ऐतिहासिक व आध्यात्मिक दृष्टि से भुवनेश्वर एक मशहूर पर्यटन स्थल होने के साथ साथ उडीसा राज्य की राजधानी भी है। भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थल पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस शहर को मंदिरो का नगर भी कहा जाता है। कहते है कि किसी समय यहा 1000 मंदिर हुआ करते थे। भुवनेश्वर के मंदिर प्राचीन काल से प्रसिद्ध रहे है।
वर्तमान में भुवनेश्वर के मंदिरो में 11 वी सदी का लिंगराज मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस मंदिर में उडीसा की स्थापत्य कला के वैभवशाली नमूने देखे जा सकते है। वास्तव में उडीसा का अप्रतिम सौंदर्य यहा की पारम्परिकता में ही नही अपितु यहा की प्राकृतिक दृश्यावलियो में भी रचा बसा है। भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थलो और भुवनेश्वर के आस पास के दर्शनीय स्थलो की फेरहिस्त का लम्बी है। लेकिन अपने इस लेख में हम आपको भुवनेश्वर के टॉप 10 पर्यटन स्थलो के बारे में बताने जा रहे है।
भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थल
भुवनेश्वर के टॉप 10 पर्यटन स्थल
भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थलो के सुंदर दृश्यलिंगराज मंदिर
विश्व प्रसिद्ध लिंगराज मंदिर को भुवनेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की बहारी दिवारो पर शिल्पकला के अद्भुत नमूने देखने योग्य है। मंदिर के भीतर ग्रेनाइट पत्थर से बना विशाल शिवलिंग है जिसके आधे भाग में भगवान विष्णु का रूप उत्कीर्ण है। यह मंदिर भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थल में प्रमुख स्थल है।
मुक्तेश्वर मंदिर
मुक्तेश्वर मंदिर वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमे उडते हुए गंधर्व विमान, हाथियो को रौंदते हुए सिंह, उछलते कूदते बंदर तथा भागते हिरणो के कलात्मक दृश्य सजीव से लगते है।
ब्रह्मेश्वर मंदिर
यह मंदिर“ब्रह्माकुंड”के पास स्थित है। इस मंदिर मे भगवान शिव की कलात्मक प्रतिमा विशेष रूप से देखने योग्य है।
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रामेश्वरम मंदिर
इस मंदिर को गुडिया मंदिर भी कहते है। इसमे शिवलिंग प्रतिष्ठित है। चैत्र शुक्ल अष्टमी को लिगंराजजी का यात्रा रथ इसी मंदिर तक आता है।
परशुरामेश्वर मंदिर
यह मंदिर लिंगराज मंदिर से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भुवनेश्वर के इस प्राचीन मंदिर की शिल्पकला देखने योग्य है।
नंदनकानन
भुवनेश्वर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह वृहद पार्क पशुओ का अभयारण्य है। इस पार्क में एक सुंदर झील भी है। जो पर्यटको को दूर से ही आकर्षित करती है। भुवनेश्वर के दर्नीय स्थल में यह स्थान काफी प्रसिद्ध है।
शांति स्तूप
भुवनेश्वर से 8 किलोमीटर दूर धौली पहाडी पर निर्मित शांति स्तूप के चारो ओर महात्मा बुद्ध की मूर्तिया देखने योग्य है। यह स्तूप बौद्ध परम्परा की आधुनिक शिल्पकला का उत्कृष्ट नमूना है। इस पहाडी के पास ही वह मैदान है।जहा सम्राट अशोक ने कलिंग नरेश को युद्ध में पराजित किया था।
भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थलो के सुंदर दृश्यचिलका झील
भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थल में काफी प्रसिद्ध चिलका झील पुरी के दक्षिण पश्चिम में स्थित है। चिलका झील में 160 प्रकार की मछलियां पायी जाती है। 1100 वर्ग किलोमीटर में फैली इस झील में बोटिंग करने का अपना अलग ही मजा है।
संग्रहालय
नए पुराने भुवनेश्वर शहर के बीच स्थित राज्य संग्रहालय में आप मध्यकालीन दुर्लभ ताम्रपत्रो, पांडुलिपीयो, कलाकृतियो और शिलालेखो को बेहद करीब से देख सकते है। यहा पाषण शिल्प की मूर्ति, सिक्के तथा अन्य हस्तशिल्प की वस्तुएं भी देखने योग्य है।
शिशुपालगढ़
कहा जाता है कि शिशुपालगढ कभी उडीसा की राजधानी थी।.आप यहा प्राचीन काल के कई अवशेष देख सकते है।
गुफाएं
भुवनेश्वर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर खंडगिरि और उदयगिरि नाम की दो गुफाएं है। जिनका अपना ऐतिहासिक महत्व है। एक पहाडी पर स्थित ये गुफाए 2000 साल पुरानी है। यहा एक ही पत्थर को तराशकर शिल्पियो ने 24 तीर्थंकरो की मूर्तिया बनाई है जो विषेश रूप से दर्शनीय है। भुवनेश्वर के दर्शनीय स्थल में यह गुफाएं काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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