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नवादा टोली आर्कियोलॉजिकल साइट

नवादा टोली आर्कियोलॉजिकल साइट मध्य प्रदेश

नावदा टोली यह स्थान भारत केमध्य प्रदेश राज्य में नर्मदा घाटी में इंदौर के दक्षिण में 90 किमी दूर है। नवादा टोली एक पुरातात्विक महत्त्व वाला स्थान है। नवदाटोली मध्य भारत में मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी पर स्थित एक आधुनिक गांव और ताम्रपाषाण युग की बस्ती दोनों को संदर्भित करता है। प्राचीन गांव मिट्टी के बर्तनों के प्रकार द्वारा परिभाषित चार चरणों के माध्यम से बसा हुआ था। साइट की खुदाई 1957 और 1959 के बीच दो सत्रों में की गई थी। गाँव और स्थल दोनों आधुनिक शहर महेश्वर से लगभग एक मील दक्षिण में स्थित हैं।

नवादा टोली मध्य प्रदेश राज्य का पुरातात्विक महत्व वाला स्थल

यहां सर्वप्रथम सन् 1952-53 और सन् 1957 से 1959 तक की गई खुदाइयों में हड़प्पा संस्कृति के बाद की नव पाषाण संस्कृति के मिट्टी के बर्तनों से मिलते-जुलते बर्तन पाए गए हैं। अधिकतर बर्तनों पर पीले रंग पर लाल सतह है, जिन पर काले रंग की चित्रकारी है। कुछ बर्तन काले और लाल रंग के तथा कुछ पर सफेद पटि्टयां हैं। कुछ बर्तन लाल रंग के हैं, जिनकी किनारी बहुत पकी हुई है और इन पर काले रंग की चित्रकारी है।

नवादा टोली आर्कियोलॉजिकल साइट
नवादा टोली आर्कियोलॉजिकल साइट

झोंपड़ियों में अनाज रखने के लिए बड़े-बड़े मटके तथा कुछ चूल्हे भी पाए गए हैं। यहां के निवासी गोल, वर्गाकार या आयताकार झोपड़ियां बनाते थे, जिनकी दीवारें बाँस की टटियों पर मिट्टी
ल्हेस कर बनाई जाती थी। छत बाँस के ऊपर मिट्टी डालकर बनाई जाती थी।

यहां के निवासी प्रारंभिक 200 वर्षों तक गेहूं खाते थे। बाद में वे चावल, मूंग, मटर, मसूर और केसरी भी खाने लगे। यहां पर सोलहवीं शताब्दी ईसा पूर्व का भारत का सबसे प्राचीन चावल मिला है। ये लोग अनाज को पत्थर की हंसिया से काटते थे और उसे गीला करके पत्थर की ओखली में ही पीसते थे। लोग भेड़ बकरी, सूअर, गाय और बैल का मांस खाते थे।

नवादा टोली की खुदाई में घोड़ों का कोई निशान नहीं मिला है। अधिकतर औजार पत्थर के छोटे-छोटे अश्म होते थे, जिनमें लकड़ी या हड्डी के दस्ते लगे होते थे। फिर भी कुल्हाड़ी, मछली पकड़ने के हुक, पिन और तांबे के छल्ले भी मिले हैं। वे लोहे से अपरिचित थे। वे पत्थर की चिकनी कुल्हाड़ियों का प्रयोग करते थे। वे पकी मिट्टी या तांबे की चूड़ियां, मोतियों की मालाएं और अंगूठी पहनते थे। शवों को मिट्टी के बर्तन में रखकर दफनाते थे। ऐसा माना जाता है कि नवादा टोली के आदि निवासी यहां ईरान से आकर बसे थे।

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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