You are currently viewing भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन उत्तर प्रदेश
भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन

भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन उत्तर प्रदेश

भगवान शंकर का यह मंदिरजालौन तहसील में स्थित सरावन ग्राम में है। जिसे भूरेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। भूरेश्वर महादेव मंदिर के निर्माण का संकल्प सरावन के राजा फतेह सिंह द्वारा संवत 1205 में लिया गया था। सरावन एक छोटी सी जागीरदारी थी जिसका कार्य भार राजा फतेह सिंह द्वारा देखा जाता था। समाज में भक्ति भावना के प्रचार प्रसार तथा आध्यात्मिक अभि रूचि के कारण इस मंदिर का निर्माण संकल्प पूर्ण हुआ।

भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन जालौन

भूरेश्वर महादेव मंदिर नागर शैली का एक अद्वितीय उदाहरण इस कारण है कि इसका गर्भगृह आधार तल लगभग 10 फुट ऊँचाई तक इकसार गया तथा तत्पश्चात शंकु आकार लेता हुआ संकुचित होता गया तथा इसकी चारों भुजायें आधार तल से लगभग 15 फुट ऊँचाई पर एक साथ मिलकर मन्दिर के आमलक का निर्माण करती है जिस पर चक्राकार अंकन के पश्चात्‌ कलश स्थापित है।इस वर्गाकार गर्भगृह के पूर्व में एक विशाल आयताकार मण्डप बना है जिसकी बाहय ऊपरी चहरदीवारी पर चारों कोनों पर एक-एक मठिया स्थित थी तथा ऊपर छत पर जाने हेतु दक्षिणी भुजा से संलग्न सीढ़ियाँ बनी हुयी है। इस आयताकार मण्डप की दीवार के ऊपरी सिरों पर कमल दल का अंकन है।यह मंदिर चूने के उत्तम प्लास्टर से युक्त है।

भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन
भूरेश्वर महादेव मंदिर सरावन

शिव मूर्ति

भूरेश्वर महादेव मंदिर के गर्भगृह में भगवान शंकर की पिण्डी स्थापित है जो कि श्वेत संगमरमर द्वारा निर्मित है। इस शिवलिंग का घरूआ नहीं है। इसके आधार पर इसको चारों ओर से घेरता हुआ फन उठाये एक सर्प अंकित है जो कि पत्थर में प्राण होने का एक जीवन्त उदाहरण है।

हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—-

चौरासी गुंबद कालपी
चौरासी गुंबद यह नाम एक ऐतिहासिक इमारत का है। यह भव्य भवन उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में यमुना नदी
श्री दरवाजा कालपी
भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में कालपी एक ऐतिहासिक नगर है, कालपी स्थित बड़े बाजार की पूर्वी सीमा
रंग महल कालपी
उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले के कालपी नगर के मिर्जामण्डी स्थित मुहल्ले में यह रंग महल बना हुआ है। जो
गोपालपुरा का किला जालौन
गोपालपुरा जागीर की अतुलनीय पुरातात्विक धरोहर गोपालपुरा का किला अपने तमाम गौरवमयी अतीत को अपने आंचल में संजोये, वर्तमान जालौन जनपद
रामपुरा का किला
जालौन जिला मुख्यालय से रामपुरा का किला 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 46 गांवों की जागीर का मुख्य
जगम्मनपुर का किला
उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन जिले में यमुना के दक्षिणी किनारे से लगभग 4 किलोमीटर दूर बसे जगम्मनपुर ग्राम में यह
तालबहेट का किला
तालबहेट का किला ललितपुर जनपद मे है। यह स्थान झाँसी - सागर मार्ग पर स्थित है तथा झांसी से 34 मील
कुलपहाड़ का किला
कुलपहाड़ भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के महोबा ज़िले में स्थित एक शहर है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र का एक ऐतिहासिक
पथरीगढ़ का किला
पथरीगढ़ का किला चन्देलकालीन दुर्ग है यह दुर्ग फतहगंज से कुछ दूरी पर सतना जनपद में स्थित है इस दुर्ग के
धमौनी का किला
विशाल धमौनी का किला मध्य प्रदेश के सागर जिले में स्थित है। यह 52 गढ़ों में से 29वां था। इस क्षेत्र
बिजावर का किला
बिजावर भारत के मध्यप्रदेश राज्य केछतरपुर जिले में स्थित एक गांव है। यह गांव एक ऐतिहासिक गांव है। बिजावर का
बटियागढ़ का किला
बटियागढ़ का किला तुर्कों के युग में महत्वपूर्ण स्थान रखता था। यह किला छतरपुर से दमोह और जबलपुर जाने वाले मार्ग
राजनगर का किला
राजनगर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में खुजराहों के विश्व धरोहर स्थल से केवल 3 किमी उत्तर में एक छोटा सा
पन्ना का किला
पन्ना का किला भी भारतीय मध्यकालीन किलों की श्रेणी में आता है। महाराजा छत्रसाल ने विक्रमी संवत् 1738 में पन्‍ना
सिंगौरगढ़ का किला
मध्य भारत में मध्य प्रदेश राज्य के दमोह जिले में सिंगौरगढ़ का किला स्थित हैं, यह किला गढ़ा साम्राज्य का
छतरपुर का किला
छतरपुर का किला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में अठारहवीं शताब्दी का किला है। यह किला पहाड़ी की चोटी पर
चंदेरी का किला
भारत के मध्य प्रदेश राज्य के अशोकनगर जिले के चंदेरी में स्थित चंदेरी का किला शिवपुरी से 127 किमी और ललितपुर
ग्वालियर का किला
ग्वालियर का किला उत्तर प्रदेश के ग्वालियर में स्थित है। इस किले का अस्तित्व गुप्त साम्राज्य में भी था। दुर्ग
बड़ौनी का किला
बड़ौनी का किला,यह स्थान छोटी बड़ौनी के नाम जाना जाता है जोदतिया से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
दतिया महल या दतिया का किला
दतिया जनपद मध्य प्रदेश का एक सुप्रसिद्ध ऐतिहासिक जिला है इसकी सीमाए उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद से मिलती है। यहां
चौरासी खंभा कालपी का किला
कालपी का किला ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अति प्राचीन स्थल है। यह झाँसी कानपुर मार्ग पर स्थित है उरई
उरई का किला और माहिल तालाब
उत्तर प्रदेश के जालौन जनपद मे स्थित उरई नगर अति प्राचीन, धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व का स्थल है। यह झाँसी कानपुर
एरच का किला
उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद में एरच एक छोटा सा कस्बा है। जो बेतवा नदी के तट पर बसा है, या
चिरगाँव का किला
चिरगाँव झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह झाँसी से 48 मील दूर तथा मोड से 44 मील
गढ़कुंडार का किला
गढ़कुण्डार का किला मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में गढ़कुंडार नामक एक छोटे से गांव मे स्थित है। गढ़कुंडार का किला बीच
बरूआ सागर का किला
बरूआ सागर झाँसी जनपद का एक छोटा से कस्बा है। यह मानिकपुरझांसी मार्ग पर है। तथा दक्षिण पूर्व दिशा पर
मनियागढ़ का किला
मनियागढ़ का किला मध्यप्रदेश के छतरपुर जनपद मे स्थित है। सामरिक दृष्टि से इस दुर्ग का विशेष महत्व है। सुप्रसिद्ध ग्रन्थ
मंगलगढ़ का किला
मंगलगढ़ का किला चरखारी के एक पहाड़ी पर बना हुआ है। तथा इसके के आसपास अनेक ऐतिहासिक इमारते है। यह हमीरपुर
जैतपुर का किला या बेलाताल का किला
जैतपुर का किला उत्तर प्रदेश के महोबा हरपालपुर मार्ग पर कुलपहाड से 11 किलोमीटर दूर तथा महोबा से 32 किलोमीटर दूर
सिरसागढ़ का किला
सिरसागढ़ का किला कहाँ है? सिरसागढ़ का किला महोबा राठ मार्ग पर उरई के पास स्थित है। तथा किसी युग में
महोबा का किला
महोबा का किला महोबा जनपद में एक सुप्रसिद्ध दुर्ग है। यह दुर्ग चन्देल कालीन है इस दुर्ग में कई अभिलेख भी
कल्याणगढ़ का किला मंदिर व बावली
कल्याणगढ़ का किला, बुंदेलखंड में अनगिनत ऐसे ऐतिहासिक स्थल है। जिन्हें सहेजकर उन्हें पर्यटन की मुख्य धारा से जोडा जा
भूरागढ़ का किला
भूरागढ़ का किला बांदा शहर के केन नदी के तट पर स्थित है। पहले यह किला महत्वपूर्ण प्रशासनिक स्थल था। वर्तमान
रनगढ़ दुर्ग या जल दुर्ग
रनगढ़ दुर्ग ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण प्रतीत होता है। यद्यपि किसी भी ऐतिहासिक ग्रन्थ में इस दुर्ग
खत्री पहाड़ का दुर्ग व मंदिर
उत्तर प्रदेश राज्य के बांदा जिले में शेरपुर सेवड़ा नामक एक गांव है। यह गांव खत्री पहाड़ के नाम से विख्यात
मड़फा दुर्ग
मड़फा दुर्ग भी एक चन्देल कालीन किला है यह दुर्ग चित्रकूट के समीप चित्रकूट से 30 किलोमीटर की दूरी पर
रसिन का किला
रसिन का किला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले मे अतर्रा तहसील के रसिन गांव में स्थित है। यह जिला मुख्यालय बांदा
अजयगढ़ का किला
अजयगढ़ का किला महोबा के दक्षिण पूर्व में कालिंजर के दक्षिण पश्चिम में और खुजराहों के उत्तर पूर्व में मध्यप्रदेश
कालिंजर का किला
कालिंजर का किला या कालिंजर दुर्ग कहा स्थित है?:--- यह दुर्ग बांदा जिला उत्तर प्रदेश मुख्यालय से 55 किलोमीटर दूर बांदा-सतना
ओरछा दर्शनीय स्थल के सुंदर दृश्य
शक्तिशाली बुंदेला राजपूत राजाओं की राजधानी ओरछा शहर के हर हिस्से में लगभग इतिहास का जादू फैला हुआ है। ओरछा

Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

Leave a Reply