बिजनौर पर्यटन स्थल – बिजनौर के टॉप 10 दर्शनीय स्थल Naeem Ahmad, October 13, 2018March 29, 2024 बिजनौर उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख शहर, जिला, और जिला मुख्यालय है। यह खूबसूरत और ऐतिहासिक शहर गंगा नदी के तट पर बसा है। बिजनौर शहर हर प्रमुख धर्म के लोगों के लिए उत्तर प्रदेश में एक प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में कार्य करता है। 18 वीं शताब्दी के बाद से यह धार्मिक विविधता विकसित हो रही थी, क्योंकि बिजनौर का इतिहास बताता है कि यह शहर मुगलों, नवाबों और अंततः अंग्रेजों समेत कई शासकों के शासनकाल में रहा था। हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म सभी धर्मों के लोग यहां रहते है। जिसके कारण बिजनौर के पर्यटन स्थलों मे धार्मिक स्थलों की कोई कमी नही है। इनमें से अधिकतर धार्मिक स्थल अपने क्लासिक आर्किटेक्चर और धार्मिक महत्व के कारण पर्यटकों को खूब आकर्षित करते है। ज्यादातर पर्यटक आमतौर पर बिजनौर के लोगों द्वारा धार्मिक सद्भाव, सहिष्णुता और गर्म आतिथ्य से प्रभावित होते हैं।बिजनौर पर्यटन स्थल – बिजनौर के टॉप 10 दर्शनीय स्थल विदुर कुटी आश्रम बिजनौरबिजनौर शहर से लगभग 11 किमी की दूरी पर दारानगर गंज मे स्थित विदुर कुटी आश्रम बिजनौर के पर्यटन स्थलों मे एक धार्मिक महत्व वाला स्थान है। विदुर कुटी का प्राचीन महत्व महाभारत काल से है। विदुर कुटी को महात्मा विदुर ने बसाया था। महाभारत युद्ध में भाग लेने के बजाए उन्होंने गंगा किनारे गंज क्षेत्र में अपना आश्रम बनाया था। युद्ध से पहले भगवान श्रीकृष्ण भी विदुर कुटी पर आए थे। उन्होंने दुर्योधन के 56 भोगों को त्यागकर महात्मा विदुर के आश्रम में बथुए का साग खाया था। अपने इसी महत्व के कारण यह स्थान भक्तों और पर्यटकों का पसंदीदा है। यहां हर साल एक मेला भी आयोजित किया जाता है। जिसमे हजारो की संख्या भक्त भाग लेते है।दरगाह ए ओलिया नज्फे हिन्द जौगीरम्पुरीबिजनौर शहर से लगभग 43 किमी की दूरी, और नजीबाबाद से 11 किमी की दूरी पर रायपुर सादात रोड जौगीरम्पुरी मे स्थित दरगाह ए ओलिया नज्फे हिन्द, बिजनौर के दर्शनीय स्थलों मे एक प्रमुख दरगाह है। इस दरगाह के बारें मे कहा जाता है कि आज से सैकड़ो साल पहले सैयद राजू औरंगजेब के जुल्म सितम से बचने के जोगिराम्पुरी इलाके के घने जंगलो में आकर मौला अली की इबादत करने लगे। इसी इबादत के बदौलत सैयद राजू ने हजरात मौला अली के आने का पैगाम लोगों तक पहुंचाया। उसी पैगाम के आगाज के मदेनाजर हर साल लाखों जायरीन अपनी- अपनी मुराद लिए मौला अली के दरबार में पहुंचते हैं।मुरादाबाद का इतिहास – मुरादाबाद के दर्शनीय व आकर्षक स्थलचार सौ साल पुरानी इस दरगाह की खासियत यह है की सैयद राजू औरंगजेब के जमाने में छिपते-छिपाते बिजनौर के जोगिराम्पुरी क्षेत्र में आकर खुदा की इबादत करते थे। वहीं जंगलो में एक बुढ़ा बाबा ब्रह्मण घास काट रहा था। इसी दौरान घोड़ो की टपो की आवाज ब्रह्मण को सुनाई दी चूंकी बाबा नेत्रहीन थे तो यह सारी दास्तां बाबा ने राजू से बताई उसी ही रात को राजू को सपना आया की हजरत अली इन जंगलो में आए थे। यहां सैय्यद राजू की कब्र के अलावा घोडों के टापों के निशाना भी है, जिनके बारे मे कहा जाता है की यह हजरत अली के घोडे के टापो के चिन्ह है तभी से इस गांव में कुदरती पानी का चस्मा फुट जो आज लाखों लोगो की सेहद के फायदेमंद साबित हो रहा है। इस चश्मे का पानी एक तालाब मे एकत्र होता है।मुजफ्फरनगर पर्यटन स्थल – मुजफ्फरनगर के टॉप 6 दर्शनीय स्थलयहा आने वाले यात्री मानते है की यहां के पानी के नहाने से बीमारियां दूर होती है। साथ ही यहां आये सभी जायरीन इस चमत्कारी पानी को अपने साथ घर ले जाते है। दरगाह-ए-आलिया नज्फे हिन्द जोगीपुरा में हार साल मजलिसों में लाखों आते हैं और अपनी -अपनी दुआ मांगते हैं।बिजनौर के पर्यटन स्थलों के सुंदर दृश्यनजीब उद दौला का किला या सुलताना डाकू का किलानवाब नाजीब-उद-दौला, जिसे नजीब खान भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध रोहिल्ला मुस्लिम योद्धा था और मुगल साम्राज्य और दुर्रानी साम्राज्य दोनों के सैनिक थे। नवाब नजीब-उद-दौला 18 वीं शताब्दी में रोहिला आदिवासी प्रमुख रोहिलखंड थे, जिन्होंने 1740 के दशक में भारत के बिजनौर जिले में नजीबाबाद शहर की स्थापना की, और उन्होंने रोहिला जनजातियों से स्वतंत्र नजीबाबाद राज्य, वर्तमान शहर स्थापित किया। सफरजंग सम्राज्य मे उन्हें नवाब की उपाधि मिली थी। उन्होंने यहां एख किले का निर्माण कराया। बाद मे सन् 1920 के लगभग इस किले पर उस समय के मशहूर डाकू सुलताना ने कब्जा कर लिया था। आज यह किला नवाब की अपेक्षा सुलताना डाकू के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इस किले को पत्थरगढ़ का किला भी कहा जाता है। यह इमारत पुरातत्व विभाग की संरक्षित इमारत है। हांलांकि की किला आज क्षतिग्रस्त हालत मे है। फिर भी यह पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है।गंगा बैराज बिजनौरबिजनौर शहर से लगभग 10 किमी कि दूरी पर गंगा बैराज गंगा नदी पर बनी जल सिंचाई परियोजना है। यहां से गंगा के जल को नहरो द्वारा डिवाईड करके कृषि सिंचाई के उयोग मे लाया जाता है। यहां पर गंगा नदी के किनारे पक्का घाट भी बना है जहां गंगा जी के भक्त गंगा स्नान करते है। यह स्थान अंतिम संस्कार के रूप में भी उयोग किया जाता है। यहां से गंगा जी के सुंदर नजारे दिखाई पडते है।राजा का ताजपुर गिरजाघरबिजनौर शहर से लगभग 44 किलोमीटर दूर राजा का ताजपुर बिजनौर जिले मे स्थित एक नगर पंचायत है। राजा का ताजपुर अपने ऐतिहासिक और खूबसूरत चर्च के लिए जाना जाता है। राजा का ताजपुर मे स्थित सेक्रेड हार्ट चर्च ऐतिहासिक चर्च है। इसका निर्माण राजा फ्रांसिस जेवियर रिख ने 1913 में कराया था। वह राजा का ताजपुर के प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखते थे। उन्होंने और उनके भाई नोरवर्ट रिख ने कैथोलिक धर्म स्वीकार कर लिया था। चर्च के निर्माण में नोरवर्ट रिख का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। राजा फ्रांसिस जेवियर रिख का निधन 1942 में बेंगलूर में हुआ। उनके शव को वहीं के कब्रिस्तान में दफनाया गया था। बिजनौर के पर्यटन स्थलों मे यह चर्च काफी प्रसिद्ध है। और पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है।श्री हनुमान धाम किरपुरबिजनौर शहर से लगभग 19 किमी कि दूरी पर किरतपुर मे स्थित श्री हनुमान धाम एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। यह मंदिर यहां स्थित भगवान महाबली हनुमान की 90 फिट ऊंची मूर्ति के लिए काफी प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए भक्तों व पर्यटक दूर दूर से यहां आते है। भगवान के विषेश अवसरों पर यहां विशेष आयोजन भी आयोजित किए जाते है।इंदिरा पार्क बिजनौरइंदिरा पार्क, बिजनौर अपने प्रियजनों के साथ एक महान समय बिताने के लिए एक आदर्श गंतव्य है। बिजनौर मे घूमने लायक जगहों मे यह एक लोकप्रिय स्थल है। बिजनौर मे आवास विकास कलोनी के सामने बैराज रोड पर स्थित यह सुंदर पार्क अपने हरे भरे परिवेश के कारण स्थानीय और पर्यटकों की पसंदीदा जगह है। स्थानीय लोगों के लिए यह सुबह और शाम सैर करने का एक मुख्य स्थल है। पार्क बड़ों के साथ साथ बच्चों के लिए भी मंनोरंजन का विशेष साधन है। पार्क मे लगे अनेक तरह के झुले बच्चों को खूब आकर्षित करते है। व्यस्थ और तनाव भरे सप्ताह के बाद परिवार के साथ एक मनोरंजक पिकनिक मनाने का एक अच्छा स्थान है। पार्क मे एक रेस्टोरेंट भी है जहां चाय नास्ते की उत्तम व्यवस्था है।शुगर मील इंडस्ट्रीजिला बिजनौर चिनी उत्पादन में भारत का प्रमुख क्षेत्र है। यहां बडी संख्या मे चिनी मिले है। जिनमें बिजनौर शुगर मील, धामपुर शुगर मील, स्योहारा शुगर मील, अफजलगढ़ शुगर मील, बिलाई शुगर मील, बूंदकी शुगर मील, चांदपुर शुगर मील आदि है। इसके अलावा अनेक छोटे छोटे क्रेशर चिनी उद्योग भी है। नवंबर से मार्च तक यह मिल चलते है। यदि आप चिनी बनने की प्रक्रिया को देखना चाहते है तो मील प्रशासन से अनुमति लेकर इनमें से किसी भी मिल का भ्रमण कर सकते है। इसके अलावा इस समय गन्ने के खेतो मे गन्ने के स्वाद का भी आनंद ले सकते है।आम के बागानबिजनौर जिला चिनी उत्पादन के साथ साथ आम उत्पादन मे भी काफी आग्रणी है। बिजनौर जिले का सहसपुर आम के लिए काफी प्रसिद्ध है। यहां बडी संख्या मे आम के बाग है। यदि आप पेडों पर आम को लगे देखना या अनेक किस्म के आमों का स्वाद लेना चाहते है तो आप फसल के मौसम में इन बागो की सैर कर सकते है।हेंडीक्राफ्टबिजनौर से लगभग 30 किमी की दूरी पर बिजनौर जिले मे स्थित नगीना नगर हेंडीक्राफ्ट नगरी के रूप मे जाना जाता है। नगीना बिजनौर जिले की एक तहसील भी है। यहां बडी संख्या मे वुड हेंडीक्राफ्ट उद्योग है। जहां लकडी के अनेक प्रकार के छोटे छोटे आइट बनाए जाते है। यदि आप इन आइटमों को बनते देखना या खरीदारी करना चाहते है तो आप नगीना का दौरा कर सकते है। बिजनौर पर्यटन पर आधारित हमारा यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताएं। यह जानकारी आप अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते है। यदि आपके आसपास कोई ऐसा धार्मिक, ऐतिहासिक या पर्यटन स्थल है जिसके बारें मे आप पर्यटकों को बताना चाहते है या फिर अपने किसी टूर, यात्रा, या पिकनिक के अनुभव हमारे पाठकों के साथ शेयर करना चाहते है तो आप अपना लेख कम से कम 300 शब्दों मे यहां लिख सकते है। Submit a post हम आपके द्वारा लिखे गए लेख को आपकी पहचान के साथ अपने इस प्लेटफार्म पर शामिल करेंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—–[post_grid id=”6023″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email 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