महाराजा सरदार सिंह बीकानेरमहाराजा सरदार सिंह बीकानेर परिचय और इतिहासPost author:Naeem AhmadPost published:January 19, 2023Post category:UncategorizedPost comments:0 Comments महाराजा रत्नसिंह जी के स्वर्गवासी हो जाने पर सन् 1852 में उनके पुत्र महाराजा सरदार सिंह जीबीकानेर राज्य के सिंहासन पर विराजमान हुए। महाराजा सरदारसिंह ने सन् 1852 से सन् 1872 तक बीकानेर राज्य पर शासन किया। आपके राज्याभिषेक के समय से बीकानेर की राज्य-शक्ति मानो क्रमश: हीन होने लगी थी। जो बल, विक्रम, शूरता, साहस आदि गुण राठौर राजाओं के भूषण थे, वे सब अग्रेज सरकार के साथ सन्धि करने से एक बार ही निर्जीव से हो गये थे। युद्धों से शान्ति मिलने से राजपूत जाति की वीरता का मानों एक बार ही लोप हो गया था। आपको राज्य करते हुए केवल पाँच ही वर्ष हुए थे कि भारत में सिपाही विद्रोह का कांड उपस्थित हो गया। इस समय आप बड़े आग्रह के साथ अपनी सेना सहित ब्रिटिश गवर्नमेंट की सहायता के लिये तैयार हुए। आपने इस समय हजारों अंग्रेजों के प्राणों की रक्षा करके उन्हें अपनी राजधानी में आश्रय दिया।Contents1 महाराजा सरदार सिंह का इतिहास और जीवन परिचय2 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—3 महाराजा सरदार सिंह का इतिहास और जीवन परिचयमहाराजा सरदार सिंह बीकानेर विद्रोह शान्त हो जाने पर आपकी इन बहुमूल्य सहायताओं के उपलक्ष्य मे हिसार देश के चौद॒ह हज़ार दो सौ बानवे रुपये की आमदनी वाले 41 गाँव ब्रिटिश सरकार ने आपको प्रदान किये। इसी समय महारानी विक्टोरिया की ओर से आपको सम्मान- सूचक खिलअत तथा दत्तक रखने की सनद भी प्राप्त हुई। इसवी सन् 1861 में मारवाड़ ओर बीकानेर राज्य में सीमा सम्बन्धी झगड़े फिर उपस्थित हो गये। अन्त में ब्रिटिश गवर्नमेंट ने मध्यस्थ होकर सब उपद्रव शांत कर दिये। महाराजा सरदार सिंह ने अपने शासन-काल मे सामन्तों से लिय जाने वाले कर में बहुत वृद्धि कर दी। ब्रिटिश सरकार ने प्रदान किये हुए 41 ग्रामों में भी आप कर बढ़ाने की चेष्टा करने लगे। इस पर वहाँ की प्रजा बिगड़ खड़ी हुई। अन्त में ब्रिटिश सरकार के अनुरोध से आपने इन भागों के कर में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं की। सन् 1872 के जनवरी मास में महाराजा सरदार सिंह का देहान्त हो गया।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:— महाराजा गंगा सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा डूंगर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा रत्नसिंह बीकानेर का परिचय और इतिहास महाराजा सूरत सिंह बीकानेर जीवन परिचय और इतिहास महाराजा अनूप सिंह का इतिहास महाराजा कर्ण सिंह बीकानेर परिचय और इतिहास महाराजा रायसिंह बीकानेर का परिचय राव बीका जी का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा किशन सिंह भरतपुर रियासत महाराजा जसवंत सिंह भरतपुर का जीवन परिचय और इतिहास महाराजा रणजीत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा जवाहर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय राजा सूरजमल का इतिहास और जीवन परिचय राजा बदन सिंह का इतिहास भरतपुर राज्य महाराजा उम्मेद सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा सुमेर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा मानसिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा अभय सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा अजीत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा जसवंत सिंह का इतिहास और जीवन परिचय राव उदय सिंह राठौड़ का इतिहास और जीवन परिचय राव रणमल का इतिहास और जीवन परिचय राव जोधा राठौड़ का इतिहास और जीवन परिचय राव सातल देव का इतिहास और जीवन परिचय राव सुजा राठौड़ का इतिहास और जीवन परिचय राव मालदेव का इतिहास और जीवन परिचय सवाई माधोसिंह द्वितीय का इतिहास और जीवन परिचय सवाई रामसिंह द्वितीय का इतिहास और परिचय सवाई जगत सिंह का इतिहास और परिचय सवाई प्रताप सिंह का इतिहास और जीवन परिचय सवाई पृथ्वी सिंह द्वितीय का इतिहास और जीवन परिचय सवाई माधोसिंह का इतिहास और जीवन परिचय सवाई जयसिंह का इतिहास और जीवन परिचय महाराजा जयसिंह का इतिहास (प्रथम) आमेर राजा मानसिंह का इतिहास - आमेर के राजा का इतिहास महाराणा फतह सिंह जी का परिचय महाराणा प्रताप सिंह का इतिहास - महाराणा प्रताप की मृत्यु कैसे हुई महाराणा विक्रमादित्य का इतिहास महाराणा रतन सिंह द्वितीय का इतिहास महाराणा सांगा का इतिहास - राणा सांगा का जीवन परिचय 1 2 Next »संत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्मसंत तुलसीदास का जीवन परिचय, वाणी और कहानीभक्त नरसी मेहता की कथा – नरसी मेहता की कहानीसंत हरिदास का जीवन परिचय – निरंजनीसंत सूरदास का जीवन परिचय हिंदी मेंसंत सदना जी का परिचयदयाबाई का जीवन परिचय और रचनाएंसहजोबाई का जीवन परिचय और रचनाएंमीराबाई का जीवन परिचय और कहानीबाबा धरनीदास का जीवन परिचय हिंदी में Tags: जीवनी, बायोग्राफी, बीकानेर राजवंश, राजपूत शासक, राजस्थान के वीर सपूत, राजस्थान के शासकRead more articles Previous Postमहाराजा रत्नसिंह बीकानेर का परिचय और इतिहास Next Postमहाराजा डूंगर सिंह का इतिहास और जीवन परिचय Naeem Ahmad CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger You Might Also Like जाटों की उत्पत्ति कैसे हुई – जाटों का प्राचीन इतिहास December 20, 2022 राठौड़ वंश की उत्पत्ति, संस्थापक और इतिहास December 9, 2022 तारकेश्वर : गरीबों का अमरनाथ ….!! September 5, 2019Leave a ReplyCommentEnter your name or username to commentEnter your email address to commentEnter your website URL (optional) Δ