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जोधपुर के सुंदर दृश्य

जोधपुर ( ब्लू नगरी) jodhpur blue city – जोधपुर का इतिहास

जोधपुर का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे मन में वहाँ की एतिहासिक इमारतों वैभवशाली महलों पुराने घरों और प्राचीन मंदिरों का ख्याल मन में आता है ।जोधपुर के राज्य राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है । वर्ष भर चमकते सूर्य के कारण इसे सूर्य नगरी भी कहा जाता है ।यहाँ स्थित मेहरानगढ़ किले को घेरे हुए हजारों नीले मकानों के कारण इसे ब्लू नगरी के नाम से भी पुकारा जाता है । वर्ष भर देश विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक यहाँ आते है

जोधपुर का इतिहास

मेहरानगढ़ का किला:-

विश्व भर में प्रसिद्ध यह किला 150 मीटर ऊची पहाड़ी पर स्थित है । यह भव्य इमारत लगभग 5 किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई है ।किले के अन्दर भी कई भव्य महल है जैसे:- मोती महल , सुख महल, फूल महल, शीश महल, , सिलेह खाना, दौलत खाना आदि आदि । यहाँ की अद्भुत नक्काशीदार किवाड़ जालीदार खिड़कियाँ और प्रेरित करने वाले नाम पर्यटकों को खुब पसंद आते है
इन महलों में भारतीय राजवंशों के साजो समान का विम्स्यकारी संग्रह भी है । इसके अतिरिक्त पालकियां हाथियों के हौदे विभिन्न शैलियों के लघु चित्र संगीत वाघा राजशाही पोशाकें व फर्नीचर का आश्चर्य जनक संग्रह भी है ।किले के चारो ओर नीचे की तरफ देखने पर शहर के नीले मकानों का भव्य दृश्य भी दिखाई देता है।
जोधपुर के सुंदर दृश्य
जोधपुर के सुंदर दृश्य

जसवंत थडा:-

यह पूरी तरह से मार्बल निर्मित इमारत है । इसका निर्माण सन् 1899 में राजा जसवंत सिंह ( दितीय ) और उनके सैनिकों की याद में किया गया था । इसकी कलाकृति आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है । महाराजा जसवंत सिंह की याद में सफेद संगमरमर से निर्मित इस इमारत के मुख्य स्मारक में जोधपुर के विभिन्न शासकों के चित्र भी है।

हवा महल का इतिहास

महाराजा उम्मैद सिंह ने इस महल का निर्माण सन् 1943 में किया था । मार्बल और बालूका पत्थर से बने इस महल का दृश्य पर्यटकों को खासतौर पर लुभाता है । इस महल के संग्रहालय में पुरातन युग की घड़ियाँ और पेंटिंग भी संरक्षित है। यह एक ऐसा बीसवीं सदीं का महल है जो बाढ़ राहत परियोजना के अंतर्गत निर्मित हुआ है। महाराज उम्मैद सिंह ने इसे अपनी बाढ़ पीड़ित प्रजा को रोजगार देने के उद्देश्य से बनवाया गया था । यह सौलह वर्ष में बनकर तैयार हुआ था। बलुआ पत्थर से बना यह भव्य महल पूर्व शासकवंशो का निवास है । जिसके एक हिस्से में होटल चलता है ओर बाकी हिस्से में संग्रहालय।

मंडोर गार्डन:-

जोधपुर से 9 किमी की दूरी पर मारवाड़ की प्राचीन राजधानी मंडोर में जोधपुर शासकों के स्मारक है । यहाँ कई ऊचे ऊचे चट्टानी चबूतरे है व एक बड़ी चट्टान में तराशी हुई देवी देवताओं की 15 आकृतियां है ।अपने आकर्षक बगीचे के कारण यह स्थान एक प्रसिद्ध पिकनिक स्थल बन गया।

बालसमंद झील:-

इस सुंदर झील का निर्माण सन् 1159 में हुआ था । तीन तरफ पहाड़ियों से घिरी यह झील उम्मैद भवन की खुबसूरती में चार चांद लगाती है । झील के बीच बने भव्य महल का भीतरी भाग यूरोपियन स्टाइल का है मगर बाहरी दिवारें परंपरागत नक्काशीदार है । यहाँ खुबसुरत बगीचे भी है । भ्रमण करने के लिए यह एक बहतरीन स्थल है।

कायलाना झील जोधपुर :-

शहर से 11किलोमीटर दूर स्थित यह झील पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध है । यहाँ सुंदर बगीचे और बोटिंग करने की सुविधा भी है। शहर से दूर ओर खुबसुरत स्थल होने के कारण यह पर्यटकों को खुब पसंद आता है।

जोधपुर में खरीदारी

राजस्थान में हस्तशिल्प और कला की परंपरा राजवाडो के संरक्षण में ही फलीफूली है । यहाँ आप हस्तशिल्प हैंडलूम की कला निर्मित कपड़े चमड़े तथा मिट्टी से बने विभिन्न प्रकार के आइटम खरीद सकते है यहाँ मूल्यवान नगो की खरीदारी भी की जा सकती है

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Naeem Ahmad

CEO & founder alvi travels agency tour organiser planners and consultant and Indian Hindi blogger

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