है । भारत का स्वदेश DRDO द्वारा निर्मित परमाणु मिसाइल है। भारत की सबसे एडवांस मिसाइलें है और इसमें कई नई प्रौद्योगिकीयों को शामिल किया गया है। भारत सरकार द्वारा इसकी रेंज को 5000 किलोमीटर तक बताया गया है। पर कई विशेषज्ञों का खासकर चाइनीस विशेषज्ञों का मानना है इस मिसाइल की छमता 8000 किलोमीटर है। विश्व के प्रमुख आविष्कार प्रमुख खोजें