तालबहेट का किला किसने बनवाया – तालबहेट फोर्ट हिस्ट्री इन हिन्दी Naeem Ahmad, July 19, 2021March 26, 2024 तालबहेट का किला ललितपुर जनपद मे है। यह स्थान झाँसी – सागर मार्ग पर स्थित है तथा झांसी से 34 मील दूर है तथा इस स्थल में एक रेलवे स्टेशन भी है इसका नामकरण ताल अथवा सरोवर के नाम हुआ है। यहाँ पर झील की आकृति का एक सरोवर है इस सरोवर से गाँव के लोग सिचाई किया करते है। इस क्षेत्र के लोग गौंडवानी भाषा बोलते है।तालबहेट का किला – तालबहेट का किला हिस्ट्री इन हिन्दीप्राचीन किवदंती के अनुसार यह स्थल जिडियाखेरा के नाम से प्रसिद्ध था, और सरोवर के किनारे यहाँ एक प्राचीन नगर बसा हुआ था। इस नगर में चन्देलो का शासन था। जिनके भग्नावशेष अभी भी उपलब्ध होते है। सन् 1618 में यह स्थान भारतशाह के अधिकार में आ गया, जो चन्देरी के नरेश थे। उन्होने यहाँ एक सुन्दर किले का निर्माण कराया जिसके भग्नावशेष यहाँ उपलब्ध होते है। इसी नरेश ने यहाँ एक सुन्दर तालाब का निर्माण कराया और तालबहेट किले के चारो ओर एक ऊँचे परकोटे का निर्माण कराया।बरूआ सागर का किला – बरूआसागर झील का निर्माण किसने और कब करवायाइनके पुत्र देवीसिंह बुन्देला ने सिंह बाग का निर्माण कराया और किले में नरसिंह मन्दिर भी बनवाया। वर्तमान समय मे इस मन्दिर के क्षेत्र को नरसिंह पुरी के नाम से जाना जाता है। इस मन्दिर के दीवारो में अनेक प्रकार के चित्र जंगली जानवरों, पेड पोधो के बने हुये है।जैतपुर का किला या बेलाताल का किला या बेलासागर झील हिस्ट्री इन हिन्दी,यहाँ से 6 मील पश्चिम पर अढ़ोना नाम का एक गाँव है। जहाँ दो प्राचीन मन्दिर विष्णु और महादेव के बने है, और इन मन्दिरों मे एक अभिलेख भी उपलब्ध हुआ है। जिसे पढ़ा नहीं जा सका दुर्ग के ऊपर एक बाउली उपलब्ध हुईं है। जिसका जल कभी सूखता नहीं जो बहुत अधिक गहरी है जिसकी थाह कोई नहीं ले पाया।पुष्कर सरोवर तीर्थ यात्रा – पुष्कर झील का धार्मिक महत्वजैसा कि ऊपर भी बताया जा चुका है कि तालबहेट जिला ललितपुर-यूपी में झांसी के पास स्थित एक छोटा सा शहर है। तालबेहट किला 1618 में भरत शाह द्वारा बनवाया गया था। जब रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष कर रही थी, वह महाराजा मर्दन सिंह के क्षेत्र में थी। यह किला एक बड़ी झील के किनारे स्थित है। तालबेहट कस्बा इस झील जितना बड़ा है। इस किले की एक दीवार को तोड़कर अंग्रेज झांसी चले गए। यह बहुत ही शांत जगह है। किले के अंदर एक प्रसिद्ध नरसिंह मंदिर भी स्थित है। इस किले में दो मुख्य द्वार हैं। किला झांसी-ललितपुर फोर लेन रोड पर स्थित है। राजा मर्दन सिंह ने इस किले से यहां शासन किया और उन्होंने 1957 में रानी लक्ष्मी बाई के साथ अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। किले के अंदर तीन मंदिर हैं, जो अंगद, हनुमानजी और नरसिंह भगवान को समर्पित हैं। किले की विशाल संरचनाएँ हैं और यह विशाल मानसरोवर झील के तट पर स्थित है। यह झील विभिन्न जल क्रीड़ा गतिविधियों के लिए उपयुक्त है। वर्तमान में पैडल बोट के साथ बोट क्लब की सुविधा उपलब्ध है, घाट और रेस्तरां भी है। परिसर में झील के किनारे हजारिया महादेव मंदिर है।तालबहेट का किलाप्रचलित दंतकथाआसपास के लोगों में प्रचलित दंतकथा इस किले से 7 लड़कियों के चिखने की आवाजे आती है। यह तो नहीं कहा जा सकता कि इसमें कितनी सच्चाई है। परंतु दंतकथा के अनुसार माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन तालबेहट राज्य की 7 लड़कियां राजा मर्दन सिंह के इस किले में नेग मांगने गई थीं। तब राजा के पिता प्रहलाद किले में अकेले थे। लड़कियों की खूबसूरती देखकर उनकी नीयत खराब हो गई और उन्होंने सातों लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बना लिया। लड़कियों ने इस घटना से आहत होकर महल के बुर्ज से कूदकर जान दे दी थी।मानेसर झील ऐसा लगता है पानी कम मछलियां ज्यादाकहते हैं आज भी उन सात लड़कियों की आवाजें तालबेहट फोर्ट में सुनाई देती हैं। यह घटना अक्षय तृतीया के दिन हुई थी, इसलिए आज भी यहां यह त्योहार नहीं मनाया जाता। राजा मर्दन सिंह अपने पिता प्रहलाद की हरकत से आहत हुए। अपने पिता की करतूत का पश्चाताप करने के लिये राजा मर्दन सिंह ने लड़कियों को श्रद्धांजलि के रूप में किले के मेन गेट पर सातों लड़कियों के चित्र बनवाए थे, जो आज भी मौजूद हैं। गांव की शांति के लिए महिलाएं आज भी किले के मुख्य द्वार पर बने सातों लड़कियों के चित्र की पूजा करने जाती हैं।नैनीताल( सुंदर झीलों का शहर) नैनीताल के दर्शनीय स्थलइस दुर्ग में निम्नलिखित स्थल दर्शनीय है- चन्देल शासको के भग्नावोष तालबहेट दुर्ग की प्राचीर तालबहेट सरोवर नरसिंह मन्दिर भदोना का विष्णु महादेव मन्दिर तालबहेट किले के भग्नावशेष किले की बावली हमारे यह लेख भी जरूर पढ़े:–[post_grid id=”8179″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... भारत की प्रमुख झीलें उत्तर प्रदेश पर्यटनबुंदेलखंड के किले