महाराणा फतह सिंह जीमहाराणा फतह सिंह जी का परिचयPost author:Naeem AhmadPost published:November 28, 2022Post category:भारत के महान पुरूषPost comments:0 Comments महाराणा सज्जन सिंह जी के बाद महाराणा फतह सिंह जी सन 1885 मेंउदयपुर राज्य के राजसिहासन पर बिराजे। आपका जन्म 16 दिसंबर सन् 1849 को हुआ था। इस्वी सन् 1887 में जी० सी० एस० आई० की उपाधि से विभूषित किये गये। इसी साल आपने अफीम को छोड़ कर तमाम जावक माल का महसूल माफ कर दिया। आपके समय में चित्तौड़ से लगा कर उदयपुर तक रेलवे लाइन खोली गई। उदयपुर राज्य को जमीन का बन्दोबस्त हुआ। खास उदयपुर नगर और जिलों में कई अस्पताल खुले। और भी कई काम हुए। तत्कालीन भारतीय नरेशों में महाराणा फतह सिंह जी एक विशेष पुरुष थे।Contents1 महाराणा फतह सिंह जी का परिचय2 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—3 महाराणा फतह सिंह जी का परिचय संयम, तेजस्विता, आत्मसम्मान ओर प्रतिभा के आप मूर्तिमंत उदाहरण हैं। पुराने ढंग के होने पर भी भारतीय जनता आपको बड़े भादर का दृष्टि से देखती है। आपकी एक पत्नी व्रतधारी थी और यही कारण था कि की वृद्धावस्था में भी आप सूर्य की तरह चमकते थे। आपके मुख मण्डल पर संयम और शील का आलौकिक भाव दिखलाई पड़ता था। जो भारतीय नरेश राजधर्म के उच्च श्रेय को भूल कर प्रजा की कठिन कमाई के लाखों रुपयों को ऐय्याशी और विलास- प्रियता में खर्च कर जनता और इश्वर की दृष्टि में अक्षम्य अपराध कर अपने आपको कलकिंत कर रहे थे, इन्हें इस सम्बन्ध में महाराणा फतह सिंह जी का आर्दश ग्रहण करना चाहिये था।Trendingसंत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्ममहाराणा फतह सिंह जीसंयम और शील ही का प्रताप है कि महाराणा साहब में आत्मबल था। राजा के योग्य तेज और ओज थे तथा ऐसी शक्ति है कि 72 वर्ष की इस वृद्धावस्था में भी हाथ में बंदूक लिये हुए पहाडो पर बारह-बारह कोस तक वे घूमते थे। युवा पुरूष भी आपकी शक्ति को देख कर स्तम्भित हो जाते थे। परमपिता परमात्मा को छोड़ कर इस प्रकाड विश्व में कोई निर्दोष नहीं। महाराणा फतहसिंह जी में भी कुछ त्रुटियाँ होंगी, पर उनमें अनेक गुणों ओर विशेषताओं का अपूर्व सम्मेलन हुआ है।तत्कालीन समय में वे कई दृष्टि से प्राचीनता के आदर्श थे। मानव-प्रकृति के सूक्ष्म ज्ञाताओं का कथन है कि अगर इस प्राचीनता में देश, काल ओर पात्र के अनुसार सामयिकता का सम्मेलन हो जाता तो सोने में सुहागा हो जाता।कुछ भी हो वर्तमान भारतीय नरेशों में महाराणा फतहसिंह जी अपने ढंग के एक ही नरेश थे और आप एक सच्चे राजपूत है। देश को आपके लिये अभिमान है। 24 मई 1930 को 80 वर्ष की आयु में आपका निधन हो गया। आपके एक राजकुमार थे, जिनका नास सर भूपालसिंह जी है। आप बड़े शान्त-स्वभाव और सह॒दय थे। उस समय जागिरी आदि के कुछ कामों को छोड कर शासन की व्यवस्था आप ही देखा करते थे। हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— महाराजा गंगा सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा डूंगर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा सरदार सिंह बीकानेर परिचय और इतिहास महाराजा रत्नसिंह बीकानेर का परिचय और इतिहास महाराजा सूरत सिंह बीकानेर जीवन परिचय और इतिहास महाराजा अनूप सिंह का इतिहास महाराजा कर्ण सिंह बीकानेर परिचय और इतिहास महाराजा रायसिंह बीकानेर का परिचय राव बीका जी का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा किशन सिंह भरतपुर रियासत महाराजा जसवंत सिंह भरतपुर का जीवन परिचय और इतिहास महाराजा रणजीत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा जवाहर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय राजा सूरजमल का इतिहास और जीवन परिचय राजा बदन सिंह का इतिहास भरतपुर राज्य महाराजा उम्मेद सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा सुमेर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा मानसिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा अभय सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा अजीत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा जसवंत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय राव उदय सिंह राठौड़ का इतिहास और जीवन परिचय राव रणमल का इतिहास और जीवन परिचय राव जोधा राठौड़ का इतिहास और जीवन परिचय राव सातल देव का इतिहास और जीवन परिचय राव सुजा राठौड़ का इतिहास और जीवन परिचय राव मालदेव का इतिहास और जीवन परिचय सवाई माधोसिंह द्वितीय का इतिहास और जीवन परिचय सवाई रामसिंह द्वितीय का इतिहास और परिचय सवाई जगत सिंह का इतिहास और परिचय सवाई प्रताप सिंह का इतिहास और जीवन परिचय सवाई पृथ्वी सिंह द्वितीय का इतिहास और जीवन परिचय सवाई माधोसिंह का इतिहास और जीवन परिचय सवाई जयसिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा जयसिंह का इतिहास (प्रथम) आमेर राजा मानसिंह का इतिहास - 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