तख्त साहिब सिख धर्म के पांच तख्त के नाम व जानकारी हिन्दी में Naeem Ahmad, June 16, 2019March 19, 2023 जैसा की आप और हम जानते है कि सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिब है। सिक्ख तख्त साहिब की सिक्ख धर्म में बहुत बड़ी मान्यता है। तख्त फारसी भाषा का शब्द है, तख्त का अर्थ है बैठने की चौकी या राज सिंहासन। सिक्ख धर्म में तख्त सत्ता की चौकी का प्रतीक है। जिसमें रूहानी और दुनियावी दोनों पक्ष शामिल है।सिक्ख धर्म के पांच प्रमुख तख्त साहिबसिक्खों द्वारा पांच तख्तों को बराबर का सत्कार और उच्चनता का दर्जा दिया जाता है। परंतु श्री अकाल तख्त साहिब सब से अधिक महत्व रखता है। सम्मपूर्ण सिक्ख धर्म के साथ जुडे मसले अकाल तख्त पर ही विचारे जाते है। इसलिए अकाल तख्त पर गुरमते के रूप में लिए गये फैसले सम्मपूर्ण सिक्ख धर्म पर लागू माने जाते है।आमतौर पर सरबत खालसा का बुलावा Akal Takhat sahib से ही जारी किया जाता हैं। बाकी के चार तख्तों पर संबंधित इलाके के सिक्खों के साथ जुड़े मसलों के ऊपर ही विचार विमर्श किया जाता है, और फैसले लिए जाते है। इसलिए इन तख्तों के फैसलों का हुक्मनामे बनने के लिए इनके ऊपर Akal Takhat की मोहर लगनी जरूरी होती है।पांच तख्त साहिब के सुंदर दृश्यपांच प्रमुख तख्तों के नामश्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसरयह सिक्ख धार्मिक उच्चता का मुख्य तख्त है, और सिक्ख राजसी शक्ति का केंन्द्रीय स्थान है। यह रूहानी और दुनियावी दोनों किस्म की सत्ता का प्रतीक पहला तख्त है, जो गुरू हरगोविंद सिंह जी ने सन् 1609 में अमृतसर में गोल्डन टेम्पल के बिल्कुल समक्ष तैयार करवाया था।तख्त श्री हरिमंदिर साहिब पटनायह Takhat बिहार राज्य की राजधानी पटना में स्थित है। इस स्थान पर सिक्खों के दसवें गुरू, गुरू गोविंद सिंह जी का जन्म हुआ था। हरिमंदिर का अर्थ है कि, हरि का मंदिर, या प्रभु का घर। सिक्खों के दूसरे तख्त के तौर पर इसका बहुत बड़ा महत्व है।तख्त श्री केसगढ़ साहिब, आनंदपुरयह Takhat पंजाब के रोपड़ जिले में शिवालिक क्षेत्र में स्थित है। इसी स्थान पर केसगढ़ किले में ही ऐतिहासिक वैशाखी का एकत्र हुआ था। यह सिक्ख धर्म की लहर में नया मोड़ यही पर आया था। इसी स्थान पर गुरू गोविंद सिंह जी ने सन् 1699 में पांच प्यारों को खण्डे बांटे की पाहुल छका कर खालसा पंथ की स्थापना की थी। यह सिक्खों का तीसरा तख्त हैहमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—दमदमा साहिब हिस्ट्रीपांवटा साहिब का इतिहासअकाल तख्त का इतिहासगोल्डन टेम्पल इन हिन्दीहजूर साहिब हिस्ट्री इन हिन्दीशीशगंज साहिब का इतिहासतख्त श्री हजूर साहिब, नांदेड़यह Takhat महाराष्ट्र राज्य के नांदेड़ शहर में गोदावरी नदी के किनारे पर स्थित है। इसी स्थान पर गुरू गोविंद सिंह जी ने आदि ग्रंथ साहिब को गुरूगद्दी बख्शी और सन् 1708 में आप यहां पर ज्योति ज्योत में समाये। यह सिक्खों का चौथा तख्त है।तख्त श्री दमदमा साहिब साबो तलवंडीयह तख्त पंजाब राज्य के जिला भटिंडा में साबो तलवंडी नामक स्थान पर स्थित है। दसवें गुरू गोविंद सिंह जी आनंदपुर साहिब से मुक्तसर तक हुए भीषण युद्धों के बाद इस स्थान पर पहुंचे और यहां लगभग नौ महिने निवास किया, जिसके कारण इस स्थान का नाम दमदमा साहिब पड़ गया। यही भाई मनी सिंह जी ने गुरू गोविंद सिंह जी की आगुवाई में श्री गुरू ग्रंथ साहिब को अंतिम रूप दिया था। जिसका सम्पादन पांचवें गुरू अर्जुन देव जी ने किया था।भारत के प्रमुख गुरूद्वारों पर आधारित हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—-[post_grid id=’6818′]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... Uncategorized ऐतिहासिक गुरूद्वारेभारत के प्रमुख गुरूद्वारे