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दिल्ली के जैन मंदिर

दिल्ली के जैन मंदिर – श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर, नया मंदिर, बड़ा मंदिर दिल्ली

दिल्ली भारत की राजधानी है। भारत का राजनीतिक केंद्र होने के साथ साथ समाजिक, आर्थिक व धार्मिक रूप से इसका बहुत बड़ा महत्व रहा। प्राचीन समय से यहां अनेक धर्म, संप्रदाय, प्रदेश व जाति के लोग रहते है। जिसके परिणामस्वरूप यहा सभी धर्मों के धार्मिक स्थान होना लाजिमी है। अपने इस लेख में हम दिल्ली के जैन मंदिर के बारेमें विस्तार से जानेंगे। वैसे तोदिल्ली में जैन धर्म मंदिर बडी संख्या में आपको भिन्न भिन्न स्थनों पर मिल जायेंगे। लेकिन ज्यादातर वर्तमान में निर्मित मंदिर है। दिल्ली के जैन मंदिर यादिल्ली के जैन टेम्पल शीषर्क नामक इस लेख में हम सिर्फ उन मंदिरों का जिक्र करेगें जो अपनी प्राचीनता, मूर्ति की प्राचीनता व महत्व तथा अतिशय के लिए प्रसिद्ध है और जैन धर्म धार्मिक स्थलों में महत्वपूर्ण स्थान रखते है।

दिल्ली के जैन मंदिर – दिल्ली के प्रसिद्ध जैन मंदिर

दिल्ली के जैन मंदिर
दिल्ली के जैन मंदिर

श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर


यह मंदिर पुरानी दिल्ली में लाल किले के लाहौरी गेट के सामने है। यह मंदिर दिल्ली के जैन मंदिर में सबसे प्राचीन है। जहां यह मंदिर बना हुआ है। वहां मुगल बादशाह शाहजहां के समय में उर्दू बाजार नामक एक बाजार था। इसलिए शाही जमाने में इसे उर्दू मंदिर भी कहते थे। इस मंदिर का नाम लश्करी मंदिर भी था। कहते है कि शाही फौज के एक जैन अफसर ने एक टैंट में अपने दर्शन पूजन के लिए एक तीर्थंकर प्रतिमा रख ली थी। शाही सेना के अन्य जैन अधिकारी भी यहाँ दर्शन करने आते थे। धीरे धीरे उस टैंट के स्थान में जैन मंदिर बनाने की चर्चा चली। फलतः सन् 1653 में यहां दिल्ली में लाल मंदिर का निर्माण हुआ। केंद्रीय स्थान पर होने तथा कुछ देवीय चमत्कारों के कारण इस मंदिर की मान्यता सबसे अधिक होने लगी। इस मंदिर के संबंधित एक किंवदंती भी प्रचलित है। कि बादशाह औरंगजेब ने हुक्म निकाला कि मंदिरों में बाजे न बजाये जाएं। शाही हुक्म हो जाने पर भी यहां नगाडे बजते रहें। आश्चर्य की बात तो यह थी कि बाजे बजाने वाला वहां कोई दिखाई नहीं पड़ता था। बादशाह को सरकारी अधिकारियों के कथन पर विश्वास नहीं हुआ। अतः व स्वयं मंदिर में देखने गये, तब उन्हें इस पर विश्वास ही करना पड़ा। वे बहुत प्रभावित भी हुए और इस मंदिर में बाजे बजाने की छुट दे दी। श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर के संबंध में इस प्रकार की आश्चर्य जनक और भी कई किंवदंतियाँ सुनी जाती हैं।

श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर दिल्ली
श्री दिगंबर जैन लाल मंदिर दिल्ली




वर्तमान में मंदिर में आठ वेदियां है। प्राचीन वेदी में भटटारक जिनचन्द्र द्वारा सन् 1491 में प्रतिष्ठित भगवान पार्श्वनाथ की पद्मासन श्वेत पाषाण की प्रतिमा लगभग पौने दो फुट की आवगाहना वाली विराजमान है। जिसके ऊपर लघु आकार की पार्श्वनाथ प्रतिमा विराजमान है। उसके अगल बगल की मूर्तियां भी इसी संवत् की प्रतिष्ठित है।

यहां एक वेदी में पद्मावती देवी की प्रतिमा विराजमान है। जिसके ऊपर लघु आकार की पार्श्वनाथ प्रतिमा विराजमान है। जैनों में देवी की इस प्रतिमा की बड़ी मान्यता है। भक्तजन यहां मनौती मनाते है। और दीपक चढ़ाते है। इस मंदिर के मुख्य द्वार के समक्ष मान स्तंभ और पुष्पवाटिका है। मंदिर के बाहर उदासुनाश्रम, धर्मशाला, पक्षी चिकत्सालय है। यह पक्षी चिकित्सालय भारत में अपनी किस्म का एक ही चिकित्सालय है। जैन साहित्य सदन पुस्तकालय आदि लोकोपयोगी संस्थाएँ है। मंदिर का सभा भवन काफी विशाल है। मंदिर के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर इस्तेमाल होने के कारण इसका रंग लाल है जिसके कारण इसे लाल मंदिर कहा जाता है। दिल्ली के जैन मंदिर श्रृंखला में अब इसे इसी नाम से अधिक प्रसिद्धि मिली हुई है।

श्री दिगंबर जैन नया मंदिर धर्मपुरा



यह मंदिर पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के धर्मपुरा इलाके में स्थित है। दिल्ली के जैन मंदिर लिस्ट में यह नया मंदिर काफी प्राचीन मंदिर है। नया मंदिर का निर्माण सेठ व राजा हरसुखराय ने कराया था। नया मंदिर का निर्माण संवत् 1857 (सन् 1800) में प्रारंभ हुआ था, और वैशाख सुदी 3 वि. संवत् 1864 (सन् 1807) में इसकी प्रतिष्ठिता हुई थी। कहते है कि उस काल इसके निर्माण पर आठ लाख रूपये खर्च हुए थे। कुछ लोग इस संख्या को पांच लाख रुपए भी बताते है। मंदिर की मूल वेदी मकराने के संगमरमर की बनी हुई है। मूलनायक भगवान आदिनाथ (संवत् 1664) की प्रतिमा संगमरमर की 10 फुट ऊंची वेदी में विराजमान है। उसकी कीमत दस हजार तथा वेदी की लागत सवा लाख रुपए बतलायी जाती है। जिस कमलासन पर यह प्रतिमा विराजमान है। उसकी लागत उस समय की है। जब राज चार आने और मजदूर दो आना रोज दिहाड़ी लेते थे। कमल के नीचे संगमरमर के पत्थर पे चारों दिशाओं की ओर मुख किये हुए चार सिंहों के जोड़े बने हुए है। इनके मूंछों के बालों की बारीक कारीगरी दर्शनीय है। वेदी में बहुमूल्य पाषाण की पिच्चकारी और बेलबूटों का अनुपम अलंकरण इतना कलापूर्ण और बारीक किया गया है। जिसे देखने के लिए देश और विदेश के अनेक कलामर्मज्ञ आते रहते है। और उसे देखकर आश्चर्य करते है। वेदी के चारों ओर दीवारों पर जैन कथानकों को लेकर कलापूर्ण स्वर्ण रचित चित्रांकन किया गया है। मूलनायक प्रतिमा अब मंदिर में मौजूद नहीं है। कहा जाता है कि वह खंडित हो गई थी। और बम्बई के समुद्र में प्रवाहित कर दी गई थी।


पहले इस मंदिर में एक वेदी थी बाद में एक वेदी उन प्रतिमाओं के लिए बनाई गई जिनकी रक्षा गदर के जमाने में की गई थी। बाद में मूल वेदी के दांयी और बायी ओर के दालान में दो वेदिया बनाई गई। इन वेदियों मे नीलम मरकत की तथा पाषाण की संवत् 1112 तक की प्रतिमाएं स्थापित की गई। एक छत्र स्टाफिक बना हुआ है। यह दिल्ली का प्रथम शिखरबद्ध मंदिर है। इस मंदिर के निर्माता राजा हरसुख राय जी ने शिखर के लिए बादशाह से विशेष आज्ञा ली थी। तब शिखर बन सका था।

अंतिम वेदी में कुल 49 प्रतिमाएं विराजमान है। बायी ओर से तीन पहलू वाली काले पाषाण की एक एक प्रतिमा है। इसमें दो और एक पद्मासन और खडगासन प्रतिमाएं है। इसके ऊपर का लेख इस प्रकार है– सं. 153 माघ शुक्ला 10 चन्द्रे। दूसरी ओर भी यही लेख है। पुरातात्विक विशेषज्ञों के अनुसार यह संवत् 1253 होना चाहिये। इसी वेदी पर दायी ओर ऐसे ही पाषाण का एक शिलाफलक है। तीन पहलू वाला है। इसके ऊफर छोटा सा शिखर बना हुआ है। इसमे बीच में पद्मासन तीर्थंकर प्रतिमा है। इधर उधर दोनों पहलूओ पर एक एक खडगासन मूर्ति है। दांयी ओर पद्मासन मूर्ति के ऊपर हाथी की सूंड बनी हुई है। कहा जाता है कि यह दोनों शिलाफलक महरौली से लाये गये थे। वहां संभंवतः प्राचीन काल में जैन मंदिर था। इसी वेदी पर एक खडगासन मूर्ति संवत् 1123 की है। यह गहरे कत्थई रंग की है। एक फुट आवगाहना की है।

वेदियों के अतिरिक्त कमरे में आधुनिक काल का एक सहस्त्रकूट चैत्यालय है। जिसकी चारों दिशाओं में एक शिला पर 1008 प्रतिमाएं उत्कीर्ण है। इस मंदिर में शास्त्र भंडार भी है। शास्त्रों का संग्रह सुंदर है। मंदिर के साथ ही धर्मशाला, शिशु सदन, प्राइमरी स्कूल, लड़कियों का स्कूल है। जैन मित्र मंडल द्वारा संचालित वर्धमान जैन पुस्तकालय भी यही पर है। ऐसा सुना जाता हैं कि यहां की बहुत सी खंडित मूर्तियों को समूद्र में प्रवाहित करा दिया गया जिनमें बहुत सी मूर्तियों पर लेख भी थे।

श्री दिगंबर जैन नया मंदिर धर्मपुरा दिल्ली
श्री दिगंबर जैन नया मंदिर धर्मपुरा दिल्ली



इस मंदिर के निर्माण को लेकर एक कथा बहुत प्रचलित है। कहते है कि श्री दिगंबर जैन नया मंदिर के निर्माता राजा हरसुख राय हिसार वासी लाला हकूमत राम के सबसे बड़े पुत्र थे। लाला जी हिसार के माने हुए रईसों में से थे। दिल्ली के बादशाह शाह आलम ने आपको दिल्ली बुलाया और उनसे यही रहने का अनुरोध किया। लाला जी ने बादशाह का अनुरोध स्वीकार करके दिल्ली मे ही अपने परिवार को बुला लिया। बादशाह ने उन्हें रहने के लिए मकान दिया। लाला जी के पांच पुत्र थे हरसुखराय, मोहनलाल, संगमलाल, सेवाराम और तनसुखराय। संवत् 1852 में लाला हरसुखराय को शाही खजांची बना दिया गया और बादशाह ने उन्हें राजा का खिताब देकर सम्मानित किया। बाद में सल्तनत की ओर से उन्हें तीन जागीरें और सनदे भी मिली थी। वे बादशाह के अत्यंत विश्वासपात्र व्यक्तियों में से थे। कोष की सुरक्षा, वृद्धि और आवश्यकता आ पडने पर बादशाह और सल्तनत के लिए धन की व्यवस्था करने का दायित्व राजा हरसुखराय के ऊपर था। जिसे वे बड़ी योग्यता और निष्ठा के साथ पूरा कर रहे थे। बादशाह उनसे अत्यंत प्रसन्न थे और खजाने का सारा भार सौंप कर वह निशचिंत हो गये थे। और उन्हें अपने अत्यंत विश्वसनीय नवरत्नों में स्थान दिया था।


संवत् 1857 में आपके मन में मंदिर निर्माण की भावना उत्पन्न हुई। आपने बादशाह से धर्मपुरा में उपयुक्त स्थान लेकर मंदिर और उसके ऊपर शिखर बनाने की आज्ञा ले ली। सात वर्ष में आठ लाख की लागत से भव्य कलापूर्ण मंदिर बनकर तैयार हो गया। शिखर भी लगभग बन चुका था। केवल एक दो दिन का कार्य बाकी था, तभी उन्होंने मद्द बंद करवा दी। लोगों ने देखा की मंदिर की मदद क्यों बंद हो गई। दो चार दिन हो गये मदद चालू नहीं हुई। जनता में इस बात को लेकर कानाफूसी शुरु हो गई। जब एक सप्ताह तक मदद चालू नहीं हुई तो लोगों में तरह तरह की चर्चाएं होने लगी। कुछ असूया रसिकों ने तो राजा साहब की निंदा तक करना आरंभ कर दिया। पंचायत के प्रमुख लोगों ने इस मसले पर परस्पर परामर्श किया और निश्चय किया कि राजा साहब से मिलकर पता लगाया जाये कि मंदिर की मदद क्यों रूक गई है।


पंच लोग मिलकर राजा साहब के घर पहुंचे। राजा साहब ने सबका हार्दिक स्वागत किया और आदरपूर्वक सबको आसन दिया। उन्होंने पान, सुपारी, इत्र आदि द्वारा सबका यथोचित सम्मान किया। यह सब शिष्टाचार समाप्त होने पर राजा हरसुखराय हाथ जोडकर बोले– मेरा अहोभाग्य है कि बिरादरी के सरदार लोग यहां पधारे और मेरी इज्ज़त बढ़ाई। कहिए ! सरदार साहबों ने कैसे कष्ट किया? ।
एक पंच बोले — हजूर! देख रहे है कि कई दिनों से मंदिर में तामीर का काम बंद पड़ा है। एकाएक क्या बात हो गई, क्या हुजूर इस पर रोशनी डालने की इनायत बख्शेंगे।
पंच की बात सुनकर राजा साहब एकाएक गंभीर हो गए और बोले– मै शर्मिंदा हूँ कि आप लोगों को इस बात के लिए इतनी तकलीफ उठानी पड़ी। मै कई दिनों से सोच रहा था कि बिरादरी के लोगों के पास जाऊं और सारी हकीकत कह जाऊं। मेरी बदकिस्मती है कि मै कामों में इतना मशगूल रहा कि जा नहीं सका। लेकिन जब सभी सरदार लोग खुद ही पधारे है, तो मुझे कहने में झिझक क्या?। फिर आप लोग तो मेरे भाई बंधु है। आप लोगों से नहीं कहूंगा तो मै निश्चिंत कैसे हो पाऊंगा। बात यह है कि मेरे पास जो कुछ था वह मै लगा चुका, अब मेरे पास लगाने को नहीं है। अब मेरी लाज आप लोगों के हाथ है।
यह असंभव जैसी बात सुनते ही पंच लोग बोले — हुजूर ! आप हमें शर्मिंदा कर रहे है। हमारे पास जो कुछ है सब आप ही का है। आप हुक्म फरमावे। लाख दो लाख अभी हाजिर हो जाएगा।

राजा साहब खुश होते हुए बोले— यह तो आप सब सरदारों की मेरे ऊपर मेहरबानी और प्रेम है। लेकिन मै तो सारी बिरादरी से लुंगा। अपने भाइयों के सामने झोली फैलाने में शर्म किस बात की।
पंचो ने सम्मिलित भी और अलग अलग भी बहुत कुछ कहा इसरार किया यह तो हम लोगों के मरने की बात होगी कि हम लोगों के रहते हुए आप भरी पंचायत में झोली पसारे। आप हुक्म दीजिए जो कहेंगे हम लोग आपस में इकट्ठा कर लेगें। किंतु राजा साहब किसी भी तरह नहीं माने और इच्छानुसार एक दिन सारी पंचायत बुलाई गई। राजा साहब ने अपनी बात दोहरा दी, जो पंचो के समक्ष कही थी। अंत में बोले सब भाई यहां मौजूद है हर भाई मेरी झोली में एक आना डालता चला जाये अधिक नहीं लूंगा। ये कहकर राजा साहब वास्तव मे ही अपनी झोली पसारकर खड़े हो गये। जो आता एक आना डालता गया किसी ने रूपया या ज्यादा डालना चाहा तो झोली बंद हो गई। लाचार सबने एक आना ही डाला। इस बात को लेकर बिरादरी में नाना प्रकार की चर्चाएं भी हुई। दूसरे दिन से नया मंदिर में तामीर का काम फिर से शुरु हो गया। काम था ही कितना 5-7 दिन में समाप्त हो गया। फिर राजा साहब ने पंचायत बुलाकर प्रतिष्ठिता और कलशारोहण का मुहूर्त निश्चित किया।


वैशाख 3 सुदी संवत् 1864 को प्रतिष्ठिता हुई तभी एक भयंकर दुर्घटना हो गई। लाल किले के सामने परेड मैदान में विशाल पंडाल बनाया गया था। पंडाल खुब सजाया गया था। यही पर सारे धार्मिक विधि विधान हो रहे थे। तभी कुछ उपद्रवियों ने पंडाल में आग लगा दी। और सोने चांदी की चीजें छत्र, चमर, बरतन आदि को लूट लिया। इस कांड से स्त्री पुरुषों में भगदड़ मच गई। राजा साहब बडे उदास मन से खड़े खड़े यह कांड देखते रहे। दूसरे दिन राजा साहब बादशाह के दरबार पहुंचे और सारी घटना कह सुनाई। बादशाह ने कोतवाल द्वारा उपद्रवियों को बुलाया और कड़ी सजा दी। उपद्रवियों से सारा सामान दिलाया तब प्रतिष्ठा का कार्य सम्पन्न हुआ।

जब शिखर पर कलश और ध्वजा के आरोहण का समय आया तब अन्य व्यक्तियों के समान राजा साहब भी बैठे हुए थे। मुहूर्त काल बीत रहा था। प्रतिष्ठितिचार्य ने प्रतिष्ठिकारक यजमान को आने का आदेश दिया। फिर भी राजा साहब बैठे रहे। तब पंचो ने राजा साहब से अनुरोध किया– हुजूर शुभ काम में देरी कैसी शुभ मुहूर्त मे ही कलशारोहण और ध्वजारोहण करना है आपको। तब राजा हरसुखराय बोले — शुभ काम शुभ मुहूर्त में ही होना चाहिये। किंतु आप सब लोग यह सब मुझ से क्यो कह रहे हो।
पंचों ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा — वाह साहब ! आपसे नहीं तो किससे कहें। आप मालिक है मंदिर आपका है। प्रतिष्ठिता आप करा रहे है।
राजा साहब ने हैरत प्रकट करते हुए बड़ी विनम्रता से उत्तर दिया — आप लोग क्या कह रहे है। न मंदिर मेरा है न मै इसका प्रतिष्ठिता कारक ही हूँ। आमंत्रण पत्रिका में देखिए। अग्रवाल दिगंबर जैन पंचायत का नाम है। मंदिर में सारी बिरादरी का पैसा लगा है। अब कलश व ध्वजारोहण में तो सारी बिरादरी हाथ लगायेगी या फिर कोई नहीं लगायेगा। उस समय लोगों को मंदिर की तामीर बंद करने और हर एक से झोली में एक आना लेने का रहस्य ज्ञात हुआ। सब लोग राजा साहब का यह आचरण देखकर दंग रह गये। आपकी निरीहता और निराभिमानता का सबसे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है। कि आपने दिल्ली के जैन मंदिर में श्री दिगंबर जैन नया मंदिर धर्मपुरा, के अतिरिक्त पटपड़गंज, हस्तिनापुर, करनाल, सोनीपत, हिसार, पानीपत, सांगानेर आदि अनेक स्थानों पर जैन मंदिरों का निर्माण कराया। निर्माण पूरा होते ही सभी जगह आपने उसे पंचायत के सपुर्द कर दिया। साथ ही मंदिर में कोई ऐसा चिन्ह तक न छोड़ा जिससे मंदिर से उनका संबंध प्रकट हो सके। यशोलिप्सा और अभिमान से अपने आप को बचाने वाले व्यक्ति संसार में विरल होते है।

श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर सेठ कूंचा दरीबा कलां


दिल्ली के जैन मंदिर लिस्ट में यह मंदिर पुरानी दिल्ली के दरीबा कलां इलाके में स्थित है। इस दिगंबर जैन मंदिर का निर्माण सेठ इन्द्र राज जी ने 200 वर्ष पूर्व कराया था। ये यही सेठ के कूंचा में रहते थे। यह मंदिर भगवान आदिनाथ को समर्पित है। मुख्य वेदी और उसमें विराजमान मूलनायक भगवान आदिनाथ की प्रतिमा मंदिर के स्थापना काल से ही है। नया मंदिर के समान इसकी वेदी भी तीन कटनी वाली है। उसमें गंधकुटी बनी हुई है। जहां कमल आसन पर भगवान आदिनाथ की कृष्ण पाषाण की पालिशदार पद्मासन पौने दो फुट आवगाहना वाली प्रतिमा विराजमान है। इस प्रतिमा की पादपीठ पर लेख भी है। जिसके अनुसार इसकी प्रतिष्ठिता संवत् 1253 (सन् 1196) में वैशाख शुक्ला 5 सोमवार को की गई थी। यहां कुल पांच वेदियां है। मंदिर के सामने छोटा दिगंबर जैन मंदिर है। इसमें 6 वेदिया है। यहा पद्मावती देवी की मूर्ति बहुत भव्य है। और उसकी बहुत मान्यता है। यह मंदिर जिस भवन में है। उसमे नीचे नमिसागर जैन पारमार्थिक औशधालय है। तथा ऊपर दो मंजिलों में त्यागी भवन है। मंदिर के सामने ही जैन हायर सेकेंडरी स्कूल है।

श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर कूंचा सेठ दरीबा कलां
श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर कूंचा सेठ दरीबा कलां

दिल्ली के जैन मंदिर लिस्ट

• 1. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नं. 8, उल्घनपुर, नवीन शाहदरा, दिल्ली- 32

• 2. श्री दिगम्बर जैन मंदिर कबूलनगर, निकट पेट्रोल पंप, शाहदरा, दिल्ली- 110 032

• 3. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 60 फुट रोड, बलवीरनगर, शाहदरा, दिल्ली 110 032

• 4. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सी-6 ब्लाक, यमुना विहार, राधिका मार्ग, दिल्ली- 110 05

• 5. श्री जैन मंदिर शांति बिल्डिंग, मन्डोली रोड, रामनगर, शाहदरा, दिल्ली- 110 032

• 6. श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर 30/8, गली नं.-10 विश्वासनगर, दिल्ली- 32

• 7. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.-10, ब्रह्मपुरी, न्यू सीलमपुर, दिल्ली- 53

• 8. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.-7 भजनपुरा, दिल्ली- 110 053

• 9. श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गौतमपुरी, सीलमपुर के पास शाहदरा, दिल्ली- 110 053

• 10. श्री दिगम्बर जैन मंदिर जैन नगर, न्यू उस्मानपुरा, शाहदरा, दिल्ली- 110 053

• 11. श्री दिगम्बर जैन मंदिर कैथवाला, निकट पुस्ता, शाहदरा, दिल्ली- 110 053

• 12. श्री दिगम्बर जैन मंदिर शास्त्री पार्क, यमुना पुस्ता, शाहदरा, दिल्ली- 110 053

• 13. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 100 फुटा रोड, गली नं.1, ज्योति कॉलोनी, शाहदरा, दिल्ली- 110 053

• 14. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गोविन्द विहार, करावल नगर, दिल्ली- 110 094

• 15. श्री दिगम्बर जैन मंदिर मौजपुरा घोन्डा, सब्जी चौक के पास, दिल्ली- 53

• 16. श्री दिगम्बर जैन मंदिर बलराम नगर, जवाहरनगर, निकट लोनी वार्डर, दिल्ली- 94

• 17. श्री दिगम्बर जैन मंदिर आर.ब्लाक, दिलशाद गार्डन, जी.टी.रोड, शाहदरा, दिल्ली.- 32

• 18. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.-2, कैलाशनगर, दिल्ली- 110 031

• 19. श्री दिगम्बर जैन मंदिर जैन गली, गाँधीनगर, दिल्ली- 110 031

• 20. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.-12, कैलाशनगर, दिल्ली- 110 031

• 21. श्री दिगम्बर जैन मंदिर रघुवरपुरा, 11 गली नं.-6 दिल्ली- 110 031

• 22 श्री दिगम्बर जैन मंदिर धर्मपुरा, गाँधीनगर, दिल्ली 110 031

• 23. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एफ-5/97, कृष्णानगर, (बस स्टैंड के पास) दिल्ली- 110 051

• 24. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 10 बिहारी कॉलोनी, शाहदरा, दिल्ली- 32

• 25. श्री ‍दिगम्बर जैन मंदिर भोलानाथ नगर, निकट बाबूराम स्कूल शाहदरा, दिल्ली- 110 032

• 26. श्री दिगम्बर जैन मंदिर जैन गली, छोटा बाजार, शाहदरा, दिल्ली- 110 032

• 27. श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बी ब्लाक, विवेक विहार, दिल्ली- 110 032

• 28. श्री दिगम्बर जैन मंदिर राम गली, विश्वास नगर, शाहदरा, दिल्ली- 110 032

• 29. श्री दिगम्बर जैन मंदिर शंकरनगर एक्स., गली नं.-6 रघुवरपुरा रोड, दिल्ली- 110 051

• 30. श्री‍ शान्ति नाथ दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.-13, शांति मोहल्ला, गाँधीनगर, दिल्ली 7110 031

• 31. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर 105 न्यू लाहौर शास्त्रीनगर, दिल्ली- 110 031

• 32. श्री दिगम्बर जैन मंदिर बैंक इन्क्लेव, निकट लक्ष्मीनगर, दिल्ली- 110 032

• 33. श्री दिगम्बर जैन मंदिर बी-33ए, शकरपुर, दिल्ली- 110 092

34. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 71 पटपड़गंज, दिल्ली- 110 091

• 35. श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर सी-245, पांडवनगर, दिल्ली- 110 092

• 36. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सी-98, शकरपुर, दिल्ली- 110 092

• 37. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एफ ब्लाक, प्रीतविहार, दिल्ली- 110 092

• 38. श्री दिगम्बर जैन मंदिर बाहुबली इन्कलेव, (कड़कड़डूमा के पास) दिल्ली- 110 092

• 39. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पाकेट-1, मयूरविहार, दिल्ली- 110 092

• 40. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एफ ब्लाक, जवाहर पार्क, लक्ष्मीनगर, दिल्ली- 10 092

• 41. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर 50 पार्श्व विहार (मंडायली फाजलपुर) पड़पड़गंज, दिल्ली- 110 092

• 42. श्री दिगम्बर जैन मंदिर ऋषभ विहार, कड़कड़डूमा, दिल्ली- 110 092

• 43. श्री दिगम्बर जैन मंदिर मेन बाजार, नजफगढ़, दिल्ली- 110 043

• 44. श्री दिगम्बर जैन मंदिर भोगल नई दिल्ली- 110 014

• 45. श्री दिगम्बर जैन मंदिर लोधी कालोनी (पुलिस स्टेशन के पीछे) नई दिल्ली- 110 003

• 46. श्री दिगम्बर जैन मंदिर वाई ब्लाक, सरोजनीनगर, नई दिल्ली- 110 023

• 47. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एन-10, ग्रीन पार्क (एक्स.) नई दिल्ली- 110 016

• 48. श्री दिगम्बर जैन मंदिर रामा कृष्ण पुरम, मेन रोड, मुनीरका, नई दिल्ली- 110 047

• 49. श्री दिगम्बर जैन मंदिर चिराग दिल्ली, नई दिल्ली- 17

• 50. श्री दिगम्बर जैन मंदिर नया भोगल, जंगपुरा, नई दिल्ली- 110 014

• 51. श्री दिगम्बर जैन मंदिर अहिंसा स्थल, निकट कुतुबमीनार, महरोली, नई दिल्ली- 110 065

• 52. श्री खंडेलवाल दि. जैन मंदिर शिवाजी स्टेडियम के पास, कनाट प्लेस, नई दिल्ली- 110 001

• 53. श्री अग्रवाल दि. जैन मंदिर जयसिंह पुरा, निकट शिवाजी स्टेडियम नई दिल्ली- 110 001

• 54. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.-4, प्लाट नं.-344, गोविन्दपुरी, नई दिल्ली- 19

• 55. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पाकेट ए, सरिता विहार, मथुरा रोड, नई दिल्ली- 44

• 56. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 18जी, स्पेशल इंस्टीयूशनल एरिया, श्री कुन्द-कुन्द भारती, नई दिल्ली- 110 067

• 57. श्री दिगम्बर जैन मंदिर ई/181, कर्मपुरा, मोतीनगर, ‍ निकट पोस्ट ऑफिस, नई दिल्ली- 110 015

• 58. श्री दिगम्बर जैन मंदिर बी-1 ब्लाक, जनकपुरी, नई दिल्ली- 110 058

• 59. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सी-2 ब्लाक, पॉकेट-12 के सामने जनकपुरी, नई दिल्ली- 110 058

60. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पी-6 विजय विहार, उत्तमनगर, ईस्ट नजफगढ़ रोड, नई दिल्ली- 110 059

• 61. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सदर बाजार, दिल्ली कैन्ट- 110 010

• 62. श्री दिगम्बर जैन मंदिर हरीनगर, घन्टाघर निकट अस्पताल, दिल्ली- 110 064

63. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एफ-25 मिलाप नगर, उत्तमनगर, दिल्ली- 110 058

• 64. श्री चंद्रप्रभु‍ दि. जैन चैत्यालय सी-24 वाली नगर, नज़फगढ़ रोड, नई दिल्ली- 110 015

• 65. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नं.- 3 सास नगर, पालम कॉलोनी, दिल्ली- 45

• 66. श्री दिगम्बर जैन मंदिर झड़ौदा कला, नजफगढ़, दिल्ली- 110 043

• 67. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एयर फोर्स पालम, दिल्ली कैन्ट- 110 010

• 68. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पी-6 विजय विहार, उत्तम नगर, नई दिल्ली- 110 058

• 69. श्री दिगम्बर जैन मंदिर आर.जेड-46, ए/23ए गली नं.-2, सागरपुर, पंखा रोड, नई दिल्ली- 110 058

• 70. श्री दि. जैन मंदिर चैत्यालय 12 स्कूल भवन, रेलवे रोड, पालम, दिल्ली- 110 045

• 71. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पटपड़गंज रोड, निर्माण विहार, दिल्ली- 110 092

• 72. श्री दिगम्बर जैन मंदिर (निकट ज्वालाहेडी चौक) बी-1/बी-2 ब्लाक पश्चिमी विहार, दिल्ली- 110 063

• 73. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एम-11, विकासपुरी, नई दिल्ली- 110 063

• 74. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 10/349, सुन्दर विहार (रिंग रोड नं.-26) पश्चिमी विहार, नई दिल्ली- 110 041

• 75. श्री दिगम्बर जैन मंदिर मेन रोड, नागलोई, नई दिल्ली- 110 041

• 76. श्री दिगम्बर जैन मंदिर अशोका इन्कलेव, निकट पीरा गढ़ी चौक, दिल्ली- 110 041

• 77. श्री दिगम्बर जैन मंदिर निकट बस टर्मिनल इंद्रपुरी, दिल्ली- 110 012

• 78. श्री दिगम्बर जैन गोधा मंदिर वैदवाड़ा दिल्ली- 110 006

• 79. श्री दिगम्बर जैन लाल मंदिर चाँदनीचौक, दिल्ली- 110 000

• 80. श्री दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर कूंचा सेठ, दरीबा कलां, दिल्ली- 110 006

• 81. श्री दिगम्बर जैन पंचायती मंदिर मस्जिद खजूर, धर्मपुरा दिल्ली- 110 006

• 82. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पंचायती गुलाब वाटिका, लोनी रोड वार्डर, दिल्ली- 110 094

• 83. श्री जैसवाल दिगम्बर जैन मंदिर प्लाट नं.-165, मास्टर ब्लाक, शकरपुर, दिल्ली- 110 092

• 84. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 608 कूंधा पातीराम, सीता राम बाजार, दिल्ली- 110 006

• 85. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 281, दिल्ली गेट, नई दिल्ली- 110 002

• 86. श्री दिगम्बर जैन मंदिर दि. जैन महिला आश्रम घटा मस्जिद रोड, दरियागंज, नई दिल्ली- 110 002

• 87. श्री दिगम्बर जैन अंहिसा मंदिर 1 अंसारी रोड, दरियागंज, दिल्ली- 110 002

• 88. श्री दिगम्बर जैन चैत्यालय (हुकमचंदजी) 7/33, दरियागंज, नई दिल्ली- 110 002

• 89. श्री दिगम्बर जैन मंदिर जैन बाल आश्रम दरियागंज, नई दिल्ली- 2

• 90. श्री दिगम्बर जैन मंदिर डिप्टीगंज, नई दिल्ली- 110 006

• 91. श्री दिगम्बर जैन मंदिर मंदिर वाली गली पहाड़ी धीरज, दिल्ली- 6

• 92. श्री दिगम्बर जैन मंदिर गली नथनसिंह, पहाड़ी धीरज, दिल्ली- 110 006

• 93. श्री दिगम्बर जैन मंदिर मन्टोला पहाड़गंज, नई ‍दिल्ली- 110 055

• 94. श्री दिगम्बर जैन मंदिर न्यू कॉलोनी, मॉडल बस्ती, नई दिल्ली- 110 005

• 95. श्री दिगम्बर जैन मंदिर छप्पर वाला कुआं, करोल बाग, नई दिल्ली- 110 005

• 96. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सी-5/29, न्यू रोहतक रोड, करोल बाग, दिल्ली- 110 005

• 97. श्री दिगम्बर जैन मंदिर देवनगर, करोलबाग, नई दिल्ली- 110 005

• 98. श्री दिगम्बर जैन मंदिर अहिंसा भवन, शंकर रोड, (डेसु कार्यालय के निकट) नई दिल्ली- 110 005

• 99. श्री दिगम्बर जैन मंदिर डी-28, मॉडल टाउन, दिल्ली- 110 009

• 100. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 21 राजपुर रोड, दिल्ली- 110 054

• 101. श्री दिगम्बर जैन मंदिर राम बाजार, मोरी गेट, दिल्ली- 110 006

• 102. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर बर्फखाना सब्जी मन्डी, दिल्ली- 110 007

• 103. श्री दिगम्बर जैन मंदिर पत्थर वाली गली, आर्यपुरा सब्जीमंडी, दिल्ली- 110 007

• 104. श्री दिगम्बर जैन मंदिर निकट चौक शक्तिनगर, दिल्ली- 110007

• 105. श्री दिगम्बर जैन मंदिर स्टेट बैंक कालोनी (निकट बिजली दफ्तर) जी.टी. करनाल रोड, दिल्ली- 110 009

• 106. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सी-13, गली नं.-5, मजलिस पार्क, आजादपुर, दिल्ली- 110 033

• 107. श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर गुलाबी बाग, दिल्ली- 110 007

• 108. श्री आदिनाथ दि. जैन मंदिर भारत नगर, दिल्ली- 110 052

• 109. श्री दिगम्बर जैन मंदिर 1001, देवाराम पार्क, त्रिनगर, दिल्ली- 110 035

• 110. श्री दिगम्बर जैन मंदिर बी ब्लाक, शास्त्रीनगर, दिल्ली- 110 052

• 111. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सरस्वती विहार, (निकट आउटर रिंग रोड) दिल्ली- 110 052

• 112. श्री दिगम्बर जैन मंदिर रानी बाग, दिल्ली- 110 034

• 113. श्री दिगम्बर जैन मंदिर विवेकानन्द पुरी, दिल्ली- 110 007

• 114. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सी.पी.ब्लाक, प्रीतमपुरा, दिल्ली- 110 034

• 115. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सत्यवती कालोनी, दिल्ली- 110 052

• 116. श्री दिगम्बर जैन मंदिर सेक्टर-9, अहिंसा विहार, दिल्ली- 110 085

• 117. श्री दिगम्बर जैन मंदिर राजस्थान अपार्टमेंट मधुवन चौक, प्रीतमपुरा, दिल्ली- 110 034

• 118. श्री दिगम्बर जैन मंदिर एफ-1 यू ब्लाक, प्रीतमपुरा, दिल्ली- 110 034

• 119. श्री दिगम्बर जैन मंदिर ई-42, बुधविहार, दिल्ली- 110 041

• 120. श्री दिगम्बर जैन मंदिर लारेन्स रोड, मस्ताना सिंह मार्ग, दिल्ली- 35

• 121. श्री दिगम्बर जैन मंदिर श्री ब्लाक, शालीमार बाग, दिल्ली- 110 052

• 122. श्री दि.जैन चैत्यालय जे-227, सैनिक फार्म, खानपुर, दिल्ली- 110 062

• 123. श्री चंद्रप्रभु दि. जैन मंदिर प्लाट नं.-798 डी-ब्लाक, गली नं.-7 अशोकनगर, दिल्ली- 99

• 124. श्री नेमीनाथ दि. जैन मंदिर कैथवाडा, सीलमपुर, दिल्ली- 110 053

• 125. श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर ब्लाक -C, गली नंबर 18, खजूरी खास कालोनी, वजीराबाद रोड दिल्ली .110094

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

This Post Has 2 Comments

  1. Saima

    Wow it’s nice

  2. Saima

    Can u talk me more about …..

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