नानकसर कलेरा जगराओं साहिब – नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री इन हिन्दी Naeem Ahmad, July 9, 2019March 19, 2024 गुरूद्वारा नानकसर कलेरा जगराओं लुधियाना जिले की जगराओं तहसील में स्थापित है।यह लुधियाना शहर से 40 किलोमीटर और जगराओं से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिख धर्म मे इस स्थान काफी बड़ा महत्व है। अपने इस लेख में हम नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री हिन्दी मे जानेंगे।नानकसर कलेरा जगराओं साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीयहां भक्त बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस स्थान पर कई वर्षों तक तपस्या की थी। बाबा नंद सिंह जी महाराज, गुरू श्री नानक देव जी के अनन्य और परम भक्त थे। श्री बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इसी स्थान पर गुरू ग्रंथ साहिब के माध्यम से श्री गुरू नानक देव जी के दर्शन प्राप्त किए थेनाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला हरियाणा चंडीगढ़बाबा नंद सिंह जी महाराज ने 1943 तक यहां गुरू नानक देव जी की तपस्या की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी देह त्याग दी थी। बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस स्थान को कच्चा बनवाया था। उनके देह त्याग ने के बाद बाबा ईश्वर सिंह जी महाराज बाबा नंद सिंह जी महाराज के उत्तराधिकारी बने। जिन्होंने इस स्थान को पक्का बनवाया गुरूद्वारा नानकसर का पक्का निर्माण सन् 1943 से 1963 के बीच हुआ था।इसके बाद गुरूद्वारा नानकसर साहिब में बाबा ईश्वर सिंह जी सरोवर का निर्माण कराया गया। जिसके बारें मे कहा जाता है, कि सरोवर में स्नान करने से सभी दुख दर्द और बीमारियां ठीक हो जाती है। इसी मान्यता के चलते आज भी यहां हजारों भक्त प्रतिदिन सरोवर में स्नान करते है।गुरु हरगोबिंद साहिब जी का जीवन परिचय, वाणी, गुरूगददी आदिगुरूद्वारा नानकसर साहिब का क्षेत्रफल लगभग 50 एकड़ के क्षेत्र मे फैला हुआ है। जिसमे दरबार साहिब 200× 150 है और लगभग 50 फुट ऊंचा है। इस स्थान का महत्व इसलिए भी और अधिक समझा जाता है, क्योंकि यहाँ बाबा ईश्वर सिंह जी महाराज ने इस स्थान पर साढे सात लाख भक्तों को अमृत छकाया था।गुरूद्वारा साहिब के शीश महल पर पालकी साहिब पर श्री गुरू ग्रंथ साहिब विराजमान है। सचखंड साहिब के पिछे शीश महल है उसके 12 दरवाजे है। उसके अंदर श्री गुरू ग्रंथ साहिब है, उसमे सुखमनी साहिब का पाठ होता है।नाड़ा साहिब गुरूद्वारा पंचकूला हरियाणा चंडीगढ़तहखाने में भौरा साहिब वह स्थान स्थापित है, जहाँ बाबा नंद साहिब जी महाराज ने तपस्या की थी। गुरूद्वारा नानकसर साहिब मे श्री गुरू ग्रंथ साहिब के आगे धन का चढावा नही होता है। यह गुरू जी का आदेश है। यहां कोई रसीद भी नहीं कटती है। यदि कोई भक्त दरबार साहिब की सेवा करना चाहता है तो वह भक्त सामान की सेवा कर सकता है। यहां अन्न वस्त्र स्वर्ण का दान भी नहीं लिया जाता है। यहां प्रसाद में हलुवा न चढ़कर केवल मिश्री चढ़ता है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-श्री गोइंदवाल साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीश्री दुख निवारण साहिब पटियालाश्री मंजी साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणाश्री मंजी साहिब गुरूद्वारा आलमगीर लुधियानागुरूद्वारा श्री तरनतारन साहिब का इतिहासगुरूद्वारा श्री शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जीसिख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब जानकारी इन हिन्दीसिख धर्म के पवित्र ग्रंथ श्री आदि गुरु ग्रंथ साहिबश्री दमदमा साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीश्री पांवटा साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीगुरूद्वारा श्री बाबा अटल राय जी अमृतसरश्री दरबार साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीश्री नानकमत्ता साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीश्री हेमकुण्ड साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी नानकसर साहिब मे जो लंगर की सेवा होती है, उसका प्रसाद विभिन्न गांवों और शहरों से आता है। कितनी भी संगत आ जाये कभी लंगर कम नहीं पड़ता। गुरूद्वारे मे लंगर नहीं बनाया जाता है। यहां प्रबंध कमेटी द्वारा अतिथि गृह बनाया गया है, जिसमे 300 कमरे है। वृद्धा आश्रम बना है, जिसमे 100 कमरे है, जहाँ नि:शुल्क सेवा की जाती है, और यहाँ के अतिथि गृह में भी निःशुल्क सेवा की जाती है।नानकसर साहिब कलेरा जगराओं के सुंदर दृश्यगुरूद्वारे साहिब का शिखर 65 फुट ऊचां है, जो स्वर्ण मंडित है। सम्मपूर्ण गुरूद्वारा सुंदर और आकर्षक सफेद संगमरमर के पत्थरों से निर्मित है। गुरूद्वारे का निर्माण लगभग 5 एकड में है। गाडी, स्कूटर पार्किंग, जोड़ा घर, पुस्तक घर, बाथरूम, कार्यालय, सभी सुंदर और व्यवस्थित है। गुरूद्वारे के बाहर लगभग 100 से अधिक दुकाने है जहाँ विभिन्न प्रकार के सामान मिलते है।क्रिप्टो करंसी में इंवेस्ट करें और अधिक लाभ पाएं यहां गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ 24 घंटे निरंतर चलता रहता है। यहाँ हजारों सेवादार सेवा करते है, लेकिन वेतनमान भोगी कोई सेवादार नहीं है। सब सच्चे मन से गुरू की सेवा करते है। समान्य दिनो में यहां 5 से 6 हजार श्रृद्धालु प्रतिदिन आते है तथा विशेष अवसरों पर यह संख्या 15 से 20 हजार तक पहुंच जाती है।भारत के प्रमुख गुरूद्वारों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-[post_grid id=’6818′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत के प्रमुख धार्मिक स्थल ऐतिहासिक गुरूद्वारेगुरूद्वारे इन हिन्दीपंजाब दर्शनपंजाब यात्राभारत के प्रमुख गुरूद्वारे