गुरूद्वारा नानकसर कलेरा जगराओं लुधियाना जिले की जगराओं तहसील में स्थापित है।यह लुधियाना शहर से 40 किलोमीटर और जगराओं से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सिख धर्म मे इस स्थान काफी बड़ा महत्व है। अपने इस लेख में हम नानकसर गुरूद्वारे जगराओं हिस्ट्री हिन्दी मे जानेंगे।
नानकसर कलेरा जगराओं साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
यहां भक्त बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस स्थान पर कई वर्षों तक तपस्या की थी। बाबा नंद सिंह जी महाराज, गुरू श्री नानक देव जी के अनन्य और परम भक्त थे। श्री बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इसी स्थान पर गुरू ग्रंथ साहिब के माध्यम से श्री गुरू नानक देव जी के दर्शन प्राप्त किए थे
नानकसर साहिब कलेरा जगराओं के सुंदर दृश्यबाबा नंद सिंह जी महाराज ने 1943 तक यहां गुरू नानक देव जी की तपस्या की थी। इसके बाद उन्होंने अपनी देह त्याग दी थी। बाबा नंद सिंह जी महाराज ने इस स्थान को कच्चा बनवाया था। उनके देह त्याग ने के बाद बाबा ईश्वर सिंह जी महाराज बाबा नंद सिंह जी महाराज के उत्तराधिकारी बने। जिन्होंने इस स्थान को पक्का बनवाया गुरूद्वारा नानकसर का पक्का निर्माण सन् 1943 से 1963 के बीच हुआ था।
इसके बाद गुरूद्वारा नानकसर साहिब में बाबा ईश्वर सिंह जी सरोवर का निर्माण कराया गया। जिसके बारें मे कहा जाता है, कि सरोवर में स्नान करने से सभी दुख दर्द और बीमारियां ठीक हो जाती है। इसी मान्यता के चलते आज भी यहां हजारों भक्त प्रतिदिन सरोवर में स्नान करते है।
गुरूद्वारा नानकसर साहिब का क्षेत्रफल लगभग 50 एकड़ के क्षेत्र मे फैला हुआ है। जिसमे दरबार साहिब 200× 150 है और लगभग 50 फुट ऊंचा है। इस स्थान का महत्व इसलिए भी और अधिक समझा जाता है, क्योंकि यहाँ बाबा ईश्वर सिंह जी महाराज ने इस स्थान पर साढे सात लाख भक्तों को अमृत छकाया था।
गुरूद्वारा साहिब के शीश महल पर पालकी साहिब पर श्री गुरू ग्रंथ साहिब विराजमान है। सचखंड साहिब के पिछे शीश महल है उसके 12 दरवाजे है। उसके अंदर श्री गुरू ग्रंथ साहिब है, उसमे सुखमनी साहिब का पाठ होता है।
तहखाने में भौरा साहिब वह स्थान स्थापित है, जहाँ बाबा नंद साहिब जी महाराज ने तपस्या की थी। गुरूद्वारा नानकसर साहिब मे श्री गुरू ग्रंथ साहिब के आगे धन का चढावा नही होता है। यह गुरू जी का आदेश है। यहां कोई रसीद भी नहीं कटती है। यदि कोई भक्त दरबार साहिब की सेवा करना चाहता है तो वह भक्त सामान की सेवा कर सकता है। यहां अन्न वस्त्र स्वर्ण का दान भी नहीं लिया जाता है। यहां प्रसाद में हलुवा न चढ़कर केवल मिश्री चढ़ता है।
हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-
श्री गोइंदवाल साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
श्री दुख निवारण साहिब पटियाला
श्री मंजी साहिब गुरूद्वारा कैथल हरियाणा
श्री मंजी साहिब गुरूद्वारा आलमगीर लुधियाना
गुरूद्वारा श्री तरनतारन साहिब का इतिहास
गुरूद्वारा श्री शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जी
सिख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब जानकारी इन हिन्दी
सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ श्री आदि गुरु ग्रंथ साहिब
श्री दमदमा साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
श्री पांवटा साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
गुरूद्वारा श्री बाबा अटल राय जी अमृतसर
श्री दरबार साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
श्री नानकमत्ता साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
श्री हेमकुण्ड साहिब हिस्ट्री इन हिन्दी
नानकसर साहिब कलेरा जगराओं के सुंदर दृश्यनानकसर साहिब मे जो लंगर की सेवा होती है, उसका प्रसाद विभिन्न गांवों और शहरों से आता है। कितनी भी संगत आ जाये कभी लंगर कम नहीं पड़ता। गुरूद्वारे मे लंगर नहीं बनाया जाता है। यहां प्रबंध कमेटी द्वारा अतिथि गृह बनाया गया है, जिसमे 300 कमरे है। वृद्धा आश्रम बना है, जिसमे 100 कमरे है, जहाँ नि:शुल्क सेवा की जाती है, और यहाँ के अतिथि गृह में भी निःशुल्क सेवा की जाती है।
गुरूद्वारे साहिब का शिखर 65 फुट ऊचां है, जो स्वर्ण मंडित है। सम्मपूर्ण गुरूद्वारा सुंदर और आकर्षक सफेद संगमरमर के पत्थरों से निर्मित है। गुरूद्वारे का निर्माण लगभग 5 एकड में है। गाडी, स्कूटर पार्किंग, जोड़ा घर, पुस्तक घर, बाथरूम, कार्यालय, सभी सुंदर और व्यवस्थित है। गुरूद्वारे के बाहर लगभग 100 से अधिक दुकाने है जहाँ विभिन्न प्रकार के सामान मिलते है।
यहां गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ 24 घंटे निरंतर चलता रहता है। यहाँ हजारों सेवादार सेवा करते है, लेकिन वेतनमान भोगी कोई सेवादार नहीं है। सब सच्चे मन से गुरू की सेवा करते है। समान्य दिनो में यहां 5 से 6 हजार श्रृद्धालु प्रतिदिन आते है तथा विशेष अवसरों पर यह संख्या 15 से 20 हजार तक पहुंच जाती है।
भारत के प्रमुख गुरूद्वारों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-

बिहार की राजधानी
पटना शहर एक धार्मिक और ऐतिहासिक शहर है। यह शहर सिख और जैन धर्म के अनुयायियों के
Read more समुद्र तल से लगभग 4329 मीटर की हाईट पर स्थित गुरूद्वारा श्री
हेमकुंड साहिब (Hemkund Sahib) उतराखंड राज्य (Utrakhand state)
Read more नानकमत्ता साहिब सिक्खों का पवित्र तीर्थ स्थान है। यह स्थान उतराखंड राज्य के उधमसिंहनगर जिले (रूद्रपुर) नानकमत्ता नामक नगर में
Read more आनंदपुर साहिब, जिसे कभी-कभी बस आनंदपुर आनंद का शहर" कहा जाता है के रूप में संदर्भित किया जाता है, यह
Read more हजूर साहिब गुरूद्वारा महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ जिले में स्थापित हैं। यह स्थान गुरु गोविंद सिंह जी का कार्य स्थल
Read more स्वर्ण मंदिर क्या है? :- स्वर्ण मंदिर सिक्ख धर्म के अनुयायियों का धार्मिक केन्द्र है। यह सिक्खों का प्रमुख गुरूद्वारा
Read more दुख भंजनी बेरी ट्री एक पुराना बेर का पेड़ है जिसे पवित्र माना जाता है और इसमें चमत्कारी शक्ति होती
Read more यह ऐतिहासिक तथा पवित्र पांच मंजिलों वाली भव्य इमारत श्री
हरमंदिर साहिब की दर्शनी ड्योढ़ी के बिल्कुल सामने स्थित है।
Read more गुरूद्वारा
बाबा अटल राय जी अमृतसर का एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। हर साल हरमंदिर साहिब जाने वाले लाखों तीर्थयात्रियों में
Read more गुरुद्वारा
पांवटा साहिब, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक प्रसिद्ध गुरुद्वारा है। पांवटा साहिब पर्यटन स्थल
Read more यह
तख्त साहिब भटिंडा ज़िला मुख्यलय से 35 किमी दूर तलवांडी साबो में बस स्टेशन के बगल में स्थापित है
Read more जिस तरह हिन्दुओं के लिए रामायण, गीता, मुसलमानों के लिए कुरान शरीफ, ईसाइयों के लिए बाइबल पूजनीय है। इसी तरह
Read more जैसा की आप और हम जानते है कि सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब है। सिक्ख तख्त साहिब की
Read more "खालसा पंथ" दोस्तों यह नाम आपने अक्सर सुना व पढ़ा होगा।
खालसा पंथ क्या है। आज के अपने इस लेख
Read more गुरूद्वारा गुरू का महल कटड़ा बाग चौक पासियां अमृतसर मे स्थित है। श्री गुरू रामदास जी ने गुरू गद्दी काल
Read more गुरुद्वारा
शहीदगंज साहिब बाबा दीप सिंह जी सिक्खों की तीर्थ नगरी अमृतसर में स्थित है। गुरूद्वारा शहीदगंज साहिब वह जगह
Read more अमृतसर शहर के कुल 13 द्वार है। लोहगढ़ द्वार के अंदर लोहगढ़ किला स्थित है। तत्कालीन मुगल सरकार पर्याप्त रूप
Read more प्रिय पाठकों अपने इस लेख में हम सिख धर्म के उन पांच प्रतीक चिन्हों के बारें में जानेंगे, जिन्हें धारण
Read more तरनतारन गुरूद्वारा साहिब, भारत के पंजाब राज्य में एक शहर), जिला मुख्यालय और तरन तारन जिले की नगरपालिका परिषद है।
Read more मंजी साहिब गुरूद्वारा हरियाणा के कैथल शहर में स्थित है। कैथल भारत के हरियाणा राज्य का एक जिला, शहर और
Read more दुख निवारण गुरूद्वारा साहिब पटियाला रेलवे स्टेशन एवं बस स्टैंड से 300 मी की दूरी पर स्थित है। दुख निवारण
Read more गुरूद्वारा चरण कंवल साहिब लुधियाना जिले की माछीवाड़ा तहसील में समराला नामक स्थान पर स्थित है। जो लुधियाना शहर से
Read more मुक्तसर फरीदकोट जिले के सब डिवीजन का मुख्यालय है। तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है।
Read more गुरूद्वारा श्री तेगबहादुर साहिब या
धुबरी साहिब भारत के असम राज्य के धुबरी जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे स्थित
Read more गुरूद्वारा नानक झिरा साहिब कर्नाटक राज्य के बीदर जिले में स्थित है। यह सिक्खों का पवित्र और ऐतिहासिक तीर्थ स्थान
Read more नाड़ा साहिब गुरूद्वारा चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन से 5किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। नाड़ा साहिब गुरूद्वारा हरियाणा प्रदेश के पंचकूला
Read more गुरुद्वारा
पिपली साहिब अमृतसर रेलवे स्टेशन से छेहरटा जाने वाली सड़क पर चौक पुतलीघर से आबादी इस्लामाबाद वाले बाजार एवं
Read more गुरुद्वारा
पातालपुरी साहिब, यह गुरुद्वारा रूपनगर जिले के किरतपुर में स्थित है। यह सतलुज नदी के तट पर बनाया गया
Read more गुरुद्वारा कतलगढ़ साहिब श्री चमकौर साहिब में स्थापित है। यह गुरुद्वारा ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। इस स्थान पर श्री गुरु गोबिंद
Read more गुरुद्वारा
बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी नामक कस्बे में स्थित है। सुल्तानपुर लोधी, कपूरथला जिले का एक प्रमुख नगर है। तथा
Read more गुरुद्वारा
हट्ट साहिब, पंजाब के जिला कपूरथला में सुल्तानपुर लोधी एक प्रसिद्ध कस्बा है। यहां सिख धर्म के संस्थापक गुरु
Read more मुक्तसर जिला फरीदकोट के सब डिवीजन का मुख्यालय है तथा एक खुशहाल कस्बा है। यह प्रसिद्ध तीर्थ स्थान भी है।
Read more नई
दिल्ली रेलवे स्टेशन से 5 किलोमीटर दूर लोकसभा के सामने गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब स्थित है। गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब की स्थापना
Read more गुरुद्वारा बिलासपुर साहिब हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर शहर मे स्थित है बिलासपुर, कीरतपुर साहिब से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर
Read more गुरुद्वारा मजनूं का टीला नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से 15 किलोमीटर एवं पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन से 6 किलोमीटर की दूरी
Read more उत्तर प्रदेश की की राजधानी लखनऊ के जिला मुख्यालय से 4 किलोमीटर की दूरी पर यहियागंज के बाजार में स्थापित लखनऊ
Read more नाका गुरुद्वारा, यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा नाका हिण्डोला लखनऊ में स्थित है। नाका गुरुद्वारा साहिब के बारे में कहा जाता है
Read more आगरा भारत के शेरशाह सूरी मार्ग पर उत्तर दक्षिण की तरफ यमुना किनारे वृज भूमि में बसा हुआ एक पुरातन
Read more गुरुद्वारा बड़ी संगत गुरु तेगबहादुर जी को समर्पित है। जो बनारस रेलवे स्टेशन से लगभग 9 किलोमीटर दूर नीचीबाग में
Read more