पीसा की झुकी मीनार कहा है – पीसा की मीनार किसने बनवाया Naeem Ahmad, May 25, 2022March 27, 2024 अठारहवीं शताब्दी के भ्रमणकारियों द्वारा विश्व के जिन सात आश्चर्यों की सूची में अन्य जिन सात आश्चर्यों की सूची सम्मिलित कर दी गई है, उनमें पीसा की झुकी हुई मीनार एक प्रमुख स्थान रखती है। विश्व के अत्यन्त ही आश्चर्यजनक मानवी कृत्यों में इस मीनार का विशिष्ठ स्थान है। पीसा इटली का एक प्राचीन नगर है। कब इस नगर की नींव पड़ी और किसने इसे बसाया इस सम्बन्ध में इतिहास वेत्ताओं में मतभेद है। परन्तु पीसा की झुकी मीनार का निर्माण काल एवं इतिहास की पूरी जानकारी संसार को मिल गई है।पीसा की झुकी मीनार कहा स्थित हैपश्चिमी देशों के, प्राचीनतम इतिहास में इटली भी काफी उन्नतिशील देश बताया गया है। बाद मे तो यह राष्ट्र मेजनी, गैरीवाल्डी एवं राजनीतिज्ञ कैबूर को लेकर अत्यन्त प्रसिद्ध हो गया था। पुराने काल मे भी अपने कला कौशल तथा विशाल निर्माणों के लिये यह देश ससार में एक प्रधान स्थान रखता है। यहां कला एव निर्माण के आज भी प्राचीन अवशेष विद्यमान है, जिन्हें देखने से ही आश्चर्य होता है। इटली का विश्व विद्यालय और उसके भवन की साज-सज्जा, चित्रकारी आदि देखकर वहां की कला का सुन्दर परिचय हमें मिलता है। परन्तु इटली की सारी कला-कृतियों एवं भवन-निर्माणों में पीसा की झुकी हुई मीनार अत्यन्त ही महान एव प्रसिद्ध है। यह देखने मे इतनी विशाल जान पड़ती हैं कि सहज ही हम इसे मानवीय कृति कहने के लिये तैयार नही होते। जान पडता है साक्षात विश्वकर्मा ने ही इसके निर्माण में अपनी छेनी और हथौड़ा उठाया था।पीसा की झुकी मीनार का निर्माण कब हुआ थाइस मीनार का निर्माण अब से लगभग 800 वर्ष पहले हुआ था । इसकी ऊंचाई 80 फीट है। सारी मीनार कीमती सफेद संगमरमर के पत्थरों बनी हुई है, इसमें नीचे से ऊपर तक एक के बाद एक आठ मंजिले है। सभी कोठे स्तम्भों के सहारे बने हुए हैं। नीचे वाला कोठा सबसे बडा है। इसी प्रकार नीचे से ऊपर तक के कोठों की लम्बाई-चौडाई छोटी होती गई है और सबसे ऊपर वाला कोठा सबसे छोटा है। इसके निर्माण में कारीगरों ने जिस कला का परिचय दिया है वह संसार में अन्यत्र कहीं देखने को नहीं मिलता है। जिस किसी ने भी इस मीनार को देखा मुक्तकंठ से इसकी प्रशंसा की। एक बार एक विद्वान कला पारखी ने इसके निर्माण कला का उल्लेख करते हुए कहा-”संसार में अनेकानेक विशाल सुन्दर महल, मंदिर और इमारतें खडी है, परंतु पीसा की यह मीनार अपने ढंग की अकेली है। कला का ऐसा अद्भुत सौष्ठ विश्व के किसी भी महल अथवा मन्दिर में देखने को नहीं मिलता है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है, कि इतनी विशाल ऊंची मीनार का निर्माण कारीगरों ने बालू की नींव पर किया है।”पीसा की झुकी मीनारपीसा की मीनार क्यों झुकी थी सन् 1174 ईस्वी में समीपवर्ती गिरजाघर के लिये इस मीनार को बनाया गया था। बालू की रेत पर इसकी नींव होने के कारण जब यह बन रही थी, तभी यह नीचे धसने लगी। कारीगरों ने बहुत प्रयत्न किया कि इसको संभाल ले, परन्तु वह नीचे की ओर धंसती ही चली गई। धीरे-धीरे नीचे जमीन मे घेंस कर यह एक ओर को झुकने लगी। बहुत कोशिशों के पश्चात् भी कारीगर इसे ठीक नही कर पाये। तब इसका काम बन्द कर दिया गया। कुछ दिलों के पश्चात् पुनः इस मीनार को बनाने का काम आरम्भ हुआ। इस प्रकार 1350 ईस्वी में पूर्ण रूप से यह मीनार बनकर तैयार हुई। परन्तु उसके पश्चात् भी इसका झुकना न रूका और जिस ओर को यह झुकी थी, उस तरफ झुकी ही रह गयी।पीसा की झुकी मीनार कितनी झुकी हुई हैसमुद्र से इस मीनार की ऊंचाई सोलह फीट बताई जाती है। कहते है के इस मीनार के एक सिरे पर चढ़कर नीचे की ओर लम्बाकार दृष्टि डाली जाये तो जिस स्थान पर दृष्टि पडेगी वह स्थान मीनार के आधार से सोलह फीट की दूरी पर होगा। झुकने के कारण अब यह मीनार एक तरफ को झुक गई है। अठारहवीं शताब्दी मे इंजीनियरों ने नाप कर देखा तो पता चला कि सतह पर यह मीनार चौदह इंच बाहर की तरफ झुक गई है।Nazca Lines information in Hindi – नाजका लाइन्स कहा है और उनका रहस्यइटली के प्रसिद्ध वैज्ञानिक गैलिलियो ने इसी मीनार के शिखर से अपना प्रयोग सिद्ध किया था। गैलिलियो के आविष्कारों से पहले लोगों का विश्वास था कि काफी ऊंचाई से दो वस्तुओं को एक साथ ही गिराया जाये तो अधिक वजन वाली वस्तु पृथ्वी पर तेजी के साथ गिरते हुए पहले पहुँच जायेगी इस सिद्धान्त पर गैलिलियो को संदेह था अतः अपने संदेह के निवारणार्थ वह मीनार के शिखर पर चढ़ा और वहां से भिन्न-भिन्न भार की दो वस्तुओं को एक ही साथ झुककर गिराया। परिणाम हुआ कि दोनो ही वस्तुएं साथ-साथ ही गिरी। इस तरह उसने प्रमाणित कर दिया कि ऊंचाई से पृथ्वी पर॒ गिरने वाली वस्तुओं की रफ्तार उनके भार पर निर्भर नही रहती है।अपोलो की मूर्ति का रहस्य क्या आप जानते हैं? वे आश्चर्यविश्व प्रसिद्ध पीसा की झुकी हुई मीनार प्रसिद्ध वैज्ञानिक गैलिलियों के सिद्धान्त के प्रतिपादन में भी सहायक हो चुकी है। यह मीनार अपने निर्माण काल में ही पृथ्वी में धंस कर झुकी और तब से आज तक सैकड़ों वर्षों बाद भी उसी झुकी हुईं अवस्था मे खडी हुई है। कुछ वर्षो पूर्व लोगों को डर हो गया था कि यह मीनार अब अधिक समय तक खड़ी नही रह सकेगी, और गिर पड़ेगी। इस बात से इटली वालो मे चिन्ता की लहर दौड़ गई। मुसोलिनी ने तब इस मीनार को और भी मजबूत बनाये रखने के लिये कितने ही दक्ष कारीगरों को उसमें लगाया था।सहारा रेगिस्तान कहा पर स्थित है – सहारा रेगिस्तान का रहस्यऊपर से नीचे तक इस मीनार की सारी बनावट संगमरमर के पत्थर की है। इन्सब्रकू के दो प्रसिद्ध कारीगरो के हाथ में इसके निर्माण का भार सौंपा गया था। उन दोनों कारीगरो ने संसार को चकित कर देने वाली जिस कारीगरी का नमूना प्रस्तुत किया, वह वास्तव में सब प्रकार से सराहनीय है। पूरी की पूरी मीनार गोल है। इसकी दीवारें नींव पर तेरह फीट मोटी है और शिखर पर इसकी मोटाई छः फीट है।पीसा के उस गिरजाघर में जिसके समीप यह मीनार खडी है, जब प्रार्थना का समय होता है तो उस का घन्टा मधुर ध्वनि से निनाद कर उठता है और इसके पवित्र स्वर-झंकार से समस्त पीसा गूंजित हो उठता है। सतह से 180 फीट ऊंचे इस मीनार को देखने के लिये बहुत दूर-दूर के देशों के कारीगर और पर्यटक यहां आते है। केवल इसी मीनार को लेकर इटली का प्रसिद्ध नगर पीसा विश्व के कारीगरों तथा पर्यटकों के लिये तीर्थ स्थान बना हुआ है। कारीगर इसे देखते हैं और इसके बनाने वालों के प्रति श्रद्धा और भक्ति से उनका शीश खुद ही झुक जाता है। इसकी विशालता, सुन्दरता तथा अद्भुत निर्माण कला की वजह से संसार के लोगो ने इसे विश्व के आश्चर्यजनक मानवी कृत्यों मे एक प्रमुख स्थान प्रदान किया है। एक ग्रीक कला-पारखी ने पीसा के इस मीनार को परखने के पश्चात् इसकी प्रशसा में यहां तक कहा कि, “यदि सही अर्थों में इस मीनार के सौन्दर्य और विशालता का मूल्यांकन किया जाये तो संसार के सभी मानवी निर्माणों मे इसका दूसरा नम्बर होना चाहिए। जिस सौन्दर्य का निरूपण यहा मिलता है, वह संसार में अन्यत्र खोजने पर भी नहीं मिलता।ईस्टर द्वीप की दैत्याकार मूर्तियों का रहस्य – ईस्टर द्वीप का इतिहासरोम, इटली, इंग्लैण्ड एव अन्य पश्चिमी देशो में गिरजाघरों के लिये ओर भी कितनी ही सुंन्दर एव विशाल मीनारें बनी हैं। किन्तु इन सबके कारीगर इसके कारीगरों की श्रेणी में नही आ सके। हाल ही मे पुनः इटली की सरकार ने इस मीनार की मरम्मत करवाने की ओर ध्यान दिया है। यद्यपि काई नही कह सकता कि इस झुकी हुई अवस्था में ही सैकड़ों वर्षों से खडी हुईं यह मीनार और कितने वर्षों तक ऐसे ही अक्षुण्ण रूप से खडी रहेगी, तथापि इटली के निवासियों को इस बात की चिन्ता बनी रहती है कि कहीं संसार की अनेक आश्चर्य पूर्ण कला-कृतियों की तरह उनकी प्यारी यह मीनार भी समय के चक्र में फंसकर मटियामेट न हो जाये इसीलिये समय-समय पर सरकार मीनार की मरम्मत आदि का कार्य कुशल कारीगरों द्वारा करवाती रहती है।बहुत समय पहले मुसोलिनी द्वारा पूर्वकाल मे इस मीनार को सीधा करने की कोशिश की जा रही थी। पहले ही हमने बताया है कि जिस स्थान पर यह मीनार बनी हुई है, उसके नीचे की जमीन बालू रेत की है। अतः कारीगरों ने भिन्न-भिन्न तरह के प्रयत्न इसको सीधा करने के लिये किये। परन्तु परिणाम उल्टा ही होता गया। इसकी विशाल इमारत नीचे जमीन मे धसने लगी। पहले सतह से इसका झुकाव केवल सात इंच था। परन्तु नीचे धंसने के कारण यह और भी झुक गई। हाल के कुछ वर्षो में यह और भी झुक गई है, या नहीं इसकी कोई सूचना नहीं मिली है।बुध ग्रह का रहस्य, जीवन, वायुमंडल, उपाय,खोज की जानकारी हिंदी मेंएक प्रसिद्ध विद्वान का मत है कि पीसा की झुकी मीनार के रचना कौशल में जो आश्चर्य निहित है वह इस बात में नही है कि इतने सौ वर्षों के पश्चात् भी यह इमारत झुकी हुई स्थिति मे भी दृढ़ खडी है, बल्कि इसकी सुन्दर मंजिलों में है जो एक के ऊपर एक बडी खूबसूरती के साथ बैठाई गई है, जिस बहुमूल्य सफेद पत्थर से इसको बनाया गया है उसमें पारदर्शता के गुण है। इसीलिए जब सूर्य की किरणें इस मीनार पर पड़ती है तो इसमें से दुर्लभ सौंदर्य पूर्ण प्रकाश प्रतिबिंबित होता है। इस मीनार के निर्माण मे एक और विशेषता भी है। इसको कारीगरों ने इस अनूठी कला के साथ बनाया है, कि देखने वाला, इसकी अपार विशालता के पश्चात् भी एक ही झलक मे इसके समस्त भागो को बखूबी के साथ देख सकता है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े—-[post_grid id=”9142″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... दुनिया के प्रसिद्ध आश्चर्य विश्व प्रसिद्ध अजुबे