तुगलकाबाद किला इतिहास इन हिन्दी

तुगलकाबाद किला

तुगलकाबाद किलादिल्ली स्थित तुगलकाबाद में स्थित है। शब्द तुग़लकाबाद का संकेत तुग़लक़ वंश की ओर है। हम अपने पिछले लेखों में वर्णन कर चुके है कि ग्यासुद्दीन तुगलक़ ने इसे बसाया था। यह नगर दिल्‍ली के समीप स्थित था। वर्तमान में यह नई दिल्ली के अंदर ही है। यहां पहुँचने के लिये बदरपुर बॉर्डर से जाया जा सकता है, दूसरा मार्ग दिल्‍ली से मथुरा जाने वाली सड़क होकर है। बदरपुर गांव इसी सड़क पर स्थित है। बदरपुर से सीधे दाहिनी ओर से मार्ग तुगलकाबाद को जाता है। तीसरा मार्ग कुतुब मीनार महरौली होकर जाता है। कुतुब के बाई’ ओर से एक सीधा मार्ग तुगलकाबाद को जाता है और भी कई मार्ग है नेहरू प्लेस से भी एक मार्ग जाता हैं।

तुगलकाबाद किला इतिहास इन हिन्दी

तुगलकाबाद नगर को ग्यासुद्दीन तुगलक़ ने बसाया था। वह
तुग़लक वंश का राजा था। तुगलकाबाद किला की दीवारों को देखने से प्रतीत होता है कि वे बड़ी ही मज़बूत बनाई गई है। किले के ऊपर देखने से चारों ओर का दृश्य दिखाई पड़ता है। पास ही संगमरमर का एक मकबरा है यह लाल पत्थर का बना है पर इसके ऊपर का गुम्बद संगमरमर का है। यह मक़बरा ग़यासउद्दीन तुग़लक का है ग़यासउद्दीन के बगल में ही उसकी पत्नी मस्तदुयाई जहां ओर उसके पुत्र मोहम्मद की समाधियां हैं। यहां की भूमि बड़ी समतल है सड़क भूमि से कुछ ऊंची बनी है। एक ओर तुगलकाबाद नगर और दूसरी ओर एक पहाड़ी है। पहाड़ी ओर तुग़लक़ाबाद के मध्य एक बड़ी झील या सरोवर था। ग़यासउद्दीन की समाधि इसी सरोवर के मध्य में थी। समाधि चारों ओर एक मज़बूत दीवार से घिरी है। नगर से सरोवर तक पहले एक छोटी नदी थी इसी नदी से सरोवर में पानी आता था। बदरपुर गांव की और इस समतलमैदान में एक बांध बना है। इस बांध के कारण सरोवर का पानी बाहर नही जा सकता था। सामने पहाड़ी पर अरदीलाबाद का किला है। यह किला सरोवर की रक्षा के लिये बनाया गया था। तुगलकाबाद नगर लगभग साढ़े तीन मील के घेरे में स्थित है।

तुगलकाबाद किला
तुगलकाबाद किला

गयास उद्दीन ने मुगलों से रक्षा करने के लिये ही तुगलक़ाबाद नगर को बसाया था। उसने मुग॒लों को परास्त किया और भारत वर्ष में शान्ति स्थापित की। वह बड़ा सख्त तथा बहादुर सैनिक था। बंगाल विजय करके जब वह लौटा तो अफग़ानपुर गांव में जाकर उसके पुत्र मोहम्मद ने उसका स्वागत किया था। मोहम्मद के चले जाने के पश्चात हाथी ग्यासुद्दीन के सामने लाये गये कहते हैं कि एक हाथी बारादरी के स्तम्भ से टकरा गया। स्तम्भ लकड़ी का था, टक्कर के कारण बारादरी गिर गई और ग्यासुद्दीन बादशाह उसी में दबकर मर गया।

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