यह कांठमांडो से 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इस स्थान का खास महत्व इसलिए है कि यहाँ से सूर्योदय का मनोरम दृश्य अति मनभावन होता है । इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए पर्यटक रात में ही नारगोट पहुँच जाते है । ठहरने के लिए यहाँ कई होटल ओर गेस्टहाउस है । यहाँ पर अन्य स्थानों की अपेक्षा ठंड कुछ ज्यादा रहती है ।
यह प्रसिद्ध मंदिर गोरखा कस्बे से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । इसका दो दृष्टि से महत्व है एक मंदिर में दर्शन करके मनोकामना दूसरा 1302 मीटर के पहाड़ पर जाने के लिए केबल कार की यात्रा जो बहुत ही रोमांचकारी होतीं है । यहाँ पर नदी ओर झरने के दृश्य का भी आनंद लिया जा सकता है
यह नेपाल का दूसरा पर्यटक स्थल है जो कांठमांडो से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है । यह नेपाल के मध्य भाग में बसा हुआ है यहाँ पर प्राकति कुछ ज्यादा ही महरबान है । यहाँ से हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं को अपेक्षाकृत नजदीक से देखा जा सकता है । अन्नपूर्णा , धौलागिरि ओर मान्सलू चोटियों को यहाँ से निकट से देखा जा सकता है । यह कुदरत का अद्भुत करिश्मा है कि 800 मीटर उचाई पर बसे पोखरा से 8000 मीटर से भी उंचे पहाड़ 20-30 किलोमीटर की दूरी ही स्थित है । पहाड़ों के अलावा झीलें नदियां झरनों के साथ मंदिर स्तूप ओर म्यूजियम भी पर्यटकों को आकर्षित करते है । पोखरा में भी हवाई अड्डा है अच्छे बाजार होटल रेस्तरां आदि है बाज़ार हमेशा सजेधजे रहते है यहाँ शापिंग के साथ साथ वहाँ की संस्कृति से रूबरू हो सकते है । यहाँ कसिनो का भी लुफ्त उठाया जा सकता है।दुधवा नेशनल पार्क
झीलों की वादियाँ:-
पोखरा को झीलों का शहर भी कहते है । पोखरा में आठ झीलें है फैवा, बनगास, रूपा, मैदी, दीपांग, गुंडे, मालडी, खास्त । फेवा झील में तो बारांही मंदिर भी है जहाँ लोग दर्शन करने भी जाते है । इसमें बोटिंग का भी मजा लिया जा सकता है इसके अलावा बर्ड वाचिंग स्विमिंग सनबाथिंग आदि को अपना बना सकते हो यहाँ पर काली गंडक नदी में विश्व की सबसे सकरी गहराई वाला स्थान है । कई ओर नदियाँ भी है एक है सेती नदी इसे दुधिया नदी भी कहते है यानी सफेद दुधिया पानी की नदी खास बात यह है कि यह नदी कहीं अंडरग्राउंड तो कहीं सिर्फ दो मीटर चौड़ी ओर कहीं यह 40मी गहरी है । महेन्द्र
पुल , के एल सिंह
ब्रिज रामघाट पृथ्वी चौक से इस नदी के उफान को देखा जा सकता है।
झीलों नदियों के साथ देवीफाल मनमोहक झरना दिलो दिमाग को ताजगी देता है । यहाँ पर गुप्तेश्वर महादेव गुफा के अन्दर शिव जी का मंदिर दर्शनीय है । इनके अलावा गुफाऐं भी आनंदित करती है । पोखरा में इनटरनेशनल म्यूजियम ओर गोरखा मेमोरियल म्यूजियम अपनी अपनी कहानी बता कर इतिहास से परिचित कराते है । तितली म्यूजियम का भी मजा लिया जा सकता है । यहाँ पर प्रसिद्ध विध्यवासिनी मंदिर पहाड़ी पर स्थित है कुछ बौद्ध स्तूप भी दर्शनीय है । भद्रकाली मंदिर में भी श्रृद्धालू दर्शन करने जाते है
नेपाल में जीवजन्तु:-
नेपाल में कई राष्ट्रीय पार्क भी है । जहाँ जंगलों में विभिन्न प्रकार के जानवरों पशु पक्षियों से मिला जा सकता है । मुख्य रूप से चितवन नेशनल पार्क एवरेस्ट नेशनल पार्क बरदिया नेशनल पार्क लांगटांग नेशनल पार्क शिवपुरी नेशनल पार्क है । जो नेपाल की 19.42 प्रतिशत भूमि को घेरे हुए है । नेपाल को चिड़ियों से बहुत प्यार है तभी तो यही 848 किस्म की चिड़िया पाई जाती है । यहाँ से बोदिपुर लेखनाथ लुम्बिनी तानसेन जामसाम ओर ओर मांनग भी जा घुमने जा सकते है ।
वैसे नेपाल में दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों मे सबसे अधिक संख्या भारतीयों की होती है यहाँ इंलिश देश का पर्यटक भी अधिक मात्रा में आते है । नेपाल की राष्ट्रीय भाषा नेपाली है । लेकिन अंग्रेज़ी ओर हिन्दी में भी बातचीत की जा सकती है ।यहाँ नेपाली रूपया चलता है ।
कैसे जाएँ नेपाल
वैसे तो काठमांडू दुनियाभर के प्रमुख हवाई अड्डों से जुड़ा है । इसलिए हवाई यात्रा से भी आसानी से जाया जा सकता काठमांडू से पोखरा के लिए सिधा हवाई सेवा है
सडक मार्ग से उत्तर प्रदेश ओर बिहार के सीमावर्ती स्थान से काठमांडू के लिए सीधे बस सेवा है भारतीय सीमा सलौनी भेरवा टनकपुर गौरिफंटा आदि स्थानों से भी नेपाल जाया जा सकता है ।