पीरान कलियर शरीफ
उतराखंड के रूडकी से 4किमी तथा हरिद्वार से 20 किमी की दूरी पर स्थित पीरान कलियर शरीफ हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशाल कायम करता है । यहाँ पर हजरत अलाऊद्दीन साबीर साहब की पाक व रूहानी दरगाह है । इस दरगाह का इतिहास काफी पुराना है यहाँ पर सभी धर्मों के जायरीन जियारत करने आते है । तथा अपनी मन्नतें मागंते है तथा चादर और सीनी (प्रसाद) चढाने के साथ साथ यहाँ भूखों के लिए लंगर भी लगाते है । यहाँ पर साबिर साहब की दरगाह से अलग और भी कई दरगाह है जैसे :- हजरत इमाम साहब की दरगाह, हजरत किलकिली साहब , नमक वाला पीर, अब्दाल साहब और नौ गजा पीर कलियर जियारत के लिए यह दरगाह अपना महत्व रखती है। कलियर के बीच से एक साथ निकलने वाली दो नहरें इसकी शोभा और बढ़ा देती है।
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दरगाह साबीर पाक
हजरत अलाऊद्दीन साबीर पाक की दरगाह यहाँ की मुख्य दरगाह है । इस दरगाह के दो मुख्य द्वार है तथा बीच में हजरत साबीर साहब का मजार है मजार के अन्दर साबीर साहब की कब्र है । कब्र पर जायरीन चादर व फूल चढाते है । मजार की बहारी दीवार सिमेंट की जालीदार बनी है । ऐसा माना जाता है की यह एक ऐसी दरगाह है जहाँ मुराद पूरी होने के साथ साथ जिन्नात भूत प्रेतों को फासी होती है और रूहानी बलाओं से छुटकारा मिल जाता है । यहाँ दरगाह में गूलर के वृक्ष पर मन्नतों का पर्चा लिखकर बांधा जाता है । दरगाह के अन्दर ही साबरी मस्जिद भी है । तथा मस्जिद के पिछे की तरफ मुसाफ़िर खाना बना हुआ है यहाँ जायरीनों के ठहरने की व्यवस्था है । यहाँ दरगाह पर हर बृहस्पतिवार को कव्वाली का आयोजन भी होता है । जिसमें जायरीन बढचढकर हिस्सा लेते है । यहाँ हर साल 12 रबी-उल-अव्वल को हर वर्ष उर्स(मैला) लगता है।
पीरान कलियर शरीफ के सुंदर दृश्यदरगाह हजरत इमाम साहब
यह दरगाह दोनों नहरों के उस पार दूसरे तट पर स्थित है । यह मजार हजरत इमाम साहब का है जोकि हजरत साबीर साहब के मामू लगते थे। इस दरगाह पर जाने वाले मार्ग पर अब एक विशाल द्वार बनाया
गया है । द्वार से कुछ दूर आगे चलने पर इमाम साहब की दरगाह है । यह दरगाह ऊचे चबूतरे पर बनी है । दरगाह के मुख्य गेट पर नगाड़ा बजता रहता है । यहाँ दरगाह के अन्दर खड़े वृक्ष पर शिकायतों का धागा बांधा जाता है । ऐसा भी माना जाता है कि कलियर शरीफ की जियारत पर सबसे पहला सलाम यही होता है ।
आप साबीर साहब दरगाह को विडियो के माध्यम से भी देख सकते है:–
हजरत किलकिली साहब
यह मजार भी नहर के इसी तट पर इमाम साहब की दरगाह से लगभग आधा किमी की दूरी पर है । कलियर शरीफ जियारत के लिए यहाँ दूसरा सलाम होता है यहाँ भी जायरीनों की काफी भीड़ रहती है।
नमक वाला पीर
यह दरगाह दोनों नहरों के बीच में स्थित है ।(*पीरान कलियर शरीफ*) जियारत के लिए यहाँ तीसरा सलाम होता है । यहाँ प्रसाद के रूप में नमक झाड़ू व कोडिया चढाई जाती है । ऐसा माना जाता है की यहाँ प्रसाद चढाने से एलर्जी तथा चमड़ी रोगों को आराम होता है।
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हजरत अब्दाल साहब
यह दरगाह मुसाफ़िर खाने के पिछे की तरफ साबरी बाग में स्थित है । यहाँ भी जायरीनों का मेला लगा रहता है।
नौ गजा पीर
यह दरगाह कलियर से लगभग 4 किमी की दूरी पर रूडकी हरिद्वार नैशनल हाईवे से कलियर को जोडने वाले लिंक मार्ग पर है । यहाँ का मुख्य आकर्षण यहाँ की नौ गज की कब्र है । इसी से इसका नाम नौ गजा पीर पड़ गया ।
खरीदारी
हजरत साबीर साहब की दरगाह के दोनों मुख्य द्वारो के सामने बड़ी मार्किट है । यहाँ सभी दुकानों के नाम के साथ साबरी जरूर लगा होता है । यहाँ से आप लकड़ी की कलाकृति के आइटम चूडियां खिलौने आर्टिफिशियल ज्वैलरी कव्वाली की आडियो विडियो कैसेट आदि के अलावा यहाँ का प्रसिद्ध सौन हलवा व मिठे दानो का प्रसाद की खरीदारी कर सकते है
ठहरने हेतु यहाँ मुसाफ़िर खाने के अलावा बहुत से होटल व गेस्टहाउस भी है।
पीरान कलियर शरीफ कैसे पहुचे
रूडकी और हरिद्वार यहाँ के सबसे नजदीकी रेलवेस्टेशन तथा बस अड्डे है । जौलीग्रांट यहाँ का सबसे करीबी हवाई अड्डा है।