पक्का घाट मिर्जापुरपक्का घाट का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेशPost author:Naeem AhmadPost published:August 14, 2022Post category:भारत के प्रमुख त्यौहारPost comments:0 Comments गंगा-तट पर जितने नगर बसे है, उन सबमेमिर्जापुर का पक्का घाट और घण्टाघर बेजोड है।ये दोनो वास्तुशिल्प के अद्भुत नमूने है। मिर्जापुर नगर पालिका के एक सौ पांच वर्ष में उल्लिखित विवरण के अनुसार 1867-68 में यहां का टाउन हाल तथा घण्टाघर निर्मित हुआ था। इसमे गुलाबी, हरे तथा लाल रंग के पत्थरों पर भीतर, बाहर, नीचे से ऊपर तक नक्काशी, पच्चीकारी की गयी है। एक-एक इच पर कला का रूप देखने को मिलता है। तभी से घडी मे आज तक खराबी नहीं हुई। कहते है यह घण्टा घर इतना बढ़िया बनाया गया था कि मुख्य मिस्त्री का हाथ कटवा लिया गया ताकि वह किसी अन्य स्थान पर ऐसी भव्य इमारत न खडी कर दे।Contents1 पक्का घाट मिर्जापुर का मेला2 हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—-3 पक्का घाट मिर्जापुर का मेला पक्का घाट भी ऐसा ही है, यह भी लाल बलुआ पत्थर से बना हुआ है। इसकी पच्चिकारी भी अनोखी है। काशी में भी ऐसा कोई घाट नहीं है। पक्का घाट पर हजारों नर-नारी एक साथ बैठकर आनद ले सकते है, प्रवचन सुन सकते हैं, नदी की धारा का प्रवाह देख सकते है। इसी कारण श्रावण भर यहां मेले का ही दृश्य उपस्थित हुआ रहता है। यहां पर एक प्रसिद्ध मंदिर है। जिसमें पूजा अर्चना की जाती है।गोताखोर यहां गोता लगाने आते है, उनकी प्रतियोगिताए आयोजित होती है। नौकायन का आयोजन किया जाता है। “उग्र” की भाग यही छनती थी और बजडे पर गोष्ठिया होती थी। यदा-कदा यहां से चुनार तक की यात्रा नाव से की जाती थी।Trendingसंत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्मपक्का घाट मिर्जापुरपक्का घाट में स्त्रियों का मेला लगता है। प्रत्येक पर्व पर यहां भारी भीड एकत्र होती है। यहां स्त्री और पुरुष दोनो के लिए अलग अलग घाट बने हुए है। श्रृंगार प्रसाधनो के लिए स्त्रियो का घाट मशहूर है। यहां पतंग भी उडाई जाती है। खिचड़ी के अवसर पर पतंग की प्रतियोगिताएं आयोजित होती है जिसे देखने के लिए नगर के अधिकतर प्रबुद्ध, प्रतिष्ठितजन एकत्र होते है। यहीं पर गंगा दशहरा, बावन द्वादशी, रक्षाबधन, कजरी, भरत मिलाप के अवसर पर भी मेलो-ठेलों का आयोजन किया जाता है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:—- मीरान शाह बाबा दरगाह - मीरान शाह बाबा का उर्स काशी का मेला - काशी विश्वनाथ के मेले चुनार शरीफ का उर्स दरगाह शाह कासिम सुलेमानी कंतित शरीफ का उर्स व दरगाह मिर्जापुर उत्तर प्रदेश शिवपुर का मेला और तारकेश्वर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश विंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश लोहंदी महावीर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश कजरी तीज कब मनाते हैं - कजरी के गीत - कजरी का मेला ओझला मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश - ओझला पुल सुरियावां का मेला - भोरी महजूदा का कजरहवा मेला देवलास का मेला - देवलास धाम में उत्तर प्रदेश सेमराध नाथ का मेला - सेमराध धाम मंदिर भदोही मगहर का मेला कब लगता है - कबीर समाधि मगहर भदेश्वर नाथ मंदिर का महत्व और भदेश्वर नाथ का मेला सिकंदरपुर का मेला - कल्पा जल्पा देवी मंदिर सिकंदरपुर रसड़ा का मेला और नाथ बाबा मंदिर रसड़ा बलिया असेगा का मेला - शोकहरण महादेव मंदिर असेगा बलिया ददरी का मेला कहां लगता है और ददरी मेले का इतिहास बरहज का मेला कब लगता है और मेले का महत्व बांसी का मेला कब लगता है - बांसी मेले का इतिहास कुलकुला देवी मंदिर कहां है - कुलकुला धाम मेला दुग्धेश्वर नाथ मंदिर रूद्रपुर - दुग्धेश्वर नाथ का मेला सोहनाग परशुराम धाम मंदिर और सोहनाग का मेला लेहड़ा देवी मंदिर कहां है - लेहड़ा देवी का मेला कब लगता है बांसगांव का मेला कब लगता है - बांसगांव का इतिहास तरकुलहा का मेला - तरकुलहा देवी मंदिर गोरखपुर गोरखनाथ का मेला गोरखपुर उत्तर प्रदेश शेख शाह सम्मन का मजार व उर्स सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश जमदग्नि आश्रम मेला जमानियां गाजीपुर उत्तर प्रदेश कामाख्या देवी मेला गहमर गाजीपुर उत्तर प्रदेश बाबा गोविंद साहब का मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेश भैरव जी मेला महराजगंज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश दुर्वासा धाम मेला आजमगढ़ उत्तर प्रदेशसंत तुकाराम का जीवन परिचय और जन्मसंत तुलसीदास का जीवन परिचय, वाणी और कहानीभक्त नरसी मेहता की कथा – नरसी मेहता की कहानीसंत हरिदास का जीवन परिचय – निरंजनीसंत सूरदास का जीवन परिचय हिंदी मेंसंत सदना जी का परिचयदयाबाई का जीवन परिचय और रचनाएंसहजोबाई का जीवन परिचय और रचनाएंमीराबाई का जीवन परिचय और कहानीबाबा धरनीदास का जीवन परिचय हिंदी में Tags: उत्तर प्रदेश के त्योहार, उत्तर प्रदेश के मेले, मेलेRead more articles Previous Postलोहंदी महावीर का मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश Next Postविंध्याचल नवरात्र मेला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश Naeem Ahmad CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger You Might Also Like हनुमान जयंती का महत्व – हनुमान जयंती का व्रत कैसे करते है और इतिहास August 13, 2021 अरुंधती व्रत रखने से पराये मर्द या परायी स्त्री पाप से मुक्ति August 7, 2021 याओसांग त्योहार क्यों और किस राज्य मनाया जाता है June 20, 2023Leave a ReplyCommentEnter your name or username to commentEnter your email address to commentEnter your website URL (optional) Δ