नेपाल के पर्यटन स्थल – nepal tourist place information in hindi Naeem Ahmad, February 2, 2017February 18, 2023 हिमालय के नजदीक बसा छोटा सा देश नेंपाल। पूरी दुनिया में प्राकति के रूप में अग्रणी स्थान रखता है । सैर सपाटे के लिए दुनियाभर के सैलानियों की यह प्रमुख पसंद है । खुबसूरत फिजाएँ अनगिनत चमकती पर्वत श्रृंखलाएं हरे भरे जंगल झीलें नदियाँ झरनों से सजीधजी हरियाली बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है । ऐसा लगता है कि कुदरत यहाँ हर शय पर महरबान है । जिससे यहाँ के मनमोहक नजारे हर किसी का मन मौह लेते हैनेपाल का प्राकृतिक सौंदर्ययहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य की बात करें तो कुदरती खुबसूरती का ऐसा नजारा यहाँ देखने को मिलता है कि निहारते ही दिल तरोताजा महसूस करने लगता है । प्राकति के सौंदर्य से भरे नेपाल में मंदिरों, स्तूपों पैगोडा ओर आस्था के कई अन्य स्थानों के अलावा ऐतिहासिक इमारतें भी है नेपाल में ही दुनिया की सबसे उंची चोटी ( माउंट एवरेस्ट) हिमालय पर्वत की चोटी जिसकी उंचाई 8848 मीटर यही पर है । जिसके साथ अद्भुत ओर रोमांचकारी बर्फ से ढकी पर्वत श्रृंखलाएं है । दुनियां के दस सबसे उंचे पर्वतों में से आठ नेपाल में ही है । एवरेस्ट के अलावा कंचनजंघा, लोहोल्स, नकालू ,चून्ओपू, धौलागिरी , मान्सलू , और अन्नपूर्णा इन सभी की उंचाई 8000 मीटर से ज्यादा है । बादल तो यहाँ यो मचलते है जैसे मस्ती के आलम में अठखेलियाँ कर रहे हो ओर आसपास फैली हरियाली प्राकति का ही करिश्मा है । इसके उत्तर में तिब्बत और चीन पूर्व में सिक्किम दक्षिण में भारत के उत्तर प्रदेश व बिहार पश्चिम में हिमाचल व उतराखंड राज्यों की सीमाएं लगती है । वैसे तो नेपाल का हर स्थान मौहक ओर आकर्षण है लेकिन फिर भी कुछ स्थान के खास महत्व है । जो पर्यटकों को ज्यादा आकर्षित कररते है।कांठमांडो:-नेपाल की राजधानी कांठमांडो विश्व के प्राचीन शहरों में से एक है । इसका पुराना नाम कातीपुर था । यह काफी खुबसुरत शहर है । यहाँ खूब चहलपहल रहती है । यहाँ हवाई अड्डा भी है । बाज़ार भी काफ़ी अच्छे है । न्यू रोड पर मशहूर अत्याधुनिक किस्म का बाज़ार है । कई बडे मॉल भी है जहाज अच्छी खरीदारी की जा सकती है । यहाँ अच्छे किस्म के होटल व रेस्तरां भी है जहाँ आप आपनी पसंद के भोजन का स्वाद ले सकते है इसी के साथ नेपाली चुलू अथार्त् नेपाली भोजन का भी आनंद लिया जा सकता है । पशुपतिनाथ मंदिर:-पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध भव्य मंदिर कांठमांडो में ही है जो बांगमती के तट पर स्थित है । यहाँ श्रृद्धालुओ की हमेशा भीड़ रहती है । काफी लम्बे चौड़े भू भाग में स्थित भगवान शिव के मंदिर के अलावा अन्य कई मंदिर भी दर्शनीय है । कांठमांडो में ही भगवान बुद्ध से संबंधित दो प्रमुख स्तूप है । बौदनाथ और स्वंयनाथ स्तूप ये दोनों काफ़ी बड़े भूभाग में उचाई पर है । जहाँ लोग दर्शन के लिए जाते है । वैसे भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बिनी भी नेपाल में ही है जो भारत नेपाल सीमा पर स्थित है कांठमांडो दरबार स्कवायर पाटन ओर भक्तपुर में काफ़ी लम्बे चौड़े क्षेत्र में कई भवनों मंदिरों आदि में कलात्मक नमूना भी देखा जा सकता है । यहाँ पर पचपन खिडकियों का सुंदर भवन कलात्मक लकड़ी का अद्भुत नमूना पेश करता है ।नेपाल के पर्यटन स्थलनारगोट:-यह कांठमांडो से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इस स्थान का खास महत्व इसलिए है कि यहाँ से सूर्योदय का मनोरम दृश्य अति मनभावन होता है । इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए पर्यटक रात में ही नारगोट पहुँच जाते है । ठहरने के लिए यहाँ कई होटल ओर गेस्टहाउस है । यहाँ पर अन्य स्थानों की अपेक्षा ठंड कुछ ज्यादा रहती है । मनोकामना देवी मंदिर:-यह प्रसिद्ध मंदिर गोरखा कस्बे से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इसका दो दृष्टि से महत्व है एक मंदिर में दर्शन करके मनोकामना दूसरा 1302 मीटर के पहाड़ पर जाने के लिए केबल कार की यात्रा जो बहुत ही रोमांचकारी होतीं है । यहाँ पर नदी ओर झरने के दृश्य का भी आनंद लिया जा सकता है पोखरा:-यह नेपाल का दूसरा पर्यटक स्थल है जो कांठमांडो से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यह नेपाल के मध्य भाग में बसा हुआ है यहाँ पर प्राकति कुछ ज्यादा ही महरबान है । यहाँ से हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं को अपेक्षाकृत नजदीक से देखा जा सकता है । अन्नपूर्णा , धौलागिरि ओर मान्सलू चोटियों को यहाँ से निकट से देखा जा सकता है । यह कुदरत का अद्भुत करिश्मा है कि 800 मीटर उचाई पर बसे पोखरा से 8000 मीटर से भी उंचे पहाड़ 20-30 किलोमीटर की दूरी ही स्थित है । पहाड़ों के अलावा झीलें नदियां झरनों के साथ मंदिर स्तूप ओर म्यूजियम भी पर्यटकों को आकर्षित करते है । पोखरा में भी हवाई अड्डा है अच्छे बाजार होटल रेस्तरां आदि है बाज़ार हमेशा सजेधजे रहते है यहाँ शापिंग के साथ साथ वहाँ की संस्कृति से रूबरू हो सकते है । यहाँ कसिनो का भी लुफ्त उठाया जा सकता है।दुधवा नेशनल पार्कझीलों की वादियाँ:-पोखरा को झीलों का शहर भी कहते है । पोखरा में आठ झीलें है फैवा, बनगास, रूपा, मैदी, दीपांग, गुंडे, मालडी, खास्त । फेवा झील में तो बारांही मंदिर भी है जहाँ लोग दर्शन करने भी जाते है । इसमें बोटिंग का भी मजा लिया जा सकता है इसके अलावा बर्ड वाचिंग स्विमिंग सनबाथिंग आदि को अपना बना सकते हो यहाँ पर काली गंडक नदी में विश्व की सबसे सकरी गहराई वाला स्थान है । कई ओर नदियाँ भी है एक है सेती नदी इसे दुधिया नदी भी कहते है यानी सफेद दुधिया पानी की नदी खास बात यह है कि यह नदी कहीं अंडरग्राउंड तो कहीं सिर्फ दो मीटर चौड़ी ओर कहीं यह 40मी गहरी है । महेन्द्र पुल , के एल सिंह ब्रिज रामघाट पृथ्वी चौक से इस नदी के उफान को देखा जा सकता है। झीलों नदियों के साथ देवीफाल मनमोहक झरना दिलो दिमाग को ताजगी देता है । यहाँ पर गुप्तेश्वर महादेव गुफा के अन्दर शिव जी का मंदिर दर्शनीय है । इनके अलावा गुफाऐं भी आनंदित करती है । पोखरा में इनटरनेशनल म्यूजियम ओर गोरखा मेमोरियल म्यूजियम अपनी अपनी कहानी बता कर इतिहास से परिचित कराते है । तितली म्यूजियम का भी मजा लिया जा सकता है । यहाँ पर प्रसिद्ध विध्यवासिनी मंदिर पहाड़ी पर स्थित है कुछ बौद्ध स्तूप भी दर्शनीय है । भद्रकाली मंदिर में भी श्रृद्धालू दर्शन करने जाते है नेपाल में जीवजन्तु:-नेपाल में कई राष्ट्रीय पार्क भी है । जहाँ जंगलों में विभिन्न प्रकार के जानवरों पशु पक्षियों से मिला जा सकता है । मुख्य रूप से चितवन नेशनल पार्क एवरेस्ट नेशनल पार्क बरदिया नेशनल पार्क लांगटांग नेशनल पार्क शिवपुरी नेशनल पार्क है । जो नेपाल की 19.42 प्रतिशत भूमि को घेरे हुए है । नेपाल को चिड़ियों से बहुत प्यार है तभी तो यही 848 किस्म की चिड़िया पाई जाती है । यहाँ से बोदिपुर लेखनाथ लुम्बिनी तानसेन जामसाम ओर ओर मांनग भी जा घुमने जा सकते है । वैसे नेपाल में दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों मे सबसे अधिक संख्या भारतीयों की होती है यहाँ इंलिश देश का पर्यटक भी अधिक मात्रा में आते है । नेपाल की राष्ट्रीय भाषा नेपाली है । लेकिन अंग्रेज़ी ओर हिन्दी में भी बातचीत की जा सकती है ।यहाँ नेपाली रूपया चलता है ।कैसे जाएँ नेपालवैसे तो काठमांडू दुनियाभर के प्रमुख हवाई अड्डों से जुड़ा है । इसलिए हवाई यात्रा से भी आसानी से जाया जा सकता काठमांडू से पोखरा के लिए सिधा हवाई सेवा हैसडक मार्ग से उत्तर प्रदेश ओर बिहार के सीमावर्ती स्थान से काठमांडू के लिए सीधे बस सेवा है भारतीय सीमा सलौनी भेरवा टनकपुर गौरिफंटा आदि स्थानों से भी नेपाल जाया जा सकता है ।Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... 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