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पटना के पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्य

पटना के पर्यटन स्थल – पटना के दर्शनीय स्थलो की जानकारी हिन्दी में

गंगा और सोन नदी के संगम पर बसा पटना शहर इतिहास में रूची रखने वालो के लिए शोध का विषय रहा है। ऐतिहासिक साक्ष्य को समेटे यह शहर हमेशा से ही पर्यटको के आकर्षण का केंद्र रहा है। पटना के पर्यटन स्थल अपनी ऐतिहासिक विरासत के कारण बहुत प्रसिद्ध है। पटना को प्राचीन काल से कुसुमपुर, पाटिलपुत्र, अजीमाबाद, पुष्पकर आदि कई नामो से जाना जाता रहा है। लेकिन इसकी सांस्कृतिक विरासत में कोई कमी नही आई है। ऐतिहासिक दस्तावेज इस बात के साक्षी रहे है। कि चाहे प्राचीन भारतीय संस्कृति को मान्यता देने का सवाल रहा हो या फिर राष्ट्रवादी आंदोलन को बढावा देने का, इस शहर ने हमेशा महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई है। आज के अपने इस लेख में हम इस महत्तवपूर्ण शहर पटना के पर्यटन स्थल, पटना के दर्शनीय स्थल, पटना टूरिस्ट पैलेस, पटना पर्यटन की सैर करेगें और उनके बारे में विस्तार से जानेगें

पटना के पर्यटन स्थल के सुंदर दृश्य
पटना के पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्य

पटना के पर्यटन स्थल

तख्त हरमिंदर साहिब गुरूद्वारा

पटना के पर्यटन स्थल में सिखो का यह पवित्र तीर्थ गुरूद्वारा हरमिंदर साहिब सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहा लाखो श्रृद्धालु प्रति वर्ष मथ्था टेकने आते है। इस पवित्र तीर्थ के बारे में कहा जाता है कि सिखो के 9वें गुरू श्री गुरू गोविंद सिंह जी जन्म यही हुआ था। यह गुरूद्वारा बहुत विशाल और इसकी स्थापत्य कला कारीगरी का बेजोड नमूना है।

गांधी संग्रहालय

यह पटना का सबसे प्रसिद्ध संग्रहालय है। यह संग्रहालय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित है। इस संग्रहालय में गांधी जी के जीवन से संबंधित अनेक दुर्लभ वस्तुओ को संग्रह करके रखा गया है। पटना के पर्यटन स्थल की सैर पर आने वाले सैलानी यहा जरूर आते है।

गोलघर

गोलघर का निर्माण 20 जनवरी 1770 को शुरू हुआ था। और 20 जुलाई 1786 को इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था। लगभग 16 साल की अवधि में बना यह गोलघर अद्भुत है। यह अद्भुत भवन बिना किसी स्तंभ के गोल आकार में निर्मित है। इस भवन का निर्माण अन्न संग्रह के उद्देश्य से किया गया था। ताकि आकाल जैसी भीषण परिस्थितियो में जरूरत पडने पर लोगो के जीवन की रक्षा की जा सके। बांकीपुर मोहल्ले में गंगा नदी से करीब सौ मीटर दक्षिण में स्थित गोलघर के ऊपरी हिस्से में जाने के लिए दोनो तरफ सीढिया बनी है। यहा ऊपर से पटना शहर का खुबसूरत नजारा दिखाई देता है।

महात्मा गांधी सेतु

महात्मा गांधी सेतु एशिया का सबसे बडा पुल जो एक ही नदी पर बना हुआ है। यह पुल गंगा नदी पर बना हुआ है। यह पुल पटना शहर को हाजीपुर से जोडता है।

कुम्हरार

यह स्थल पटना रेलवे स्टेशन से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर पूर्व दिशा की ओर स्थित है। यह स्थल पटना के पर्यटन स्थल में काफी प्रसिद्धि रखता है। कुम्हरार ऐतिहासिक पुरास्थलो के साथ साथ घूमने फिरने तथा हरे भरे उपवन के लिए प्रसिद्ध है। लोकल के लोगो का तो यह मुख्य पिकनिक स्थल है।यहा खुदाई के बाद ईसा से छठी शताब्दी पूर्व से 5वी शताब्दी तक के अवशेष है। जिसमे सम्राट अशोक का 80 खंभों वाला सभा भवन मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र है। इन खंभो को एक ही पत्थर को तराशकर बनाया गया है।इस स्तंभ की पालिश देखते ही बनती है। शोध छात्रो या इस विषय में रूची रखने वालो के लिए यह स्थान महत्वपूर्ण है।

संजय गांधी जैविक उद्यान

यह देश का पहला चिडियाघर है। जहा बोटेनिकल और जैविक उद्यान साथ साथ है। यहा चुनिदां वनस्पतियो के साथ साथ दुनिया भर के पशु पक्षियो को भी देखा जा सकता है। यह उद्यान बच्चो के साथ साथ बडो की भी पसंददीदा जगह है।

शहीद स्मारक

यह स्मारक सन् 1942 के भारत छोडो आंदोलन के शहीदो की स्मृति में बनाया गया था। यह उन 7 शहिदो को समर्पित है। जो सचिवालय पर तिरंगा फहराने की कोशिश में ब्रटिश सेना की गोलाबारी का शिकार हुए थे। ये सभी शहीद स्कूली छात्र थे। यहा पर इन शहीदो की प्रतिमाएं बनी हुई है।

पटना संग्रहालय

पटना के बुद्ध मार्ग पर स्थित“पटना संग्रहालय”को कुछ लोग जादू घर भी कहते है। यहा बिहार के विभिन्न स्थानो से प्राप्त टेराकोटा की मूर्तियों के अलावा उत्तर प्रदेश के कौशाबी और मथुरा से प्राप्त मूर्तियों का दुर्लभ संग्रह है। इस संग्रहालय में प्रवेश करते ही विश्व प्रसिद्ध यक्षिणी की मूर्ति दिखाई देती है। जिसकी किमत करोडो में बताई जाती है।

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खुदाबख्श लाइब्रेरी

यह लाईब्रेरी विश्व भर में प्रसिद्ध है। इसकी प्रसिद्धि का कारण यहा संग्रह करके रखी गई 18 हजार पांडुलिपियां है।

पटना के पर्यटन स्थल के सुंदर दृश्य
पटना के पर्यटन स्थलो के सुंदर दृश्य

बांकीपुर क्लब

लगभग 135 साल पुराना बांकीपुर क्लब अपनी खूबसुरती और भव्यता के कारण पटना के पर्यटन स्थल ओ में सराहा जाता है। पहले इस क्लब को यूरोपियन क्लब के नाम से जाना जाता था। गंगा नदी के किनारे शोरगुल से अलग यह क्लब सुकुन के पल गुजारने का एक अच्छा स्थान है।

पंच मंदिर

अयोध्या के एक संत द्वारा बनवाया गया यह मंदिर अपनी भव्यता के लिए पर्यटको के आकर्षण का केंद्र है। यहा सामुहिक विवाह भी संपन्न किए जाते है।

पत्थर की मस्जिद

इस मस्जिद का निर्माण सन् 1626 में जहागीर के पुत्र शाहजहां परवेज ने करवाया था। पत्थरो से बनी यह मस्जिद पर्यटको को दूर से ही आकर्षित करती है। पटना के पर्यटन स्थल में भी इसका महत्वपूर्ण स्थान है।

मौर्यालोक

पटना के पर्यटन स्थल की सैर पर आए सैलानियो के लिए खरीदारी करने का सबसे उत्तम स्थान है। पटना के डाक बंगला चौराहा और कोतवाली के पास स्थित मौर्यालोक को बिहार का कनॉट प्लेस भी कहा जाता है। यहा दिल्ली के अति प्रसिद्ध शॉपिंग सेंटर कनॉट प्लेस की तरह बडे बडे शॉपिंग कॉम्पलेक्स बने है। जिनमे हथकरघा के समान से लेकर आधुनिक वस्तुओ की खरीदारी की जा सकती है। शाम होते ही इस बाजार की रोनक ओर बढ जाती है।

अगम कुंआ

अगम कुआं की खुदाई सम्राट अशोक के समय में हुई थी। कहा जाता है कि आज तक यह कभी सूखा नहीं। बाढ़ में भी जलस्तर में बढ़ोतरी नहीं होती है। कुछ लोगो का मानना है कि यह सम्राट अशोक के खजाने से जुड़ा हुआ था।

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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