दीघा कलकत्ता से 183 किमी की दूरी पर एक खूबसूरत समुंद्री तट है। प्राकतिक संपदा से भरपूर और छह किमी लंबा यह तट संसार के लंबे समुंद्री तटों में गिना जाता है। यहपश्चिम बंगाल का सबसे लोकप्रिय तट भी है। दीघा बीच के पास दादनपात्र में नमक बनाया जाता है। यहां से लगभग आठ किमी दूर चंदनेश्वर में एक प्राचीन शिव मंदिर है। दस किमी दूर शंकरपुर मछली बंदरगाह तथा लगभग 44 किमी दूर दरियापुर में एक प्रकाश स्तंभ है। इतनी ही दूर समुंद्री जीवों संबंधी एक संग्रहालय है। दीघा से सागर द्वीप भी जाया जा सकता है, जहां गंगा समुंद्र में मिलती है। यहां पर प्रति वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर मेला लगता है। कपिल मुनि का आश्रम यहीं पर था।
दीघा बीच पश्चिम बंगाल
दीघा पश्चिम बंगाल में स्थित एक छोटा समुद्र तट शहर है। इस शहर के सबसे प्रसिद्ध समुद्र तटों में से एक न्यू दीघा बीच है। दूसरा ओल्ड दीघा बीच। दोनों तट एक दूसरे से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह गंतव्य एक मानव निर्मित आकर्षण है। इसकी आसान पहुंच, बड़े विस्तार और कम भीड़ के के कारण इसे पर्यटकों द्वारा पसंद किया जाता है।
दीघा बीचन्यू दीघा बीच की मुलायम रेत एक सुंदर वीकेंड बीच है। दक्षिणी पश्चिम बंगाल में बसा यह गंतव्य प्रकृति की शांत गोद में समय बिताने के लिए एक विचित्र स्थान है। दीघा शहर से समुद्र तट क्षेत्र लगभग एक मील की दूरी पर शुरू होता है, जहां तक नजर जाती है, वहां तक कैसुरिना के पेड़ों की कतार है। यह समुद्र तट अपने आकर्षक सूर्योदय और सूर्यास्त के लिए प्रसिद्ध है, जो शब्दों से परे सुंदर हैं। जगमगाते समुद्र से परावर्तित सूर्य की सुनहरी किरणों के साथ, यह नज़ारा निश्चित रूप से आपकी यादों में लंबे समय तक रहेगा!
उपलब्ध सुविधाएं
दीघा बीच जाने के लिए पहले कलकत्ता से खडगपुर तक रेलगाड़ी से जाना होता है। फिर बस से दीघा जाया जा सकता है। टूरिस्ट ब्यूरो कलकत्ता से दीघा बीच के लिए प्रतिदिन बसें भी चलता है। कलकत्ता में एस्प्लेनेड, गोल पार्क अथवा उल्टा डांगा बस अड्डों से साधारण बसें भी ली जा सकती हैं। वहां से ये बसें छह घंटों में दीघा बीच पहुंचा देती हैं। दीघा में ठहरने के लिए टूरिस्ट काटेज तथा यूथ होस्टल हैं। सागर द्वीप में यूथ होस्टल तथा भारत सेवा संघ की धर्मशाला है।
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