डीजल इंजन का आविष्कार किसने किया और कैसे हुआ Naeem Ahmad, July 8, 2022February 28, 2024 पेट्रोल इंजन की भांति ही डीजल इंजन का उपयोग भी आज संसार के प्रत्येक देश में हो रहा है। उपयोगिता की दृष्टि से डीजल इंजन, पेट्रोल इंजन से किसी प्रकार कम नही होता। इस डीजल इंजन आविष्कार जर्मनी के रूडोल्फ डीजल नामक एक युवक ने किया था। उन्ही के नाम पर इसे डीजल इंजन के रूप में जाना जाता है। रूडोल्फ डीजल जब म्युनिख में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे, तो उन्होंने अपने विज्ञान के प्रोफेसर से यह बात सुनी थी कि भाप के इंजन में जो ताप उत्पन्न होता है, उसका केवल 12 प्रतिशत ही ऊर्जा मे परिवर्तित होकर काम में आता है। बाकी ऊर्जा बेकार जाती है, परंतु यदि किसी अतर्दहन (Internal combustion) इंजन के सिलिंडर के अंदर तापमान को ईंधन के जलने के दौरान पूरी मात्रा में स्थिर बनाए रखा जाए तो इस परिवर्तन से उत्पन्न हुई अधिकतर ऊष्मा कार्य में बदल जाएगी। तभी से रूडोल्फ डीजल के मन में इस तरह के इंजन के निर्माण की बात घर कर गयी ओर वह तेजी से ऊष्मागतिकी सम्बंधी अपने ज्ञान को बढाता रहा।डीजल इंजन का आविष्कारचौदह वर्ष तक उन्होंने कठिन परिश्रम किया और इस समस्या का हल ढूंढ लिया। परन्तु उन्हें अपने इंजन को कार्यरूप देना शेष था। अनेक बडी-बडी कम्पनियों ने जिनमें जर्मनी की सुप्रसिद्ध क्रुप कम्पनी भी शामिल थी, रूडोल्फ डीजल को उनके इंजन के निर्माण के लिए भरपूर सहायता दी। 1893 में उन्होंने अपने इंजन का जो पहला नमूना तैयार किया, उसमें स्थिर तापमान बनाए रखने में पूरी सफलता न मिल सकी, परंतु उन्हे इतना विश्वास अवश्य हो गया कि वे ठीक मार्ग पर चल रहे है, क्योकि इस माडल में वह कम से कम प्रेशर को स्थिर बनाए रखने मे सफल हो गए थे।इंजन का आविष्कार किसने किया – इंजन की खोज कब हुई1897-98 मे रूडोल्फ डीजल ने एक अन्य परिष्कृत इंजन का निर्माण किया। इस इंजन से यांत्रिक इंजीनियरों में खलबली-सी मच गयी। रूडोल्फ डीजल ने इस इंजन के सिलिंडर में वायु को इतना सपीडित (Compressed) किया कि सपीडक स्ट्रोक के अत में द्रव ईंधन को प्रज्वलित करने के लिए काफी ऊंचा तापमान उत्पन्न हो गया था और यह किसी स्पार्क प्लग अथवा किसी अन्य युक्ति के बिना ही सिलिंडर के ऊपरी हिस्से में पहुच जाता था। परंतु ईंधन को सिलिंडर में धीरे-धीरे ही पहुंचाया जाता था, ताकि पिस्टन के नीचे की ओर के स्ट्रोक की पूरी प्रक्रिया में दबाव बराबर स्थिर बना रहे।डीजल इंजनडीजल इंजन मे स्पार्क प्लग, या बैटरी आदि किसी तरह के भी विद्युत-चुम्बकीय या ज्वलनशील पदार्थ की आवश्यकता नही पडती। डीजल इंजन के सिलिंडर में हवा को वायुमंडल के 35 गुना अधिक दबाव पर लाया जाता है, जिससे उसमे लगभग 500 सेटींग्रेड तक का तापमान उत्पन्न हो जाता है। इतने ज्यादा दबाव के तापमान में किसी भी प्रकार के द्रव ईंधन की फुहार छोड़ने पर वह तुरंत जल उठता है और धडधडाके की आवाज के साथ पिस्टन आगे की ओर ढकेल दिया जाता है ओर इस प्रकार इंजन को संचालित करने का कार्य शुरू हो जाता है। इस इंजन में अपरिष्कृत, मिट्टी का कच्चा या मोटा तेल ही ईंधन की तरह बहुत अच्छी तरह काम में लाया जा सकता है।पेट्रोल इंजन का आविष्कार किसने किया और कब हुआइस इंजन के आविष्कारक डीजल को लोग धनी व्यक्ति मानते थे। परंतु यथार्थ में वे आर्थिक दृष्टि से बहुत तंग थे ओर इसका कारण अपनी क्षमता से अधिक खर्च करने की उनकी आदत थी। आर्थिक स्थिति से तंग आकर सन् 1913 में ब्रिटिश चैनल की यात्रा के दौरान अपने मोटर बोट में उन्होने आत्महत्या कर ली।प्रणामी सम्प्रदाय के प्रवर्तक, स्थापना, मंदिर और इतिहासतथा इसका प्रज्वलन विद्युत द्वारा होना चाहिए। उन्होने इस इंजन में ये दोनो ही सुधार किए। बाद में इस में अन्य कई दूसरे सुधार भी हुए। गैस इंजन से मोटर कार या सवारी गाडी चलाने का प्रथम प्रयास करने वाले एक जर्मन इंजीनियर थे, जिनका नाम था- कार्ल बैज। कार्ल बैज को यांत्रिक विज्ञान की बहुत अच्छी जानकारी थी। इस प्रकार से विकसित इंजनों में चूंकि ईंधन इंजन के अदर ही जलता था, अतः इनका अतर्दहन इंजन के नाम से जाना गया। जबकि भाप इंजन एक बाह्य-दहन इंजन था।भाप इंजन का आविष्कार किसने किया और कब हुआ1890 तक अनेक देशों के लोगों ने अतर्दहन इंजन पर जोर-शोर से कार्य किया और इसमें अनेक सुधार किए। बीसवी शताब्दी के आरम्भ होने के साथ ही मोटर कार उद्योग, जिसमें अतर्दहन का सबसे अधिक उपयोग हुआ, तेजी से विकसित हुआ। अमेरिका में ओल्डस, ब्यूक, फोड, पैकार्ड तथा कैडिलेक आदि मोटर-कार निर्माताओं ने कार उद्योग को आगे बढाया।प्रेशर कुकर का आविष्कार किसने किया और कब हुआरोटरी पिस्टन इंजन में सिलिंडर बेलनाकार न होकर तिकोना अंडाकार रूप लिए होता है। पिस्टन भी घूमने वाली एक तिकोनी डिस्क की तरह होता है। इसके कोने वाले किनारे गोलाई लिए होते है, जिससे कि इसके घूमने के दौरान-पिस्टन के कम से कम एक ही ओर इतनी जगह हमेशा बनी रहे कि गैंसो के आने-जाने तथा फैलने में कोइ बाधा न आए। यह इंजन अपनी विशेष बनावट के कारण एक पिस्टन से ही तीन पिस्टन-सिलिंडर वाले इंजन का कार्य करता है। यह प्रति मिनट 1500 से 17000 चक्कर की रफ्तार से घूमता है।बिजली का आविष्कार किसने किया और कब हुआचार स्ट्रोकों वाले प्रचालित इंजन की तुलना में रोटरी -पिस्टन इंजन में केवल दो घूमने वाले पूर्जे लगे रहते हैं-एक पिस्टन, जिससे ‘रोटर” का काम लिया जाता है और दूसरा आउटपुट शाफ्ट जिसमे यह रोटर लगा हाता है। इस इंजन में कार्बुरेटर और स्पार्क प्लग भी हाते है। सस्ते और घटिया ईंधन से भी इसे चलाया जा सकता है। यह इंजन बहुत जटिल नही होता। अत इसे बनाना सरल और सस्ता पडता है।रेफ्रिजरेटर का आविष्कार किसने किया और कब हुआवान्कल ने रोटरी-पिस्टन का इस्तेमाल अपनी पहली व्यापारिक कार में किया, जिसका नाम मज्दा 110 – एस’ था। इसमे दो रोटरों से युक्त इंजन इस्तेमाल किया गया था। चार वर्ष की कडी मेहनत के बाद 1968 में यह कार जापान के बाजार में बिक्री के लिए आ सकी। ब्रिटेन में रॉल्स-रॉयस ओर फ्रांस में सीनोआने नामक कम्पनियों ने भी इस प्रकार की कारे तैयार की है।इत्र का आविष्कार किसने किया और कब हुआवान्केल के इंजन का इस्तेमाल विमानों के लिए भी उपयोगी सिद्ध हुआ है। अमेरीका में इस पर काफी काम हुआ है। अमेरिका में 800 होर्स पावर का रोटरी-पिस्टन इंजन विकसित हो चुका है।हमारे यह लेख भी जरूर पढ़ें:—[post_grid id=”8586″]Share this:ShareClick to share on Facebook (Opens in new window)Click to share on X (Opens in new window)Click to print (Opens in new window)Click to email a link to a friend (Opens in new window)Click to share on LinkedIn (Opens in new window)Click to share on Reddit (Opens in new window)Click to share on Tumblr (Opens in new window)Click to share on Pinterest (Opens in new window)Click to share on Pocket (Opens in new window)Click to share on Telegram (Opens in new window)Like this:Like Loading... विश्व के प्रमुख आविष्कार प्रमुख खोजें