मसूरी (पहाड़ों की रानी) मसूरी टूरिस्ट पैलेस – masoore tourist place Naeem Ahmad, February 4, 2017September 17, 2018 उतरांचल के पहाड़ी पर्यटन स्थलों में सबसे पहला नाम मसूरी का आता है। मसूरी का सौंदर्य सैलानियों को इस कदर प्रभावित करता है। कि इसे पर्वतों की रानी भी कहा जाता है। इस जगह को यमुनोत्री और गंगोत्री के धार्मिक केन्द्रों के लिए प्रवेश द्वार भी माना जाता है । मसूर एक प्रकार की झाड़ी होती है जो एक बार इस क्षेत्र में बहुतायत में पाई गई थी इसी से इसका नाम मसूरी पड़ गया। मसूरी का इतिहास सन् 1825 में केप्टन यंग एक साहसिक ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी और श्री शोर , देहरादून के निवासी और अधिक्षक द्वारा वर्तमान मसूरी स्थल की खोज से आरम्भ होता है तभी इस छुट्टी पर्यटन स्थल की नीवं पड़ी थी। मसूरी में पर्यटकों को लुभाने वाले अनेक स्थल है। उन्हीं में से कुछ पर प्रकाश डालते है। Contents1 गनहिल2 म्युनिसिपल गार्डन3 तिब्बती मंदिर4 चाइल्डर्स लॉज5 कैमल बैक रोड6 झडीपानी फाल7 भट्टा फाल8 कैम्पटी फाल9 नाग देवता मंदिर9.1 उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—10 मसूरी झील11 वाम चेतना केन्द्र12 सर जार्ज एवरेस्ट हाउस13 ज्वाला जी मंदिर( बेनोग हिल14 कब ओर कैसे14.1 उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व धार्मिक स्थल गनहिल मसूरी की दूसरी सबसे उंची चोटी पर रोपवे द्वारा जाने का आनन्द ले । यहाँ पैदल रास्ते से भी पहुँचा जा सकता है । यह रास्ता माल रोड़ पर कचहरी के निकट से जाता है और यहाँ पहुँचने में लगभग बीस मिनट का समय लगता है । रोपवे की लम्बाई केवल 400 मीटर है । सबसे ज्यादा इसकी सैर में जो रोमांच है वह अविस्मरणीय है । गनहिल से हिमालय पर्वत श्रृंखला अर्थात् पंदरपंच श्री काला , पिठवाड ओर गंगोत्री समूह आदि के सुंदर दृश्य देखें जा सकते है। आजादी पूर्व के वर्षो में इस पहाड़ी के ऊपर रखी तोप प्रतिदिन दोपहर को चलाईं जाती थी ताकि लोग अपनी घड़ियाँ सैट कर ले इसी कारण इस स्थान का नाम गनहिल पड गया। म्युनिसिपल गार्डन मसूरी का वर्तमान कंपनी गार्डन या म्युनिसिपल गार्डन आजादी से पहले तक बोटैनिकल गार्डन भी कहलाता था । कंपनी गार्डन के निर्माता विश्वविख्यात भू वेज्ञानिक डाक्टर एच फाकनार लोगी थे । सन् 1842 के आसपास उन्होंने इस क्षेत्र को सुंदर उघ्धान में बदल दिया था । बाद में कंपनी प्रशासन की देखरेख में होने लगा था । इसलिए इसे कंपनी गार्डन या म्युनिसिपल गार्डन कहा जाने लगा। तिब्बती मंदिर बौद्ध सभ्यता की गाथा कहता यह मंदिर निश्चय ही पर्यटकों का मनमोह लेता है । इस मंदिर के पिछे की तरफ कुछ ड्रम लगे हुए है । जिनके बारे में मान्यता है कि इन्हें घुमाने से मनोकामना पूर्ण होती है। मसूरी के पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य चाइल्डर्स लॉज लाल टिब्बा के निकट यह मसूरी की सबसे उंची चोटी है । टूरिस्ट कार्यालय से यह पांच किलोमीटर दूर है । यहाँ तक घोडे से या पैदल पहुँचा जा सकता है । यहाँ से बर्फ के दृश्य देखना बहुत रोमांचक लगता है। कैमल बैक रोड कुल तीन किलोमीटर लम्बा यह रोड लिंक हाल के समीप कुलरी बाज़ार से आरम्भ होता है और लाईब्रेरी बाजार पर जाकर समाप्त होता है। इस सड़क पर पैदल चलना या घुड़सवारी करना अच्छा लगता है । हिमालय में सूर्यास्त का दृश्य यहाँ से सुंदर दिखाई पड़ता है । पब्लिक स्कूल से कैमल रोड जीते जागते ऊँट जैसी लगती है। झडीपानी फाल यह फाल मसूरी झडीपानी रोड पर मसूरी से 8.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । पर्यटक झडीपानी तक 7 किमी की दूरी बस या कार द्वारा तय करके यहाँ से पैदल 1.5 किमी दूरी पर झरने तक पहुँच सकते है। भट्टा फाल यह फाल मसूरी देहरादून रोड़ पर मसूरी से 7 किमी दूर स्थित है । पर्यटक बस या कार द्वारा यहाँ पहुँच कर आगे की 3 किमी दूरी पैदल तय करके झरने तक पहुँच सकते है । स्नान और पिकनिक की चाह रखने वालों के लिए यह अच्छी जगह है। कैम्पटी फाल यमुनोत्री रोड़ पर मसूरी से 15 किमी दूर 4500 फुट की उचाई पर यह इस सुंदर घाटी में स्थित सबसे बड़ा और सबसे खुबसुरत झरना है । जो चारों ओर से ऊचे पहाड़ों से घिरा है । झरने की तलहटी में स्नान तरोताजा कर देता है । और बच्चों के साथ साथ बड़े भी इसका आनन्द उठा सकते है । यह झरना पांच अलग अलग धाराओं में बहता है । जो पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केन्द्र बना रहता हैं इसके चारो ओर पर्वत श्रृंखलाएं दिखाई देती है । अंग्रेज़ अपनी चाय दावत अक्सर यही पर किया करते थे । इसलिए झरने का नाम कैंम्पटी ( कैम्प+टी) फाल पड गया । कैम्पटी फाल के निकट कैम्पटी झील है । लोग यहाँ अपने परिवार ओर मित्रों के साथ समय बिताने आते है । यहाँ उपलब्ध नौकायन ओर टॉय ट्रेन की सुविधा बच्चों को खासा लुभाती है । यह स्थल पिकनिक मानाने के इच्छुक लोगों में बहुत ही लोकप्रिय है। नाग देवता मंदिर कार्ट मेकैंजी रोड़ पर स्थित यह प्राचीन मंदिर मसूरी से लगभग 6किमी दूर स्थित है । वाहन ठीक मंदिर तक जा सकते है । यहाँ से मसूरी के साथ साथ दून घाटी का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। उत्तराखंड पर्यटन पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:— देहरादून के पर्यटन स्थल अल्मोड़ा के पर्यटन स्थल नैनीताल के पर्यटन स्थल रानीखेत के पर्यटन स्थल मसूरी के पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्य मसूरी झील मसूरी देहरादून रोड़ पर यह नया विकसित किया गया पिकनिक स्पॉट है । जो मसूरी से लगभग 6 किमी दूर है । यह एक आकर्षक स्थान है यहाँ पैडल बोट उपलब्ध रहती है यहाँ से दून घाटी ओर आसपास के गावों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। वाम चेतना केन्द्र टिहरी बाईपास रोड़ पर लगभग 2किमी की दूरी पर यह भी एक विकसित किया गया पिकनिक स्पॉट है । इसके आसपास पार्क है जो देवदार के जंगलों ओर फूलों की झाड़ियों से घिरा है । यहाँ तक पैदल या टैक्सी कार से पहुँचा जा सकता है ।पार्क में वन्य प्राणी जैसे- घुरार, कण्णंकर, हिमालयी मोर, मोननल आदि आकर्षण का मुख्य केंद्र है। सर जार्ज एवरेस्ट हाउस 6किमी की दूरी पर भारत के प्रथम सर्वेयर जनरल सर जार्ज एवरेस्ट की दी पार्क एस्टेट है । उनका आवास और कार्यालय यही पर था । यहाँ सडक मार्ग से पहुँचा जा सकता है। ज्वाला जी मंदिर( बेनोग हिल मसूरी से 9किमी पश्चिम में 2104मीटर की ऊचाई पर ज्वाला जी मंदिर स्थित है । यह बेनोग हिल की चोटी पर बना है । जहाँ माता दुर्गा की पूजा होती है । मंदिर के चारो ओर घना जंगल है । जहाँ से हिमालय की चोटी दून घाटी ओर यमुना घाटी के सुंदर दृश्य दिखाई देते है। मसूरी के आसपास भी कई पर्यटन स्थल देखने योग्य है । यमुना ब्रिज यह फिशिंग के लिए एक आदर्श स्थान है । धनोल्टी यह आराम करने का सुविधाजनक स्थान है यहाँ कई टूरिस्ट बंगला है ।इसके अलावा भी सुरखंड देवी ,नाग टिब्बा, भद्रज, सहस्त्रधारा आदि प्रमुख स्थानों का भी आनंद लिया जा सकता है। कब ओर कैसे मसूरी दिल्ली ओर अन्य मुख्य नगरों से सड़क द्वारा सीधे जुड़ा है । समीपतम रेलवेस्टेशन देहरादून है यहाँ से टैक्सी ओर बसे नियमित रूप से उपलब्ध रहती है। मसूरी भ्रमण का सबसे उचित समय मार्च से नवंम्बर का है । वैसे तो पूरे साल कभी भी जाया जा सकता है ।जिसमें वर्षा ऋतु काल जुलाई से सितम्बर तक कुछ परेशान कर सकता है। उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व धार्मिक स्थल दार्जिलिंग के पर्यटन स्थल – दार्जिलिंग पर्यटन के बारे में दार्जिलिंग हिमालय पर्वत की पूर्वोत्तर श्रृंखलाओं में बसा शांतमना दार्जिलिंग शहर पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर आकर्षित कर लेता गणतंत्र दिवस परेड गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है । अगर पर्यटन की मांउट आबू के पर्यटन स्थल – माउंट आबू दर्शनीय स्थल पश्चिमी राजस्थान जहाँ रेगिस्तान की खान है तो शेष राजस्थान विशेष कर पूर्वी और दक्षिणी राजस्थान की छटा अलग और शिमला(सफेद चादर ओढती वादियाँ) शिमला के दर्शनीय स्थल बर्फ से ढके पहाड़ सुहावनी झीलें, मनभावन हरियाली, सुखद जलवायु ये सब आपको एक साथ एक ही जगह मिल सकता नेपाल के पर्यटन स्थल – nepal tourist place information in hindi हिमालय के नजदीक बसा छोटा सा देश नेंपाल। पूरी दुनिया में प्राकति के रूप में अग्रणी स्थान रखता है । नैनीताल( सुंदर झीलों का शहर) नैनीताल के दर्शनीय स्थल देश की राजधानी दिल्ली से लगभग 300किलोमीटर की दूरी पर उतराखंड राज्य के कुमांऊ की पहाडीयोँ के मध्य बसा यह कुल्लू मनाली के पर्यटन स्थल – कुल्लू मनाली पर्यटक का स्वर्ग कुल्लू मनाली पर्यटन :- अगर आप इस बार मई जून की छुट्टियों में किसी सुंदर हिल्स स्टेशन के भ्रमण की हरिद्वार ( मोक्षं की प्राप्ति) haridwar sapt puri teerth in hindi उतराखंड राज्य में स्थित हरिद्धार जिला भारत की एक पवित्र तथा धार्मिक नगरी के रूप में दुनियाभर में प्रसिद्ध है। गोवा( बीच पर मस्ती) goa tourist place information in hindi भारत का गोवा राज्य अपने खुबसुरत समुद्र के किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है ।गोवा क्षेत्रफल के जोधपुर ( ब्लू नगरी) jodhpur blue city – जोधपुर का इतिहास जोधपुर का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में वहाँ की एतिहासिक इमारतों वैभवशाली महलों पुराने घरों और प्राचीन पतंजलि योग पीठ – patanjali yog peeth – योग जनक हरिद्वार जिले के बहादराबाद में स्थित भारत का सबसे बड़ा योग शिक्षा संस्थान है । इसकी स्थापना स्वामी रामदेव द्वारा खजुराहो का मंदिर (कामुक कलाकृति) kamuk klakirti khujraho अनेक भसाव-भंगिमाओं का चित्रण करने वाली मूर्तियों से सम्पन्न खजुराहो के जड़ पाषाणों पर चेतनता भी वारी जा सकती है। लाल किला किसने बनवाया – लाल किले का इतिहास और तथ्य यमुना नदी के तट पर भारत की प्राचीन वैभवशाली नगरी दिल्ली में मुगल बादशाद शाहजहां ने अपने राजमहल के रूप जामा मस्जिद दिल्ली का इतिहास- jama masjid dehli history in hindi जामा मस्जिद दिल्ली मुस्लिम समुदाय का एक पवित्र स्थल है । सन् 1656 में निर्मित यह मुग़ल कालीन प्रसिद्ध मस्जिद दुधवा नेशनल पार्क – doodhwa national park उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जनपद के पलिया नगर से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दुधवा नेशनल पार्क है। पीरान कलियर शरीफ – दरगाह करियर शरीफ – कलियर दरगाह का इतिहास पाक पीरान कलियर शरीफ उतराखंड के रूडकी से 4किमी तथा हरिद्वार से 20 किमी की दूरी पर स्थित पीरान कलियर सिद्धबली मंदिर – सिद्धबली मंदिर का इतिहास – sidhbali tample सिद्धबली मंदिर उतराखंड के कोटद्वार कस्बे से लगभग 3किलोमीटर की दूरी पर कोटद्वार पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग पर भव्य सिद्धबली मंदिर राधा कुंड यहाँ मिलती है संतान सुख प्राप्ति – radha kund mthura राधा कुंड :- उत्तर प्रदेश के मथुरा शहर को कौन नहीं जानता में समझता हुं की इसका परिचय कराने की सोमनाथ मंदिर का इतिहास somnath tample history in hindi भारत के गुजरात राज्य में स्थित सोमनाथ मदिर भारत का एक महत्वपूर्ण मंदिर है । यह मंदिर गुजरात के सोमनाथ जिम कार्बेट नेशनल पार्क jim corbet national park information in hindi जिम कार्बेट नेशनल पार्क उतराखंड राज्य के रामनगर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित जिम कार्बेट नेशनल पार्क भारत का अजमेर शरीफ दरगाह ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती ajmer dargaah history in hindi भारत के राजस्थान राज्य के प्रसिद्ध शहर अजमेर को कौन नहीं जानता । यह प्रसिद्ध शहर अरावली पर्वत श्रेणी की Jammu kashmir tourist place जम्मू कश्मीर टूरिस्ट पैलेस जानकारी हिन्दी में जम्मू कश्मीर भारत के उत्तरी भाग का एक राज्य है । यह भारत की ओर से उत्तर पूर्व में चीन वैष्णो देवी यात्रा माँ वैष्णो देवी की कहानी veshno devi history in hindi जम्मू कश्मीर राज्य के कटरा गाँव से 12 किलोमीटर की दूरी पर माता वैष्णो देवी का प्रसिद्ध व भव्य मंदिर मानेसर झील ऐसा लगता है पानी कम मछलियां ज्यादा मानेसर झील या सरोवर मई जून में पडती भीषण गर्मी चिलचिलाती धूप से अगर किसी चीज से सकून व राहत हुमायूं का मकबरा मुगलों का कब्रिस्तान humanyu tomb history in hindi भारत की राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तथा हजरत निजामुद्दीन दरगाह के करीब मथुरा रोड़ के निकट हुमायूं का मकबरा स्थित है। कुतुबमीनार का इतिहास Qutab minar history in hindi पिछली पोस्ट में हमने हुमायूँ के मकबरे की सैर की थी। आज हम एशिया की सबसे ऊंची मीनार की सैर करेंगे। जो Lotus tample history in hindi कमल मंदिर एशिया का एक मात्र बहाई मंदिर भारत की राजधानी के नेहरू प्लेस के पास स्थित एक बहाई उपासना स्थल है। यह उपासना स्थल हिन्दू मुस्लिम सिख Akshardham tample history in hindi स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कमल मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर की थी। इस पोस्ट Charminar history in hindi- चारमीनार का इतिहास प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने दिल्ली के प्रसिद्ध स्थल स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर के बारे में जाना और उसकी सैर Hawamahal history in hindi- हवा महल का इतिहास प्रिय पाठकों पिछली पोस्ट में हमने हेदराबाद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल व स्मारक के बारे में विस्तार से जाना और 1 2 3 … 42 Next » भारत के पर्यटन स्थल भारत के हिल्स स्टेशन Hill station 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