प्रिय पाठको अपने वन्य जीव उद्यान संस्करण के अंतर्गत इस पोस्ट में हमभारत के कर्नाटक राज्य के एक ऐसे वन्यजीव उद्यान की सैर करेगें जो पहाडो की ऊचाईयो पर बसा है। पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता है। जी हां “बी आर हिल्स” पहाडो की सुंदरता और वन्य जीवो की अनूठी संगम स्थली के रूप में जाना जाता है। यहा के शांत वातावरण में प्राकृति से नजदीकी का अहसास तो होता ही है साथ में यहा की खामोशी में आप जंगली जानवरो की आवाजे इतनी साफ सुनाई पडती है मानो ऐसा लगता है कि वो कही हमारो आसपास ही है। समुंद्र तल से 3375 फुट की ऊचांई पर दक्षिण कर्नाटक में कावेरी और कपिला नदियो के बीच में स्थित बी आर हिल्स कामराजनगर जिले के अंतर्ग आती है। यह हिल्स स्टेशन वन्यजीवो के बारे में जानने को उत्सुक और ट्रेकिंग का रोमांच उठाने वाले पर्यटको के लिए एक स्वर्ग से कम नही है। यहा वनस्पतियो और जीव जन्तुओ की अनेक प्रजातिया आपको देखने को मिलती है। बी आर टी नेशनल पार्क 525 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहा भालू , जंगली सूअर के अलावा हाथी भी पाये जाते है।
यहा 270 के लगभग पक्षियो की प्रजातिया पायी जाती है जिनमे से 210 के लगभग प्रजातिया प्रवासी पक्षियो की है। पेरेडाइज, फ्लाईकैचर, रॉकेट टेल्ड ड्रॉन्गो और क्रेस्टेड हॉक ईगल प्रमुख है। यहा पर सैलानी पैदल घूमने के साथ साथ जीप सफारी या हाथी की सवारी द्वारा इस खुबसुरत जंगल का भ्रमण कर सकते है। यहा आने के लिए चमराजनगर वन विभाग से अनुमति पत्र की आवश्यकता पडती है। आस पास में कॉफी के बागान भी देखने योग्य है। यह अभारण्य पूरे साल खुला रहता है। लेकिन यहा जाने का सही समय सितंबर से अप्रैल के बीच का है इस समय यहा की प्राकृतिक छठा देखते ही बनती है।
यह एक विशाल वृक्ष है जोकि लगभग दो हजार वर्ष पुराना है। हैरत की बात यह है की इतना पुराना होने के बाद भी यह वृक्ष पहले से भी ज्यादा हरा भरा है। डोडडा सैमपिगे मारा जिसका अर्थ होता है “चंपक का पेड” इस पेड को यहा की स्थानिय सालिगा जनजाति बहुत सम्मान करती है।उनका मानना है कि इस वृक्ष में भगवान रंगास्वामी का वास है। स्थानिय लोगो का यह भी मानना है की यहा अन्य देवी देवता भी वास करते है। जिन्हें यहा पत्थर के 101 लिंगो द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
यह भगवान रंगास्वामी को समर्पित एक मंदिर है जो एक पहाड की चोटी पर बना है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 150 सीढिया चढनी पडती है। यह मंदिर साहित्य कला का अद्धभुत नमूना है जो कई शताब्दी पूर्व में बना है। हर साल यहा भगवान रंगास्वामी की रथ द्वारा शोभा यात्रा निकाली जाती है जिसमे हजारो स्थानीय लोग हिस्सा लेते है।
कैसे पहुंचे
हवाई मार्ग
यहा से निकटतम हवाई अड्डा बैंगलोर है । जो यहा से लगभग 235 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। यहा से आप बस या टेक्सी पकड सकते है।
रेल मार्ग
मैसर यहा का नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो कि यहा से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहा से बी आर हिल्स जाने के लिए टेक्सीयो की अच्छी व्यवस्था उपल्बध है।
सडक मार्ग
राष्ट्रीय राजमार्ग 209 से कनकपुरा , कोलेगल और कामराजनगर होते हुए बी आर हिल्स जाने का अच्छा रास्ता है।